हाल ही में इस्लामिक सहयोग संगठन (Organisation of Islamic Cooperation – OIC) महासचिव हीसैन ब्राहिम ताहा द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की ओर से लाइन ऑफ़ कंट्रोल तक की यात्रा के लिए भारत द्वारा विरोध किया गया है।
इस्लामिक सहयोग संगठन (Organisation of Islamic Cooperation – OIC)
- यह विश्व के सभी इस्लामी देशों का एक संगठन है.
- संयुक्त राष्ट्र संघ के बाद यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अंतर-सरकारी संगठन है.
- इस संगठन की स्थापना 1969 में हुई थी.
- आज इसमें सदस्य देशों की संख्या 57 है.
- इसका मुख्यालय जेद्दा, सऊदी अरब में है.
- OIC का एक-एक प्रतिनिधिमंडल स्थाई रूप से संयुक्त राष्ट्र संघ और यूरोपियन यूनियन में प्रतिनियुक्त है.
- इस संगठन का उद्देश्य इस्लामी विश्व की सामूहिक आवाज के रूप में काम करना तथा मुसलमानों के हितों की रक्षा करना है.
- निर्गुट आन्दोलन (Non-Aligned Movement – NAM) के समान यह संगठन भी एक दन्तविहीन बाघ है जो सदस्य देशों के बीच होने वाले मसलों पर कुछ नहीं कर पाता.
OIC का भारत के लिए महत्त्व
- भारत का यह दावा रहा है कि उसे भी इस संगठन का एक सदस्य बनाया जाए क्योंकि भारत में मुसलमानों की आबादी कई देशों की तुलना में अधिक है.
- OIC के बहुत से देशों के साथ भारत के महत्त्वपूर्ण व्यापारिक रिश्ते हैं इस संगठन में भारत की सदैव रूचि रही है. पिछली बैठक में भारत को OIC की बैठक में एक सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित भी किया गया था.
- परन्तु पिछले दिनों हुई बैठक में OIC भारत के हितों को दरकिनार करते हुए कश्मीर से भी एक प्रतिनिधि को आमंत्रित किया जिसका भारत की ओर से कठोर प्रतिरोध हुआ.
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