16 सितम्बर को ईरान की नैतिकता पुलिस (Morality Police) की हिरासत में एक 22 वर्षीय कुर्द महिला महसा अमिनी की मौत के बाद से ईरान में शुरू हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है.
मुद्दा
महसा अमिनी को 13 सितंबर को नैतिकता पुलिस द्वारा यात्रा के दौरान ठीक से हिजाब नहीं पहनने के लिए हिरासत में लिया गया था, जो ईरान में एक दंडनीय अपराध है। हिरासत में ही अभिनी की हालत ख़राब हो गई जहाँ से उसे अस्पताल ले जाया गया, वहाँ उसकी मौत हो गई। अधिकारियों के अनुसार महसा अमिनी की मौत की वजह बताई गई है कि एजुकेशनल ट्रेनिंग के दौरान उसे दिल का दौरा पड़ा था, जबकि उसके भाई (जो अमिनी की गिरफ्तारी के दौरान साथ ही मौजूद था) ने आरोप लगाया है कि हिरासत के दौरान अमिनी को पीटा गया था।
ईरान के हिजाब कानून के बारे में
इस्लामिक क्रांति (1978-79) के बाद, ईरान ने वर्ष 1981 में एक अनिवार्य हिजाब कानून पारित किया। इस्लामी दंड संहिता के अनुच्छेद 638 में कहा गया है कि महिलाओं के लिए सार्वजनिक रूप से या सड़कों पर हिजाब के बिना दिखाई देना अपराध है।
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने इसी वर्ष जुलाई में ईंगान के हिजाब और शुद्धता कानून को नए प्रतिबंधों के साथ लागू करने के लिए एक आदेश पारित किया था। सरकार ने ‘अनुचित हिजाब’ पर नकेल कसने के साथ ही हाई हील्स और मोजे पहनने के खिलाफ भी आदेश जारी किया। इस आदेश में महिलाओं के लिए अपनी गर्दन और कंधों को ढंकना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
विरोध प्रदर्शन
अमिनी की मौत के बाद से, वैश्विक स्तर पर भी कई लोगों ने ड्रेस कोड और ड्रेस कानूनों के लिए महिलाओं को हिरासत में लेने और परेशान करने के खिलाफ आवाज उठाई है।
विरोध के पीछे एक प्रमुख कारण ईरान के सुरक्षा बलों द्वारा घटना की जिम्मेदारी लेने से इनकार करना भी माना जा रहा है। अमिनी के गृहनगर, साकेज़ में अमिनी के अंतिम संस्कार के दौरान व्यापक विरोध प्रदर्शन के वायरल वीडियो में महिलाओं को अपने हाथों में स्कार्फ लिए और सरकार विरोधी नारे लगाते हुए दिखाया गया। युवा किशोरियाँ, महिलाएँ सोशल मीडिया पर अपने बाल काटते हुए विडियो पोस्ट कर रही हैं।
कुर्द समुदाय के बारे में
ईरान में कुर्द समुदाय के 8 से 10 मिलियन लोग निवास करते हैं, जो ईरान की आबादी का 11 से 15% है। इसमें से अधिकांश पश्चिमी सीमावर्ती कुर्दिस्तान में रहते हैं। लंबे समय से ईरान सरकार पर उन पर अत्याचार करने का आरोप लगाया जाता रहा है। कुद्दों ने सुरक्षा बलों और ईरानी शासन के विरुद्ध कई विरोध और संघर्ष किये हैं। ईरानी अधिकारियों ने कई कुर्द कार्यकर्ताओं, लेखकों और छात्रों को बार-बार गिरफ्तार किया है।
वर्ष 2021 में, कम से कम 421 कुर्द नागरिकों और कार्यकर्ताओं को ईरान के इस्लामी गणराज्य की सुरक्षा, कानून प्रवर्तन और न्यायिक संस्थानों द्वारा राजनीतिक कारणों से गिरफ्तार किया गया था। ईरान की सरकार और कुर्दों के बीच संघर्ष का एक प्रमुख कारण यह है कि कई कुर्द समूह लंबे समय से एक स्वतंत्र राज्य की मांग करते आये है। ज्ञातव्य है कि कुर्द समुदाय न केवल प्रगतिशील है बल्कि जुझारू, लड़ाकू समुदाय भी है, यही कारण है कि वे लगातार ईरानी शासन के साथ टकराव की स्थिति में हैं।
Tags: What the Iranian anti-hijab protest, UPSC, International Relations.
Click here for – Editorial for UPSC in Hindi