भारत पर हूणों का आक्रमण और उसका प्रभाव- Huna Invasions Explained

Dr. SajivaAncient History, History

hun_envasion

आज हम इस पोस्ट में जानने कि कोशिश करेंगे कि हूण कौन थे, ये कहाँ से आये और भारत पर इनके आक्रमण (Huna Invasion) से भारतीय राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा? हूण कौन थे? हूण मूलतः मध्य एशिया की एक जंगली और बर्बर जाति थे. जनसंख्या बढ़ जाने के कारण और कुछ अन्य कारणों से उनको मध्य … Read More

तमिल भाषा और संगम साहित्य – Sangam Sahitya in Hindi

Dr. SajivaAncient History, History

sangam_sahitya

दक्षिण भारत की सर्वाधिक प्राचीन भाषा संभवतः तमिल थी. विद्वानों की राय है कि संभवतः स्थानीय भाषाओं के रूप में यहाँ तेलगु, मलयालम और कन्नड़ भाषाएँ भी प्रयोग में आती रहीं. वैदिक संस्कृति से सम्पर्क के बाद यहाँ संस्कृत भाषा के अनेक शब्द अपनाए गए और ई.पू. तीसरी शताब्दी में 44 वर्णों पर आधारित एक लिपि का विकास किया गया. … Read More

समुद्रगुप्त और उसकी विजयें – Samudragupta’s Conquests in Hindi

Dr. SajivaAncient History, History

samudrgupta

समुद्रगुप्त महाराजा चन्द्रगुप्त का पुत्र और उत्तराधिकारी था. हरिषेण द्वारा रचित प्रयाग स्तम्भ प्रशस्ति की चौथी पंक्ति में चन्द्रगुप्त प्रथम द्वारा Samudragupta को भरी सभा में राज्य प्रदान करने का वर्णन दिया हुआ है. विद्वानों की राय है कि संभवतः चन्द्रगुप्त प्रथम ने समुद्रगुप्त की योग्यता को ध्याम में रखकर और अपने पुत्रों में गृह-युद्ध को रोकने के लिए ऐसा … Read More

चौसा का युद्ध – हुमायूँ Vs. शेरशाह 25 जून, 1539

Sansar LochanHistory, Medieval History

chausa_war

आज हम चौसा के युद्ध (chausa war in hindi) के विषय में आपसे बात करेंगे. यह युद्ध हुमायूँ और शेरशाह के बीच हुआ था. चलिए देखते हैं इस युद्ध में कौन जीता, कौन हारा, ये युद्ध कब हुआ, क्या कारण (reasons) थे इस युद्ध के और इसके क्या परिणाम (result) सामने आये. चौसा का युद्ध (Chausa War) हमायूँ  का प्रबलतम शत्रु … Read More

प्रत्यक्ष कार्रवाई दिवस – The Direct Action Day 1946

Dr. SajivaHistory, Modern History

direct action day

शुरुआत में कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों ने ही कैबिनेट मिशन (<<Click to read it) को स्वीकार कर लिया पर अंतरिम सरकार की योजना को कांग्रेस स्वीकार नहीं कर सकी. यह एक हास्यास्पद स्थिति थी. लीग का दावा था कि वह कांग्रेस के बिना भी आन्तरिक सरकार का गठन कर सकती है. वायसराय ने लीग के प्रस्ताव को ठुकरा दिया. इससे जिन्ना … Read More

खानवा का युद्ध – Battle of Khanwa 1527 in Hindi

Dr. SajivaHistory, Medieval History

khanwa_war hindi

पानीपत के बाद बाबर द्वारा भारत में लड़े गए युद्धों में सबसे महत्त्वपूर्ण खानवा का युद्ध था. जहाँ पानिपत के युद्ध ने बाबर को दिल्ली और आगरा का शासक बना दिया, वहीं खानवा के युद्ध (Battle of Khanwa) ने बाबर के प्रबलतम शत्रु राणा सांगा का अंत कर बाबर की विजयों को एक स्थायित्व प्रदान किया. Quiz on > Khanwa … Read More

घाघरा का युद्ध – Battle of Ghaghra 1529

Dr. SajivaHistory, Medieval History

ghaghra_battle

आज हम घाघरा के युद्ध (Battle of Ghaghra in Hindi) के विषय में पढ़ने वाले हैं. यह युद्ध 1529 ई. में बाबर और अफगानों के बीच लड़ा गया था. यह युद्ध पानीपत युद्ध (1526) और खनवा के युद्ध (1527) के ठीक बाद लड़ा गया. घाघरा बिहार में है जिसका नाम बिहार में बहने वाली नदी घाघरा के नाम पर पड़ा … Read More

प्लासी का युद्ध – The Battle of Plassey 1757 in Hindi

Dr. SajivaHistory, Medieval History

plassey_war

प्लासी का युद्ध (The Battle of Plassey) बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और ईस्ट इंडिया कंपनी के संघर्ष का परिणाम था. इस युद्ध के अत्यंत महत्त्वपूर्ण तथा स्थाई परिणाम निकले. 1757 ई. में हुआ प्लासी का युद्ध ऐसा युद्ध था जिसने भारत में अंग्रेजों की सत्ता की स्थापना कर दी. बंगाल की तत्कालीन स्थिति और अंग्रेजी स्वार्थ ने East India Company … Read More

पबना विद्रोह 1873-76 (Pabna Peasant Revolt in Hindi)

Dr. SajivaHistory, Modern History

pabna_revolt

19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में बंगाल के पबना नामक जगह में भी किसानों ने जमींदारी शोषणों के विरुद्ध विद्रोह किया था. पबना राजशाही राज की जमींदारी के अन्दर था और यह वर्धमान राज के बाद सबसे बड़ी जमींदारी थी. उस जमींदारी के संस्थापक राजा कामदेव राय थे. पबना विद्रोह (Pabna Revolt) जितना अधिक जमींदारों के खिलाफ था उतना सूदखोरों और महाजनों … Read More

पिट्स इंडिया एक्ट (The Pitt’s India Act, 1784) in Hindi

Dr. SajivaHistory, Modern History

Regulating Act की कमजोरियों को दूर करने और अंग्रेजों के हितों की रक्षा करने के लिए 1784 ई. में ब्रिटिश संसद ने पिट्स इंडिया एक्ट (Pitt’s India Act) पास किया. इस एक्ट ने कंपनी का मामलों और भारत में उसके प्रशासन पर ब्रिटिश सरकार को सर्वोपरि नियंत्रण का अधिकार दे दिया. आइये जानते हैं Proposals, Significance and Features of Pitt’s … Read More