Fake News क्या होता है और इस पर कानूनी कार्रवाई

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GS Paper 2 Source : PIB

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UPSC Syllabus : सरकार की नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

Topic : Fake News

संदर्भ 

पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट-चेक इकाई की कार्रवाई के क्रम में पिछले एक वर्ष में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक सौ से अधिक यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक कर दिया है।

ज्ञातव्य है कि पिछले वर्ष तब्लीगी जमात के आयोजन पर कुछ मीडिया चैनलों द्वारा सांप्रदायिक रंग दिए जाने के खिलाफ दायर की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से फेक न्यूज के प्रसारण को रोकने के लिए विद्यमान सरकारी तंत्र/व्यवस्था के बारे में पूछा था और कहा था कि यदि ऐसा कोई तंत्र नही है तो वे इसके निर्माण के लिए कार्य करें।

जवाब में सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सरकार नए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्थानों के लिये दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 लेकर आई है। इनके तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स द्वारा शिकायतों के निस्तारण हेतु एक शिकायत अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, ये व्यक्ति भारत के निवासी होंगे।

असत्य समाचार (Fake News) किसे कहते हैं?

असत्य समाचार वे समाचार हैं जिन्हें प्रिंट, समाचार मीडिया अथवा इन्टरनेट पर आधारित सोशल मीडिया के माध्यम से जान-बूझकर गलत सूचना देने के लिए तैयार किया जाता है. असत्य समाचार को लिखने और प्रकाशित करने का उद्देश्य लोगों को गुमराह कर आर्थिक अथवा राजनीतिक लाभ उठाना है. ये अधिकतर सनसनीखेज और अतिश्योक्तिपूर्ण होते हैं. इनके शीर्षक जानबूझकर पूर्णतया झूठे बनाए जाते हैं जिससे कि लोगों का ध्यान खींचा जा सके.

असत्य समाचार के खतरे 

 राजनैतिक : ऐसे समाचार जनमत को भटकाने अथवा उनके ध्रुवीकरण के लिए प्रकाशित होते हैं. कई ऐसे असत्य समाचार प्रकाशित किये जाते हैं जिससे भारत की छवि को विदेश में कलंकित किया जाता है.

 धार्मिक : कुछ असत्य समाचारों में किसी विशेष धार्मिक विचारों की सराहणा होती है और किसी विशेष धर्म की निंदा.

 आपराधिक : ऐसे समाचारों में अपराध को सनसनीखेज बनाकर लोगों में व्यर्थ का भय उत्पन्न किया जाता है.

 आर्थिक ठगी : असत्य समाचारों का प्रयोग लोगों को आर्थिक झाँसा देने के लिए भी किया जाता है.

असत्य समाचारों को कैसे रोका जाए?

  • असत्य समाचारों को रोकने के लिए स्वतंत्र विश्वसनीय और कारगर प्रेस नियमों की आवश्यकता है.
  • बड़े मीडिया चलाने वालों को चाहिए कि वे सोशल मीडिया का उपयोग करके सच्चाई को सामना लाएँ और असत्य समाचारों की जाँच-पड़ताल कर उनका खंडन करें.
  • मीडिया के स्वामित्व को नियंत्रित करना भी आवश्यक है. ऐसा कई बार देखा जाता है कि मीडिया के कई मालिक अत्यंत सशक्त हो जाते हैं और समाचारों के एजेंडा को प्रभावित करने लगते हैं.
  • असत्य समाचारों को कानूनी परिभाषा में लाया जाए तथा इसके लिए भारी दंडात्मक प्रावधान लाये जाएँ.
  • असत्य समाचारों से उत्पन्न मामलों के विरुद्ध शिकायतों को दूर करने के लिए एक प्रणाली बनाई जाए तथा ऐसी शिकायतों को दूर करने के लिए पंचाट की व्यवस्था हो.
  • लोगों में डिजिटल मीडिया का ज्ञान बढ़ाया जाए जिससे वे किसी असत्य समाचार की छानबीन स्वयं कर सकें और अपना मंतव्य दे सकें.
  • ऐसे तकनीकी उपाय किये जाएँ जिससे किसी समाचार की विश्वसनीयता को जाँचा जा सके.

इस टॉपिक से UPSC में बिना सिर-पैर के टॉपिक क्या निकल सकते हैं?

Beyond Fake News Project

British Broadcasting Corporation (BBC) ने एक नया अभियान शुरू किया है जिसका उद्देश्य गलत सूचना देने और असत्य समाचार प्रसारित करने की रोकथाम करना है.

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