Sansar डेली करंट अफेयर्स, 02 December 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 02 December 2019


GS Paper 1 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues

Topic : Who was Udham Singh?

संदर्भ

भाजपा के एक सांसद ने हाल ही में संसद में उधम सिंह के बारे में उल्लेख किया.

उधम सिंह

  • उधम सिंह का जन्म 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गाँव में काम्बोज परिवार में हुआ था.
  • सरदार उधम सिंह भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के महान सेनानी एवं क्रान्तिकारी थे. उन्होंने जलियांवाला बाग कांड के समय पंजाब के गर्वनर जनरल रहे माइकल ओ‘ ड्वायर को लन्दन में जाकर गोली मारी.
  • कई इतिहासकारों का मानना है कि यह हत्याकाण्ड ओ’ ड्वायर व अन्य ब्रिटिश अधिकारियों का एक सुनियोजित षड्यंत्र था, जो पंजाब पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए पंजाबियों को डराने के उद्देश्य से किया गया था. यही नहीं, ओ’ ड्वायर बाद में भी जनरल डायर के समर्थन से पीछे नहीं हटा था.
  • मिलते जुलते नाम के कारण यह एक आम धारणा है कि उधम सिंह ने जालियाँवाला बाग हत्याकांड के उत्तरदायी जनरल डायर (पूरा नाम – रेजिनाल्ड एडवार्ड हैरी डायर, Reginald Edward Harry Dyer) को मारा था, लेकिन इतिहासकारों का मानना है कि प्रशासक ओ’ ड्वायर जहां उधम सिंह की गोली से मरा (सन् 1940), वहीं गोलीबारी को अंजाम देने वाला जनरल डायर 1927 में पक्षाघात तथा कई तरह की बीमारियों से ग्रसित होकर मरा.
  • उत्तर भारतीय राज्य उत्तराखण्ड के एक ज़िले का नाम भी इनके नाम पर उधम सिंह नगर रखा गया है.
  • 4 जून 1940 को उधम सिंह को हत्या का दोषी ठहराया गया और 31 जुलाई 1940 को उन्हें पेंटनविले जेल में फांसी दे दी गई.

GS Paper 2 Source: PIB

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UPSC Syllabus : Salient features of the Representation of People’s Act.

Topic : Registration of political parties under Section 29A of the RP Act, 1951

संदर्भ

चुनाव आयोग (Election commission) ने दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) द्वारा गठित जननायक जनता पार्टी (JJP) को मान्यता प्रमाण पत्र जारी कर दिया है. जेजेपी को स्टेट पार्टी के रूप में मान्यता दी गई है. इसके साथ ही पार्टी के चुनाव चिन्ह को भी मंजूरी दे गई है. पार्टी का चुनाव निशान ‘चाबी’ रहेगा.

राजनीतिक दलों का पंजीकरण

अनुच्छेद 324 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RPA) का अनुभाग 29A : संविधान का अनुच्छेद 324 चुनाव आयोग को चुनाव कराने का अधिकार देता है. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुभाग 29A में चुनाव आयोग को यह अधिकार दिया गया है कि वह किसी भी दल को पंजीकृत/अपंजीकृत करे.

उपर्युक्‍त धारा के तहत निर्वाचन आयोग में पंजीकरण के लिए इच्‍छुक दल को अपने गठन की तिथि के बाद 30 दिनों की अवधि में,  नाम, पता, विभिन्न इकाइयों की सदस्यता का विवरण, पदाधिकारियों के नाम, आदि मूलभूत विवरण सहित निर्धारित प्रारूप में आयोग के पास एक आवेदन दाखिल करना होता है, जैसा कि उपर्युक्‍त धारा की उपधारा (4) के तहत आवश्‍यक है और पंजीकरण हेतु दिशा-निर्देशों में किये गये उल्‍लेख के अनुसार, जनप्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए की उपधारा (6) के तहत निर्दिष्ट किया गया है.

चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 : इसमें यह प्रावधान है कि प्रत्येक दल को समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, प्रजातंत्र, सार्वभौमता, एकता और भारत की अखंडता के सिद्धांतों के पालन का शपथ लेना होगा.

राज्य दल बनने हेतु पात्रता के लिए शर्तें

वे दल जिनके पास एक राज्य में पर्याप्त वोट या सीटें हों, उन्हें चुनाव आयोग द्वारा राज्य पार्टी के रूप में अधिकृत किया जा सकता है. संबंधित राज्य में राज्य दल के रूप में मान्यता मिलने से दल को एक विशेष चुनाव चिन्ह आरक्षित करने का विकल्प मिल सकता है. एक पार्टी को एक या अधिक राज्यों में मान्यता प्राप्त हो सकती है. चार राज्यों में मान्यता प्राप्त पार्टी को स्वतः ही एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त हो जाती है. राज्य स्तर की मान्यता के लिए चुनाव आयोग में पंजीकृत दल को निम्न में किसी एक शर्त को पूरा करना होगा:

  • राष्ट्रीय दल बनने के लिए एक दल को किसी चार या उससे अधिक राज्यों में हुए लोक सभा एवं विधान सभा चुनावों में पड़े हुए सम्पूर्ण वोट में से 6% वोट लेना आवश्यक होता है.
  • इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय दल बनने के लिए यह आवश्यक है कि कोई दल कम से कम चार लोक सभा सीट जीते.
  • राष्ट्रीय दल बनने के लिए किसी भी दल को लोक सभा के सीटों की कुल संख्या की 2% सीट अवश्य जीतनी चाहिए और जीतने वाले सांसद कम से कम तीन अलग-अलग राज्यों से जीते हों.
  • यदि दल ने लोक सभा और विधान सभा में कोई सीट न जीती हो लेकिन यदि उसने लोक सभा /विधान सभा चुनाव में वैध मतों के 8% मत हासिल किये हों.

राष्ट्रीय दल घोषित होने के लाभ

  • यदि कोई दल राष्ट्रीय दल घोषित हो जाता है तो वह पूरे भारत में चुनाव लड़ने वाले अपने प्रत्याशियों को अपना सुरक्षित सिम्बल (reserved symbol) आबंटित कर सकता है.
  • नामांकन भरने के समय राष्ट्रीय दल के प्रत्याशी को एक केवल प्रस्तावक की आवश्यकता होती है और उसे मतदाता सूची के सुधार के समय में दो प्रतियाँ निःशुल्क मिल जाती हैं.
  • राष्ट्रीय दल को आकाशवाणी दूरदर्शन में आम चुनाव के समय प्रसारण करने दिया जाता है.
  • राष्ट्रीय दल आम चुनाव के समयस्टार कैम्पेनर नामांकित करने के अधिकारी होते हैं.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : The dispute between Britain and Mauritius over Chagos islands

संदर्भ

मॉरीशस ने ब्रिटेन को एक “अवैध औपनिवेशिक कब्जे वाला” कहा, क्योंकि उसने संयुक्त राष्ट्र में हिंद महासागर में एक छोटे से द्वीपसमूह चागोस द्वीप समूह को मॉरीशस में लौटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की समय सीमा को अनदेखा कर दिया.

पृष्ठभूमि

संयुक्त राष्ट्र ने स्थानांतरण की प्रक्रिया के लिए ब्रिटेन को छह महीने का समय दिया था.

विवाद क्या है?

मॉरिशस के स्वतंत्र होने के तीन वर्ष पहले ब्रिटेन ने चागोस द्वीपों को 1965 में मॉरिशस से अलग कर दिया था. 1967 से 1973 तक इन द्वीपों के 1,500 निवासियों को धीरे-धीरे अपना घर छोड़ने के लिए विवश कर दिया गया था जिससे कि इनमें सबसे बड़े द्वीप डिएगो गार्सिया को अमेरिका को सामरिक हवाई अड्डा बनाने के लिए लीज पर दिया जा सके. विदित हो कि आज डिएगो गार्सिया अमेरिका का एक प्रमुख सैन्य अड्डा है.

2016 में कई मुकदमों के बाद डिएगो गार्सिया की लीज को 2036 तक बढ़ा दिया और यह घोषणा की कि जो द्वीपवासी बाहर कर दिए गये हैं, उनको वापस नहीं आने दिया जाएगा. 2017 में मॉरिशस ने संयुक्त राष्ट्र को प्रार्थना पत्र देकर इस बात में सफलता पाई कि मॉरिशस से चागोस द्वीपों को अलग करने के कार्य की वैधता पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से परमर्श मन्तव्य माँगा जाए.

मॉरिशस का दावा है कि ब्रिटेन ने चागोस द्वीपों को छोड़ने के लिए उसे इस शर्त पर विवश किया था कि वह मॉरिशस को स्वतंत्रता दे देगा.

मॉरिशस के दावे का आधार

मॉरिशस का चागोस द्वीपों पर दावा मूलत: आत्म निर्धारण के अधिकार से सम्बंधित है. उसने न्यायालय को स्पष्ट कहा है कि इन द्वीपों का पृथक्करण 1960 में पारित संयुक्त राष्ट्र संकल्प संख्या 1514 (औपनिवेशक घोषणा) का सीधा उल्लंघन है क्योंकि इसमें कहा गया है कि औपनिवेशिक लोगों को आत्म-निर्धारण का अधिकार है और किसी भी स्थिति में स्वतंत्रता देने के पहले किसी उपनिवेश को बाँटा नहीं जा सकता है.

निर्णय का निहितार्थ

यह सच है कि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के द्वारा दिए गये परामर्श मंतव्य बाध्यकारी नहीं होते हैं, परन्तु ऐसे मन्तव्य के कई मायने भी होते हैं. इस मन्तव्य से भविष्य में होने वाले समझौतों के समय मॉरिशस की स्थिति सशक्त होगी और साथ ही ब्रिटेन पर चागोस द्वीपों को छोड़ने का अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनेगा.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : Global Migration Report 2020

संदर्भ

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के प्रवासियों के अंतर्राष्ट्रीय संगठन (International Organization for Migration – IOM) द्वारा वैश्विक प्रवासन प्रतिवेदन (ग्लोबल माइग्रेशन रिपोर्ट) 2020 जारी की गई. यह संगठन साल 2000 से विश्व भर में प्रवासन के संबंध में समझ में वृद्धि करने की दिशा में काम कर रहा है. यह संगठन इसी संदर्भ में ‘विश्व प्रवासन’ रिपोर्ट तैयार करता है. भारत विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का सबसे बड़ा मूल देश बना हुआ है. फिलहाल पूरी दुनिया में भारतीय मूल के लोग की संख्या 1 . 75 करोड़ है. आईओएम ने हाल ही में अपनी नवीनतम वैश्विक रिपोर्ट में कहा कि समग्र आंकड़ा विश्व की जनसंख्या का बहुत छोटे से हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है.

वैश्विक प्रवासन प्रतिवेदन की मुख्य विशेषताएँ

  • रिपोर्ट के अनुसार, विश्वभर में प्रवासियों की संख्या साल 2019 में बढ़कर 27 करोड़ हो जाने का अनुमान है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अब भी ज्यादातर प्रवासियों हेतु सबसे अच्छा जगह अमेरिका बनी हुई है. अमेरिका में फिलहाल लगभग 5.1 करोड़ प्रवासी लोग रहते हैं.
  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सबसे अधिक संख्या (1.75 करोड़) में प्रवासी विदेशों में कार्यरत हैं. इसके बाद मेक्सिको का स्थान आता है जहां के 1.18 करोड़ लोग और चीन के 1.07 करोड़ प्रवासी अन्य देशों में कार्यरत हैं.
  • विदेशों में रह रहे देशवासियों द्वारा भेजी गयी रकम प्राप्त करने वाले देशों में भारत पहले स्थान पर बना हुआ है. भारतीय प्रवासियों ने साल 2018 में करीब 78.6 अरब डॉलर की राशि देश में भेजी.
  • रिपोर्ट के अनुसार, इस सूची में 67.4 अरब डॉलर के साथ चीन दूसरे स्थान पर है. वहीं, 35 .7 अरब डॉलर के साथ मेक्सिको तीसरे स्थान पर है.
  • विश्व माइग्रेशन रिपोर्ट 2020 के मुताबिक 68 बिलियन डॉलर बाहर भेजने वाला अमेरिका पहले स्थान पर है. इसके बाद यूएई 44.4 बिलियन डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर और सऊदी अरब 36.1 बिलियन डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर है.

प्रवासन हेतु अंतराराष्ट्रीय संगठन (IOM)

  • यह संगठन अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो मानवीय व्यवस्थित प्रवास को सुनिश्चित करती है. यह संगठन प्रवासियो को पुनर्वास अवसरो की खोज में सहायता प्रदान करती है.
  • इस संगठन का मुख्यालय जेनेवा, स्विट्जरलैंड में है.
  • यह संगठन सरकारी, अंतर-सरकारी तथा गैर-सरकारी सहयोगियों के साथ मिलकर काम करता है. इस संगठन के 100 से अधिक देशों में कार्यालय हैं.
  • आईओएम सभी ज़रूरतमंद लोगों हेतु मानवीय एवं व्यवस्थित प्रवास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित संगठन है.

Prelims Vishesh

Jnanpith Award :-

  • मलयालम के प्रमुख कवि अक्कीथम को 55वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चुना गया है. ज्ञानपीठ चयन बोर्ड ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की.
  • अक्कीथम का नाम मलयालम कविता जगत में आदर के साथ लिया जाता है. उनका जन्म 1926 में हुआ था और पूरा नाम अक्कीथम अच्युतन नम्बूदिरी है और वह अक्कीथम के नाम से लोकप्रिय हैं.
  • 1961 से आरम्भ यह पुरस्कार देश के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक माना जाता है.
  • यह पुरस्कार भारतीय नागरिकों को देश की किसी भी राज्य भाषाओं में लिखने के लिए दिया जाता है.

Kulasekarapattinam in Tamil Nadu :-

  • भारत सरकार को तमिलनाडु राज्य में कुलसेकरपट्टिनम के पास एक नया रॉकेट लॉन्च पैड स्थापित करने जा रही है.
  • वर्तमान में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDCC) में दो लॉन्च पैड हैं.

Operation ‘Clean Art’ :

  • हाल ही में ऑपरेशन क्लीन आर्ट के जरिये देश भर में नेवले के बालों से पेंट ब्रश बनाने वाले कई कारखानों को बंद कर दिया गया.
  • नेवले के बालों के गैरकानूनी व्यापार को रोकने के लिये वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (Wildlife Crime Control Bureau- WCCB) द्वारा ऑपरेशन क्लीन आर्ट (Operation Clean Art) चलाया गया.
  • इस अभियान के तहत विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में नेवले के बालों से बने ब्रश बरामद किये गए. नेवले के बालों से ब्रश बनाना संगठित अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
  • प्रतिवेदन के अनुसार, नेवले के बालों की तस्करी में कूरियर कंपनियों की सेवाएँ प्रयोग की जाती हैं.

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