NASA द्वारा डार्ट मिशन (Double Asteroid Redirection Test – DART) के तहत भेजा गया एक स्पेसक्राफ्ट, हाल ही में पृथ्वी से मिलियन किमी दूर सूर्य की परिक्रमा कर रहे एक 160 मीटर चौड़े क्षुद्रग्रह Dimorphos से टकरा गया।
इस स्पेसक्राफ्ट को पिछले वर्ष इसी उद्देश्य के लिए छोड़ा गया था। उम्मीद थी कि इस टक्कर से क्षुद्रग्रह की कक्षा को बदला जा सकता है। हालाँकि स्पेसक्राफ्ट अपने प्रयास में कितना सफल हुआ, यह तो पूरी जाँच होने के बाद ही पता चलेगा।
लक्षित क्षुद्रग्रह Dimorphos वास्तव में डिडिमोस (Didymos) नामक बड़े क्षुद्रग्रह का एक उपग्रह है। डिडिमोस की चौड़ाई 780 मीटर है, जबकि Dimorphos लगभग 160 मीटर चौड़ा है। टकराने के लिए बड़े क्षुद्रग्रह डिडिमोस की बजाय छोटे क्षुद्रग्रह Dimorphos को लक्षित करने के पीछे प्रमुख कारणों में से एक Dimorphos की अपेक्षाकृत छोटी कक्षा का होना है, इससे इसकी कक्षा में विचलन का मापन आसान था।
DART मिशन
- अमेरिका के नासा ने डीडीमून तक पहुँचने वाले एक अन्तरिक्षयान की योजना बनाई.
- यह योजना अमेरिका की DART (Double Asteroid Redirection Test) योजना के तहत चलायी जायेगी.
- यहाँ यह ज्ञातव्य है कि DART योजना एक ऐसी योजना है जिसमें पृथ्वी से ऐसी मिसाइल छोड़ी जायेगी जो अन्तरिक्ष में जाकर पृथ्वी के निकट आते हुए क्षुद्रग्रह को उसके परिक्रमा पथ से छिटका देगी जिससे कि वह पृथ्वी से टकरा न सके और उसे क्षति न पहुँचा सके.
- अमेरिका की इस योजना के अंतर्गत 2022 में एक DART डीडीमून तक जाएगा और इसके परिक्रमा पथ को बदल डालेगा. इसके लिए DART जान-बूझकर डीडीमून पर 6 किमी/सेकंड की गति से जा टकराएगा. उस समय डार्ट पर एक कैमरा और स्वायत्त-चालन सॉफ्टवेर लगा होगा.
- इस टकराव के बाद हेरा 2026 में उस क्षुद्रग्रह की खोज करने पहुंचेगा और देखेगा कि अमेरिका के डार्ट के टकराव का वहाँ क्या प्रभाव पड़ा है और वह क्षुद्रग्रह अपने परिक्रमा पथ से कितना दूर छिटका है.
डीडीमून ही क्यों चुना गया?
डीडीमून को इसलिए चुना गया क्योंकि वह अत्यंत छोटा है और पृथ्वी से अत्यंत निकट भी है. वह डिडिमोस के चारों ओर 12 घंटे में परिक्रमा कर लेता है, इसलिए इसको पथभ्रष्ट करना सरल और नापने योग्य होगा.
डिडिमोस क्या है?
डिडिमोस क्षुद्रग्रहों का एक जोड़ा है जिसमें बड़े छुद्रग्रह का व्यास 780 मील है और परिक्रमा का समय 2.26 घंटा है. विदित हो कि डिडीमोस के चारों ओर डीडीमून (Didymoon) नामक चाँद परिक्रमा लगाता है, जिसका आकार मिस्र के गीज़ा पिरामिड के लगभग बराबर है और जिसका व्यास मात्र 160 मीटर है.
डार्ट मिशन का महत्त्व
क्षुद्रग्रह (Asteroid) खगोलिय पिंड होते हैं, जो ब्रह्माण्ड में विचरण करते रहते हे। यह आपने आकार में ग्रहों से छोटे और उल्का पिंडो से बड़े होते है। क्षुद्रग्रहों का पृथ्वी से टकराना सम्भव है, माना जाता है कि डायनासोर और अधिकांश अन्य जीव, लगभग लाखों साल पहले एक क्षुद्रग्रह की टक्कर के बाद विलुप्त हो गए थे।
वर्ष 2013 में, 18 मीटर चौड़ा एक क्षुद्रग्रह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर गया और रूस के ऊपर फट गया, जिससे सैकड़ों लोग घायल हो गए, और व्यापक क्षति हुई थी। लाखों छोटे क्षुद्रग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं – उनमे से कई नियमित रूप से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते रहते हैं, लेकिन सतह पर पहुँचने से पहले घर्षण के कारण जलकर नष्ट हो जाते हैं। उनमें से कुछ सतह पर पहुँचते भी हैं, लेकिन इतने बड़े नहीं होते कि नुकसान पहुंचा सकें। खतरा बड़े क्षुद्रग्रहों से है, जैसे कि वह क्षुद्रग्रह जिसने डायनासोर्स को नष्ट किया, उसकी चौड़ाई लगभग 10 किमी थी। नासा के मुताबिक इतना बड़ा एस्टेरॉयड करीब 10 से 20 करोड़ साल में ही पृथ्वी की तरफ आता है।
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