Contents
- 1 एक्ट ईस्ट नीति
- 2 सौर ऊर्जा क्षेत्र में भारत की अभिनव पहल
- 3 प्रथम भारत-नॉर्डिक सम्मेलन
- 4 अरसों बाद कई देशों का दौरा किया गया
- 5 वैश्विक परिदृश्य में भारत की अभूतपूर्व उपस्थिति
- 6 आम जन को लाभ
- 7 समृद्धि के नए आयाम
- 8 मेक इन इंडिया
- 9 विभिन्न देशों से समझौता
- 10 स्किल इंडिया
- 11 ऊर्जा सुरक्षा
- 12 तीव्र गति पर रेलवे में परिवर्तन
- 13 Related
हमने वर्ष 2018 में PIB और NITI Ayog द्वारा जारी अपडेट को संक्षेप में एक जगह इकठ्ठा करना शुरू कर दिया है. यह भाग एक (Part 1) है. अन्य भाग्य जल्द ही अपलोड किया जाएगा.
एक्ट ईस्ट नीति
भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में 26 जनवरी, 2018 को मुख्य अतिथि के रूप में ASEAN के सभी देशों ने एक समान महत्त्व से भागीदारी की. यह पहला अवसर था कि जब किसी क्षेत्र के सभी नेताओं को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित किया गया, जो सरकार की “एक्ट ईस्ट नीति” के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक इजरायल यात्रा से भारत की पश्चिम एशिया नीति को ज्यादा परिपक्वता मिली है. भारत ने उस क्षेत्र के विरोधी देशों के साथ संतुलन बनाने में सफलता पाई है. इस कामयाबी में प्रधानमंत्री की निजी स्पर्श वाली कूटनीति महत्त्वपूर्ण रही है. भारत अब दुनिया में हर किसी से आँख में आँख मिलाकर बात कर रहा है. अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों में काफी दृढ़ता आई है. आर्थिक संबंध भी इससे बेहतर पहले कभी नहीं रहे. मोदी सरकार की “एक्ट ईस्ट नीति” ने भारतीय विदेश नीति में एक नया आयाम जोड़ा है.
सौर ऊर्जा क्षेत्र में भारत की अभिनव पहल
भारत तथा फ़्रांस ने मार्च 11, 2018 को नई दिल्ली में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय सौर संगठन (ISA) के प्रथम सम्मेलन का सह-आयोजन किया, जिसमें 50 से अधिक देशों के नेताओं तथा प्रतनिधियों ने भाग लिया. इस आईएसए सम्मेलन से विश्व में सौर क्रांति का आह्वान किया गया.
प्रथम भारत-नॉर्डिक सम्मेलन
प्रधानमन्त्री मोदी ने स्टॉकहोम में पाँच नॉर्डिक देशों के नेताओं के साथ अप्रैल 2018 में पहली शिखर वार्ता की. पहली भारत- नॉर्डिक शिखर वार्ता में स्वीडन. नॉर्वे, डेनमार्क, फ़िनलैंड और आइसलैंड ने भाग लिया. इससे आपसी साझेदारी को और अधिक सशक्त करने और इसे प्रौद्योगिकी तथा खोज केन्द्रित करने का प्रारूप तैयार किया गया.
अरसों बाद कई देशों का दौरा किया गया
विश्व में कई ऐसे देश थे जहाँ भारत के प्रतिनिधि को गये हुए 10 वर्ष तो कहीं 20 वर्ष तो कहीं 60 वर्ष बीत चुके थे. संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ढेर सारे विदेशी दौरे किये गये. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गत वर्षों में 166 देशों के 277 राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों/विदेश मंत्रियों के साथ 509 संवाद किये. प्रत्येक उच्चस्तरीय बहुपक्षीय मंचों तथा क्षेत्रीय मंचों पर भारत का भव्य स्वागत किया गया.
वैश्विक परिदृश्य में भारत की अभूतपूर्व उपस्थिति
गत वर्षों में विश्व के प्रत्येक कोने में कूटनीतिक पहुँच के क्षेत्रों में अद्वितीय वृद्धि हुई है. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री तथा दोनों राज्य मंत्रियों के स्तर पर रिकॉर्ड संख्या में भारत के बाहर यात्राएँ हुईं. राष्ट्र के शीर्ष नेतृत्व ने विश्व के लगभग सभी देशों के उच्च नेताओं के साथ सम्पर्क स्थापित किया. इन सम्पर्कों से हमारे द्विपक्षीय संबंधों में गुणात्मक रूप से सुधार हुआ और वैश्विक तथा क्षेत्रीय मुद्दों हमारे बीच सहयोग में बढ़ोतरी हुई. भारत की प्राचीन परम्परा – “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना के अनरूप सभी क्षेत्रों में कूटनीतिक पहल की गई, जो केंद्र सरकार की छोटे-बड़े देशों के सम्बन्ध स्थापित करने की प्रतिबद्धता की परिचायक है और यह इस सिद्धांत को भी दर्शाती है कि विश्व एक परिवार है.
आम जन को लाभ
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विकास के लिए कूटनीति का सहयोग भारतीय विदेश नीति का प्रमुख स्तम्भ बना है. पहली बार विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रीय विकास के घरेलू कार्यक्रमों को स्वयं अपनाकर आगे बढ़ाया. सरकार के पिछले चार वर्षों के दौरान भारत के रूपांतरण के लिए परिवर्तन के एजेंडे को हमारी कूटनीतिक पहल के साथ जोड़ा गया है.
सहयोगी देशों के साथ हमारे सघन सम्पर्क के कारण भारत के लोगों को आर्थिक लाभ मिला और साथ ही विदेशी निवेश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरित से देश की सुरक्षा को भी सुदृढ़ किया गया. इन सबसे नए कारखानों को स्थापित करने और रोजगार सृजन से मदद मिली. विकास और समृद्धि के साथ कूटनीति के इस विशिष्ट जुड़ाव से हमें राष्ट्रीय पुनर्जागरण के कार्यक्रमों जैसे – मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्मार्ट सिटी, डिजिटल इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया के लिए विदेशी सहयोग मिल रहा है. वर्ष 2022 में जब भारत 75वें वर्ष में प्रवेश करेगा तब नया भारत बनाने में इस सहयोग की बहुत प्रभावित भूमिका बनेगी.
समृद्धि के नए आयाम
अभूतपूर्व कूटनीतिक पहल दिखाते हुए हमने अपने सहयोगी देशों, जहाँ फॉर्चून 500 कंपनियाँ स्थित हैं, पर्याप्त वित्तीय विकास सहायता प्राप्त करने की प्रतिबद्धता हासिल की –
- UAE – $75 बिलियन
- जापान – $33 बिलियन
- चीन – $22 बिलियन
- दक्षिण कोरिया – $10 बिलियन
- यूके – $10 बिलियन
मेक इन इंडिया
विभिन्न देशों से समझौता
फ्रांस
- L&T तथा फ़्रांस की कम्पनी अरेवा जैतापुर परमाणु संयंत्र के स्वदेशीकरण की दिशा में कार्य करेगी.
- सैन्य परिवहन एयरक्राफ्ट तथा हेलीकॉप्टर हेतु फ़्रांस की एयरबस असेम्बली लाइन.
- टाटा एवं एयरबस संयुक्त रूप C-295 परिवहन एयरक्राफ्ट का निर्माण करेंगे.
- महिंद्रा तथा एयरबस द्वारा हेलीकॉप्टरों का संयुक्त रूप से निर्माण.
यूनाइटेड किंगडम
वोडाफोन द्वारा डिजिटल इंडिया तथा “मेक इन इंडिया” में 1.3 बिलियन डॉलर का निवेश.
जापान
- 112 बिलियन डॉलर की जापान – मेक इन इंडिया विशेष वित्त सुविधा की शुरुआत.
- अगले 10 वर्षों में 30,000 भारतीय युवाओं को जापानी विनिर्माण के कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा. जापान भारत विनिर्माण संस्थान स्थापित किया जायेगा.
- 10,000 प्रतिभाशाली भारतीय युवाओं को जापान में कौशल विकास के लिए भेजा जाएगा.
स्कैंडेनेविया
- ABB द्वारा एशिया और अफ्रीका को निर्यात और निर्माण के केंद्र के रूप में भारत को चुनना.
- मेक इन इंडिया के लिए स्कैंडेनेवियाई देशों द्वारा समर्थन.
अमेरिका
- बोइंग द्वारा संयुक्त उद्यम के अंतर्गत एएच-64 अपाचे हेलीकॉप्टर के लिए एयरो ढाँचे का निर्माण.
- बोइंग और लॉकहीड मार्टिन द्वारा एयरोस्पेस क्षेत्र में संयुक्त विकास.
रूस
- परमाणु ऊर्जा संयत्र को भारत में स्थापित करने में रूस द्वारा सहायता उपलब्ध कराना.
- भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से भारत में 200 कामोव – 226 हेलीकॉप्टरों का संयुक्त निर्माण.
स्किल इंडिया
इस अभियान से कई देशों (यूके, जर्मनी, कनाडा, सिंगापुर, चीन, इजरायल और अन्य देशों ) ने स्किल इंडिया कार्यक्रम और कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना में सहयोग कर हमारे युवाओं के सशक्तिकरण में अपना योगदान दिया.
ऊर्जा सुरक्षा
2019 तक सभी को बिजली पहुँचाने और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए किये जा रहे घरेलू प्रयासों को मदद देने के लिए ऊर्जा सम्पन्न राष्ट्रों के साथ कूटनीतिक पहल की गई.
कूटनीतिक पहल से ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता तथा सभी घरों में बिजली पहुँचाने की दिशा में घरेलू प्रयासों को सम्बल प्रदान किया गया. भारत के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संगठन (ISA) के महत्त्वपूर्ण समर्थन को गति दी गई. इससे और ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन में वृद्धि होगी. इस प्रकार लाखों भारतीयों तक स्वच्छ ऊर्जा पहुँचेगी.
ISA के प्रथम सम्मेलन में 11 मार्च, 2018 को 121 ऊर्जा परियोजनाओं के विकास का अनुमोदन किया. राजनयिक दौरों से नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन में वृद्ध हेतु तकनीकी तथा वित्तीय सयोग प्राप्त हुआ. इससे प्रदूषण में कमी होगी और जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.
ऊर्जा सुरक्षा : हाइड्रोकार्बन
- भारत के एस्सार ऑइल में हित नियंत्रण (कंट्रोलिंग स्टेक) के लिए रोसनेफ्ट 9 डॉलर का निवेश.
- तुर्केमिनस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (तापी) पाईपलाइन का निर्माण कार्य चल रहा है.
- ओवीएल, वेंकोर्नेफ्ट परियोजना में रोनेफ्ट से 15% शेयर प्राप्त करेगी.
- संयुक्त अरब अमीरात की सहायता से रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार
- भारत और सऊदी अरब के बीच पेट्रोरसायन कॉम्प्लेक्स में संयुक्त उद्यम और भारत सऊदी अरब और अन्य तीसरे देश में संयुक्त अन्वेषण
- ईरान में फरजाद-बी गैस क्षेत्र के विकास के लिए बातचीत
तीव्र गति पर रेलवे में परिवर्तन
जापान भारत की पहली बुलेट ट्रेन का निर्माण-कार्य चल रहा है. हाई-स्पीड रेल लिंक यात्रा का समय सात घंटे से घटकर मात्र दो घंटे रह जाएगा. इसका निर्माण कार्य 2018 से आरम्भ होगा और वर्ष 2023 तक यह रेल सेवा परिचालन में आ जायेगी. अप्रैल 2018 में बिहार के मोतीहारी में फ्रांसीसी कम्पनी एल्सटोम द्वारा निर्मित मधेपुरा विद्युत लोकोमोटिव कारखाने का उद्घाटन किया गया. राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की गति पिछली सरकार के 12 किलोमीटर प्रतिदिन की तुलना में बढ़कर 27 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई है और देश में पहली बार ऐसा हुआ है कि वातानुकूलित रेलगाड़ियों की तुलना में हवाई जहाज से यात्रा करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
4 Comments on “भारत 2018 : PIB Collection Part 1”
Sir ji
Apka jitna sukriya kare utna kam hai
धन्यवाद सर जी बहुत बहुत 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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