हाल ही में आयोजित “अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन” की 5वीं सभा में भारत को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance – ISA) सभा का अध्यक्ष और फ्रांस को सह-अध्यक्ष चुना गया।
ISA सभा ने ‘सोलर फेसिलिटी’ को भी स्वीकृति दी है, जो एक भुगतान गारंटी तंत्र है। इससे दो वित्तीय घटकों के माध्यम से सौर परियोजनाओं में निवेश को प्रोत्साहित करने की उम्मीद की गई है –
1. सौर भुगतान गारंटी कोष और
2. सौर बीमा कोष।
UPSC Syllabus GS Paper 2: महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance – ISA)
- इसे वर्ष 2015 में भारत और फ्रांस की संयुक्त पेरिस घोषणा द्वारा लाया गया था। प्रारंभ में यह समूह कर्क एवं मकर रेखा के बीच में आंशिक या पूरी तरह स्थित 121 देशों के लिए था, जिसे अब संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों तक विस्तृत कर दिया गया है।
- इस संघ का उद्देश्य है सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना जिससे पेट्रोल, डीजल पर निर्भरता कम की जा सके.
- इसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक विश्व में 1000 गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता का विकास करना तथा इसके लिए लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर का निवेश जुटाना है।
- अब तक 54 देशों ने इसके फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
- यह 121 ऐसे देशों का संघ है जो सौर प्रकाश की दृष्टि से समृद्ध हैं.
- ये देश पूर्ण या आंशिक रूप से कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित हैं.
- इसका मुख्यालय भारत में है और इसका अंतरिम सचिवालय फिलहाल गुरुग्राम में बन रहा है.
- ISA, “वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड” (OSOWOG) को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी भी है जिसका उद्देश्य एक विशिष्ट क्षेत्र में उत्पन्न सौर ऊर्जा को किसी दूसरे क्षेत्र की बिजली की माँग को पूर्ण करने हेतु सौर ऊर्जा स्रोतों को सीमापारीय, विस्तारित, महाद्वीपीय-स्तर के ग्रिड द्वारा परस्पर सम्बद्ध कर एक वैश्विक पारितंत्र का निर्माण करना है.
कार्य
- यह सौर ऊर्जा क्षमता वाले देशों को एक साथ लेकर आता है तथा आवश्यक तकनीकों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करता है.
- इसके अलावा सौर ऊर्जा अनुसंधान क्षमता विकास कार्यक्रमों का संचालन करता है. यह सभी कार्य उसके सचिवालय के माध्यम से करता है जो कि गुरुग्राम, भारत में स्थित है.
भारत के लिए इसका महत्त्व
- भारत ने 2022 तक 100 गीगा वाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
- इसके अलावा INDCs के तहत 2030 तक कुल ऊर्जा उत्पादन का 40% नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करना है.
- इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के माध्यम से प्राप्त निवेश, तकनीक तथा सहयोग महत्त्वपूर्ण सिद्ध होंगे.
- इससे ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित होगी. परंपरागत ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता में कमी होगी. इको टूरिज्म को प्रोत्साहन मिलेगा.
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