हाल ही में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत यात्रा की। इस दौरान दोनों देशों ने आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए कई पहलों की घोषणा की। इस आर्टिकल में हम पढ़ेंगे कि इन दोनों देशों के बीच हालिया क्या समझौते (agreements) हुए एवं भारत और बांग्लादेश के बीच कैसे संबंध हैं.
भारत और बांग्लादेश के बीच प्रमुख पहलें/समझौते
- दोनों देश शीघ्र ही व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement – CEPA) पर वार्ता शुरू करेंगे।
- यह एक द्विपक्षीय समझौता है, जिसमें वस्तुओं, सेवाओं में व्यापार, निवेश, प्रतिस्पर्धा तथा बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights – IPRs) शामिल हैं।
- कुशियारा नदी जल बँटवारे पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये।
- इस समझौते से दक्षिणी असम एवं बांग्लादेश के सिलहट डिवीजन के निवासियों को लाभ होगा।
- खुलना (बांग्लादेश)-दर्शना (भारत) रेलवे लिंक परियोजना के माध्यम से कनेक्टिविटी सुधार किया जा रहा है।
- खुलना के रामपाल में मैत्री विद्युत संयंत्र का उद्घाटन किया गया। इसे रियायती वित्त पोषण योजना (CFS) के तहत भारतीय विकास सहायता के रूप में स्थापित किया जा रहा है।
भारत-बांग्लादेश संबंध (प्रमुख तथ्य)
- बांग्लादेश भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2009 के 2.4 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2020-21 में 10.8 बिलियन डॉलर हो गया है।
- भारत बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है, और एशिया में भारत बांग्लादेश के लिए सबसे बड़ा निर्यात बाजार है।
- बांग्लादेश, भारत से औद्योगिक कच्चे माल का आयात करता है.
नवीनतम घटनाक्रम
- वर्तमान यात्रा के दौरान, संपर्क सुविधा, पर्यावरण, जल प्रबंधन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रेलवे, कानून, सूचना और प्रसारण जैसे क्षेत्रों में सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- पांच नई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की घोषणा की गई है।
- जल बँटवारा : भारत ने फेनी नदी पर अस्थायी जल बंटवारा समझौते को अंतिम रूप देने का अनुरोध किया है, जो त्रिपुरा की जल आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
- एक संयुक्त नदी आयोग का गठन किया गया है जो 54 सीमा-पार नदियों के पानी के बंटवारे और बाढ़ से सम्बंधित डेटा की जाँच करेगा.
- भारत और बांग्लादेश ने एक संयुक्त तकनीकी समिति की स्थापना की है जो बांग्लादेश में गंगा के पानी के उपयोग का अध्ययन करेगी.
- विदित हो कि असम के सिलचर जिले से बांग्लादेश में बहने वाली कुशियारा नदी के जल बँटवारे के फार्मूले पर समझौता हुआ है।
- छात्रवृत्ति और चिकित्सा सुविधाएं: बांग्लादेश ने 1971 के मुक्ति संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैन्य कर्मियों के बच्चों के वंशजों को 200 छात्रवृत्तियां देने की घोषणा की है।
- भारत पहले से ही युद्ध में अपनी जान गँवाने वाले वीर सैनिकों के परिवारों के लिए चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने से सम्बंधित एक कार्यक्रम चला रहा है।
- सीईपीए: व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) पर बातचीत जल्द ही शुरू होने वाली है।
- बांग्लादेश 2026 तक कम विकसित देश ( Less Developed Country – LDC) से एक विकासशील देश (developing country) में परिवर्तित हो जाएगा और अब अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय व्यापार समझौतों के तहत LDC को दिए गए व्यापार और अन्य लाभों का हकदार नहीं होगा।
- सीईपीए समझौता बांग्लादेश को प्राप्त व्यापार विशेषाधिकारों को संरक्षित करने में मदद करेगा।
- ऊर्जा : बांग्लादेश के रामपाल (Rampal Power Station) में ऊर्जा की बढ़ती मांग के चलते NTPC द्वारा 50:50 के संयुक्त उद्यम के अंतर्गत 1,320 मेगावाट का ताप विद्युत संयंत्र बनाया जा रहा है।
- रखंड के गोड्डा जिले में अडानी समूह द्वारा निर्मित 1,600 मेगावाट बिजली संयंत्र अगले साल दिसंबर तक एक समर्पित ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति करेगा।
- असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी से “मैत्री” पाइपलाइन जल्द ही पूरा वाला है और इसके द्वारा बांग्लादेश के पार्बतीपुर में पेट्रोलियम उत्पादों को पहुँचा जाएगा.
- संपर्क: दोनों देशों ने रुप्सा रेल पुल का भी उद्घाटन किया जो खुलना को मोंगला बंदरगाह और पश्चिम बंगाल में पेट्रापोल और गेदे में भारतीय सीमा से जोड़ने में सहयोग करेगा।
- कनेक्टिविटी पहल बांग्लादेश में चल रही परियोजनाओं का हिस्सा है जिसका उद्देश्य देश को दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया से जोड़ना है.
- रक्षा: बांग्लादेश को लगभग 8 बिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) दी गई है, जिसमें रक्षा से संबंधित खरीद के लिए $500 मिलियन राशि का प्रावधान है।
- यह कूटनीतिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि बांग्लादेश के रक्षा बल में चीनी माल का बहुत ही अधिक उपयोग किया जाता है.
भारत-बांग्लादेश संबंध पर और भी प्रकाश
- राजनीतिक: भारत बांग्लादेश को मान्यता देने और दिसंबर 1971 में अपनी स्वतंत्रता के तुरंत बाद राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था।
- साझा मंच: अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दोनों देश इन मंचों को साझा करते हैं: सार्क, बिम्सटेक, हिंद महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ, और राष्ट्रमंडल।
- आर्थिक: 2021-22 में, बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत के लिए सबसे बड़ा व्यापार भागीदार और विश्व-भर में भारतीय निर्यात के लिए चौथा सबसे बड़ा गंतव्य के रूप में उभरा है। वित्त वर्ष 2020-21 में बांग्लादेश के भारत से होने वाले निर्यात में 66 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई जिससे यह 9.69 बिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 16.15 बिलियन डॉलर हो गया।
- विद्यमान ढाँचे: दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA) के प्रावधानों के अंतर्गत, बांग्लादेश ने भारत के साथ व्यापार के संदर्भ में 993 वस्तुओं की ‘संवेदनशील सूची’ से अतिरिक्त कुछ और उत्पादों पर प्राथमिकतापूर्ण शुल्क लगाने का निर्णय लिया है। निवेश के संवर्धन और संरक्षण पर एक समझौता 2011 से लागू है।
- रक्षा सहयोग:
- दोनों देशों के बीच विभिन्न संयुक्त अभ्यास होते हैं:
- SAMPRITI (सेना) और
- MILAN (नौसेना)।
- दोनों देशों के बीच विभिन्न संयुक्त अभ्यास होते हैं:
- मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी:
- भारत और बांग्लादेश के बीच यात्री ट्रेनें:
- बंधन एक्सप्रेस:
- कोलकाता से शुरू होकर खुलना तक – 2017 से चालू
- यह दोनों देशों के लोगों की मांगों को पूरा करने के लिए पेट्रापोल और बेनापोल सीमा मार्ग के माध्यम से दूरी को कवर करता है।
- मैत्री एक्सप्रेस:
- कोलकाता के लिए ढाका से शुरू – 2008 से चालू
- कोलकाता और ढाका के बीच त्रि-साप्ताहिक सेवा।
- मिताली एक्सप्रेस:
- उत्तर बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी से शुरू होकर ढाका तक।
- बंधन एक्सप्रेस:
- भारत और बांग्लादेश के बीच यात्री ट्रेनें:
- शरणार्थी संकट: रोहिंग्या शरणार्थी मुद्दे ने बांग्लादेश पर भारी दबाव डाल दिया है। पीएम हसीना ने इस मुद्दे को उठाया और भारत से शरणार्थियों को म्यांमार वापस लाने में सहायता करने का आग्रह किया।
भविष्य की संभावनाएँ
- भारत और बांग्लादेश दोनों देशों ने मित्रता और सहयोग की भावना से कई पुराने मुद्दों का समाधान किया है और हम आशा करते हैं कि तीस्ता जल बंटवारा संधि सहित सभी लंबित मुद्दों को जल्द से जल्द समाप्त कर लिया जाएगा।
- भारत को विशेष रूप से दक्षिण एशिया में भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र की बदलती प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को दृढ़ बनाने के लिए अन्य तरीकों पर भी गौर करने की आवश्यकता है।
- भारत को अपनी आर्थिक प्रगति को बनाए रखते हुए एवं बांग्लादेश को आर्थिक विकास में सहयोग देकर एक उपयुक्त संतुलन बनाने की आवश्यकता है।
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