“मिशन कर्मयोगी” – राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (NPCSCB) के तहत सिविल सेवकों के प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण के लिए योजना बनाई जा रही है। ज्ञातव्य है कि पिछले माह इंफोसिस के पूर्व सीईओ एस डी शिबू लाल को “मिशन कर्मयोगी” के तहत गठित तीन सदस्यीय टास्क फोर्स का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
इस टास्क फ़ोर्स को, “मिशन कर्मयोगी” के दिशा-निर्देशन एवं संचालन हेतु एक स्पष्ट रोड मैप तथा एक Special Purpose Vehicle तैयार करने का कार्य सौंपा गया है।
UPSC Syllabus: लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
मिशन कर्मयोगी
विदित हो कि केन्द्रीय कैबिनेट ने सितंबर 2020 में “मिशन कर्मयोगी” – राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (NPCSCB) को स्वीकृति दी थी। इसके अंतर्गत लगभग 40 लाख केन्द्रीय कर्मियों को कवर किया जायेगा। “मिशन कर्मयोगी” का लक्ष्य भारतीय सिविल सेवकों को और भी अधिक रचनात्मक, सृजनात्मक, विचारशील, नवाचारी, अधिक क्रियाशील, प्रोफेशनल, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षप, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-समर्थ बनाते हुए भविष्य के लिए तैयार करना है।
विशिष्ट भूमिका– दक्षताओं से युक्त सिविल सेवक उच्चतम गुणवत्ता मानकों वाली प्रभावकारी सेवा प्रदायगी सुनिश्चित करने में समर्थ होंगे।
विशेषताएँ
- सिविल सेवा में क्षमता विकास हेतु नई अवसंरचना का विकास किया जायेगा, इसमें व्यक्तिगत, संस्थागत और प्रक्रिया के स्तर पर क्षमता विकास व्यवस्था में व्यापक बदलाव किये जायेंगे.
- सिविल सेवा क्षमता विकास योजनाओं की मंजूरी एवं निगरानी के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मानव संसाधन परिषद का गठन किया जायेगा. इस परिषद में मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री और विशेषज्ञ भी शामिल होंगे.
- प्रशिक्षण मानकों में आपसी तालमेल बनाने के लिए क्षमता विकास आयोग बनाया जायेगा, जो केद्धीय प्रशिक्षण संस्थानों की निंगरानी भी करेगा.
- कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में समन्वय इकाई का गठन किया जायेगा.
- डिजिटल परिसंपत्तियों के स्वामित्व, परिचालन और प्रशिक्षण के लिए एक विशेष प्रयोजन कम्पनी (SPV) बनाई जायेगी.
- मिशन कर्मयोगी योजना के तहत अगले 5 वर्षों में लगभग 510 करोड़ खर्च किये जायेंगे.
iGOT कर्मयोगी मंच
iGOT कर्मयोगी मंच के माध्यम से डिजिटल लर्निंग की सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म को एक विश्व स्तरीय बाजार बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है। iGOT कर्मयोगी के माध्यम से कर्मचारी का क्षमता निर्माण ई-लर्निंग कॉन्टेक्ट के जरिये किया जायेगा। इसी के साथ ही अन्य सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाएँगी।
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