इंदु मल्होत्रा को 27 अप्रैल 2018 को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के समक्ष सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद की शपथ दिलाई गई. आज हम जानेंगे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की क्या योग्यता है और कॉलेजियम व्यवस्था (collegium system) क्या है in Hindi.
इंदु मल्होत्रा इस प्रकार चुनी जाने वाली पहली महिला अधिवक्ता हैं. वैसे अभी तक 68 वर्ष के इतिहास में मात्र 6 महिला जजों की नियुक्ति हुई है. ये सभी जज उच्च न्यायालयों से प्रोन्नत होकर सर्वोच्च न्यायलय में आयीं थीं. Collegium ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश Kuttiyil Mathew Joseph को भी सर्वोच्च न्यायालय के जज के रूप में नियुक्त करने की अनुशंषा की.
उपर्युक्त दोनों जजों की नियुक्ति होने के बाद सर्वोच्च न्यायालय में 27 जज हो जायेंगे. इसके बाद भी 4 रिक्तियाँ रह जाएँगी.
वैसे आपको बता दूँ कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की योग्यता क्या है?
योग्यता
- वह भारत का नागरिक हो.
- वह किसी उच्च न्यायालय अथवा दो या दो से अधिक न्यायालयों में लगातार कम-से-कम 5 वर्ष तक न्यायाधीश से रूप में कार्य कर चुका हो.
- या, किसी उच्च न्यायालय या न्यायालयों में लगातार 10 वर्ष तक अधिवक्ता (advocate) रह चुका हो.
- राष्ट्रपति की दृष्टि में कानून का उच्च कोटि का ज्ञाता हो.
इंदु मल्होत्रा का चयन उपर्युक्त बिंदु संख्या 3 के आधार पर हुआ है. उनके साथ Kuttiyil Mathew Joseph की अनुसंशा collegium द्वारा की गई है पर इनके नाम की पुष्टि अभी तक सरकार द्वारा नहीं की गई है.
कॉलेजियम व्यवस्था क्या है?
- उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया के सम्बन्ध में संविधान में कोई व्यवस्था नहीं दी गई है.
- अतः यह कार्य शुरू में सरकार द्वारा ही अपने विवेक से किया जाया करता था.
- परन्तु 1990 के दशक में सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप करना शुरू किया और एक के बाद एक कानूनी व्यवस्थाएँ दीं. इन व्यवस्थाओं के आलोक में धीरे-धीरे नियुक्ति की एक नई व्यवस्था उभर के सामने आई. इसके अंतर्गत जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की अवधारणा सामने आई.
- ये कॉलेजियम राज्य और केंद्र दोनों के स्तर पर होते हैं. इनमें यदि उच्च न्यायालय की बात हो तो वहाँ के मुख्य न्यायाधीश और 2-3 वरिष्ठतम न्यायाधीश collegium बनाते हैं और यदि सर्वोच्च न्यायालय की बात हो तो भारत के मुख्य न्यायाधीश तथा सर्वोच्च न्यायालाय के वरिष्ठतम न्यायाधीश सम्बंधित कॉलेजियम के सदस्य होते हैं.
- ये कॉलेजियम ही उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के जजों की नियुक्ति के लिए नाम चुनती है और फिर अपनी अनुशंसा सरकार को भेजती है.
- सरकार इन नामों से ही न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए कार्रवाई करती है.
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3 Comments on “अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा बनी सुप्रीम कोर्ट की जज – कैसे संभव हुआ?”
i am preparation to next 7th jpsc please update to me time 2 time 19/11/2018
Amazing blog. Amazing articles.
Sir, collegium jo Naam recommend krta hai, government use judge bnane k lie bound hai ? Pls reply soon. i have my exam on 3 june
Partially. Govt sujhaw de sakta hai jisko manana ya na manana collegium ke vivek par hai.