एंजेल फंड (Angel Fund) के संदर्भ में, निम्न लिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. एंजेल फंड विशुद्ध रूप से स्टार्टअप पर ध्यान केंद्रित करने के साथ उद्यम पूंजी निधियों की एक उप-श्रेणी हैं।
2. भारत में एंजेल फंड भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1, न ही 2
उत्तर A. एंजल फंड्स का तात्पर्य व्यवसाय स्टार्टअपों में निवेश करने के लिए उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों या कंपनियों (जिन्हें सामान्य तौर पर एंजेल इन्वेस्टर्स कहा जाता है) द्वारा बताए गए मनी पूल (मुद्रा कोष) से है। ये विशुद्ध रूप से स्टार्टअप पर ध्यान केंद्रित करने के साथ उच्चयम पूंजी निधियों की एक उप-श्रेणी हैं, जबकि उद्यम पूंजी निधियां आमतौर पर निवेशिती कंपनी के विकास के बाद के चरण में निवेश की जाती हैं। इसलिए कथन 1 सही है।
भारत में, ऐंजेल फंड शब्द को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (आनुकाल्पिक विनिधान (निवेश) निधियां] (संशोधन) विनियम, 2013 में परिभाषित किया गया है। यहां, एंजेल फंड को श्रेणी I- वैकल्पिक निवेश निधि (AIF) के तहत उद्यम पूंजी निधि (Venture Capital Fund) की उप-श्रेणी के रूप में परिभाषित किया गया है। भारत में एंजेल फंड वैकल्पिक निवेश निधियों (AIFs) के लिए छत्रक नियमों के तहत भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा विनियमित किए जाते हैं। इसलिए कथन 2 सही नहीं है।
एंजेल फंड केवल एंजेल निवेशकों को यूनिट जारी करके ही निधियां जुटा सकते हैं और उनके पास कम से कम दस करोड़ रुपये का कोप होना चाहिए। इसके अतिरिक्त एंजेल फंड, तीन वर्ष की अवधि में, एक एंजेल निवेशक से ऐसा निवेश स्वीकार कर सकते हैं जो 25 लाख रुपये से कम न हो।
हाल ही में सुर्खियों में रहा ‘एल्गो ट्रेडिंग’ संबंधित है:
(A) सरकारी व्यापार सदनों में कृषि जिंसों के क्रय- विक्रय से
(B) त्वरित लाभ प्राप्त करने हेतु स्थावर संपदा में लघु अवधि के लिए निवेश से
(C) खुदरा प्रत्यक्ष गिल्ट खाते के माध्यम से सरकारी प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय से
(D) ट्रेड का स्वचालित निष्पादन करने वाले उन्नत गणितीय मॉडलों के उपयोग द्वारा अत्यधिक तीत्र गति से दिए गए ऑर्डरों से
उत्तर D. एल्गो ट्रेंडिंग का टापरी ट्रेड का स्वचालित निष्पादन करने वाले उच्चत गणितीय मॉडलों के उपयोग द्वारा अत्यधिक तीव्र गति से दिए गए ऑर्डरों से है। इसलिए विकल्प (D) सही उत्तर है। यहां तक कि एक क्षण की तीव्रता से दिए गए ऑर्डर से भी एक ट्रेडर को भारी लाभ हो सकता है। एल्गो ट्रेडिंग ब्रोकर के सिस्टम पर संचालित होती है न कि निवेशक के सिस्टम पर। एल्गो ट्रेडिंग प्रणाली स्टॉक/शेयरों की कीमतों में प्रत्यक्ष रूप से वाजार अवधि के दौरान होने वाले उतार-चढ़ावों की स्वचालित रूप से निगरानी करती है और पहले से निर्धारित किए गए मानदंडों के पूरा होने पर ऑर्डर देती है। यह प्रणाली ट्रेडर को स्टॉक/शेयर की प्रत्यक्ष रूप से बाजार अवधि के दौरान कीमतों की निगरानी करते रहने और मैनुअल ऑर्डर देने से मुक्त कर देती है।
हाल ही में आरंभ किए गए एनएसई-शाइन (NSE-Shine) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह प्लेटफॉर्म गोल्ड डेरिवेटियव अनुबंधों के निपटान हेतु बुलियन बार अखंडता के लिए एक डेटा फ्रेमवर्क प्रदान करेगा।
2. यह ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1, न ही 2
उत्तर C. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया ने बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप चेनफ्लक्स (Chainflux) के सहयोग से बोल्ड बुलियन के सिए एक स्लॉकचैन आधारित प्लेटफार्म एनएसई-शाइन (NSE-Shine) की शुरुआत की है। यह प्लेटफॉर्म गोल्ड डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान हेतु बुलियन बार अखंडता के लिए एक डेटा फ्रेमवर्क प्रदान करेगा। इसलिए कथन 1 सही है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद में स्थित इंडिया गोल्ड पॉलिसी सेंटर और इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) ने इस ब्लॉकचेन-आधारित प्लेटफार्म को विकसित करने के लिए NSE और चेनफ्लक्स के साथ मिलकर कार्य किया है।
इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद विशेषताएं NSE रिफाइनर मानकों (NRS) के अनुसार NSE द्वारा मान्यता प्राप्त रिफाइनरों द्वारा उत्पादित सभी बुलियन बारों के लिए एक बुलियन भंडार का गठन करने में सहायता करेंगी। यह मंच तथा NRS बुलियन अखंडता को बनाए रखने के लिए एक डिजिटल, छेडछाड़-रोधी व्यवहार संहिता के निर्माण का एक आरंभिक कदम है। यह ब्लॉकचैन प्लेटफॉर्म तथा NRS बुलियन अखंडता को बनाए रखने के लिए कार्यप्रणाली की डिजिटल, छेड़खाड़-रोधी संहिता के निर्माण हेतु एक शुरूआती कदम है। इसलिए कथन 2 सही है।
निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- भारत में, भारतीय रिजर्व बैंक एक रुपये के नोट को छोड़कर सभी मुद्रा नोट जारी करता है।
- सभी सिक्के भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं।
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A. केवल 1
B. केवल 2
C. 1 और 2
D. न तो 1, न ही 2
उत्तर C. एक आधुनिक अर्थव्यवस्था में, मुद्रा में मुख्य रूप से देश के मौद्रिक प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए मुद्रा नोट और सिक्के होते हैं। भारत में, रिजर्व बैंक के पास मुद्रा नोट जारी करने का एकमात्र अधिकार है, केवल एक रुपये के नोटों को छोड़कर जो भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं। अत: कथन 1 सही है। हालांकि, सिक्के भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं। अत: कथन 2 सही है। इसलिए विकल्प (C) सही उत्तर है।
जीडीपी डिफ्लेटर के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- यह सभी वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को मापता है।
- इसमें कोई भी आयातित वस्तु शामिल नहीं है।
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A. केवल 1
B. केवल 2
C. 1 और 2
D. न तो 1, न ही 2
उत्तर C. जीडीपी डिफ्लेटर एक मूल्य सूचकांक (पीआई) है जो अर्थव्यवस्था में मौजूदा कीमतों पर मुद्रास्फीति या अपस्फीति के प्रभाव को दिखाने पर ध्यान केंद्रित करता है, जिससे यह दर्शाता है कि जीडीपी मूल्य परिवर्तनों पर कितना निर्भर और सापेक्ष है। जीडीपी डिफ्लेटर मूल्य की गणना में इस सूत्र का उपयोग किया जाता है: जीडीपी डिफ्लेटर = (Nominal GDP / Real GDP) * 100. हालांकि पहली नज़र में ऐसा लग सकता है कि सीपीआई और जीडीपी डिफ्लेटर एक ही चीज़ को मापते हैं, मगर इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। जीडीपी डिफ्लेटर सभी वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों का एक माप है जबकि सीपीआई केवल उपभोक्ताओं द्वारा खरीदे गए सामानों का एक माप है। अत: कथन 1 सही है। जीडीपी डिफ्लेटर में केवल घरेलू सामान शामिल है और कुछ भी आयातित वस्तु शामिल नहीं किया जाता है। इसलिए CPI सेअलग है क्योंकि सीपीआई में विदेशी सामान सहित उपभोक्ताओं द्वारा ख़रीदे गये सभी चीज शामिल होते हैं। अत: कथन 2 सही है। इसलिए विकल्प (सी) सही उत्तर है।
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