Sansar डेली करंट अफेयर्स, 03 April 2020

Sansar LochanSansar DCA

Sansar Daily Current Affairs, 03 April 2020


GS Paper 2 Source: The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Indian and its neighbourhood. Important International institutions, agencies and fora, their structure, mandate.

Topic : Financial Action Task Force (FATF)

संदर्भ

अमेरिका के पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के दोषी अहमद उमर शेख की सजा मौत से घटाकर 7 साल की जेल कर दी गई. पाकिस्तान की अदालत के इस फैसले पर कई तरह के सवाल उठने लगे. फिलहाल, सिंध सरकार ने आदेश जारी करके शेख की रिहाई पर रोक लगा दी है.

भारत ने भी यह फैसला किया है कि इस निर्णय के विरुद्ध वह वित्तीय कार्रवाई कार्यबल की अगली बैठक में आवाज़ उठाएगा. विदित हो कि FATF की इस बैठक में पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट दर्जे पर चर्चा होनी.

FATF क्या है?

  • FATF एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो 1989 में G7 की पहल पर स्थापित किया गया है.
  • यह एक नीति-निर्माता निकाय है जिसका काम विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय विधायी एवं नियामक सुधार लाने के लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति तैयार करना है.
  • FATF का सचिवालय पेरिस के OECD मुख्यालय भवन में स्थित है.

FATF के उद्देश्य

FATF का उद्देश्य मनी लौन्डरिंग, आतंकवादियों को धनराशि मुहैया करने और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को खतरे में डालने जैसी अन्य कार्रवाइयों को रोकने हेतु कानूनी, नियामक और संचालन से सम्बंधित उपायों के लिए मानक निर्धारित करना तथा उनको बढ़ावा देना है.

ब्लैक लिस्ट और ग्रे लिस्ट क्या हैं?

FATF देशों के लिए दो अलग-अलग सूचियाँ संधारित करता है. पहली सूची में वे देश आते हैं जहाँ मनी लौंडरिंग जैसी कुप्रथाएँ तो हैं परन्तु वे उसे दूर करने के लिए एक कार्योजना के प्रति वचनबद्ध होते हैं. दूसरे प्रकार की सूची में वे देश हैं जो इस कुरीति को दूर करने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं. इनमें से पहली सूची को ग्रे लिस्ट और दूसरी को ब्लैक लिस्ट कहते हैं.

एक बार जब कोई देश ब्लैक लिस्ट में आ जाता है तो FATF अन्य देशों को आह्वान कर उनसे कहता है कि ब्लैक लिस्ट में आये हुए देश के साथ व्यवसाय में अधिक सतर्कता बरतें और यदि आवश्यक हो तो उसके साथ लेन-देन समाप्त ही कर दें. 


GS Paper 3 Source: PIB

pib_logo

UPSC Syllabus : e-technology in the aid of farmers.

Topic : National Agriculture Market

संदर्भ

राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) प्लेटफ़ॉर्म की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने हाल ही में तीन नई सुविधाएं लॉन्च की. ये सुविधाएँ हैं – (i) ई-नाम में गोदामों से व्यापार की सुविधा के लिए वेयरहाउस आधारित ट्रेडिंग मॉड्यूल (ii) एफपीओ का ट्रेडिंग मॉड्यूल, जहां एफपीओ अपने संग्रह से उत्पाद को लाए बिना व्यापार कर सकते हैं (iii) इस जंक्शन पर अंतर-मंडी तथा अंतरराज्यीय व्यापार की सुविधा के साथ लॉजिस्टिक मॉड्यूल का नया संस्करण, जिससे पौने चार लाख ट्रक जुड़े रहेंगे. 

Agriculture_market_portal

संभावित लाभ

  • इससे किसानों को अपनी उपज को बेचने के लिए खुद थोक मंडियों में आने की जरूरत कम हो जाएगी. नई सुविधाओं से छोटे और सीमांत किसानों को काफी सहूलियत होगी. वे अपनी उपज मान्यता प्राप्त गोदामों में रख पाएंगे, लॉजिस्टिक्स खर्चों को बचा सकेंगे और बेहतर आय अर्जित करते हुए देशभर में उपज को अच्छे तरीके से बेचकर खुद को परेशानी से बचा सकते हैं.
  • वे उपज वेयरहाउस  में रखकर वहीं से बेच सकेंगे.
  • कोरोना वाय़रस के संक्रमण के इस दौर में इसकी आवश्यकता है. साथ ही एफपीओ अपने संग्रह से उत्पाद को लाए बिना व्यापार कर सकते हैं व लॉजिस्टिक मॉड्यूल के नए संस्करण को भी जारी किया गया है, जिससे देशभर के पौने चार लाख ट्रक जुड़ सकेंगे.
  • परिवहन के इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से उपयोगकर्ताओं तक कृषि उपज सुविधापूर्वक शीघ्रता से पहुंचाई जा सकेगी.

E-NAM क्या है?

e-NAM (राष्ट्रीय कृषि बाजार) कृषि उत्पादों के लिए एक ऑनलाइन वाणिज्य मंच है जिसका उद्देश्य किसानों, व्यापारियों और क्रेताओं को ऑनलाइन वाणिज्य सुविधा प्रदान करना और बाजार की ऐसी सुचारू व्यवस्था देना है जिसमें कृषि उत्पादों के लिए बेहतर दाम मिल सकें.

e-NAM का अनावरण भारत सरकारने 2015 में किया था और क्रमबद्ध रूप से विस्तार होते-होते दिसम्बर 31, 2019 तक इसका विस्तार देश की 585 मंडियों तक हो गया.

E-NAM के लाभ

  • इससे किसानों को कृषि उत्पादों की विक्री के लिए एक से अधिक विकल्प मिल जाते हैं.
  • किसान की पहुँच सीधे गोदाम तक हो जाती है जिससे उसे मंडी तक उत्पाद पहुँचाने के लिए परिवहन की व्यवस्था नहीं करनी पड़ती है.
  • मंडी और बाजार के स्थानीय व्यापारियों को e-NAM के माध्यम से द्वितीयक वाणिज्य के लिए एक अधिक बड़े राष्ट्रीय बाजार तक पहुँच प्राप्त हो जाती है.
  • e-NAM मंच के माध्यम से थोक विक्रेताओं, प्रसंस्कर्ताओं, निर्यातकों आदि को स्थानीय मंडी/बाजार में प्रत्यक्ष प्रतिभागिता करने का अवसर मिल जाता है जिस कारण बिचौलियों का खर्च घट जाता है.
  • भविष्य में धीरे-धीरे NAM के अन्दर पूरे देश की सभी बड़ी मंडियाँ आ जाएंगी जिसके फलस्वरूप लाइसेंस देने, शुल्क लगाने और उत्पादों को इधर-उधर ले जाने की प्रक्रियाएँ समरूप हो जाएँगी.
  • NAM से प्रमुख कृषि वस्तुओं के लिए एक वैल्यू चैन देश-भर में उभर कर सामने आ सकता है और साथ ही वैज्ञानिक ढंग से वस्तुओं के भंडारण और परिवहन को बढ़ावा भी मिल सकता है.

E-NAM आवश्यक क्यों है?

  1. वर्तमान में देश कई बाजार क्षेत्रों में बंटा हुआ है.
  2. कृषि विपणन से सम्बंधित अवसंरचनाओं की गुणवत्ता अच्छी नहीं है और तकनीक का प्रयोग भी कम होता है.
  3. पारम्परिक मंडी प्रणाली में किसानों को अपनी फसल के लिए बहुत कम दाम मिल पाता है क्योंकि उनको बाजार में कई बिचौलियों से होकर पहुंचना पड़ता है. इससे उत्पाद की लागत बढ़ जाती है.
  4. वर्तमान प्रणाली में किसान को अनेक प्रकार के करों, लेवियों और लाइसेंसों की समस्या से दो-चार होना पड़ता है.

GS Paper 3 Source: The Hindu

the_hindu_sansar

UPSC Syllabus : Awareness in the fields of IT, Space, Computers, robotics, nano-technology, bio-technology and issues relating to intellectual property rights.

Topic : What is geofencing?

संदर्भ

केंद्र सरकार ने जियोफेंसिंग नामक एक ऐप का परीक्षण किया है. जब कोई मनुष्य क्वारंटीन से भाग जाता है तो उसके मोबाइल फ़ोन के टावर लोकेशन के बल पर यह ऐप प्राधिकृत सरकारी एजेंसी को तुरंत ई-मेल और SMS अलर्ट भेज देता है. यह ऐप 300 मीटर तक एक-दम सही सूचना देता है.

जियोफेंसिंग (Geofencing) क्या है?

  • जियोफेंसिंग किसी भौगोलिक क्षेत्र के लिये एक आभासी परिधि होती है. यह एक स्थान-आधारित सेवा है जिसमें किसी एप या अन्य सॉफ़्टवेयर जैसे- GPS, RFID, वाई-फाई या सेलुलर डेटा का प्रयोग किया जाता है.
  • जब एक मोबाइल डिवाइस याRFID टैग एक भौगोलिक सीमा जिसे जियोफेंस (Geofence) के रूप में जाना जाता है, के आसपास स्थापित एक आभासी सीमा में प्रवेश करता है या बाहर निकलता है तो उस डिवाइस को उसमें इंस्टाल प्रोग्राम के आधार पर जानकारी ली जा सकती है.
  • जियोफेंसिंग की 300 मीटर की परिधि तक सटीक जानकारी पाई जा सकती है.
  • COVID-19 मामलों को ट्रैक करने हेतु जियोफेंसिंग का प्रयोग करने वाले राज्यों में केरल पहला राज्य है.

सीमाएँ

  • जियोफेंसिंग तभी कार्य करेगी जब क्वारंटाइन व्यक्ति के पास एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया या रिलायंस जियो के नेटवर्क का उपयोग करने वाला मोबाइल फोन हो.

GS Paper 3 Source: Down to Earth

down to earth

UPSC Syllabus : Awareness in space.

Topic : GRACE-FO mission

संदर्भ

अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेंसी NASA और Nebraska-Lincoln विश्वविद्यालय ने संयुक्त रूप से पिछले दिनों नए उपग्रह-आधारित साप्ताहिक वैश्विक मानचित्र विकसित किये जिनसे मिट्टी की आर्द्रता तथा भूजल के गीलेपन का पता चलेगा.

ये मानचित्र कैसे बने?

  1. इन वैश्विक मानचित्रों को बनाने के लिए GRACE-FO उपग्रहों से नासा एवं जर्मन भूविज्ञान अनुसंधान केंद्र को उपलब्ध डाटा का प्रयोग किया गया.
  2. उपग्रहों से प्राप्त जल वितरण में होने वाले परिवर्तनों की सूचना को अन्य डाटा के साथ एक कंप्यूटर मॉडल में समेकित किया गया और जल एवं ऊर्जा चक्रों की कृत्रिम व्यवस्था की गई.
  3. तत्पश्चात् अन्य कई प्रतिफलों के साथ-साथ जल के वितरण से सम्बंधित तीन अलग-अलग गहराइयों पर अलग-अलग मानचित्र तैयार किये गये. गहराई के ये तीन स्तर निम्नलिखित थे –

ऊपरी सतह की मिट्टी, मूल जोन अर्थात् मिट्टी के सबसे ऊपरी 3 फुट का भाग तथा छिछला भूजल.

  1. इन मानचित्रों का रेजोल्यूशन 8 . 5 मील तक का है और ये पूरे परिदृश्य में व्याप्त आर्द्रता एवं भूजल की दशाओं के विषय में लगातार डाटा उपलब्ध कराते हैं.

ये डाटा क्यों चाहिएँ?

वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्तमान में हमें उन आर्द्र एवं शुष्क दशाओं के विषय में पूरी जानकारी नहीं है जिनके कारण सूखा पड़ा करता है. इनका विचार है कि GRACE-FO मिशन से ज्ञान की इस कमी को दूर किया जा सकेगा. प्राप्त जानकारी से हम जनसंख्या वृद्धि, जलवायु परिवर्तन अथवा जल की खपत में वृद्धि जैसी समस्याओं से बेहतर ढंग से निपट सकेंगे. यही नहीं, इन आँकड़ों से हम उपयुक्त कृषि फसलों का चुनाव कर सकेंगे तथा कितना उत्पादन होगा उसका पूर्वानुमान लगा सकेंगे.

GRACE-FO मिशन क्या है?

  1. GRACE-FO का full form है – Gravity Recovery and Climate Experiment Follow-On
  2. GRACE-FO मिशन NASA और German Research Centre for Geosciences (GFZ) की साझेदारी में चलाया जा रहा है.
  3. यह मिशन 17 मार्च, 2002 में प्रक्षेपित हुए GRACE mission का अनुवर्ती मिशन है.
  4. ग्रेस मिशन पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वाकर्षण के बदलाव को मापता है और इसके जरिये हर महीने गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र का एक नया नक्शा तैयार किया जाता है.
  5. गुरुत्वाकर्षण को मापने के अतिरिक्त GRACE mission पृथ्वी में जल के प्रवाह में परिवर्तन पर नज़र रखते हुए भूगर्भ जल, बड़ी-बड़ी झीलों-नदियों के जल, हिमखंडों, हिमानियों और अन्य स्रोतों से जल के आगमन के कारण समुद्र के जल-स्तर में होने वाले परिवर्तन का ब्यौरा तैयार करता है.

Prelims Vishesh

National Executive Committee :-

  • आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अनुभाग 8 के अनुसार, केंद्र सरकार को एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति (NEC) गठित करनी है जो राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सहायता पहुँचा सके.
  • इसमें गृह सचिव पदेन अध्यक्ष होंगे और समेकित रक्षा स्टाफ (India’s Integrated Defence Staff) के प्रमुख पदेन सदस्य होंगे.     

Exercise Red Flag :

  • अप्रैल 30 को अलास्का में अमेरिका वायुसेना और भारतीय वायुसेना का एक संयुक्त बहुपक्षीय हवाई अभ्यास होने वाला था जिसका नाम है – रेड फ्लैग.
  • अपरिहार्य कारणों से यह अभ्यास अभी रद्द हो गया है.

Click here to read Sansar Daily Current Affairs – Sansar DCA

March, 2020 Sansar DCA is available Now, Click to Download

Spread the love
Read them too :
[related_posts_by_tax]