IAS Helpline – Queries of Students, Clearing Doubts

Sansar LochanCivil Services Exam, Comment of the Week

IAS HELPLINE नामक इस पोस्ट पर हम कुछ सवालों को आपके सामने रख रहे हैं जो हमारे ब्लॉग रीडर ने पूछा है. इस पोस्ट के माध्यम से Civil Services Students के द्वारा पूछे गए इन queries/doubts को clear करने का प्रयास किया गया है.

IAS Helpline – Your Doubts Cleared

प्रश्न: मैं सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी घर से ही कर रहा हूँ क्योंकि मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है कि मैं कोचिंग ज्वाइन कर लूँ. कृपया मुझे बताएँ कि मैं किस प्रकार तैयारी करूँ? (आशीष दूबे, कानपुर, UP)

जवाब: आप बिना कोचिंग की सहायता से तैयारी कर रहे हैं तो यह बिल्कुल नहीं सोचे कि आपका चयन नहीं होगा अथवा आप अन्य प्रतियोगियों से कमजोर हैं जो कोचिंग में पढ़ रहे हैं. ऐसी अनेक अध्ययन सामग्री तथा पुस्तकें बाजार और इन्टरनेट पर उपलब्ध हैं, जिसकी सहायता से आप इस परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं. परन्तु आपको पूरी एकाग्रता तथा समपर्ण भाव से तैयारी करनी होगी. आप सर्वप्रथम सिविल सेवा पाठ्यक्रम के अनुसार अपने वैकल्पिक विषय के नोट्स बना लें. आप यह नहीं देखें कि नोट्स अच्छा बन रहा है अथवा नहीं. इसे बनाने से आपका ध्यान हर टॉपिक पर जाएगा और लिखने के क्रम में ही बहुत सारे टॉपिक्स आपको याद हो जायेंगे. इसे आप दो महीने का समय दें. फरवरी (परीक्षा का साल) से आप प्रारंभिक परीक्षा की ही सिर्फ तैयारी करें. प्रारंभिक परीक्षा को कभी भी हल्के रूप में नहीं लेनी चाहिए. आप प्रारम्भिक परीक्षा उत्तीर्ण होंगे, तभी मुख्य परीक्षा में शामिल हो पायेंगे, अतः आप अपनी तैयारी की एक रणनीति तथा योजना बनाकर उसपर अमल करना प्रारम्भ कर दें. आपको सफलता अवश्य मिलेगी.

प्रश्न: मैं पिछले दो वर्षों से वनस्पति विज्ञान के साथ तैयारी कर रहा हूँ. पर अब जंतु विज्ञान लेने की सोच रहा हूँ. क्या ये वैकल्पिक विषय सही है? समाचार पत्रों को किस प्रकार पढ़ना चाहिए? (योगेन्द्र यादव, कटिहार, Bihar)

जवाब: आपने अपनी शैक्षिक पृष्ठभूमि के बारे में बताया नहीं है, इसलिए इस आधार पर हम यह नहीं कह सकते कि आपको किन विषयों का चयन करना चाहिए. फिर भी यदि आपके शैक्षिक पृष्ठभूमि में ये विषय शामिल रहे हैं तो आप इनका चयन कर सकते हैं. अनेक प्रतियोगी इन विषयों के साथ सफल हुए हैं. साथ-साथ आपको सामान्य अध्ययन के प्रत्येक टॉपिक पर अच्छी तैयारी करनी चाहिए. जहाँ तक समाचार पत्र पढ़ने की बात है तो आपको राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख़बरें तथा सम्पादकीय पृष्ठ (editorial page) गंभीरतापूर्वक पढ़ना चाहिए. अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें >> How to read newspaper

प्रश्न: मैं अभी दसवीं कक्षा में पढ़ रहा हूँ. मैं आगे चलकर IAS अधिकारी बनना चाहता हूँ. मैं किस प्रकार तैयारी करूं और इस परीक्षा का detail मुझे बतायें? कृपया मार्गदर्शन करें. (निखिल चौहान, जयपुर, Rajasthan)

जवाब: इस परीक्षा के लिए आप इतने समय पहले ही सचेत हो गए हैं, यह काफी अच्छी बात है. इस परीक्षा में शामिल होने के लिए आपको कम से कम ग्रेजुएट होना जरुरी है. आप सबसे पहले अपनी स्नातक तक की परीक्षा अच्छे नम्बरों से उत्तीर्ण होने की कोशिश करें. वैसे संक्षिप्त जानकारी इस परीक्षा के बारे में यह है कि यदि आप सामान्य वर्ग के हैं तो आप छः बार इस परीक्षा में 21 से 32 वर्ष की उम्र के मध्य बैठ सकते हैं. यह परीक्षा तीन चरणों में होती है – प्रारम्भिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार. Click here to read Full Syllabus of IASजो प्रारंभिक परीक्षा में सफल होते हैं वही मुख्य परीक्षा और जो मुख्य परीक्षा में सफल होते हैं वे साक्षात्कार में शामिल होते हैं. इसमें सफल प्रतिभागियों की एक merit list बनायी जाती है, जिसे मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के अंकों को शामिल करके बनाई जाती है. इसमें जो प्रतियोगी न्यूनतम cut off पार कर जाते हैं, उन्हें सफल घोषित कर दिया जाता है. वैसे आप अभी अपनी स्कूल और कॉलेज की शिक्षा पूरी कीजिए. इसके प्राप्तांकों का बहुत महत्व होता है. हमारी शुभकामना आपके साथ है.

प्रश्न: मैं ग्रामीण पृष्ठभूमि का विद्यार्थी हूँ तथा सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना चाहता हूँ. मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. Tuition देकर अपनी पढ़ाई का पूरा खर्च पूरा करता हूँ. मैं किस प्रकार तैयारी करूँ ताकि IAS अधिकारी बन सकूँ? (विजय द्विवेदी, जबलपुर, Madhya Pradesh)

जवाब: सिविल सेवा परीक्षा के प्रतियोगियों के लिए परिवार की सुदृढ़ता एक हद तक सहायक साबित होती है क्योंकि यदि तैयारी की प्रक्रिया अपेक्षाकृत लम्बी चलती है तो अध्ययन सामग्री, कोचिंग का खर्च, बड़े नगरों में रहने का खर्च आदि व्यय सहना पड़ता है, किन्तु बावजूद इन सबके आर्थिक पृष्ठभूमि की सफलता (success) में योगदान नगण्य रहता है. यदि कोई छात्र आर्थिक दृष्टि से कमजोर है तो उसे इस कमजोरी को चुनौती के रूप में लेना चाहिए. यह कतई आवश्यक नहीं कि जिनके परिवार में IAS, Doctor या Engineer नहीं हैं तो इस प्रकार के पृष्ठभूमि वाले IAS topper नहीं हो सकते. हमारे देश में अनेक ऐसे toppers के उदाहरण हैं जो अत्यंत सामान्य अथवा विपन्न आर्थिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि से सम्बन्ध रखते हैं. बावजूद इसके उन्होंने अपने आत्मबल, इच्छाशक्ति, समर्पण और प्रतिभा के बल पर शानदार सफलता प्राप्त की. स्पष्ट है कि सिविल सेवा परीक्षा में सफलता आपकी आर्थिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि देखकर आकर्षित नहीं होती बल्कि आपका धैर्य, आत्मविश्वास, परिश्रम और प्रतिभा देखकर आकर्षित होती है. इसलिए आर्थिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बगैर पूरे विश्वास से लक्ष्य की ओर बढ़ें.

प्रश्न: मैं यह जानना चाहता हूँ कि सिविल सेवा परीक्षा में सामूहिक अध्ययन (group study) कितना लाभदाई होता है और व्यक्तिगत रूप से अध्ययन करके हम सलफता प्राप्त नहीं कर सकते? (अशोक कंडुलना, लातेहार, Jharkhand)

जवाब: सिविल सेवा परीक्षा में सामूहिक अध्ययन अथवा सामूहिक परिचर्चा की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है. बशर्ते सामूहिक परिचर्चा सही रणनीति के साथ और जागरूक और लक्ष्य के प्रति समर्पित छात्रों के बीच हो. अधिकतम चार या पाँच छात्रों का एक समूह बनाना ही ठीक होता है. अधिक संख्या वास्तविक परिचर्चा में व्यावधान उत्पन्न कर सकती है. इसमें भाग ले रहे प्रतियोगियों के बीच लक्ष्य एक समान होनी चाहिए. उन लोगों को सम्मिलित न करें जो बैंकिंग, SSC की भी तैयारी साथ-साथ कर रहे हैं क्योंकि वे सिविल सर्विसेज को लेकर आपसे कम सीरियस होते होंगे. Discussion ले लिए समय का निर्धारण इस प्रकार करें कि आपके व्यक्तिगत दैनिक अध्ययन रूटीन पर प्रभाव न पड़े. दूसरे की कमजोरी को सुधारात्मक रूप में अभिव्यक्त करें, न कि आलोचना के रूप में. अपने पास उपलब्ध समस्त जानकारी को प्रकट करें, छुपाने की प्रकृति से आपको नुक्सान ही होगा क्योंकि अगर सामूहिक परिचर्चा में शामिल लोग अपनी जानकारी को छुपाकर ही रखते हैं तो इस group study/discussion का कोई औचित्य नहीं है.

आपको अपने मित्रों से सीखने का प्रयास करना चाहिए और विषयांतर से बचना चाहिए. Group discussion के दौरान निश्चित की गई topic के अंतर्गत अपने मित्रों से जो कुछ भी नै जानकारी प्राप्त करते हैं, उसे नोट करते जाएँ. बेहतर होगा कि पाठ्यक्रम (syllabus) के महत्त्वपूर्ण अंशों पर ही चर्चा की जाए, न कि सम्पूर्ण पाठ्यक्रम पर, इससे समय की बचत होगी. प्रारंभिक या मुख्य परीक्षा के एक माह पूर्व ही group study को बंद करके स्वाध्ययन (self study) करना उचित होगा. इस प्रकार आपकी तैयारी में सामूहिक और व्यक्तिगत तैयारी दोनों का ही महत्त्वपूर्ण स्थान है.

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