Sansar डेली करंट अफेयर्स, 01 March 2019

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Sansar Daily Current Affairs, 01 March 2019


GS Paper  2 Source: PIB

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Topic : IEA Bioenergy TCP

संदर्भ

केन्द्रीय मंत्रिपरिषद् ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को IEA बायो-एनर्जी TCP का 25वाँ सदस्य बनने की मंजूरी दे दी है. ज्ञातव्य है कि इस कार्यक्रम में पहले से ही 24 देश शामिल हैं, जिनके नाम हैं – ऑस्ट्रलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, क्रोएशिया, डेनमार्क, एस्तोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, स्विटजरलैंड, इंग्लैंड, अमेरीका और यूरोपीय संघ.

IEA बायो-एनर्जी TCP क्या है?

  • इसका पूरा नाम है – इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी टेक्नोलॉजी कोलेबरेशन प्रोग्राम ऑन बायो-एनर्जी अर्थात् अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा आयोग का जैव ऊर्जा विषयक तकनीकी सहयोग कार्यक्रम.
  • यह एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है जिसका उद्देश्य उन देशों के बीच सहयोग एवं वैचारिक आदान-प्रदान बढ़ाना है जिन्होंने जैव-ऊर्जा के अनुसंधान, विकास एवं अधिष्ठापन से सम्बंधित राष्ट्रीय कार्यक्रम बना रखे हैं.
  • IEA बायो-एनर्जी TCP अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के ढाँचे के अन्दर काम करता है. विदित हो कि इस एजेंसी में भारत को 30 मार्च, 2017 से साहचर्य का दर्जा मिला हुआ है.

इस कार्यक्रम से नीति और तकनीक दोनों स्तरों पर कई लाभ होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं –

  • राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास की क्षमताओं में सुदृढ़ता.
  • अनुसंधान एवं विकास प्रतिफलों की गुणवत्ता में वृद्धि.
  • तकनीकी क्षमताओं के विषय में सूचनाओं का प्रसार.
  • नई तकनीकों के अधिष्ठापन में तेजी लाना.
  • ऊर्जा नीति के निर्माण में योगदान करना.

जैव-ऊर्जा क्या है?

जैव-ऊर्जा उस पदार्थ को कहते हैं जो प्रकाश संश्लेषण से अप्रत्यक्षतः अथवा प्रत्यक्षतः उत्पन्न होता है और जिसका प्रयोग ईंधनों तथा पेट्रो-रसायन और अन्य ऊर्जा उत्पादों के विकल्प के निर्माण में कच्चे माल के रूप में होता है.

जैव-ऊर्जा की संभावनाएँ

आज के दिन भी जैव-ऊर्जा पूरे विश्व-भर में ऊर्जा की माँग को पूरी करने में अच्छा-ख़ासा योगदान कर रही है. यह योगदान और भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाती है और इससे कई अन्य पर्यावरणिक लाभ भी हैं. जैव-ऊर्जा से ऊर्जागत सुरक्षा तो होगी ही साथ में पेट्रोल/डीजल पर होने वाली विदेशी मुद्रा की अपार खपत को रोककर इससे भारत का व्यापार-संतुलन भी सुधर जाएगा. इससे ग्रामीण समुदायों के पास सामाजिक एवं आर्थिक विकास के अवसर भी उपलब्ध होंगे. जैव-ऊर्जा की एक और प्रमुख विशेषता यह है कि यह मुख्यतः अवशिष्टों पर आधारित होती है, इसलिए इससे अवशिष्टों के प्रबंधन में सहायता मिलेगी.

अनुमान लगाया जाता है कि 2050 आते-आते तक जैव-ऊर्जा के प्रयोग से विश्व-भर में प्राथमिक ऊर्जा की आपूर्ति (250 EJ तक) में जैव ऊर्जा का योगदान 25% से लेकर 33% तक हो जाएगा. विदित हो कि जैव-ऊर्जा एक नवीकरणीय ऊर्जा है जो ऊर्जा के हर बाजार से जीवाश्म ईंधनों को बाहर कर सकती है, चाहे गर्मी उत्पन्न करना हो, बिजली बनानी हो या परिवहन के लिए ईंधन का जुगाड़ करना हो.


GS Paper  2 Source: PIB

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Topic : National Mineral Policy, 2019

संदर्भ

हाल ही में भारत सरकार ने राष्ट्रीय खनिज नीति, 2019 को स्वीकृति प्रदान कर दी है. इस नीति में पारदर्शिता, बेहतर विनियमन और प्रवर्तन, संतुलित वृद्धि एवं सततता तथा खनन गतिविधि को औद्योगिक दर्जा देने पर बल दिया गया है.

लाभ

  • नई राष्ट्रीय खनिज नीति से खनन गतिविधियों का विनियमन बेहतर ढंग से हो सकेगा.
  • इससे भविष्य में खनन क्षेत्र का विकास टिकाऊ ढंग से होगा.
  • नई नीति में परियोजनाओं से दुष्प्रभावित जनों की, विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की, समस्याओं का समाधान किया जायेगा.

उद्देश्य

राष्ट्रीय खनिज नीति, 2019 का उद्देश्य अधिक कारगर, अधिक सार्थक और बेहतर ढंग से लागू करने योग्य ऐसी नीति का निर्माण करना है जिससे पारदर्शिता बढ़े, विनियमन बेहतर हो सके और सरलता से लागू किया जा सके. इस नीति का उद्देश्य संतुलित, सामाजिक एवं आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ खनन गतिविधियों में टिकाऊपन लाना भी है.

खनन प्रक्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय खनिज नीति, 2019 में प्रावधान

  • इस नीति में RP/PL धारकों को पहली अस्वीकृति का अधिकार दिया जा रहा है.
  • इस नीति के अनुसार निजी प्रक्षेत्र को खनिज अन्वेषण के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा.
  • खनन इकाइयों के विलय और अधिग्रहण को बढ़ावा दिया जाएगा.
  • निजी खनन क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित खनिज गलियारों का निर्माण किया जाएगा.
  • इस नीति में खनन गतिविधि को उद्योग का दर्जा दिए जाने का प्रावधान है जिससे निजी कंपनियों को खनन और विदेशों में खदान खरीदने के लिए वित्त उपलब्ध हो सके.
  • नई नीति में आयात-निर्यात की एक दीर्घकालीन नीति का उल्लेख है जो निजी प्रक्षेत्र को अपने व्यवसाय की बेहतर योजना बनाने और इसमें टिके रहने में सहायता करेगा.
  • नई नीति के अनुसार सार्वजनिक लोक उपक्रमों को दिए गये संरक्षित क्षेत्रों में से अप्रयुक्त क्षेत्रों को नीलामी पर उठाया जाएगा और इसमें निजी प्रक्षेत्र को भागीदारी का अवसर दिया जाएगा.
  • निजी क्षेत्र को सहायता देने के लिए यह प्रयास किया जाएगा कि खनिज कर, लेवी, रॉयल्टी अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनरूप हों.
  • इस नीति में पीढ़ी-दर-पीढ़ी कल्याण की अवधारणा रखी गई है जिससे न केवल वर्तमान पीढ़ी, अपितु आने वाली पीढ़ियाँ भी लाभान्वित हों.
  • नई नीति में खनन के टिकाऊ विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक अंतर-मंत्रलाय निकाय के गठन का प्रस्ताव है.

पृष्ठभूमि

वर्तमान में जो राष्ट्रीय खनिज-नीति चल रही है, उसका निर्माण 2008 में हुआ था. सर्वोच्च न्यायालय ने कॉमन कॉज बनाम भारतीय संघ एवं अन्य वाद में एक न्याय-निर्णय दिया था जिसमें 2008 की खनिज नीति की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया था. इसी परिप्रेक्ष्य में वर्तमान खनिज नीति की समीक्षा के उपरान्त राष्ट्रीय खनिज नीति, 2019 तैयार की गई है.


GS Paper  2 Source: PIB

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Topic : FAME-India Scheme

संदर्भ

केन्द्रीय मंत्रिपरिषद ने हाल ही में FAME-India Phase II नामक योजना के क्रियान्वयन से सम्बंधित प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है.

FAME India योजना का पूरा नाम है – Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles in India अर्थात् भारत में बिजली से चलने वाले वाहनों को अपनाने और उन्हें बनाने में तेजी लाने की योजना.

  • इस योजना का उद्देश्य देश में बिजली से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देना है.
  • यह योजना 1 अप्रैल, 2019 से आगामी तीन वर्षों तक चलेगी और इसके लिए 10,000 करोड़ रु. की बजटीय व्यवस्था की गई है.
  • यह योजना FAME India I (1 अप्रैल, 2015 में अनावृत) का विस्तारित संस्करण है.

फेम-इंडिया योजना फेज II के उद्देश्य

  • सार्वजनिक परिवहन में बिजली से चलने वाली गाड़ियों का अधिक से अधिक प्रयोग सुनिश्चित करना.
  • बिजली वाले वाहनों की ग्राह्यता को प्रोत्साहित करने के लिए इनके लिए बाजार बनाना और माँग में वृद्धि करना.

पृष्ठभूमि

यह राष्ट्रीय बिजली गतिशीलता मिशन योजना का अंग है. पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने 2015 में भारत में (FAME – INDIA) योजना की शुरुआत की थी. फेम इंडिया योजना का लक्ष्य है कि दो पहिया, तीन पहिया, चार पहिया यात्री वाहन, हल्के वाणिज्यिक वाहन और बसों सहित सभी वाहन क्षेत्रों में बिजली के प्रयोग को प्रोत्साहित किया जाए. इसके लिए यह योजना सब्सिडी का लाभ प्रदान करती है. इस योजना के तहत संकर एवं इलेक्ट्रिक तकनीकों, जैसे – सशक्त संकर तकनीक (strong hybrid), प्लग-इन शंकर तकनीक (plug-in hybrid) और बैटरी/बिजली तकनीक को प्रोत्साहित किया जाता है. इस योजना को भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा चालाया जा रहा है. FAME योजना इन चार क्षेत्रों पर अपना ध्यान केन्द्रित करती है – तकनीकी विकास, माँग का सृजन, प्रायोगिक परियोजनाएँ एवं चार्ज करने की सुविधा.


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Topic : Aadhaar and Other Laws (Amendment) Ordinance, 2019

संदर्भ

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आधार अधिनियम 2016, काला धन शोधन रोकथाम 2005 और भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 में संशोधन करने के लिए एक अध्यादेश निर्गत की मंजूरी दी है. प्रस्तावित संशोधन वैसे ही हैं जैसे 4 जनवरी, 2019 को लोकसभा द्वारा पारित विधेयक में निहित हैं.

प्रभाव

ये संशोधन यूआईडीएआई को जनहित की सेवा करने एवं आधार के दुरुपयोग को सीमित करने के लिए अधिक मजबूत तंत्र की स्थापना करने में सक्षम बनायेंगे. इस संशोधन के बाद किसी भी व्यक्ति को अपनी पहचान स्थापित करने के प्रयोजन से सत्यापन की प्रक्रिया के लिए आधार संख्या रखने का प्रमाण उपलब्ध कराने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा, जबतक कि संसद द्वारा बनाये गए किसी कानून द्वारा ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया जाता.

मुख्य विशेषताएँ

  • आधार नंबर धारक की सहमति से ऑफलाइन सत्यापन के प्रमाणीकरण द्वारा भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक रूप में आधार संख्या के स्वैच्छिक उपयोग का प्रावधान करता है.
  • किसी व्यक्ति के वास्तविक आधार नंबर को छुपाने के लिए 12 संख्या के आधार नंबर एवं इसकी वैकल्पिक आभासी पहचान के उपयोग का प्रावधान करता है.
  • उन बच्चों को, जो आधार कार्डधारी हैं, 18 वर्ष पूरे हो जाने पर अपना आधार नंबर रद्द करने के विकल्प का प्रावधान करता है.
  • संस्थाओं को केवल तभी प्रमाणीकरण करने की अनुमति देता है जब वे प्राधिकारी द्वारा निर्दिश्ट गोपनीयता एवं सुरक्षा मानदंडों के अनुपालक हों, और प्रमाणीकरण की अनुमति संसद द्वारा बनाये गए किसी कानून के तहत दी जा सकती है या वे केंद्र सरकार द्वारा देश के हित में अनुशंसित हो.
  • स्वैच्छिक आधार पर प्रमाणीकरण के लिए आधार संख्या के उपयोग की अनुमति देता है जैसाकि भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 एवं काला धन शोधन रोकथाम अधिनियम 2002 के तहत केवाईसी दस्तावेज के रूप में स्वीकार्य है.
  • निजी संस्थाओं द्वारा आधार के उपयोग से संबंधित आधार अधिनियम की धारा 57 के विलोपन का प्रस्ताव रखता है.
  • यूनिक आईडेंटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया फंड की स्थापना के लिए प्रावधान करता है.
  • आधार पारिस्थितिकी तंत्र में कंपनियों द्वारा आधार अधिनियम एवं प्रावधानों के उल्लंघन के संबंध में नागरिक दंड, इसके अधिनिर्णय एवं संबंधित अपील का प्रावधान करता है.

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Topic : New Delhi International Arbitration Centre Ordinance, 2019

संदर्भ

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एनडीआईएसी) की स्थापना के लिए एक विधेयक की घोषणा को मंजूरी दे दी है जिसका उद्देश्य संस्थागत मध्यस्थता के लिए एक स्वतंत्र और स्वायत्त व्यवस्था निर्मित करना है.

लाभ

इस संस्थागत मध्यस्थता के लाभ सरकार, उसकी संस्था और परिवाद के पक्षकारों को प्राप्त होंगे. विशेषज्ञता की गुणवत्ता और आने वाली लागत के लिहाज से यह केंद्र जनता और सरकारी संस्थानों के लिए फायदेमंद साबित होगा और भारत के संस्थागत मध्यस्थता की धुरी बनने का मार्ग प्रशस्त करेगा.

उद्देश्य

एनडीआईएसी को जिन उद्देश्यों के साथ स्थापित किया जाएगा, वे हैं –

  • अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू मध्यस्थता संचालित करने के एक प्रमुख संस्थान के तौर पर खुद को विकसित करने के लिए लक्षित सुधार लाना.
  • समाधान मध्यस्थता और मध्यस्थता संबंधी कार्यवाहियों के लिए सुविधाएँ और प्रशासकीय सहयोग प्रदान करना.
  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मान्यता प्राप्त पंचों, मध्यस्थों व सुलहकारों या सर्वेक्षकों और जांचकर्ताओं जैसे विशेषज्ञों के पैनल बनाकर रखना.
  • बड़े ही पेशेवर अंदाज में अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू मध्यस्थताओं और सुलहों के संचालन को सुगम बनाना.
  • घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मध्यस्थता और सुलह के संचालन के लिए कम खर्चीली और समयोचित सेवाएँ प्रदान करना.
  • वैकल्पिक विवाद समाधान और संबंधित मामलों के क्षेत्र में अध्ययन को प्रोत्साहित करना और झगड़ों के निपटारे की व्यवस्था में सुधारों को प्रोत्साहित करना.
  • वैकल्पिक विवाद समाधान को प्रोत्साहित करने के लिए अन्य राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय समाजों, संस्थानों और संगठनों के साथ सहयोग करना.

एनडीआईएसी की स्थापना को सुगम करने की दिशा में इस विधेयक में, वैकल्पिक विवाद समाधान अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (आईसीएडीआर) के दायित्वों को केंद्र सरकार में स्थानांतरित और निहित करने की परिकल्पना की गई है. केंद्र सरकार बाद में ये दायित्व एनडीआईएसी में निहित करेगी.

मुख्य विशेषताएँ

  • नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एनडीआईएसी) की अध्यक्षता ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाएगी जो सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश या उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रहे हों या फिर ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्ति हों जिन्हें मध्यस्थता कानून के प्रशासन या प्रबंधन या संचालन में अनुभव और ज्ञान प्राप्त हो. उनकी नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ परामर्श करके केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी.
  • दो पूर्णकालिक या अंशकालिक सदस्य इसमें होंगे जिन्हें उन प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से लिया जाएगा जिन्हें घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों, संस्थागत मध्यस्थता का ठोस ज्ञान और अनुभव हो.
  • साथ ही, वाणिज्य और उद्योग के किसी मान्यता प्राप्त निकाय के एक प्रतिनिधि को नियमित आवर्तन के आधार पर अंशकालिक सदस्य के तौर पर चुना जाएगा.
  • विधि मामलों के विभाग के सचिव, व्यय विभाग द्वारा नामित वित्तीय सलाहकार और एनडीआईएसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इसके पदेन सदस्य होंगे.

GS Paper  3 Source: PIB

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Topic : Special Economic Zones Act, 2005

संदर्भ

केन्द्रीय मंत्रिपरिषद ने हाल ही में एक अध्यादेश जारी करने की मंजूरी दी है जिसके द्वारा विशेष आर्थिक जोन अधिनियम, 2005 (Special Economic Zones Act, 2005) के अनुभाग 2 के उप-अनुभाग (v) में परिभाषित “व्यक्ति” की परिभाषा को संशोधित किया गया है और इसमें न्यास (trust) का भी समावेश किया गया है. ऐसा इसलिए किया गया है कि कोई न्यास चाहे तो वह भी विशेष आर्थिक जोन में अपनी इकाई लगा सकता है.

विशेष आर्थिक जोन (SEZs) क्या हैं?

विशेष आर्थिक जोन (SEZs) वे भौगोलिक क्षेत्र हैं जहाँ व्यवसाय और व्यापार से सम्बन्धित नियम और प्रथाएँ देश के अन्य भागों से अलग हैं. दूसरे शब्दों में, इस भौगोलिक क्षेत्र में स्थित व्यवसायों को विशेष अधिकार होते हैं. SEZs स्थापित करने के पीछे मूल विचार यह है कि व्यवसाय के लिए संरचना और परिवेश का निर्माण करना रातों-रात संभव नहीं होता, अतः इसके लिए ऐसे विशेष क्षेत्र बनाए जाएँ जो कम अवधि में तैयार हो सकें और जहाँ व्यवसाय और व्यापार से सम्बंधित समस्याओं के हल अधिक कुशलता से किया जा सके.

SEZ Act, 2005 में SEZs और इसके अन्दर संचालित इकाइयों की स्थापना के लिए कानूनी ढाँचे का प्रावधान किया गया है.


GS Paper  3 Source: PIB

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Topic : National Housing Bank

संदर्भ

मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) अधिनियम 1987 में 2018 में किए गए संशोधनों के परिणामस्वरूप राष्ट्रीय आवास बैंक से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को 1450 करोड़ रुपये की निर्धारित शेयर पूंजी के अंकित मूल्य के भुगतान की स्वीकृति दी है.

प्रभाव

  • NHB एक शीर्ष एजेंसी है जिसकी स्थापना देश में आवासीय वित्त संस्थानों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख एजेंसी के रूप में कार्य करने के लिए की गई थी.
  • भारत सरकार को स्वामित्व के हस्तांतरण से NHB की मुख्य वित्तीय भूमिका मजबूत होगी. इससे आवासीय वित्तीय कंपनियों को पोषण मदद में बढ़ोतरी करना संभव होगा.
  • आरबीआई से भारत सरकार के लिए स्वामित्व परिवर्तन से बैंकिंग नियामक और NHB के स्वामी के रूप में आरबीआई की भूमिका पृथक होगी.
  • सकल बजटीय सहायता 2018-19 में से 1450 करोड़ रुपये का व्यय किया जाएगा. इसके लाभार्थी भारतीय रिजर्व बैंक और आवास क्षेत्र हैं.

NHB क्या है?

NHB एक अखिल भारतीय वित्त संस्था है जिसकी स्थापना 1988 में राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 के अधीन हुई थी. इस मूर्धन्य एजेंसी की स्थापना इस उद्देश्य से हुई थी कि स्थानीय एवं क्षेत्रीय दोनों स्तरों पर आवासीय वित्त संस्थानों को बढ़ावा दिया जा सके और साथ ही इन संस्थानों को वित्तीय एवं अन्य सहयोग उपलब्ध कराया जा सके.


Prelims Vishesh

Shanti Swarup Bhatnagar Prize :

  • हाल ही में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार देश के विभिन्न तकनीकी संस्थानों को दिए गये.
  • यह पुरस्कार प्रसिद्ध वैज्ञानिक शांति स्वरूप भटनागर के नाम पर हैं जिन्होंने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (CSIR) की स्थापना की थी और उसके पहले निदेशक थे.
  • यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष विज्ञान एवं तकनीक में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है.
  • यह पुरस्कार 45 वर्ष के नीचे की आयु के भारतीय नागरिकों के अतिरिक्त विदेश में रह रहे भारतीय नागरिकों और भारतवंशियों को दिए जाते हैं.

Arun-3 Hydro Electric Project :

  • हाल ही में केन्द्रीय मंत्री परिषद् ने सतलज जल विकास निगम लिमिटेड के द्वारा अरुण – 3 पनबिजली परियोजना (नेपाल का अंश) को बिजली भेजने से सम्बंधित निवेश प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है.
  • इस परियोजना का उद्देश्य नेपाल के ढल्केबर से अतिरिक्त बिजली को भारत के मुजफ्फरपुर तक पहुँचाना है.
  • यह परियोजना पूर्वी नेपाल के संखुआसभा के पास अरुण नदी पर स्थित है.

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