हम NCERT की किताबों (textbooks) से प्रश्न (questions) बना रहे हैं. जैसा कि हम सब जानते हैं कि UPSC की तैयारी करने वालों को सफल छात्र यही राय देते हैं कि हमारा NCERT कम से कम complete होना चाहिए इसलिए हम Class 6 से क्लास 12 तक के NCERT textbook मटेरियल से questions बना रहे हैं. आज हमने विज्ञान (Science) विषय को चुना है जिसमें 8th चैप्टर (chapter 8) का नाम है – शरीर में गति (Body Movements). इस चैप्टर से हमने यथासंभव प्रश्न (MCQ) बनाने का प्रयास किया है.
NCERT Questions : Class 6 {Science Chapter 8}
1. नाव की आकृति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. नाव का अग्र भाग मध्य भाग की अपेक्षा पतला एवं नुकीला होता है.
2. नाव की आकृति की एक मछली के शरीर से तुलना की जा सकती है.
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
A. केवल 1
B. केवल 2
C. 1 और 2 दोनों
D. न तो 1 और न ही 2
विकल्प C सही है.
नाव की आकृति काफी हद तक मछली जैसी होती है. मछली का सिर एवं पूँछ उसके मध्य भाग की तुलना में पतला एवं नुकीला होता है. शरीर की ऐसी आकृति धारा रेखीय कहलाती है. इसकी विशेष आकृति के कारण जल इधर-उधर बहकर निकल जाता है जिससे जल में सरलता से तैरा जा सके.
2. मानव शरीर की पेशियों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. संकुचन की अवस्था में पेशी छोटी, सख्त एवं मोटी हो जाती है। यह हड्डियों को खींचती है।
2. मांसपेशियों के जोड़े के एक साथ सिकुड़ने एवं फैलने से हड्डियाँ गति करती हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
A. केवल 1
B. केवल 2
C. 1 और 2 दोनों
D. न तो 1 और न ही 2
विकल्प A सही है.
मांसपेशियां केवल खींच सकती हैं, वे धक्का नहीं दे सकती। पेशियों के जोड़े के एकांतर क्रम में सिकुड़ने एवं फैलने से अस्थियाँ गति करती हैं न कि एक साथ सिकुड़ने व फैलने से।
किसी अस्थि को गति प्रदान करने के लिये दो पेशियों को संयुक्त रूप से कार्य करना होता है। जब दो पेशियों में से कोई एक सिकुड़ती है तो अस्थि उस दिशा में खिंच जाती है। युगल की दूसरी पेशी शिथिल (लम्बाई में बढ़कर पतली हो जाती है) अवस्था में आ जाती है।
अस्थि को विपरीत दिशा में गति प्रदान करने के लिये अब शिथिल पेशी सिकुड़कर अस्थि को अपनी पूर्व स्थिति में खींचती है जबकि पहली पेशी अब शिथिल हो जाती है।
3. कशेरुका दंड का दूसरा नाम क्या है?
A. भुजाओं की पेशियाँ
B. कान की उपास्थि
C. अँगूठे की हड्डी
D. रीढ़ की हड्डी
विकल्प D सही है. कशेरुक दण्ड अधिकांश जीव जंतुओं के शरीर का आवश्यक अंग हैं। कशेरुक दण्ड हमारी पीठ की बीच रेखा में सिर से धड़ के निचले सिरे तक फैली अस्थीय संरचना होती है जो पुरुषों में लगभग 71 सेमी. तथा स्त्रियों में लगभग 61 सेमी. लम्बी होती है। यह प्रायः पीठ की त्वचा से ढ़की सतह पर उभरी हुई दिखाई देती है। इसे मेरुदण्ड या रीढ़ की हड्डी भी कहते हैं। कशेरुक दण्ड पर हमारा सिर सधा रहता है। इसी में मेरुरज्जु या सुषुम्ना सुरक्षित बन्द रहता है। यह पसलियों को जुड़ने के लिए स्थान तथा पादों की मेखलाओं को सहारा देता है। इसी से पीठ की पेशियाँ जुड़ी रहती हैं, जिसके कारण हम अपने धड़ को आवश्यकतानुसार आगे–पीछे या पार्श्वों में कुछ सीमा तक झुका और घुमा सकते हैं।
4. केंचुए की शरीर रचना व उपयोगिता के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
A. केंचुए के शरीर में अस्थियाँ होती हैं।
B. केंचुए में गति शरीर की पेशियों के बारी-बारी से विस्तारण एवं संकुचन से होती है।
C. शरीर की अधः सतह पर शूक (बाल जैसी आकृति) केंचुए को भूमि पर पकड़ बनाने में सहायक है।
D. केंचुए मिट्टी को उपजाऊ बनाने में सहायक होते हैं।
विकल्प A में दिया गया कथन सही नहीं है.
केंचुए के शरीर में अस्थियाँ नहीं होती हैं, परन्तु इनमें पेशियाँ होती हैं। ये पेशियाँ इसके शरीर के घटने (संकुचन) और बढ़ने (विस्तारण) में सहायता करती हैं। पेशियों के संकुचन और विस्तारण की प्रक्रिया से ही केंचुआ गति करता है।
केंचुए के शरीर में छोटे-छोटे अनेक शूक मिट्टी में उसकी पकड़ को मजबूत बनाते हैं। इसके शरीर में कुछ चिकने पदार्थ होते हैं, ये भी इसके चलने में सहायक होते हैं।
केंचुए अपने रास्ते में आने वाली मिट्टी को खाते हैं। उनका शरीर अनपचे पदार्थ को बाहर निकालता है। केंचुए द्वारा किया गया यह कार्य मिट्टी को उपजाऊ बना देता है, जिससे पौधों को फायदा होता है।
5. केंचुए के श्वसन के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
A. केंचुए नासिका ग्रन्थियों के द्वारा साँस लेते हैं।
B. केंचुए त्वचा द्वारा साँस लेते हैं।
C. केंचुए मुँह से साँस लेते हैं।
D. उपर्युक्त में से कोई नहीं।
विकल्प B सही है.
केंचुए त्वचा द्वारा श्वसन करते हैं।
6. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. घोंघे का कवच इसका बाह्य कंकाल कहलाता है, परन्तु यह हड्डियों का नहीं बना होता।
2. घोंघे के पेशीय पाद चलने में उसका सहयोग करते हैं।
3. यह कवच घोंघे के वजन को संतुलित करता है इससे भी उसे चलने में सहयोग मिलती है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सही हैं?
A. केवल 1 और 2
B. केवल 1 और 3
C. केवल 2 और 3
D. 1, 2 और 3
विकल्प A सही है.
घोंघे का कवच इसका बाह्य कंकाल है परन्तु यह अस्थियों का नहीं बना होता। यह कवच एकल एकक (Single Unit) होता है और यह घोंघे को चलने में कोई सहयोग नहीं करता है। यह घोघें के साथ खिंचता जाता है।
घोंघे के पैर एक मोटी मांसल संरचना के रूप में होते हैं जो दृढ़ पेशियों के बने होते हैं। घोंघा अपने इन्हीं पेशीय पाद की सहयोग से चलता है।
7. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा नीचे दिये गए कूट की सहायता से सही उत्तर चुनियेः
सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा नीचे दिये गए कूट की सहायता से सही उत्तर चुनियेः
सूची-I |
सूची-II |
A. तिलचट्टा |
1. इसकी अस्थियों में वायु प्रकोष्ठ होते हैं। |
B. पक्षी |
2. इसका शरीर धारारेखीय होता है। |
C. मछली |
3. इसका शरीर कठोर बाह्य कंकाल द्वारा ढँका होता है। |
D. सर्प |
4. इसका शरीर अनेक वलय (loop) में मुड़ा होता है। |
कूटः A B C D
A. 1 3 4 2
B. 3 1 4 2
C. 3 1 2 4
D. 1 3 2 4
विकल्प C सही है.
तिलचट्टे का शरीर कठोर बाह्य कंकाल द्वारा ढँका होता है। यह कंकाल विभिन्न एककों (Units) की परस्पर सन्धियों द्वारा बनता है। जिसके कारण गति सम्भव हो पाती है। तिलचट्टे में उपस्थित विशिष्ट पेशियाँ चलने और उड़ने में उसकी सहायता करती हैं।
पक्षियों की अस्थियों में वायु प्रकोष्ठ होते हैं जिनके कारण उनकी अस्थियाँ हल्की परन्तु मज़बूत होती हैं। अग्रपाद की अस्थियाँ रूपान्तरित होकर पक्षी के पंख बनाती हैं।
मछली का सिर एवं पूँछ उसके मध्य भाग की अपेक्षा पतले एवं नुकीले होते हैं। शरीर की ऐसी आकृति धारारेखीय कहलाती है। मछली शरीर के दोनों ओर एकान्त क्रम में वलय बनाकर जल में तैरती है।
सर्प का मेरुदण्ड लम्बा होता है। शरीर की पेशियाँ क्षीण एवं असंख्य होती हैं। वे परस्पर जुड़ी होती हैं। सर्प का शरीर अनेक वलयों में मुड़ा होता है। प्रत्येक वलय आगे को धक्का देता है। इस कारण सर्प बहुत तेज़ गति से आगे की ओर चलता है परन्तु सरल रेखा में नहीं चलता अर्थात् सर्प अपने शरीर के दोनों ओर एकांतर क्रम में वलय (loop) बनाते हुए भूमि पर वलयाकार गति करता हुआ आगे फिसलता है।
8. सूची-I तथा सूची-II को सुमेलित कीजिये तथा सूचियों के नीचे दिये गए कूट का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजियेः
सूची-I (सन्धि) |
सूची-II (विशेषता) |
A. धुराग्र सन्धि (Pivotal Joint) |
1. सभी दिशाओं में गति प्रदान करने वाली सन्धि |
B. अचल सन्धि (Fixed Joint) |
2. गर्दन और सिर को जोड़ने वाली सन्धि |
C. कंदुक-खल्लिका संधि(Ball and socket joint) |
3. एक दिशा में गति करने वाली सन्धि |
D. हिंज संधि (Hinge Joint) |
4. गति न करने वाली सन्धि |
कूटः A B C D
A. 2 4 1 3
B. 4 2 3 1
C. 4 2 1 3
D. 1 2 3 4
विकल्प A सही है.
अस्थि (Bone) एवं उपास्थि (Cartilage) मानव कंकाल बनाते हैं। कंकाल शरीर को आकृति देता है। ये चलने में सहायक है और आंतरिक अंगों की सुरक्षा करता है। मानव कंकाल खोपड़ी, मेरुदंड, पसलियों, वक्ष की अस्थि, कंधे एवं श्रोणि मेखला तथा हाथ-पाँव की अस्थियों से बनता है। मानव कंकाल में विभिन्न संधियाँ होती हैं।
गर्दन और सिर को जोड़ने वाली संधि को धुराग्र संधि कहते हैं। धुराग्र संधि में बेलनाकार अस्थि एक छल्ले में घूमती है।
अस्थियों के बीच की कुछ संधियाँ ऐसी भी हैं जो गति नहीं कर सकतीं (हिल नहीं सकती), ये अचल सन्धि कहलाती हैं। ऊपरी जबड़े एवं कपाल के मध्य अचल संधि हैं।
कंदुक-खल्लिका संधि (बॉल एण्ड सॉकेट ज्वाइन्ट) कन्धे और कूल्हे की संधियाँ होती हैं। ये सभी दिशाओं में गति करती हैं।
हिंज संधि कोहनी और घुटने की संधियों में होती है। ये एक ही दिशा में गति प्रदान करती है।
कंकाल के कुछ अतिरिक्त अंग भी हैं जो हड्डियों जितने कठोर नहीं हैं जिन्हें मोड़ा जा सकता है, उन्हें उपास्थि कहते हैं, उदाहरण- कान की अस्थि। शरीर की संधियों में भी उपास्थि पाई जाती है।
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अभी हमारा प्रयास नया है. धीरे-धीरे जल्द ही हम सारे क्लास के चैप्टर से प्रश्न बना लेंगे. भविष्य के लिए इस पेज को आप बुकमार्क कर लीजिए – Click here to bookmark