Sansar डेली करंट अफेयर्स, 2 May 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 02 May 2019


GS Paper  1 Source: The Hindu

Topic : Stucco Sculpture and Ikshvaku dynasty

संदर्भ

तेलंगाना के सूर्यपेट जिले में स्थित पौराणिक बौद्ध स्थल में खुदाई के दौरान देश की सबसे बड़ी स्टक्को की मूर्ति प्राप्त हुई है.

मुख्य तथ्य

  • इतिहासकारों का मानना है कि यह मूर्ति जातक चक्र के किसी बोधिसत्त्व की है.
  • इसे लगभग 1,700 साल पहले फणीगिरि के शिल्पकारों ने इक्ष्वाकु वंश के चरम पर बनाया था.
  • इस स्टक्को मूर्ति की ऊंचाई 1.74 मीटर और चौड़ाई 35 सेंटीमीटर है और इसे मरम्मत और संरक्षण के लिए हैदराबाद ले आया गया है.
  • इस बौद्ध स्थल पर सबसे पहले खुदाई वर्ष 1941 में ख्वाजा मुहम्मद अहमद द्वारा किया गया था.

बोधिसत्त्व क्या है?

  • बुद्ध भगवान् के बुद्ध बनने के पहले पिछले कई जन्मों में जो उनका जो रूप था, उसे बोधिसत्त्व कहा जाता है.
  • पारम्परिक रूप से दया से प्रेरित, बोधिचित्त जनित, सभी संवेदनशील प्राणियों के लाभ के लिए सहज इच्छा से बुद्धत्व प्राप्त करने वाले को बोधिसत्त्व माना जाता है.
  • तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुसार, बोधिसत्त्व मानव द्वारा जीवन में प्राप्त करने योग्य चार उत्कृष्ट अवस्थाओं में से एक है.

इक्ष्वाकु वंश

  • इक्ष्वाकु वंश प्राचीन भारत के शासकों का एक वंश है. पुराणों में कहा गया है कि प्रथम सूर्यवंशी राजा इक्ष्वाकु वैवस्वतमनु के पुत्र थे.
  • ये प्राचीन कोशल देश के राजा थे और इनकी राजधानी अयोध्या थी.
  • रामायण और महाभारत में इन दोनों वंशों के अनेक प्रसिद्ध शासकों का उल्लेख है.

GS Paper  2 Source: PIB

Topic : Indian and French Navies conduct Varuna

संदर्भ

गोवा तट पर भारत-फ्रांस संयुक्त नौसैनिक अभ्यास वरुणा 19.1 के पहले भाग का आयोजन होने जा रहा है.

वरुणा अभ्यास क्या है?

  • यह एक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है जिसका आरम्भ 1983 में भारत-फ्रांस सामूहिक भागीदारी के एक मुख्य भाग के रूप में हुआ था.
  • कालांतर में इस अभ्यास का क्षेत्र और जटिलता बढ़ चुकी है. यह अभ्यास भारत और फ्रांस के बीच में सुदृढ़ संबंधों का एक उदाहरण है और यह हिन्द महासागर क्षेत्र में दोनों देशों के संयुक्त सामरिक समन्वय से सम्बंधित विज़न के अनुरूप है.
  • इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं द्वारा साथ-साथ कार्रवाई करने की क्षमता का निर्माण करना तथा आपसी समन्वय के द्वारा एक-दूसरे की उत्कृष्ट प्रथाओं को सीखते हुए संयुक्त कार्रवाई करना है.
  • यह अभ्यास समुद्री सुरक्षा के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को उजागर करता है.

GS Paper  2 Source: PIB

Topic : Electoral Bond Scheme

संदर्भ

सरकार ने मई में चुनावी बॉन्‍ड (Electoral Bonds) की बिक्री की अवधि को पाँच दिन घटा दिया है. इस माह यह बिक्री छह तारीख से शुरू होनी है. पहले चुनावी बॉन्ड की बिक्री की अवधि दस दिन तय की गई थी. इसे अब घटाकर पांच दिन कर दिया गया है.

चुनावी बांड योजना से सम्बंधित प्रमुख तथ्य

  • ये चुनावी बांड भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं से मिलेंगे.
  • चुनावी बांड की न्यूनतम कीमत 1000 और अधिकतम एक करोड़ रुपये तक होगी.
  • इलेक्टोरल बांड 1,000 रु., 10,000 रु., 1 लाख रु, 10 लाख रु. और 1 करोड़ रु. के होंगे.
  • हर महीने 10 दिन बांड की बिक्री होगी.
  • परन्तु जिस वर्ष लोक सभा चुनाव होंगे उस वर्ष भारत सरकार द्वारा बांड खरीदने के लिए अतिरिक्त 30 दिन और दिए जायेंगे.
  • बांड जारी होने के 15 दिनों के भीतर उसका इस्तेमाल चंदा देने के लिए करना होगा.
  • चुनाव आयोग में पंजीकृत दल से पिछले चुनाव में कम-से-कम 1% वोट मिले हों, उसे ही बांड दिया जा सकेगा.
  • चुनावी बांड राजनैतिक दल के रजिस्टर्ड खाते में ही जमा होंगे और हर राजनैतिक दल को अपने सालाने प्रतिवेदन में यह बताना होगा कि उसे कितने बांड मिले.
  • चुनावी बांड देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी.
  • चुनावी बांड पर कोई भी ब्याज नहीं मिलेगा.

चुनावी बांड के फायदे

अक्सर ब्लैक मनी वाले लोग पार्टी को चंदा दिया करते थे. अब यह संभव नहीं होगा क्योंकि अब कैश में लेन-देन न होकर बांड ख़रीदे जायेंगे. पार्टी को बांड देने वालों की पहचान बैंक के पास होगी. अक्सर बोगस पार्टियाँ पैसों का जुगाड़ करके चुनाव लड़ती हैं. इस पर अब रोक लग सकेगी क्योंकि उन्हें पार्टी फण्ड के रूप में बांड तभी दिए जा सकेंगे जब उनको पिछले चुनाव में कम-से-कम 1% वोट मिले हों.


GS Paper  3 Source: The Hindu

Topic : Russia “Sovereign internet” bill

संदर्भ

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को एक विवादित संप्रभु इंटरनेट कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिसके तहत रुसी अधिकारीयों का नेट मुल्क से अलग थलग होगा.

मुख्य तथ्य

  • इस कानून के जरिये इंटरनेट पर निगरानी रखने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा एवं रुसी इंटरनेट ट्रैफिक से विदेशी सर्वर को दूर रखा जायेगा.
  • इससे विदेशी देशों द्वारा इसे बंद करने से बचाया जाएगा.
  • रुसी सांसदों के अनुसार, नया कानून रूस के ऑनलाइन नेटवर्क की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है.

इसका विरोध क्यों हो रहा है?

  • इस कानून का दक्षिणपंथियों समूहों ने विरोध किया है. उनका कहना है कि प्रशासन ऑनलाइन सूचना और संवाद को प्रतिबंधित करना चाहता है.लोगों को आशंका है, रूसी सोशल मीडिया और सर्च एंजिन चीन के सेंसर्ड इंटरनेट के जैसे हो जाएँगे.
  • विरोधियों का कहना है कि यह कानून सरकार को अधिकार देगा कि रूस में इंटरनेट को ब्लॉक कर दे और यह न्याय से परे और अपारदर्शी होगा.

पृष्ठभूमि

अभी हाल के वर्षों में व्लादीमीर पुतिन की सरकार ने रूसियों की ऑनलाइन आजादी पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं. 2018 में मैसेजिंग एप टेलीग्राम को ब्लॉक कर दिया गया. फरवरी में एक डिजिटल सोवरीनटी बिल प्रस्तुत किया गया. इसके पारित होने के पश्चात् विदेशी सर्वरों से आने वाले इंटरनेट ट्रैफिक को सरकारी प्रणाली से गुजरना होगा.


GS Paper  3 Source: The Hindu

Topic : Masood Azhar is now a UN global terrorist

संदर्भ

जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर (Masood Azhar) को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया गया है. यूएन ने मसूद अजहर (Masood Azhar Global terrorist) का नाम ‘वैश्विक आतंकी’ सूची में डाल दिया है. मौलान मसूद अज़हर को ‘वैश्विक आतंकी’ की सूची में शामिल करने पर चीन रोक लगाता रहा है लेकिन इस बार उसने इस पर आपत्ति नहीं जताई है.

चीन ने अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की 1267 प्रतिबंध समिति के अंतर्गत सूचीबद्ध करने के फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका के एक ताजा प्रस्ताव पर तकनीकी रोक हटाने पर सहमति जता दी है.

अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के पीछे तर्क

  • JeM की स्थापना से आज तक मसूद अजहर इस संगठन का समर्थन करता रहा है.
  • JeM में आतंकियों की भर्ती के लिए उसका अल-कायदा से जुड़ा होना.
  • हथियारों की लेन-देन, वित्तपोषण, आपूर्ति, हस्तांतरण या सम्बंधित गतिविधियों में उसका लिप्त होना.
  • अफगानिस्तान में लड़ाकों की भर्ती में उसकी भूमिका.

पृष्ठभूमि

भारत लंबे समय से मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आंतकी घोषित करने की मांग कर रहा था. मसूद अजहर पर भारत में कई बड़े आतंकी हमले कराने का आरोप है. इनमें संसद पर हमला, पुलवामा हमला और पठानकोट हमला मुख्य रूप से शामिल हैं.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की 1267 प्रतिबंध समिति

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने 1999 में अपने प्रस्ताव संख्या 1267 के अंतर्गत इस प्रतिबंध समिति की स्थापना की थी. समिति ने सबसे पहले तालिबान पर कुछ सीमित प्रतिबंध लगाये थे. कालांतर में इस समिति का कार्यक्षेत्र विस्तृत हो गया है और यह अन्य आतंकी व्यक्तियों और गुटों पर भी कार्रवाई करती है.

यह समिति प्रतिबंध के लिए उठाये गये उपायों के कार्यान्वयन का पर्यवेक्षण करती है तथा इस विषय में सुरक्षा परिषद् के समक्ष प्रत्येक वर्ष प्रतिवेदन जमा करती है.

किसी को वैश्विक आतंकी घोषित करने का निहितार्थ

सम्पत्तियों की जब्ती : यदि किसी व्यक्ति अथवा गुट को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया जाता है तो संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों का यह कर्तव्य हो जाता है कि वे बिना देर किए उनके धन अथवा अन्य वित्तीय संपदाओं अथवा आर्थिक स्रोतों को जब्त कर लें.

यात्रा पर प्रतिबंध : संयुक्त राष्ट्र के सभी देशों को ऐसे व्यक्तियों की उनके क्षेत्र में प्रवेश करने एवं आवाजाही पर प्रतिबंध लगाना होता है.

शस्त्र प्रतिबंध : किसी के वैश्विक आतंकी घोषित होने पर सभी देश हथियारों और सभी प्रकार के सम्बद्ध उपकरणों, पुर्जों की अपने-अपने क्षेत्र से होकर आपूर्ति, बिक्री और स्थानान्तरण पर रोक लगा देते हैं. साथ ही तकनीकी परामर्श, सहयोग अथवा सैन्य-प्रशिक्षण प्रतिबंधित कर दिया जाता है.


GS Paper  3 Source: PIB

Topic : ICAT – A World Class Automotive Testing Centre

संदर्भ

आटोमोबाइल उद्योग भारत का तेजी से प्रगति कर रहा उद्योग है जो देश के जीडीपी में 7.5 प्रतितशत से अधिक का योगदान करता है. भारत सरकार इस उद्योग को सुविधाजनक बनाने और विकसित करने के लिए इसपर काफी ध्यान दे रही है. राष्ट्रीय ऑटोमोटिव परीक्षण और अनुसंधान एवं विकास बुनियादी ढांचा परियोजना (National Automotive Testing and R&D Infrastructure Project – NATRiP) के तहत देश में स्थापित अत्याधुनिक परीक्षण केन्‍द्र ICAT – International Centre for Automotive Technology  सख्‍त नियामक ढांचे और बाजार के अनुरूप प्रौद्योगिकी में आ रहे नित बदलाव की पृष्ठभूमि में मोटर वाहन उद्योग की आवश्यकताओं की पूर्ति की दिशा में सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्त्वपूर्ण कदम है.

ICAT क्या है?

देश के उत्‍तरी हिस्‍से में स्थि‍त आटोमोबाइल उद्योग के हब मानेसर में स्‍थापित आइसीएटी भारत सरकार का मोटर वाहन परीक्षण, अनुसंधान एंव विकास गतिविधियों से जुड़ी सेवाएँ प्रदान करने वाला एक विश्‍वस्‍तरीय केन्‍द्र है.

माहात्म्य

  • आईसीएटी मोटर वाहन क्षेत्र के लिए काफी महत्‍व रखता है. यह पावर ट्रेन, उत्‍सर्जन, एचईवी और ईवी प्रौद्योगिकी,एनवीएच, कैश, लाइटिंग तथा परीक्षण और प्रमाणन तथा फटीग जैसे महत्त्वपूर्ण विषयों पर संगोष्ठियों और कार्यक्रमों के माध्‍यम से जानकारियाँ साझा करता है.
  • अपने विश्‍वस्‍तरीय बुनियादी ढ़ांचे और उद्योग विशेषज्ञता के साथ यह विकास, परीक्षण, सत्यापन और होमोलॉगेशन में अपनी सेवाएं प्रदान करता है.

आगे की राह

भारत ने 2030 तक देश में आटो परिवहन सेवाओं को पूरी तरह से बिजली-संचालित बनाने का लक्ष्‍य रखा है. ऐसे में आईसीएटी की प्रयोगशालाओं ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी परीक्षण और अन्‍य सभी तरह की सुविधाएँ उपलब्‍ध कराने का कार्य प्रारम्भ कर दिया है.


Prelims Vishesh

Mawmluh cave and Therriaghat :-

  • भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) उत्तर पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) ने भू-वैज्ञानिक जानकारी के साथ 2 महत्त्वपूर्ण भूवैज्ञानिक स्थलों पर 2 भूवैज्ञानिक डिस्प्ले बोर्ड स्थापित किए. ये स्थल मेघालय में मव्म्लुह गुफा और थेरियाघाट गुफा हैं.
  • इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों, पर्यटकों और आम जनता के बीच जागरूकता पैदा करना था और स्थलों को संरक्षित करने और आने वाली पीढ़ियों को इस तरह के भूवैज्ञानिक विकास के बारे में जागरूक करने में मदद करेगा.
  • सीमेंट उद्योग के लिए चूना पत्थर का खनन मेघालय की गुफाओं के लिए एक बड़ा खतरा है, जिससे मव्म्लुह गुफा को बड़ा नुक्सान हुआ. यह मेघालय की 7वीं सबसे लंबी गुफा है.

Hangul :-

  • हंगुल (Cervus hanglu hanglu), जिसे कश्मीर हरिण के रूप में भी जाना जाता है, की आबादी में भारी गिरावट एक बड़ी चिंता का विषय बन चुकी है.
  • हंगुल को ‘कश्मीर स्टैग’ भी कहते हैं. मूलत: इस प्रजाति का संबंध यूरोप के लाल मृग के वंश से है, जो अब लुप्त हो गई है.
  • आज इसकी प्रजाति उस परिवार की एकमात्र शेष प्रजाति है, जो केवल भारत में पायी जाती है.
  • यहां इन्हें कश्मीर की घाटियों में विचरते देखा जा सकता है. यह घाटियाँ प्राय: श्रीनगर के बाहर जांबरवान पर्वतमाला में हैं, जहाँ हम समुद्रतल से 3000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर हिमालयी नम शीतोष्ण जलवायु में रहते हैं.
  • IUCN की लाल सूची में इसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजाति (Critically Endangered) के रूप में वर्गीकृत किया गया है.

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