“भारत सीरीज” के पंजीकरण चिह्न संबंधी नए नियम

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सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने “भारत सीरीज़” के पंजीकरण चिह्न सम्बंधी नियमों में संशोधनों को अधिसूचित करने के लिये 14 दिसंबर, 2022 को एक अधिसूचना जारी की है।

“भारत सीरीज़” के पंजीकरण चिह्न से सम्बंधित नए नियम

  • अब बीएच शृंखला पंजीकरण चिह्न युक्त वाहनों की बिक्री उनका मालिक बीएच शृंखला चिह्न के योग्य या अयोग्य किसी अन्य व्यक्ति को भी कर सकता है।
  • जिन वाहनों पर अभी सामान्य पंजीकरण चिह्न मौजूद है, उन वाहनों को भी बीएच शृंखला पंजीकरण चिह्न में बदला जा सकता है। इसके लिये वांच्छित टैक्स का भुगतान करना होगा, ताकि लोग बीएच पंजीकरण चिह्न के लिये पात्र बन जायें।
  • लोगों की जीवन सुगमता के लिये नियम 48 में संशोधन का प्रस्ताव है, ताकि लोगों को अपने निवास अथवा कार्यस्थल पर बीएच शृंखला के लिये आवेदन देने की सुविधा मिल सके।
  • दुरुपयोग की रोकथाम को और मजबूत बनाने के लिये निजी सेक्टर के कर्मचारियों द्वारा कार्य-प्रमाणपत्र देय होगा।
  • अपने शासकीय पहचान-पत्र के अलावा सरकारी कर्मचारी अब अपने सेवा प्रमाणपत्र के आधार पर भी बीएच शृंखला पंजीकरण चिह्न प्राप्त कर सकते हैं।

प्रमुख बिंदु

उल्लेखनीय है कि अगस्त 2021 में केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने अलग-अलग राज्यों में निजी वाहनों के हस्तांतरण की प्रक्रिया को आसन बनाते हुए एक नई देशव्यापी सीरीज़ “भारत सीरीज़ (BH – Series)” के सम्बन्ध में अधिसूचना जारी की थी।

इसके बाद अब वाहन मालिकों को अलग राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में शिफ्ट होने पर अपने वाहन का पुन: पंजीकरण नहीं करवाना पड़ेगा। नई अधिसूचना के तहत 10 लाख तक कीमत वाले वाहनों के लिए रोड टैक्स 8%, 10-20 लाख कीमत वाले वाहनों के लिए 10% तथा 20 लाख से अधिक के लिए 12% होगा।

डीजल वाहनों के लिए अतिरिक्त 2% चार्ज देना होगा जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 2% टैक्स छूट दी जाएगी। टैक्स का भुगतान 2 के गुणक वर्षों के लिए, अधिकतम 14 वर्षों के लिए किया जा सकेगा।

सीरीज़ YY BH 4144 XX के फोर्मेट में होगी। इसमें YY (वर्ष) – BH (सीरीज़ कोड) – वाहन संख्या – XX (अल्फाबेट्स) शामिल होंगे। केंद्र/राज्य सरकार के कर्मचारी, आर्मी, सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों एवं चार या अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में ऑफिस वाले निजी संस्थानों के लिए यह पंजीकरण सुविधा स्वैच्छिक होगी। इस प्रकार इन नियमों से उन लोगों को लाभ होगा जो नौकरी और काम के सिलसिले में प्रायः एक राज्य से दूसरे राज्य में आते-जाते रहते है।

पिछली व्यवस्था

ज्ञातव्य है कि भारत सीरीज से पहले की व्यवस्था में मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के सेक्शन 47 के अनुसार यदि किसी वाहन को उसके पंजीकरण वाले राज्य से भिन्‍न किसी दूसरे राज्य में अधिकतम 1 वर्ष तक रखा जा सकता है, इसके बाद उसके उपयोग के लिए उसी राज्य में पंजीकृत करवाना होगा। इस पंजीकरण की प्रक्रिया में कई जटिलताएं विद्यमान है, जिनमें मूल राज्य का नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट तथा मूल राज्य से शेष बचे हुए वर्षों के रोड टैक्स के रिफंड की रसीद जैसे कई डॉक्यूमेंटों की आवश्यकता होती है।

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