Sansar डेली करंट अफेयर्स, 01 February 2021

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Sansar Daily Current Affairs, 01 February 2021


GS Paper 1 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Modern Indian history from about the middle of the eighteenth century until the present- significant events, personalities, issues.

Topic : Brahmabandhav Upadhyay

संदर्भ

1 फ़रवरी को ब्रह्मबांधव उपाध्याय की जयंती मनाई गई.

ब्रह्मबांधव उपाध्याय कौन थे?

  • भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार करने में भारतीय बौद्धिक मनीषियों ने अपनी महती भूमिका निभाई. इन्होंने अपने लेखों, पत्रिकाओं के माध्यम से जनमानस में क्रांतिकारी विचारों के साथ राष्ट्रवाद का संचार किया एवं इन्होंने जनचेतना को वृहद भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन के साथ जोड़ दिया.
  • ब्रह्मबान्धव उपाध्याय का वास्तविक नाम भवानीचरण बंधोपाध्याय था.
  • उन्होंने 1 फ़रवरी को बंगाल के एक प्रतिष्ठित ब्राह्मण परिवार में जन्म लिया.
  • वह विख्यात धर्म शास्त्री और रहस्यवादी के रूप में प्रसिद्ध थे. 
  • इनको हिंदुत्व का प्रबल ज्ञानी माना जाता था. इन्होंने इसाईयत का भी अध्ययन करने की ठानी और एक गिरिजाघर में जा कर ईसाइयत को समझने और जानने लगे .
  • ब्रह्मबांधव उपाध्याय ने गुरूदेव श्री रवींद्रनाथ टैगोर की शांति निकेतन की स्थापना में न केवल सहयोग दिया बल्कि वहां से प्रकाशित होने वाले कई सारे पत्रिकाओं का भी संपादन किया. इनके द्वारा अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाली सोफिया का संपादन किया गया एवं इन्होंने रविंद्र नाथ टैगोर की कविता का संग्रह ‘नैवेध’ की भी समीक्षा की थी.
  • स्वामी विवेकानंद की मृत्यु के उपरांत इन्होंने विवेकानंद के लक्ष्यों को आगे ले जाने का प्रण किया. इसी क्रम में उन्होंने इंग्लैंड जाकर सन 1902 में ऑक्सफोर्ड में तीन प्रवचन दिए जिनके शीर्षक थे –‘हिन्दू समाज-विज्ञान’, ‘हिन्दू नीति-शास्त्र’ तथा ‘हिन्दू धर्म में ईश्वरवाद’.
  • इन्होंने 1905 में 7 अगस्त को ‘संध्या’ नाम की पत्रिका प्रकाशित की. उल्लेखनीय है कि बंगाल में विप्लवपंथी पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन में ‘संध्या’ सबसे पहले प्रकाशित होने वाली विप्लवपंथी पत्रिका थी. ‘संध्या’ पत्रिका अरविन्द घोष के इंग्लिश दैनिक ‘वन्दे मातरम्’ और भूपेन्द्रनाथ दत्त के ‘युगांतर’ की तुलना में अधिक क्रांतिकारी थी. संध्या पत्रिका के द्वारा ब्रिटिश विरोधी भावनाओं को बढाने का इस कदर प्रसार किया गया कि ‘वंदे मातरम’ और ‘युगांतर’ भी लोकप्रियता में उससे पिछड़ने लगे.
  • स्वयं अपनी लेखनी से ब्रह्मबांधव ने लिखा था- “जो बम बन कर तैयार है, उनकी क्षमता और विस्फोटक भयंकरता अति प्रबल है! आवश्यक है कि अब प्रत्येक देशानुरागी उन बमों को अपने यहाँ ले आयें !”
  • इसके साथ ही ब्रह्मबांधव उपाध्याय ने ‘वन्देमातरम’ के प्रकाशन में भी अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया.
  • बंग भंग आंदोलन में ब्रिटिश विरोधी भावनाओं को भड़काने के आरोप में ‘संध्या’, ‘वंदे मातरम’ और ‘युगांतर’को संचालित करने वाले लोगों पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया गया. अंग्रेजो के द्वारा चलाए गए राजद्रोह के मुकदमे में जहां विपिनचंद्र पाल को छः माह का सश्रम कारावास, भूपेन्द्रनाथ दत्त को डेढ़ वर्ष का कारावास मिला तो वहीं 1907 ई. में ब्रह्मबांधव उपाध्याय ने तो अपनी आखिरी सांस ही बंदी के रूप में अस्पताल में तोड़ी.

GS Paper 2 Source : The Hindu

UPSC Syllabus : Effect of policies and politics of developed and developing countries on India’s interests, Indian diaspora.

Topic : Joint Comprehensive Plan of Action- JCPOA

संदर्भ

हाल ही में, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन (U.S. Secretary of State Antony Blinken) ने पुष्टि की है कि यदि ईरान वर्तमान में निष्क्रिय हो चुके संयुक्त व्यापक कार्य योजना / ‘ईरान परमाणु समझौता’ (Joint Comprehensive Plan of Action- JCPOA) की शर्तों का अनुपालन करने को राजी होता है, तो अमेरिका भी इस समझौते में फिर से शामिल हो जाएगा.

वर्ष 2018 में  ट्रम्प प्रशासन ने इस समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था.

JCPOA क्या है?

  • यह समझौता, जिसे ईरान परमाणु समझौता के नाम से भी जाना जाता है, ओबामा के कार्यकाल में 2015 में हुआ थी.
  • इरानियन आणविक डील इरान और सुरक्षा परिषद् के 5 स्थाई सदस्य देशों तथा जर्मनी के बीच हुई थी जिसेP5+1भी कहा जाता है.
  • यह डील ईरान द्वारा चालाये जा रहे आणविक कार्यक्रम को बंद कराने के उद्देश्य से की गई थी.
  • इसमें ईरान ने वादा किया था कि वह कम-से-कम अगले 15 साल तक अणु-बम नहीं बनाएगा और अणु-बम बनाने के लिए आवश्यक वस्तुओं, जैसे समृद्ध यूरेनियम तथा भारी जल के भंडार में भारी कटौती करेगा.
  • समझौते के तहत एक संयुक्त आयोग बनाया गया था जिसमें अमेरिका, इंग्लैंड, रूस, चीन, फ्रांस और जर्मनी के प्रतिनिधि थे. इस आयोग का काम समझौते के अनुपालन पर नज़र रखना था.
  • इस डील के अनुसार ईरान में स्थित आणविक केंद्र अमेरिका आदि देशों की निगरानी में रहेंगे.
  • ईरान इस डील के लिए इसलिए तैयार हो गया था क्योंकि आणविक बम बनाने के प्रयास के कारण कई देशों ने उसपर इतनी आर्थिक पाबंदियाँ लगा दी थीं कि उसकी आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई थी.
  • उल्लेखनीय है कि तेल निर्यात पर प्रतिबंध के कारण ईरान को प्रतिवर्ष करोड़ों पौंड का घाटा हो रहा था. साथ ही विदेश में स्थित उसके करोड़ों की संपत्तियां भी निष्क्रिय कर दी गई थीं.

अमेरिका समझौते से हटा क्यों था?

अमेरिका का कहना है कि जो समझौता वह दोषपूर्ण है क्योंकि एक तरफ ईरान को करोड़ों डॉलर मिलते हैं तो दूसरी ओर वह हमास और हैजबुल्ला जैसे आतंकी संगठनों को सहायता देना जारी किये हुए है. साथ ही यह समझौता ईरान को बैलिस्टिक मिसाइल बनाने से रोक नहीं पा रहा है. अमेरिका का कहना है कि ईरान अपने आणविक कार्यक्रम के बारे में हमेशा झूठ बोलता आया है


GS Paper 2 Source : The Hindu

UPSC Syllabus : India and its neighbourhood- relations.

Topic : Suggestions to repair sore bilateral relations

संदर्भ

हाल ही में, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने, वर्ष 2020 के लिए सीमा संकट के कारण ‘गंभीर रूर से अस्तव्यस्त’ हुए रिश्तों में ‘अत्याधिक तनाव’ का साल बताते हुए कहा है कि, भारत-चीन के आपसी रिश्तों को सुधारने के लिए ‘परस्पर सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हितों’ को मान्यता प्रदान करना सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है.

विदेश मंत्री ने मारत-चीन संबंधों में सुधार के लिए आठ सिद्धांतों को रेखांकित किया है.

पृष्ठभूमि

विगत वर्ष पूर्वी लद्दाख में हुए घटनाक्रम के उपरांत से भारत चीन संबंधों में कटुता उत्पन्न हो गई थी. वरिष्ठ कमांडर स्तर की वार्ता के 8वें दौर के दौरान ही उत्तरी सिक्किम के नाथू-ला में दोनों पक्षों के मध्य संघर्ष की एक और स्थिति उत्पन्न हो गई थी. इसके अतिरिक्त, वर्ष 2020 से पूर्व की “घटनाओं” ने भी दोनों देशों के मध्य सहयोग और प्रतिस्पर्धा के “द्वंद्व” को प्रतिबिंबित किया था. उदाहरण के लिए, चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादियों के संयुक्त राष्ट्र की सूची में सूचीकरण में अवरोध उत्पन्न किया था, साथ ही भारत की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) की सदस्यता का भी विरोध किया था. इस पृष्ठभूमि में, विदेश मंत्री ने उचित मार्गदर्शन हेतु आठ बिंदु प्रस्तावित किए हैं, जो दोनों देशों के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे.

आठ सिद्धांत

  1. सीमा प्रबंधन पर सभी समझौतों का सख्ती से पालन करना.
  2. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का पूर्ण सम्मान करना.
  3. बहु-ध्रुवीय एशिया, बहु-ध्रुवीय विश्व के आवश्यक घटकों में से एक है.
  4. एक-दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशीलता प्रकट करना.
  5. समग्र संबंधों को प्रोत्साहित करने के लिए सीमांत क्षेत्रों में शांति और धैर्य स्थापित करना.
  6. उदीयमान शक्तियों के रूप में, प्रत्येक की अपनी आकांक्षाएं भी हैं और उनके इस लक्ष्य की उपेक्षा भी नहीं की जा सकती है.
  7. परस्पर असहमतियों और मतभेदों का प्रबंधन आवश्यक है.
  8. दोनों सभ्य राज्यों को सदैव दूरदृष्टि रखनी चाहिए.

उन्होंने संबंधों को निर्धारित करने वाले कारकों के लिए तीन पारस्परिकताओं (mutuals), यथा- पारस्परिक सम्मान (mutual respect), पारस्परिक संवेदनशीलता (mutual sensitivity) और पारस्परिक हित (mutual interests) को प्रोत्साहन देने का सुझाव भी दिया..


GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : Functions and responsibilities of the Union and the States, issues and challenges pertaining to the federal structure, devolution of powers and finances up to local levels and challenges therein.

Topic : Rajasthan becomes the 5th State to complete Urban Local Bodies (ULB) reforms

संदर्भ

राजस्थान शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) सुधारों को सफलतापूर्वक लागू करने वाला देश का पांचवा राज्य बन गया है. यह सुधार वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा निर्धारित किए गए हैं. इसके साथ ही राजस्थान सुधारों से संबद्ध अतिरिक्त उधारी हासिल करने का पात्र हो गया है. इसके अनुसार व्यय विभाग द्वारा राज्य को खुले बाजार से उधारी द्वारा 2,731 करोड़ रुपए के अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने की अनुमति प्रदान कर दी गई है.

  1. राजस्थान के अलावा चार अन्य राज्यों आंध्र प्रदेशमध्य प्रदेशमणिपुर और तेलंगाना में भी इससे पहले शहरी स्थानीय निकाय सुधारों को सफलतापूर्वक पूरा किया है.
  2. यह सुधार वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा निर्धारित किए गए हैं.

निहितार्थ

  1. राजस्थान सुधारों से संबद्ध अतिरिक्त उधारी हासिल करने का पात्र हो गया है.
  2. इसके अनुसार व्यय विभाग द्वारा राज्य को खुले बाजार से उधारी द्वारा 2,731 करोड़ रुपए के अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने की अनुमति प्रदान कर दी गई है.

इन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए व्यय विभाग द्वारा निर्धारित सुधार हैं-

राज्य अधिसूचित करेंगे-

  1. शहरी स्थानीय निकायों में संपत्ति कर की आधार दरें जो कि मौजूदा सर्कल रेट (संपत्ति के लेनदेन के लिए मार्गदर्शी) के सुसंगत हो, और
  2. जलापूर्ति, निकासी, सीवरेज के प्रावधान से संबंधित उपयोगिता शुल्कों की आधार दरें जो वर्तमान लागत/पिछली मुद्रा स्फीति को परिलक्षित करती हों

राज्य संपत्ति कर/उपयोगिता शुल्कों की आधार दरों में मूल्य वृद्धि के अनुरूप समय-समय पर वृद्धि के लिए एक प्रणाली स्थापित करेंगे.

सुधारों के लिए तय चार नागरिक केंद्रित क्षेत्र इस प्रकार हैं

  1. इसके तहत एक राष्ट्र एक राशन कार्ड व्यवस्था लागू करना
  2. कारोबार में आसानी से जुड़े सुधार
  3. शहरी स्थानीय निकाय/उपयोगिता सुविधाओं में सुधार
  4. ऊर्जा क्षेत्र में सुधार

स्थानीय सरकार की अवधारणा

  • लोकतंत्र का सही अर्थ होता है सार्थक भागीदारी और उद्देश्यपूर्ण जवाबदेही. जीवंत और मज़बूत स्थानीय शासन भागीदारी और जवाबदेही दोनों को सुनिश्चित करता है.
  • सरल शब्दों में गाँव और ज़िला स्तर के शासन को ही स्थानीय स्वशासन कहते हैं.
  • स्थानीय स्वशासन की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता यह होती है कि यह देश के आम नागरिकों के सबसे करीब होती है और इसलिये यह लोकतंत्र में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करने में सक्षम होती है.
  • स्थानीय सरकार का क्षेत्राधिकार एक विशेष क्षेत्र तक सीमित होता है और यह उन्हीं लोगों के लिये कार्य करती है जो उस क्षेत्र विशेष के निवासी हैं.
  • स्थानीय सरकार राज्य सरकार के अधीन आती है और उसका नियंत्रण और पर्यवेक्षण भी राज्य सरकार द्वारा ही किया जाता है.

GS Paper 3 Source : The Hindu

UPSC Syllabus : Challenges to internal security through communication networks, role of media and social networking sites in internal security challenges, basics of cyber security; money-laundering and its prevention. Security challenges and their management in border areas; linkages of organized crime with terrorism

Topic : Anti-Terrorist Squads – ATS

संदर्भ

हाल ही में, गुजरात में पुलिस के आतंकवाद-निरोधी दस्ते ने एक 55 वर्षीय अफगान नागरिक को गिरफ्तार किया है जो पिछले 15 वर्षों से अहमदाबाद में अवैध रूप से रह रहा था.

इसी प्रकार, उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद-निरोधी दस्ते ने भी हाल ही में नोएडा से दो चीनी नागरिकों को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

अन्य संबंधित तथ्य

  • नोएडा से गिरफ्तार चीनी नागरिकों में एक महिला भी शामिल थी. इन दोनों को कथित तौर पर बैंक खाता खोलने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था.
  • इन बैंक खातों का प्रयोग आपराधिक गतिविधियों के लिए धन हस्तांतरण के लिए किया गया था.
  • उत्तर प्रदेश आतंकवाद-निरोधी दस्ते ने पहले से ही दोनों के विरुद्ध रेड कॉर्नर नोटिस और ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किए थे.
  • उल्लेखनीय है कि रेड कॉर्नर नोटिस वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी या उनके प्रत्यर्पण को प्राप्त करने के लिए किया जाता है. रेड कॉर्नर नोटिस एक ऐसे व्यक्ति को ढूंढने और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने का अनुरोध है जिसे आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया है.
  • वहीं दूसरी ओर, ब्लू कॉर्नर नोटिस के अंतर्गत आरोपी से पूछताछ के लिए आने को कहा जाता है. यह नोटिस इसलिए जारी किया जाता है ताकि जो व्यक्ति लापता है उसकी पहचान करके उसके बारे में जानकारी प्राप्त की जा सके. यह नोटिस इंटरपोल को भेजने के पश्चात् उनके प्रत्यर्पण के लिए कहा जाता है.
  • उपर्युक्त कार्यवाहियाँ संगठित अपराधों के साथ-साथ आतंकवादी गतिविधियों से निपटने में आतंकवाद निरोधक दस्तों (Anti-terrorist squads-ATS) की भूमिका को दर्शाती हैं.

आतंकवाद निरोधक दस्ता (Anti-terrorist Squads-ATS)

  • आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस-ATS) एक प्रकार के विशेष पुलिस बल है, जिसका गठन राज्य सरकारों द्वारा आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए किया जाता है.
  • इसका उद्देश्य संबंधित राज्यों के किसी भी हिस्से में संचालित हो रहे राष्ट्र-विरोधी तत्त्वों जैसे आतंकवादी समूहों, माफिया और अन्य संगठित अपराध सिंडिकेटों की गतिविधियों (नकली नोटों के रैकेट, मादक पदार्थों की तस्करी आदि) के विषय में जानकारी एकत्र करना और उनकी गतिविधियों को समाप्त करना है.
  • यह संगठन इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), रॉ (RAW) जैसी केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय में काम करता है.
  • एटीएस अन्य राज्यों की समकक्ष एजेंसियों के साथ भी संपर्क बनाए रखता है.

मेरी राय – मेंस के लिए

 

आतंकवादी किसी धर्म अथवा संप्रदाय या समुदाय के नहीं होते. आतंकवाद कुछ उग्र लोगों, जो अपने घृणित लक्ष्यों की प्राप्ति में निर्दोष नागरिकों की लक्षित हत्या का आश्रय लेते हैं, द्वारा प्रजातंत्र और सभ्य समाज पर हमला है. आज आतंकवाद ने आधुनिक संचार प्रणालियों, संगठित अपराध, मादक द्रव्य के अवैध व्यापार, जाली मुद्रा और वैश्विक स्तर पर इनके प्रयोग सहित विश्व-भर में अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थायित्व को खतरा पहुँचाते हुए नया तथा अधिक खतरनाक आयाम प्राप्त कर लिया है. इसीलिये आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग अनिवार्य है. भारत आतंकवाद के सबसे अधिक पीड़ितों में से एक रहा है मगर हमारे समाज ने सांप्रदायिक सौहार्द और सामाजिक तालमेल बनाए रखते हुए बारंबार एवं बेलगाम आतंकवादी हमलों के समय अभूतपूर्व जीवटता तथा समुत्थान शक्ति प्रदर्शित की है. आतंकवाद-रोधी कार्यनीति को यह मानना चाहिये कि आतंकवाद कार्य न केवल निर्दोषों को बर्बाद करता है परंतु हमारे समाज को विभाजित करता है, लोगों के मध्य मतभेद उत्पन्न करता है और समाज के ताने-बाने को अत्यधिक क्षति भी पहुँचाता है.


Prelims Vishesh

National Informatics Centre Services Incorporated (NICSI) celebrates 25 years of establishment :-

  • NICSI ने अपनी स्थापना की 25वीं वर्षगाँठ मनाई.
  • NICSI राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC), इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम है.
  • इस अवसर के दौरान, निम्नलिखित उत्पादों को प्रारंभ किया गया :-

तेजस (Tejas)- यह एक आभासी आसूचना उपकरण (वर्चुअल इंटेलिजेंस टूल) है. यह अधिकारियों के लिए विश्लेषणात्मक रिपोर्ट तैयार करने हेतु महत्त्वपूर्ण डेटा विश्लेषण प्रदान करता है.

ई-नीलामी भारत (e-Auction India)- यह सरकारी विभागों की नीलामी संबंधी इलेक्ट्रॉनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है.

वर्क फ्रॉम एनीवेयर पोर्टल (Work from AnyWhere Portal)- यह सरकारी कर्मचारियों के लिए प्रमुख एप्लीकेशंस तक पहुँच में वृद्धि करेगा. साथ ही, उन तक पहुँच को आसान भी बनाएगा.


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