राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने बताया है कि हालाँकि जनगणना 2021 करवाने के लिए सरकार की मंशा 28 मार्च, 2019 को भारत के राजपत्र में अधिसूचित की गई थी, लेकिन कोविड 19 महामारी के प्रकोप के कारण जनगणना 2021 और संबंधित क्षेत्र की गतिविधियों को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है।
भारत में जनगणना सम्बन्धी प्रमुख तथ्य
- भारत में पहली बार आंशिक जनगणना ब्रिटिश शासनकाल में तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड मेयो के काल में वर्ष 1972 में हुई थी।
- जबकि भारत में पहली पूर्ण जनगणना वर्ष 1881 में लार्ड रिपन द्वारा करवाई गई। डब्ल्यू सी. प्लौडेन उस समय भारत के जनगणना आयुक्त थे।
- भारत में 1911-21 के दशक में जन्म दर न्यूनतम रही थी, इसीलिये वर्ष 1921 को “महाविभाजक वर्ष” कहा जाता है। इस दशक के दौरान जनसंख्या में 0.31% की दशकीय गिरावट देखी गई।
- सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) पहली बार वर्ष 1931 में आयोजित की गई थी, इसके बाद वर्ष 2011 में आयोजित की गई थी।
- भारत की प्रथम पूर्ण कम्प्यूटरीकृत जनगणना वर्ष 2001 में की गई थी।
- 15वीं जनगणना (2011) के अंतिम आँकड़े अप्रैल 2013 में जारी किये गए थे।
- सी. चन्द्रमौली वर्ष 2011 की जनगणना के आयुक्त थे।
- वर्ष 2021 की जनगणना देश की 16वीं और स्वतंत्र भारत की 8वीं जनगणना होगी। यह पूरी तरह से पेपरलेस होगी और जनसंख्या के आँकड़ों के संग्रहण तथा वर्गीकरण की प्रक्रिया पूर्णत: डिज़िटल होगी।
- 16वीं जनगणना में प्रत्येक परिवार से 31 प्रश्नों के आधार पर नागरिकों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति से संबंधित आँकड़ों को एकत्रित किया जाएगा।
- सरकार द्वारा आँकड़ों के संग्रह के लिए मोबाइल और वेब एप्लिकेशन और जनगणना से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के प्रबंधन और निगरानी के लिए लगभग 28 करोड़ की लागत से एक पोर्टल (सीएमएमएस) विकसित किया गया है।
Click here for –