Sansar डेली करंट अफेयर्स, 01 January 2020

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Sansar Daily Current Affairs, 01 January 2020


GS Paper 1 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Indian culture will cover the salient aspects of Art Forms, Literature and Architecture from ancient to modern times.

Topic : Indian History Congress

संदर्भ

हाल ही में पिछले दिनों केरल के कन्नूर में भारतीय इतिहास कांग्रेस (Indian History Congress – IHC) का 80वाँ सत्र हुआ.

भारतीय इतिहास कांग्रेस क्या है?

  • यह दक्षिणी एशिया के इतिहासकारों का एक ऐसा संघ है जिसकी स्थापना 1935 में हुई थी.
  • इस कांग्रेस के 35,000 सदस्य हैं जिनमें से 2,000 से अधिक सदस्य इसके वार्षिक सत्र में सम्मिलित होते हैं.
  • भारतीय इतिहास कांग्रेस आरम्भ से नियमित रूप से सत्र आयोजित करता रहा है और प्रत्येक सत्र की कार्यवाही को प्रकाशित करता रहा है.

उद्भव

यह कांग्रेस मूल रूप से एक अन्य संस्था से निकली हुई है. ज्ञातव्य है कि 1910 में पुणे में विश्वनाथ काशीनाथ रजवाड़े ने के.सी. महेंडल के सहयोग से भारत इतिहास संशोधक मंडल (BISM) नामक संस्था बनाई थी. 1935 में इस संस्था की सिल्वर जुब्ली पुणे में हुई थी. उस अवसर पर यह निर्णय किया गया कि अब से यह संस्था भारतीय इतिहास कांग्रेस के नाम से जानी जायेगी. कहा जाता है कि उस समय इसमें 50 प्रतिनिधियों ने प्रतिभागिता की थी.


GS Paper 1 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues.

Topic : Bhima Koregaon anniversary

संदर्भ

जनवरी 1, 2020 को 1818 के भीमा कोरेगाँव युद्ध की 202वीं वर्षगाँठ मनाई गई.

भीमा कोरेगाँव लड़ाई क्या थी?

जनवरी 1, 1818 को पेशवा और अंग्रेजों की सेना के बीच महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित भीमा कोरेगाँव में एक लड़ाई लड़ी गयी थी. ब्रिटिश सेना ने इस युद्ध में पेशवा के सेना को पराजित किया था.

लड़ाई के परिणाम

ब्रिटिश सेना में बहुत से सैनिक महार जाति के थे. दूसरी ओर, पेशवा की सेना में उच्च जाति के सैनिकों का बोलबाला था. इसलिए भीमा कोरेगाँव की जीत को कुछ लोगों ने माना कि यह दलितों की जीत है. ऐसे लोगों में अम्बेडकर भी शामिल थे. उन्होंने 1 जनवरी, 1927 को भीमा कोरेगाँव में अंग्रेजों द्वारा स्थापित स्मारक स्तम्भ की यात्रा की थी. उस स्तम्भ में ब्रिटिश सेना के मारे गये सैनिकों का नाम लिखा हुआ है. इसको देखने से पता चलता है कि इन मारे गये सैनिकों में लगभग दो दर्जन महार जाति के थे. विदित हो कि महार कथित रूप से अस्पृश्य जाति हैं. अम्बेडकर भी इसी जाति के थे.

वर्तमान परिप्रेक्ष्य

जाति और जाति संघर्ष आधुनिक भारत की ऐसी सच्चाई है जिससे मुंह नहीं मोड़ा जा सकता. संविधान ने जाति-व्यवस्था को नहीं माना है. आज जातिगत भेदभाव में पहले की तुलना में बहुत कमी आयी है, परन्तु अभी भी समाज इससे पूरी तरह से ऊपर उठ नहीं पाया है. हर जाति अपने को उच्च, वीर और सशक्त मानने के लिए उतावली है. भीमा कोरेगाँव की लड़ाई अंग्रेजों ने लड़ी थी और इस लड़ाई में अंग्रेजों के दुश्मन भारतीय ही थे, भले वे पेशवा, मराठा या कोई भी हों. इसलिए चाहिए यह था कि इस लड़ाई में भारतीयों की हार का शोक मनाया जाता, परन्तु इसमें भी कुछ लोगों ने अपनी जाति की संतुष्टि का साधन ढूँढ़ लिया और इसे दलित बहादुरी का एक प्रमाण मान लिया. यह स्थिति उपयुक्त नहीं है और समाज को बाँटने वाली अवधारणा है.


GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Functions and responsibilities of the Union and the States, issues and challenges pertaining to the federal structure, devolution of powers and finances up to local levels and challenges therein.

Topic : Kerala becomes first state to pass anti-CAA resolution

संदर्भ

केरल विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act – CAA) को वापस लेने की माँग की है.

तर्क यह दिया गया है कि यह अधिनियम संविधान की मूलभूत मान्यताओं और सिद्धांतों के प्रतिकूल है. प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि यह धर्मनिरपेक्षता का हनन करता है और नागरिकता देने में धार्मिक आधार पर भेद-भाव को बढ़ावा देता है.

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के बारे में भारत सरकार का क्या कहना है?

केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) किसी भी भारतीय नागरिक को प्रभावित नहीं करता है चाहे वह मुसलमान ही क्यों न हो. यह अधिनियम किसी भी व्यक्ति की नागरिकता को छीनने का अधिनियम नहीं है, अपितु यह नागरिकता देने का काम करता है.

केंद्र सरकार का कहना है कि जो लोग 2014 तक अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भाग कर आये हैं उन्हीं को नागरिकता देने के लिए यह संशोधन किया गया है. ऐसे शरणार्थियों में एक भी मुसलमान नहीं है. ये शरणार्थी या तो हिन्दू हैं या बौद्ध हैं या जैन हैं या सिख हैं या पारसी हैं या इसाई हैं.

विरोधियों के तर्क

  • विरोधी सरकार की व्याख्या से संतुष्ट नहीं हैं. उनके अनुसार संशोधन में धर्म के आधार पर भेदभाव किया गया है.
  • इस प्रकार यह अधिनियम संविधान की धारा 14 के विरुद्ध है, जिसमें समानता का अधिकार दिया गया है.
  • अधिनियम के माध्यम से अवैध आव्रजकों को नागरिकता देने का प्रयास हुआ है.
  • नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) में यह प्रावधान है कि किसी प्रवासी भारतीय नागरिक का पंजीकरण रद्द हो सकता है यदि वह किसी कानून का उल्लंघन करता है. इसमें उल्लंघन को ठीक से परिभाषित नहीं किया गया है, अतः मनमाने ढंग से व्याख्या कर के किसी भी प्रवासी भारतीय की नागरिकता समाप्त किये जाने का रास्ता खोल दिया गया है.

GS Paper 2 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues relating to development and management of Social Sector/Services relating to Health, Education, Human Resources, issues relating to poverty and hunger.

Topic : Swacch Survekshan league

संदर्भ

स्वच्छ सर्वेक्षण लीग, 2020 के जुलाई-सितम्बर अवधि के परिणाम प्रकाशित हो गये हैं. विदित हो कि यह सर्वेक्षण आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाता है.

ज्ञातव्य है कि वर्ष भर में तीन तिहाइयों के लिए अलग-अलग सर्वेक्षण किये जाते हैं – अप्रैल-जून, जुलाई-सितम्बर और अक्टूबर-दिसम्बर.

राज्यों का प्रदर्शन

  • इंदौर लगातार चौथी बार सबसे अधिक स्वच्छ नगर घोषित हुआ है.
  • इस बार स्वच्छता में दूसरा स्थान राजकोट का आया है जबकि पहली तिमाही में इस स्थान पर भोपाल था.
  • तीसरा स्थान नवी मुंबई का रहा जबकि इस स्थान पर पहली तिमाही में सूरत था.
  • चौथे स्थान पर बड़ौदा है.
  • पाँचवे स्थान पर भोपाल है.
  • छावनी बोर्डों में दिल्ली छावनी को इस बार पहला स्थान मिला है.
  • छावनी बोर्डों में सबसे बुरा प्रदर्शन सिकंदराबाद छावनी बोर्ड का हुआ है.

पहली तिमाही में शीर्ष पाँच शहर

  1. इंदौर
  2. भोपाल
  3. सूरत
  4. नासिक
  5. राजकोट

स्वच्छ सर्वेक्षण क्या है?

  • 2016 में सबसे पहली बार 73 नगरों में स्वच्छता की स्थिति की पड़ताल हुई थी और रैंकिंग दी गई थी.
  • 2017-18 में सर्वेक्षण के अन्दर आने वाले नगरों की संख्या बढ़ाकर 434 कर दी गई.

स्वच्छ सर्वेक्षण का उद्देश्य

  1. स्वच्छता कार्यक्रम में नागरिकों की प्रतिभागिता को प्रोत्साहित करने के लिए यह वार्षिक सर्वेक्षण किया जाता है.
  2. इस सर्वेक्षण के माध्यम से कचरा से मुक्ति और खुले शौच से मुक्ति के लिए उठाये गये क़दमों में सततता बनाई रखी जाती है.
  3. अपने नगर को कैसे स्वच्छ बनाएँ और इसके लिए समाज के विभिन्न वर्ग कैसे अपना सहयोग दें इस विषय में जागरुकता बढ़ाने के लिए भी यह सर्वेक्षण किया जाता है.

उपसंहार

यह कहने की आवश्यकता नहीं कि स्वच्छता यदि लानी है और उसे कारगर एवं टिकाऊ बनाना है तो प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य हो जाता है कि वह अपनी ओर से इसमें योगदान करें. कई लोग अपनी निजी साफ़-सफाई में ध्यान देते हैं, किन्तु जब सार्वजनिक एवं सामुदायिक स्वच्छता की बात आती है तो वे मुंह फेर लेते हैं. इस मानसिकता को बदले बिना स्वच्छ भारत का लक्ष्य प्राप्त करना संभव नहीं होगा.


GS Paper 3 Source: The Hindu

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UPSC Syllabus : Issues related to direct and indirect farm subsidies and minimum support prices; Public Distribution System objectives, functioning, limitations, revamping; issues of buffer stocks and food security; Technology missions; economics of animal-rearing.

Topic : PM – KISAN scheme

संदर्भ

भारत सरकार की मूर्धन्य योजना – प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना – के अंतर्गत 6 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में केंद्र सरकार 12,000 करोड़ रु. हस्तांतरित करने जा रही है.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना क्या है?

  • इस योजना के तहत दो हेक्‍टेयर त‍क के मिश्रित जोतों/स्‍वामित्‍व वाले पात्र छोटे और सीमान्त किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी.
  • यह धनराशि प्रति 2000 रुपये की तीन किस्‍तों में प्रदान की जाएगी.
  • इस योजना में 75,000 करोड़ रू. का व्यय अनुमानित है जिसका वहन 2019-20 में केंद्र सरकार करेगी.

छोटे और सीमान्त किसान परिवार कौन कहलायेंगे?

योजना के अंतर्गत छोटे और सीमान्त भूमिधारक परिवार उस परिवार को कहेंगे जिसमें एक पति, एक पत्नी और 18 वर्ष की उम्र तक वाले बच्चे होंगे और जिनके पास कुल मिलाकर 2 हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि होगी.

पीएम-किसान योजना के लाभ

  • योजना के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) की प्रक्रिया मानवीय हस्‍तक्षेप के बिना लाभार्थियों के बैंक खातों में पारदर्शी रूप से बिना किसी देर के डिजिटली प्रमाणिक भुगतान सुनिश्चित करती है.
  • भारत सरकार की योजनाओं के लिए समस्‍त भुगतान डीबीटी के जरिये किये जा रहे हैं.
  • पीएम-किसान योजना के अंतर्गत पब्लिक फाइनेंशियल मैंनेजमेंट सिस्टम (PFMS) द्वारा इतने कम अर्से में लाभार्थियों की विशाल संख्‍या के खातों में धनराशि के इलेक्‍ट्रॉनिक अंतरण का सफल परिचालन, पीएफएमएस की ऐतिहासिक उपलब्घि है, जिसने भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल को और ज्‍यादा मजबूती प्रदान की है.

राज्यों द्वारा संचालित समान कार्यक्रम

  • मध्य प्रदेश में भावान्तर भुगतान योजना चल रही है जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य और बाजार मूल्य के अंतर की राशि किसानों को दी जाती है.
  • तेलंगाना में रायतु बन्धु योजना लागू है जिसमें राज्य के सभी किसानों को खेती की हर ऋतु में 4,000 प्रति एकड़ का भुगतान किया जाता है.
  • कालिया एक ऐतिहासिक पहल है जो ओडिशा राज्य में कृषि गत समृद्धि बढ़ाने और निर्धनता घटाने में बहुत सहायता पहुँचाएगी. इसका दायरा बहुत बड़ा है और इसके द्वारा किये गये आर्थिक निवेश से उन किसानों और मजदूरों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ होगा जिन्हें पैसे की आवश्यकता रहती है. ये पैसे उन्हें प्रत्यक्ष लाभ स्थानान्तरण (Direct Benefit Transfer – DBT) दिए जाएँगे. इस योजना में यह प्रावधान भी है कि जिसके अनुसार राज्य के दस लाख भूमिहीन परिवारों को 12,500 रु. प्रति-इकाई लागत पर इन गतिविधियों के लिए आर्थिक सहायता दी जायेगी – बकरी पालन, बतख पालन, मत्स्य पालन, कुकुरमुत्ता उत्पादन और मधु पालन.

 Prelims Vishesh

What is Merchant Discount Rate? :-

  • केंद्र सरकार ने यह निर्णय किया है कि जनवरी, 2020 से 50 करोड़ रु. या उससे अधिक के टर्नओवर वाली कम्पनियों को RuPay डेबिट कार्ड और UPI QR कोड के माध्यम से ग्राहकों को भुगतान की सुविधा देनी होगी और इसके लिए ग्राहक अथवा व्यापारी से MDR शुल्क नहीं लिया जाएगा.
  • Merchant Discount Rate वह शुल्क है, जो दुकानदार डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर आपसे लेता है. दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान की सुविधा पर लगने वाला शुल्क है.
  • Merchant Discount Rate से प्राप्त राशि दुकानदार को नहीं मिलती है. कार्ड से होने वाले प्रत्येक भुगतान की एक खाश राशि को दुकानदार MDR के रूप में चुकानी पड़ती है.
  • अधिक जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें > Merchant Discount Rate in Hindi

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