पाठकों से आग्रह – Request to all Readers

Sansar LochanUncategorized

कई दिनों से यह बात मैंने अपने दिल में दबाई हुई थी. मैं आप लोगों को कहना अनुचित समझ रहा था क्योंकि आप लोग पढ़ाई में व्यस्त रहते हो. हमारा काम ज्ञान बाँटना है और अपने ज्ञान को उन वर्गों तक पहुँचाना है जो दिल्ली में स्थित प्रतिष्ठित संस्थानों में लाखों रुपये खर्च करने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं. हमने यह वेबसाइट इसलिए खोला ही था जिससे हिंदी माध्यम के छात्रों को सभी स्टडी मटेरियल ऑनलाइन मिल जाए. नहीं तो सभी लोग इंग्लिश में वेबसाइट बनाते हैं और कोर्स बेचकर अच्छे-खासे पैसे बनाते हैं क्योंकि इंग्लिश माध्यम के छात्रों की संख्या हिंदी माध्यम की तुलना में कई गुना अधिक है.

पर ख़ुशी की बात यह है कि मेरे हिंदी माध्यम के छात्र भले ही कम हों पर जो भी हैं, वे बहुत प्यारे और निष्ठावान् हैं. आप लोग मुझ पर विश्वास करते हैं. मेरे कंटेंट को प्यार करते हैं. और इसलिए हमारी वेबसाइट एक साल के अन्दर उन संस्थानों के समकक्ष पहुँच गयी है जो करोड़ों खर्च करके इंग्लिश मीडियम में वेबसाइट चलाते हैं और उनके कोचिंग संस्थान हर शहरों में व्याप्त हैं.

अब आप जानते हैं कि यदि कोई ऊपर आने की कोशिश करता है तो ऊपर वाले लोग उसे दबाने का काम करने लगते हैं. दरअसल यह तो प्रकृति का नियम है. जब आप भी ऑफिसर बनिएगा या कोई बड़ा पद आपको मिलेगा तो आपको दबाने वाले भी पैदा हो जाएँगे जो पहले से उस पद में अपना दबदबा बनाए हुए थे.

मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. हमारी वेबसाइट आपकी कृपा से गूगल में अच्छी रैंक कर रही है और हमारी वेबसाइट उन लोगों से पंगा लेने लगी है जो लाखो रुपये गूगल को देकर अपनी वेबसाइट को फर्स्ट पेज में रैंक करवाते हैं.

दरअसल हुआ क्या?

तीन-चार महीने पहले मुझे कुछ कोचिंग संस्थानों से कॉल और मेल आ रहे थे कि आप अपने छात्रों को कहो कि वे मेरे संस्थान को ज्वाइन करें. आपकी बात तो सब मानते हैं इसलिए आपके कहने मात्र से आपके छात्र भारी संख्या में एडमिशन ले लेंगे क्योंकि अभी एडमिशन का सीजन चल रहा है. यदि आप हमारा टेस्ट सीरीज अपने छात्रों को दिलवा देते हो तो  इसके बदले में हम आपको प्रत्येक छात्र द्वारा दिए गये एडमिशन चार्ज का 65% देंगे.

एक तो मुझे “सीजन” शब्द से काफी तकलीफ है. यह “सीजन” क्या है ! शिक्षा जगत् में ये सारे शब्द बहुत ही छिछोरे प्रतीत होते हैं. ऐसा लगने लगता है कि छात्र ..छात्र नहीं, कोई प्रोडक्ट हों, जिसे पकड़ कर लाओ और उन्हें बेच दो.

हाँ, तो मैंने उनसे कहा कि मैं ऐसा दलाली वाले काम नहीं करता हूँ. यदि आपका संस्थान अच्छा है तो छात्र खुद आपस में फीडबैक लेकर आपके पास आएँगे. उसके बाद, कई दिनों तक मेरे पास कई कॉल आये, कई मेल आये. मैं सबको इग्नोर करता रहा.

कमाल तो तब हुआ जब इन संस्थानों ने मिलकर मेरी वेबसाइट को दबाने की कोशिश की. उन्होंने गूगल को पैसे देकर उन “कीवर्ड” को खरीद लिया जिसमें मेरा वेबसाइट फर्स्ट रैंक करता था. देखते-देखते एक सप्ताह के अन्दर मेरी वेबसाइट गूगल के तीसरे, चौथे पेज पर चली गई. (विदित हो कि “कीवर्ड” का अर्थ यहाँ उन “search term” से है जिसके विषय में आप कुछ जानने के लिए गूगल में सर्च करते हो ).

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मुझे यह सब देखकर बहुत दुःख हुआ कि मेरी सालों की मेहनत एक क्षण में बर्बाद हो गयी. सबसे बड़ी बात है कि मुझे शैक्षणिक जगत् से इस प्रकार के दुर्व्यवहार की अपेक्षा बिल्कुल नहीं थी.

आपसे मैं क्या चाहता हूँ?

मेरे प्यारे भाइयों, बहनों …आपसे बस यही इच्छा है कि आप इस वेबसाइट के कंटेंट को ज्यादा से ज्यादा Whatsapp और Facebook में शेयर किया करें. हमारे पास इतने पैसे नहीं कि हम गूगल को पैसा देकर अपनी वेबसाइट फिर से फर्स्ट पेज पर ला सकें.

इसलिए इस वेबसाइट का भविष्य सिर्फ आपके हाथ में है. आप हमारे कंटेंट को अधिक से अधिक शेयर करके मेरी मुश्किलों को दूर कर सकते हो. आप रोजाना हमारे पोस्ट को शेयर करो. जब भी मैं कुछ डालूँ, उसको अपने Whatsapp group या Facebook में आप शेयर कर दिया करो…यदि आप ऐसा लगातार एक महीने करते हो तो शायद मेरी वेबसाइट उन शिक्षा को बेचने वालों से फिर से आगे आ सकेगी जो इस वेबसाइट के विनाश के इंतज़ार में हैं.

एक और आग्रह है आपसे. आप जब भी हमारी वेबसाइट पर आते हो….या तो आप ई-मेल में मिले notification से आते होगे या आपके मोबाइल पर notification आता होगा….वह तो ठीक है. पर यदि आप नीचे दिए गए “कीवर्ड” को गूगल में टाइप करके आते हो तो हमारे लिए सोने पर सुहागा होगा. गूगल समझ जाएगा कि इस कीवर्ड की डिमांड अधिक है और लोग इनको सर्च करके संसार लोचन डॉट इन पर फिर से आने लगे हैं. कुछ keyword हैं –

  • Current Affairs in Hindi  (इस कीवर्ड से मेरी वेबसाइट गूगल के दूसरे पेज पर आ रही है, जबकि पहले फर्स्ट पेज में आती थी)
  • IAS study material in Hindi (इस कीवर्ड से मेरी वेबसाइट गूगल के पहले पेज के अंत में आने लगी है, जबकि यह टॉप पर आती थी)
  • Ias in hindi (पहले फर्स्ट पेज,अब दूसरे पेज पर ठेल दिया गया).
  • Ias preparation in hindi  (इस कीवर्ड से मेरी वेबसाइट गूगल के पहले पेज के अंत में आने लगी है, जबकि यह टॉप पर आती थी)
  • Ias books in hindi  (इस कीवर्ड से मेरी वेबसाइट फर्स्ट पेज के लास्ट में आ रही है, जबकि यह टॉप पर आती थी)
  • UPSC books in hindi (पहले टॉप पर, अब दूसरे पेज पर)

इस प्रकार आपने देख लिया कि किस तरह मुझे परास्त करने के लिए कौरवों ने गूगल को खरीद लिया है. अब मैं या तो अभिमन्यू बन लड़ाई करते हुए मारा जाऊं या कृष्ण का नारायणास्त्र छोड़कर युद्ध का अंत ही कर दूँ.

मेरे लिए मेरा नारायणास्त्र आप हो. आप इन सब कीवर्ड को सर्च करके मेरी वेबसाइट पर आओ. बस एक महीने की बात है. आप जब भी हमारा वेबसाइट देखना चाहो तो गूगल में सर्च करके ही आया करो. हो सकता है कि आपको तकलीफ हो क्योंकि मेरी वेबसाइट को खोजने के लिए आपको गूगल में इधर-उधर भटकना पड़ेगा. पर आपसे यह मैं आशा रखता हूँ कि आप मेरी मदद इस विपरीत परिस्थिति में जरुर करेंगे.

दोस्तों! जब भी आप हमारी वेबसाइट में आना चाहें तो गूगल में सर्च करके आयें और हमारे पोस्ट को रोज़ शेयर करें. बस एक महीने की बात है. आपको वेबसाइट की स्टेटस अपडेट करता रहूँगा.

धन्यवाद!

सम्पादक

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(संसार लोचन )

 

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