प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY)

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10 सितंबर को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana – PMMSY) की दूसरी सफल वर्षगांठ मनाई गई।

ज्ञातव्य है कि 10 सितंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) का शुभारंभ किया था।

UPSC Syllabus – यह टॉपिक GS Paper 2 या GS Paper 3 के अन्दर क्रमशः केंद्रीय क्षेत्र की योजना और संसाधनों का संग्रहण व वृद्धि एवं विकास के अंतर्गत आ सकता है.

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के बारे में

  • PMMSY का लक्ष्य, भारत में मत्स्य क्षेत्र के सतत और जिम्मेदार विकास के माध्यम से नीली क्रांति लाना है।
  • इस योजना का मुख्य आदर्श वाक्य (motto line) मत्स्य पालन क्षेत्र में ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ है।
  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य मत्स्य उत्पादन में अतिरिक्त 70 लाख टन की वृद्धि करना और वर्ष 2024-25 तक मत्स्य निर्यात आय को बढ़ाकर 1 लाख करोड़ रुपये करना है.
  • इस योजना पर अनुमानत: 20,050 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
  • इसका कार्यान्वयन वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 20-21-25 तक सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में “आत्मनिर्भर भारत पैकेज” के एक भाग के रूप में किया जायेगा।
  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से 2024-25 के अंत तक अनुमानित 68 लाख रोजगार सृजित होने की परिकल्पना की गई है।
  • सागरमाला पहल के अंतर्गत सभी समुद्र तटवर्ती राज्यों को समाविष्ट करते हुए तटीय आर्थिक क्षेत्र (Coastal Economic Zones: CEZs) विकसित किए जा रहे हैं.

pradhan mantri matsya sampada yojana

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना / PMMSY योजना की उपलब्धियाँ

  • मछली उत्पादन जो 2019-20 में 141.64 लाख टन था वह 2021-22 में सर्वकालिक उच्च स्तर 161.87 लाख टन (अनंतिम) पर पहुंच गया।
  • इसी तरह निर्यात में भी हमने 13.64 लाख टन के सर्वाधिक निर्यात स्तर को हासिल कर लिया है, जिसका मूल्य 57,587 करोड़ रुपये (7.76 बिलियन अमरीकी डॉलर) है, जो झींगा के निर्यात के प्रभुत्व को दर्शाता है। मौजूदा में हम 123 देशों को निर्यात कर रहे हैं।
  • समुद्री मात्स्थिकी के विकास के लिए गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले 276 जहाजों को खरीदने की स्वीकृति दी गई है और खरीददारी शुरू कर दी गई है।
  • सरकार ने मछुआरों, मछली किसानों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), संयुक्त देयता समूहों, महिला समूहों आदि को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) प्रदान किए हैं।
  • लंबे समय तक समुद्री मछली उत्पादन का भारत के कुल मछली उत्पादन में वर्चस्व था। हालांकि, वर्ष 2019 में विज्ञान-आधारित प्रथाओं और प्रौद्योगिकी को अपनाने के साथ, मछली उत्पादन में 74 प्रतिशत अंतर्देशीय मत्स्य पालन और शेष 26 प्रतिशत समुद्री मत्स्य पालन का योगदान रहा था।

नीली अर्थव्यवस्था

  • नीली अर्थव्यवस्था से अभिप्राय आर्थिक विकास, बेहतर आजीविका और रोजगार के लिए महासागरीय संसाधनों का सतत उपयोग करते हुए महासागर पारिस्थितिकी-तंत्र के स्वास्थ्य को संरक्षित करने से है.
  • भारत की कुल अर्थव्यवस्था में नीली अर्थव्यवस्था की भागीदारी 4.1% है.
  • मत्स्य पालन, गहरे समुद्र में खनन और अपतटीय तेल एवं गैस भारत की नीली अर्थव्यवस्था के बड़े घटक हैं.

नीली अर्थव्यवस्था की संभावनाओं को प्राप्त करने के लिए भारत द्वारा किए गए उपाय

  • पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (जहाज़रानी मंत्रालय, भारत सरकार -Ministry of Ports, Shipping and Waterways / MoPSW) द्वारा सागरमाला परियोजना को प्रारंभ किया गया है.
  • यह परियोजना बंदरगाहों के आधुनिकीकरण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं के व्यापक उपयोग के माध्यम से बंदरगाह आधारित विकास (port-led development) सुनिश्चित करने वाली एक रणनीतिक पहल है.

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