वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) 2022

Sansar LochanSocialLeave a Comment

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) एवं ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (Oxford Poverty and Human Development Initiative- OPHI) और UNDP द्वारा वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (Multidimensional Poverty Index – MPI) 2022 निर्गत किया गया।

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वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक क्या है?

वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI), गरीबी को लेकर 107 विकासशील देशों को कवर करने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय उपाय है और इसे पहली बार 2010 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की मानव विकास रिपोर्ट के लिए ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (OPHI) और UNDP द्वारा विकसित किया गया था।

यह सूचकांक स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर जैसे 10 संकेतकों में तीव्र अभावों को मापता है। यदि कोई व्यक्ति इन संकेतकों में से एक तिहाई या उससे अधिक में वंचित रहता है, तो MPI उन्हें गरीब के रूप में पहचानता है।

वैश्विक MPI 2022 के प्रमुख बिंदु

  • 111 देशों में, लगभग 1.2 अरब लोग (19.1% जनसंख्या) गहन बहुआयामी गरीबी में जीवन यापन करते है। इनमें से आधे लोग (59.3 करोड़) 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं।
  • वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा गरीबों की संख्या उप-सहारा अफ्रीका (करीब 57.9 करोड़) में है, इसके बाद दक्षिण एशिया मे 38.5 करोड़ गरीब लोग निवास करते है।

भारत की स्थिति

  •  भारत में विश्व में गरीब लोगों की सबसे बड़ी आबादी (22.9 करोड़) निवास करती है। इन 22.9 करोड़ गरीब लोगों में से 205 मिलियन गरीब लगभग (90 प्रतिशत) ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं।
  • ज्ञातव्य है कि भारत में वर्ष 2005-06 से वर्ष 2019-21 के मध्य 41.5 करोड़ लोग गरीबी के कुचक्र से बाहर निकलने में सफल हुए हैं।
  • अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2005-06 में भारत में 55.1 प्रतिशत लोग बहुआयामी गरीबी के अधीन थे जबकि वर्ष 2019-21 में यह स्तर घटकर 16.4 प्रतिशत हो गया है।
  • रिपोर्ट के अनुसार बच्चों के मामले में गरीबी में निरपेक्ष रूप से तेज़ी से गिरावट आई, हालाँकि भारत में अभी भी दुनिया में सबसे अधिक गरीब बच्चे हैं।
  • भारत में गरीब लोगों का प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में 21.2 प्रतिशत है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 5.5 प्रतिशत है।
  • भारत में बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश ने राष्ट्रीय औसत की तुलना में गरीबी को अधिक तेजी से कम किया है, जो देश के सबसे गरीब राज्य भी हैं।

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