प्रतिवर्ष 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस (national energy conservation day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य ऊर्जा दक्षता और संरक्षण में देश की उपलब्धियों को दिखाना है। इस दिवस का आयोजन केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा वर्ष 1991 से किया जा रहा है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा विकसित एक मोबाइल एप्लीकेशन का शुभारम्भ किया जायेगा. यह एप निकटतम सार्वजनिक ईवी चार्जर के लिए इन व्हेकिल नेवीगेशन सुविधा प्रदान करता है।
ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रमुख प्रावधान
- ऊर्जा संरक्षण अधिनियम को वर्ष 2001 में भारतीय अर्थव्यवस्था पर ऊर्जा सघनता में कमी लाने के लक्ष्य से लागू किया गया था।
- इसके कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने लिये वर्ष 2002 में केंद्रीय स्तर पर एक वैधानिक निकाय के रूप में ‘ऊर्जा दक्षता ब्यूरो’ (BEE) की स्थापना की गई थी।
- यह अधिनियम ऊर्जा संरक्षण हेतु कई कार्यों के लिये नियामकीय अधिदेश प्रदान करता है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं :-
- उपकरण और यंत्रों का मानक निर्धारण और उनकी लेबलिंग: इस योजना की शुरुआत वर्ष 2006 में की गई थी। यह उपभोक्ता को ऊर्जा की बचत के बारे में एक विकल्प प्रदान करता है और इस प्रकार संबंधित उत्पाद की लागत बचत क्षमता भी प्रदान करता है।
- वाणिज्यिक भवनों के लिये ऊर्जा संरक्षण भवन कोड (ECBC): यह 100 किलोबॉट (kW) के संयोजित लोड या 120 kVA (किलोवोल्ट-एम्पीयर) और उससे अधिक की अनुबंधित मांग वाले नए वाणिज्यिक भवनों के लिये न्यूनतम ऊर्जा मानक निर्धारित करता है।
- ऊर्जा गहन उद्योगों के लिये ऊर्जा की खपत के मानदंड
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