Sansar डेली करंट अफेयर्स, 02 October 2018

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Sansar Daily Current Affairs, 02 October 2018


GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : Eastern Zonal Council

संदर्भ

हाल ही में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् की 23वीं बैठक कलकत्ता में हुई. इसकी अध्यक्षता केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने की. इस बैठक में पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के मुख्य मंत्री, बिहार के उप-मुख्यमंत्री, सम्बन्धित राज्यों के मंत्रिगण तथा केंद्र और राज्य सरकारों के वरीय अधिकारी उपस्थित हुए.

इस बैठक में परिषद् ने पिछली बैठक में अनसुलझे रह गये विषयों पर हुई प्रगति पर विचार किया, जैसे – बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच में 1978 के समझौते के तहत फुलबारी बाँध का विषय, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए मेट्रिकोत्तर एवं मेट्रिकपूर्व छात्रवृत्तियों के लिए केन्द्रीय अंश को निर्गत करना, राज्य पुलिस बल के आधुनिकीकरण की योजना आदि.

क्षेत्रीय परिषद् (Zonal Council) क्या है?

  • क्षेत्रीय परिषदों को संसद द्वारा स्थापित किया गया है.
  • इनका उद्देश्य अंतर्राज्यीय सहयोग एवं समन्वय स्थापित करना है.
  • ये परिषदें राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के तहत राज्यादेश द्वारा स्थापित की गई हैं. इसका तात्पर्य यह हुआ कि ये परिषदें सांवैधानिक निकाय नहीं हैं.
  • अतः ये क्षेत्रीय परिषदें मात्र विचार-विमर्श एवं परामर्श के लिए हैं.
  • भारत में ऐसी 5 परिषदें गठित हैं – उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी एवं दक्षिणी क्षेत्रीय परिषदें.
  • उत्तरी क्षेत्रीय परिषद् – जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और संघ शासित क्षेत्र चंडीगढ़.
  • मध्य क्षेत्रीय परिषद् – उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़,
  • पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् – बिहार, झारखंड, उड़ीसा, और पश्चिम बंगाल.
  • पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद् – गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र और दमन-दीव और दादर और नगर हवेली के संघ शासित प्रदेश.
  • दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद् – आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और संघ शासित क्षेत्र पुडुचेरी.
  • क्षेत्रीय परिषदों का अध्यक्ष देश का गृह मंत्री होता है.
  • परिषद् के उपाध्यक्ष सम्बंधित राज्यों के मुख्यमंत्री बारी-बारी से हर वर्ष बनते हैं.
  • इस परिषद् में मुख्यमंत्री के अलावे हर राज्य के दो-दो मंत्री भी होते हैं (जिनका मनोनयन सम्बंधित राज्य के राज्यपाल करते हैं). जिन क्षेत्रों में संघीय शासित क्षेत्र हैं वहाँ से भी दो मंत्री परिषद् के रूप में नामित होते हैं.
  • प्रत्येक परिषद् में सलाहकार होते हैं – एक नीति-आयोग द्वारा नामित, प्रत्येक राज्य के मुख्य सचिव एवं विकास आयुक्त.

ज्ञातव्य है कि पूर्वोत्तर के राज्यों (असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम और नागालैंड) के लिए अलग से कोई क्षेत्रीय परिषद् नहीं है. इन राज्यों की विशेष समस्याओं को देखने के लिए पूर्वोत्तर परिषद् अधिनियम, 1972 के द्वारा एक पूर्वोत्तर परिषद् (North Eastern Council) गठित की गई है.

क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना के मुख्य उद्देश्य

  • राष्ट्रीय एकता सुदृढ़ करना.
  • कट्टर राज्य भावना, क्षेत्रीयता, भाषावाद एवं एकांगी प्रवृत्तियों पर लगाम लगाना.
  • केंद्र और राज्यों को आपस में सहयोग करने तथा विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान करने हेतु समर्थ बनाना
  • राज्यों के बीच में सहयोग का वातावरण बनाना जिससे विकास की परियोजनाओं का सफल एवं त्वरित कार्यान्वयन हो सके.

GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : Karnataka Good Samaritan Bill

संदर्भ

हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कर्नाटक गुड सैमरिटन एवं चिकित्सा व्यवसाय (आपातकालीन परिस्थितियों में सुरक्षा एवं विनियमन) विधेयक, 2016 पर अपनी स्वीकृति दे दी है —- Karnataka Good Samaritan and Medical Professional (Protection and Regulation during Emergency Situations) Bill, 2016.

विधेयक के प्रावधान

  • ज्ञातव्य है कि सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले व्यक्ति के लिए पहला घंटा “सुनहला घंटा (Golden Hour)” माना जाता है जिस समय चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने पर व्यक्ति के प्राण बच सकते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए इस विधेयक में प्रयास किया गया है कि जो व्यक्ति (Good Samaritan) ऐसे समय पीड़ित मनुष्य को प्राथमिक उपचार देना चाहते हैं उनको सुरक्षा मिले और पुलिस की ओर से अथवा जाँच के समय उन्हें कोई परेशानी का भय नहीं हो.
  • प्रस्तावित नए कानून में यह प्रावधान है कि समय पर किसी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को जो सहायता करते हैं (Good Samaritan), उन्हें आर्थिक सहयाता दी जायेगी. साथ ही उन्हें न्यायालय और पुलिस स्टेशन पर बार-बार जाने से छूट मिलेगी. यदि उनका न्यायालय अथवा पुलिस स्टेशन में उनकी उपस्थति अनिवार्य हो तो सरकार उन्हें आने-जाने का खर्च देगी. यह खर्च जिस कोष से दिया जायेगा, उसका नाम Good Samaritan Fund रखा गया है.
  • दुर्घटना के शिकार को अस्पताल में प्रवेश कराने के बाद Good Samaritan तुरंत प्रस्थान कर सकता है और सरकारी एवं निजी दोनों प्रकार के अस्पतालों को दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देना अनिवार्य होगा.

विधेयक की आवश्यकता क्यों?

  • भारत में सड़क की दुर्घटनाएँ सामान्य बात हैं. 2015 में 5,01,423 सड़क दुर्घटनाएँ हुई थीं जिनके कारण 1,46,133 लोग मारे गए थे. 2016 में 4,80,652 सड़क दुर्घटनाएँ हुई थीं जिनमें 1,50,785 लोगों का देहांत हो गया.
  • कर्नाटक भारत के पाँच ऐसे शीर्षस्थ राज्यों में है जहाँ 2015 और 2016 में घटित सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक लोग मारे गए.
  • गुड सैमरिटनों को सुरक्षा देने के लिए भारत सरकार ने अभी कोई कानून नहीं बनाया है परन्तु 2015 में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कुछ दिशा-निर्देश निर्गत किये थे जिनका उद्देश्य गुड सैमरिटनों को सुरक्षा देना था.
  • बहुधा देखा जाता है कि लोग दुर्घटना-ग्रस्त व्यक्ति को सहायता पहुँचाने में घबराते हैं और उसके बदले दुर्घटना का छाया-चित्र अथवा विडियो बनाने में व्यस्त हो जाते हैं. प्रस्तावित विधेयक के पारित हो जाने पर ऐसी प्रवृत्तियों पर रोकथाम लगेगी.

GS Paper 2 Source: PIB

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Topic : Asian Development Bank (ADB)

संदर्भ

एशियाई विकास बैंक (ADB) और भारत सरकार ने 150 मिलियन डॉलर के ऋण का समझौता किया है. इस राशि का उपयोग पश्चिम बंगाल एवं भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार गलियारे (International Trade Corridor – ITC) में सड़क के सम्पर्क और सक्षमता में वृद्धि के लिए किया जाएगा.

  • ज्ञातव्य है कि 2014 में दक्षिण एशियाई क्षेत्रों में सड़क सम्पर्क बढ़ाने हेतु निवेश का कार्यक्रम बना था. इस कार्यक्रम का नाम South Asia Subregional Economic Cooperation (SASEC) रखा गया था. इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तरी बंगाल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में 500 किमी. सड़क का विस्तार करना है जिससे न केवल भारत के अन्दर अपितु दूसरे SASEC सदस्य देशों के बीच भी परिवहन की सुरक्षित सुविधा हो.
  • इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन से उत्तर बंगाल-पूर्वोत्तर क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय गलियारे (North Bengal-North East Region International Trade corridor) के माध्यम से घरेलू और क्षेत्रीय व्यापार में वृद्धि होगी.

परियोजना का महत्त्व

  • इस परियोजना के द्वारा मणिपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग के इम्फाल-मोरेह अनुभाग (lmphal-Moreh Section) की 65 km. की सड़क का उत्क्रमण (upgrade) किया जाएगा. साथ ही भारत और नेपाल के बीच में एक अंतर्राष्ट्रीय पुल भी बनाया जाएगा जिसकी लम्बाई लगभग 1.5 km. होगी. इनके अतिरिक्त Project-I के अंतर्गत मणिपुर में इम्फाल और तामेंगलांग के बीच में 103 km. का एक राज्य राजमार्ग भी बनाया जाएगा.
  • परियोजना पूरी होने के पश्चात् सीमा पार के गलियारों में आने-जाने का खर्च अच्छा-ख़ासा घट जाएगा और क्षेत्र में आर्थिक एवं व्यावसायिक समृद्धि आएगी.

SASEC क्या है?

  • स्मरणीय है कि 2001 में एशियाई विकास बैंक (ADB ) का SASEC कार्यक्रम तैयार किया गया था. इसके लिए बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल ने अनुरोध किया था क्योंकि ये देश चाहते थे कि आपस में आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिले. 2014 में इस कार्यक्रम में श्रीलंका और मालदीव भी शामिल हो गये थे.
  • SASEC एक परियोजना पर आधारित भागीदारी कार्यक्रम है. यह सीमा-पार सड़क सम्पर्क की सुविधा को बढ़ाने तथा व्यापार में वृद्धि के लिए शुरू किया गया था.
  • मनीला (फ़िलीपीन्स) में स्थित एशियाई विकास बैंक (ADB) SASEC के सदस्य देशों के लिए सचिवालय का काम करता है.

ADB के बारे में

  • ADB का मुख्यालय मनीला, फिलीपींस में है.
  • एशियाई विकास बैंक में 67 सदस्य देश शामिल हैं जिसमें 48 एशिया और प्रशांत क्षेत्र से हैं और और बाकी बाहर से हैं.
  • ADB को विश्व बैंक की तर्ज पर ही तैयार किया गया था.
  • इसमें विश्व बैंक की तरह ही वोटिंग में weightage की प्रणाली है अर्थात् जो देश बैंक को जितनी पूँजी देता है, उसके वोट का महत्त्व उतना ही होता है.
  • ADB विश्व पूँजी बाजार में निर्गत बॉन्ड के माध्यम से धन जुटाया करता है. यह अपने सदस्य देशों द्वारा किये गये आर्थिक योगदान, उधार से हुई कमाई एवं ऋणों की वापसी से अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करता है.
  • इसमें प्रत्येक सदस्य राज्य से एक प्रतिनिधि होता है.
  • बोर्ड ऑफ गवर्नर बैंक के अध्यक्ष का चुनाव करते हैं.
  • इस बैंक के अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है और इसे पुनः निर्वाचित किया जा सकता है.
  • परंपरागत रूप से अब तक नियुक्त अध्यक्ष सदैव जापान से ही रहे हैं और यह संभवतः इसलिए भी है क्योंकि जापान बैंक के सर्वाधिक बड़े शेयरधारकों में से है.

GS Paper 3 Source: PIB

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Topic : Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna (PMFBY)

संदर्भ

पूरे भारत वर्ष की ग्राम सभाओं को आगामी रबी मौसम को देखते हुए यह निर्देश दिया गया है कि वे किसानों को प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में नाम लिखाने और उसका लाभ उठाने की जानकारी दें. ग्राम सभाएँ किसानों को यह भी बताएँगी कि वे इस योजना के अन्दर अपने फसल की बीमा कैसे कराएँ.

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रलाय ने पंचायती राज्य मंत्रालय तथा सभी राज्य सरकारों से अनुरोध किया है कि वे इस बात को ग्राम सभाओं के आगामी सत्र, विशेषकर 2 अक्टूबर, 2018 (गाँधी जयंती) के अवसर पर होने वाली बैठक, में एक एजेंडे के रूप में रखें.

प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना (PMFBY)

अप्रैल 2016 में भारत सरकार ने पुरानी बीमा योजनाओं, जैसे – राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना, मौसम आधारित फसल बीमा योजना और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना को वापस लेते हुए एक नई योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का आरम्भ किया था.

  • इस बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को खरीफ फसलों के लिए 2% और रबी फसलों के लिए 1.5% प्रीमियम देना होता है.
  • वार्षिक नकदी और बाग़वानी फसलों के लिए प्रीमियम की दर 5% होती है.
  • जिन किसानों ने बैंकों से ऋण लिया है उनके लिए यह योजना अनिवार्य है और जिन्होंने नहीं लिया है, उनके लिए यह वैकल्पिक है.

उद्देश्य

  • अप्रत्याशित कारणों से फसल की क्षति के शिकार किसानों को आर्थिक सहारा देना.
  • किसानों की आय को बनाए रखना जिससे कि वे खेती करना नहीं छोड़ें.
  • किसानों को अभिनव एवं आधुनिक कृषि प्रचलन अपनाने के लिए उत्साहित करना.
  • कृषि प्रक्षेत्र में ऋण के प्रवाह को सुनिश्चित करना जिससे खाद्य सुरक्षा, फसलों की विविधता, उत्पादन में वृद्धि और कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा मिले और उत्पादन के जोखिमों से किसान सुरक्षित हो सके.

GS Paper 3 Source: PIB

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Topic : Open Acreage Licensing Programme (OALP)

संदर्भ

भारत सरकार ने हाल ही में OALP अर्थात् खुला एकड़ लाइसेंस कार्यक्रम (Open Acreage Licensing Programme – OALP) के अंतर्गत पहली नीलामी में चुनी गई कम्पनियों के साथ संविदाओं (contracts) पर हस्ताक्षर किये हैं.

महत्त्व

  • आरम्भ में तेल और प्राकृतिक गैस के 55 ब्लॉकों के लिए 110 ई-बोलियाँ (e-bids) प्राप्त हुई थीं. बोली में 9 कंपनियाँ, अकेले अथवा समूह बनाकर, शामिल हुई थीं. अंततः छः कम्पनियों के साथ सभी 55 ब्लॉकों के लिए संविदाओं पर हस्ताक्षर किये गये.
  • इस नीलामी से तेल और प्राकृतिक गैस खोजने के क्षेत्र में 59,282 वर्ग किमी. की वृद्धि हो जायेगी. यह वृद्धि बहुत ही बड़ी है क्योंकि देश में अभी जितने क्षेत्र में तेल और प्राकृतिक गैस खोजने का काम चल रहा है उसका यह 65% होता है. इस नए क्षेत्र में तेल/प्राकृतिक गैस मिलने से देश में तेल/प्राकृतिक गैस के घरेलू उत्पादन में अच्छा-ख़ासा उछाल आ सकता है.

OALP

  • OALP भारत सरकार की हाइड्रोकार्बन अन्वेषण एवं लाइसेंस नीति (Hyrdrocarbon Exploration and Licensing Policy- HELP) का एक हिस्सा है.
  • यह policy भारत में तेल//प्राकृतिक गैस के नए भंडार खोजने और उसके दोहन से सम्बंधित है.
  • इसमें यह सुविधा दी गई है कि तेल खोजने वाली कम्पनी भारत सरकार द्वारा बोली लगाने के पहले ही अपने मन का ब्लॉक चुन सकती है.
  • उसके पश्चात् कम्पनी सरकार को अपना आवेदन देगी जिसमें उस ब्लॉक पर बोली लगाई जायेगी.
  • इस नई नीति से भारत की अवसादी घाटियों (sedimentary basins) का लगभग 2.8 मिलियन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में तेल के अन्वेषण तथा अंततोगत्वा उत्पादन का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा.

HELP

  • HELP (Hyrdrocarbon Exploration and Licensing Policy) में ऐसा प्रावधान किया गया है जिससे भारत की समस्त अवसादी घाटियों में घरेलू और विदेशी कम्पनीयाँ निवेश करें और निवेश की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो तथा वित्तीय एवं प्रशासकीय तन्त्र निवेशकों के लिए अनुकूल हो.
  • इस नई नीति का उद्देश्य निवेशकों को राष्ट्रीय डाटा संग्रह (National Data Repository – NDR) में उपलब्ध भूकम्प विषयक विशाल डाटा उपलब्ध कराना है.

विदित हो कि भारत सरकार ने यह लक्ष्य निर्धारित किया है कि खनिज तेल के आयात में 2022 तक 10% की कमी लाई जाए. इसी को ध्यान में रखकर खनिज तेल के अन्वेषण की नीति बनाई गई है. अन्वेषण की प्रक्रिया को सरल करने से इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा तथा अंततः तेल और गैस के नए-नए कुओं के मिलने से हमारा उत्पादन बढ़ेगा.


Prelims Vishesh

World Habitat Day :-

  • हाल ही में 1,अक्टूबर को विश्व हैबिटेट दिवस मनाया गया.
  • ज्ञातव्य है कि 1985 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा के द्वारा पारित संकल्प संख्या 40/202 के अनुसार 1986 से लेकर आजतक प्रत्येक वर्ष के अक्टूबर महीने के पहले सोमवार को यह दिवस मनाया जाता है. 1986 की theme थी – “Shelter is My Right”.
  • 2018 theme: शहरी क्षेत्रों में ठोस कचरे का निस्तार/ Municipal Solid Waste Management.

Niwari is 52nd district of MP :-

  • मध्य प्रदेश में अक्टूबर 1 से एक नया जिला हो जायेगा जो कि राज्य का 52वाँ जिला होगा.
  • इस जिले का नाम निवारी होगा.

Exercise Aviaindra-18 :-

भारत और रूस के बीच में हर दूसरे वर्ष होने वाले वायु-सेना स्तर के अभ्यास का दूसरा संस्करण हाल ही में रूस में सम्पन्न हुआ.

Vayoshreshtha Samman- 2018:

वयोवृद्ध लोगों, विशेषकर निर्धन वरिष्ठ नागरिकों के हित में, की गई सेवा को मान्यता देने के लिए राष्ट्रपति ने हाल ही में सुप्रसिद्ध वरिष्ठ नागरिकों एवं संस्थानों को वयोश्रेष्ठ सम्मान प्रदान किये.

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