भ्रष्टाचार अवधारणा सूचकांक 2019 – भारत और विश्व का प्रदर्शन

Sansar LochanGovernance

CORRUPTION PERCEPTION INDEX 2019 (CPI Ranking)

संदर्भ

ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल (Transparency International) नामक संस्था ने 2019 के भ्रष्टाचार अवधारणा सूचकांक (Corruption Perception Index – CPI) को प्रकाशित कर दिया है.

भ्रष्टाचार अवधारणा सूचकांक क्या है?

  • इस सूचकांक में 180 देशों और भूभागों को शामिल किया गया है.
  • इसमें विशेषज्ञों और व्यवसाइयों से पूछा जाता है कि उनके मन में सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के स्तर के बारे में क्या अवधारणा है. इसी आधार पर देशों को रैंकिंग दी जाती है. इसमें यह देखा जाता है कि सरकारी अधिकारी भ्रष्टाचार करने पर पकड़े जाते हैं अथवा वे बच निकलते हैं. विशेषज्ञों से इस बात की भी जानकारी ली जाती है कि घूसखोरी का चलन वे कितना देखते हैं और क्या सार्वजनिक संस्थाएँ नागरिकों की आवश्यकताओं के प्रति सजग हैं?
  • यह सूचकांक एक मिश्रित सूचकांक है जिसमें देशों को रैंक देने के लिए 12 प्रकार के सर्वेक्षण किये जाते हैं.
  • इस सूचकांक को विश्व में बहुत सम्मान दिया जाता है और विश्लेषक और निवेशक भ्रष्टाचार के मामले में इसे विश्वसनीय मानते हुए इसका उपयोग करते हैं.
  • सूचकांक में से लेकर 100 तक का एक मापदंड होता है जिसमें जीरो का अर्थ हुआ “बहुत अधिक भ्रष्ट” और 100 का अर्थ हुआ “सबसे साफ़-सुथरा”.

भारत और पड़ोसी देशों का प्रदर्शन

  • 41 के अंक के साथ भारत को इस सूचकांक में 80वाँ स्थान मिला है.
  • 80वें स्थान पर ही चार और देश हैं जिनके नाम हैं – चीन, बेनिन, घाना और मोरक्को.
  • पाकिस्तान को इस सूचकांक में 120वाँ स्थान मिला है.

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

  • भ्रष्टाचार अवधारणा सूचकांक 2019 में डेनमार्क और न्यूज़ीलैण्ड को क्रमशः पहला और दूसरा स्थान मिला है.
  • इनके बाद फ़िनलैंड, सिंगापुर और स्वीडेन और स्विट्ज़रलैंड को स्थान दिया गया है.

Tags : Performance of various countries in the corruption perception index.  Need for transparency, efforts by government.

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