हाल ही में राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (National Pharmaceutical Pricing Authority – NPPA) के रजत जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर “फार्मा उचित मूल्य 2.0″ एप लांच की गई. यह उपभोक्ता शिकायत प्रबंधन प्रणाली के साथ वाणी प्रतिअभिज्ञान (स्पीच रिकग्नीशन) की सुविधा से युक्त है।
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यह टॉपिक स्वास्थ्य सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप के अंतर्गत आएगा.National Pharmaceutical Pricing Authority – NPPA
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA)
NPPA विशेषज्ञों से मिलकर बना, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के औषध विभाग से सम्बद्ध स्वायत्त निकाय है, जिसका गठन वर्ष 1997 में किया गया था।
NPPA के कार्य
- यह औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश (Drug Price Control Order – DPCO) के प्रावधानों को लागू करता है।
- यह देश के लिये स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक दवाओं (National List of Essential Medicines – NLEM) एवं उत्पादों की कीमतों को नियंत्रित करता है.
- इसके अन्य कार्यों में विनियंत्रित थोक औषधियों व फॉर्मूलों का मूल्य निर्धारित व संशोधित करना, दवा कंपनियों के उत्पादन, आयात-निर्यात और बाज़ार हिस्सेदारी से जुड़े डेटा का रख-रखाव करना आदि शामिल है।
मूल्य निर्धारण तंत्र कैसे काम करता है?
- आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची ( National List of Essential Medicines – NLEM) के अंतर्गत आने वाली सभी दवाओं के मूल्य का विनियमन होता है.
- NLEM बुखार, संक्रमण, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, एनीमिया आदि के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं को सूचीबद्ध करता है. इन दवाओं में आमतौर पर प्रयोग की जाने वाली दवाएं जैसे पैरासिटामोल, एजिथ्रोमाइसिन आदि शामिल हैं।
- स्वास्थ्य मंत्रालय मूल्य विनियमन के लिए योग्य दवाओं की एक सूची तैयार करता है, जिसके बाद फार्मास्युटिकल विभाग उन्हें डीपीसीओ की अनुसूची 1 में शामिल करता है।
- बाद में एनपीपीए इस अनुसूची में दवाओं की कीमतें तय करता है।
औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत, दवाओं को अनुसूचियों में वर्गीकृत किया जाता है और उनके भंडारण, प्रदर्शन, बिक्री, वितरण आदि के लिए विनियम निर्धारित किए जाते हैं।
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