सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जा से बेदखली) संशोधन विधेयक, 2019

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संसद ने पिछले दिनों सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जा से बेदखली) संशोधन विधेयक, 2019 [Public Premises (Eviction of Unauthorised Occupants) Amendment Bill, 2019] पारित कर दिया है.

सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जा से बेदखली) संशोधन विधेयक, 2019 की मुख्य बातें

  • यह विधेयक सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जा से बेदखली) अधिनियम, 1971 को संशोधित करता है.
  • बेदखली की सूचना : इस विधेयक में आवासीय परिसर से बेदखली की प्रक्रिया से सम्बन्धित प्रावधान जोड़ा गया है. इस प्रावधान के अनुसार यदि कोई व्यक्ति सरकारी आवास पर अनधिकृत कब्जा किए हुए है तो केन्द्रीय सरकार का सम्पदा अधिकारी उसको लिखित सूचना निर्गत करेगा जिसमें यह लिखा होगा कि वह व्यक्ति तीन दिनों के भीतर-भीतर यह बताये कि उसे उस आवास से क्यों नहीं निकाला जाए. आवश्यक हो तो यह सूचना विहित प्रक्रिया के साथ सम्बंधित आवास के किसी ऐसे भाग पर चिपका दिया जाएगा जो सब को दिखाई पड़े.
  • बेदखली का आदेश : कब्जेदार द्वारा दिए गये उत्तर पर विचार कर के और यदि आवश्यक हो तो अन्य जाँच-पड़ताल कर के सम्पदा अधिकारी बेदखली का आदेश निकालेगा. यदि कब्जेदार आदेश का अनुपालन नहीं करता है तो सम्पदा अधिकारी उस व्यक्ति को सरकारी आवास से बेदखल करके उस पर अपना कब्जा ले लेगा. इसके लिए वह पुलिस का भी उपयोग कर सकता है.
  • क्षति का भुगतान : यदि अनधिकृत कब्जेदार बेदखली के आदेश न्यायालय में चुनौती दे देता है तो भी उसे हर महीने क्षतिपूर्ति का भुगतान करना पड़ेगा.

प्रभाव

  • सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जा से बेदखली) संशोधन विधेयक के अधिनियम बन जाने से सरकारी आवासों पर अनधिकृत कब्जा को सुचारू रूप से और तेजी से हटाने में सहायता मिलेगी. बेदखली के बाद खाली हुए आवासों को प्रतीक्षा सूची के अनुसार दूसरे योग्य व्यक्तियों को आवंटित कर दिया जाएगा.
  • नए अधिनियम के लागू होने पर सरकारी आवास मिलने में लगने वाला समय पहले से घट जाएगा.

पृष्ठभूमि

भारत सरकार सरकारी आवासों पर अनधिकृत कब्जा हटाने के लिए सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जा से बेदखली) अधिनियम, 1971 का सहारा लेती है, किन्तु कई ऐसे मामले होते हैं जिनमें बेदखली की प्रक्रिया असामान्य रूप से लम्बी हो जाती है और कई पात्रता रखने वाले कर्मचारी बिना सरकारी आवास के रह जाते हैं. इसी बात को दृष्टि में रखते हुए इस अधिनियम में 2015 में भी एक संशोधन किया गया था जिसमें यह प्रावधान किया गया था कि बेदखली की प्रक्रिया 5 से 7 सप्ताह में पूरी हो जानी चाहिए. परन्तु जैसा कि सर्वविदित है कि इस समय-सीमा का कभी पालन नहीं हुआ और बेदखली में कई बार वर्षों लग जाते हैं.

Tags : Public Premises (Eviction of Unauthorised Occupants) Amendment Bill, 2019 in Hindi for UPSC.

About the Author

Ruchira

रुचिरा जी हिंदी साहित्यविद् हैं और sansarlochan.IN की सह-सम्पादक हैं. कुछ वर्षों तक ये दिल्ली यूनिवर्सिटी से भी जुड़ी रही हैं. फिलहाल ये SINEWS नामक चैरिटी संगठन में कार्यरत हैं. ये आपको केंद्र और राज्य सरकारी योजनाओं के विषय में जानकारी देंगी.

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