केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में जन परामर्श के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत लाये गये, नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (Ncrf 2022) के प्रारूप (draft) को प्रस्तुत किया।
UPSC Syllabus: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCRF) के लाभ
विभिन्न हितधारकों के लिए नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCRF) के प्रस्तावित लाभ इस प्रकार हैं:
छात्रों के लिए:
ये ढांचा मल्टीपल एंट्री और एक्जिट/कामकाज के विकल्पों के प्रावधानों के जरिए अध्ययन/पाठ्यक्रम की अवधि में लचीलापन सुनिश्चित करेगा और साथ ही शैक्षणिक, व्यावसायिक और अनुभवात्मक शिक्षा सहित सभी सीखने के घंटों के क्रेडिटकरण का मार्ग प्रशस्त करेगा.
यह आजीवन सीखने का प्रावधान भी देगा- अर्थात् किसी भी समय कहीं भी सीखना।
यह छात्रों की इस प्रकार सहायता करेगा:
- लचीले पाठ्यक्रम के साथ बहु-विषयक और समग्रतापूर्ण शिक्षा की स्थापना
- शिक्षा के विषयों के बीच के कठिन भेद को दूर करना और अध्ययन के चुनावों को सम्मानजनक बनाना, एक ही पीरियड में एक से अधिक की अनुमति देना
- कला, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य आदि के भेद को दूर करना
- प्रत्येक शिक्षा/कौशल/अनुभव के लिए छात्र को क्रेडिट देना
- बुनियादी और संज्ञानात्मक दोनों को सम्मिलित करके मूल शिक्षा के दायरे को बढ़ाना
संस्थानों के लिए:
राष्ट्रीय क्रेडिट ढांचा बहु-विषयक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों में एकीकरण लाएगा, जिससे छात्रों के ज्ञान का विविध और समृद्ध आधार तैयार होगा। इसमें भी मदद मिलेगी –
- संस्थानों के बीच मजबूत सहयोग को बढ़ावा देना
- क्रेडिट तंत्र को सरल और एक समान बनाना
- डिजिटल लर्निंग, ब्लेंडेड लर्निंग और ओपन डिस्टेंस लर्निंग को प्रोत्साहन देना
- संस्थागत बुनियादी ढाँचे का लाभ उठाना
सरकार के लिए:
उम्मीद है कि ये ढांचा छात्रों के नामांकन में बढ़ोतरी करने, जनसांख्यिकीय लाभांश का पूरक बनने और भारत को विश्व की कौशल राजधानी में तब्दील करने के नेशनल विजन को पूरा करने में सरकार की सहायता करेगा। ये निम्न कार्य भी करेगा:
- व्याक्सायिक शिक्षा और प्रशिक्षण/कौशल को आकांक्षापूर्ण बनाना
- आत्मनिर्भर भारत के लिए उच्च शिक्षित और प्रशिक्षित कार्यबल
उद्योगों के लिए:
उद्योगों द्वारा विकसित एनएसक्यूएफ-अनुमोदित बुनियादी कौशल प्राप्त करने और ज्यादा रोजगारपरक बनने में ये ढांचा छात्रों की मदद करेगा। इसमें जो माइक्रो-क्रेडेशियल्स का प्रावधान है वह त्वरित शैक्षिक उन्नयन/अप-स्किलिंग के एकीकरण की अनुमति देगा। इससे निम्न में भी सहायता मिलेगी:
- मौजूदा कर्मचारियों/इंजीनियरों की री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग
- अध्ययन के एक ज्यादा समग्रतापूर्ण डिजाइन को सक्षम करके छात्रों को ज्यादा रोजगारपरक बनाना
- रोजगार योग्य युवाओं का बहु/अंतर-क्षेत्रीय स्किल पूल बनाना