देश में “बल्क ड्रग पार्क्स’ की स्थापना
औषध विभाग ने “बल्क ड्रग पार्कों को प्रोत्साहन देने” की योजना के तहत तीन राज्यों- हिमाचल प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश के प्रस्तावों को “सैद्धांतिक” स्वीकृति दी है।
ज्ञातव्य है कि केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय द्वारा, फार्मा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के विजन के साथ Bulk Drug Parks का विकास किया जायेगा।
इसके तहत देश में 3 बल्क ड्रग पार्कों का विकास किया जायेगा.
UPSC Syllabus : यह टॉपिक GS Paper 2 का है – स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
ड्रग पार्क योजना के बारे में
- केंद्र सरकार की योजना के तहत देश में 3 बल्क ड्रग पार्कों का विकास किया जायेगा.
- एक ड्रग पार्क के लिए अधिकतम 1000 करोड़ की सहायता दी जाएगी।
- अनुदान सहायता आम सुविधाओं की लागत का 70% होगी परन्तु हिमालयी राज्यों के मामले में यह 90% होगी।
- एक राज्य केवल एक स्थान का प्रस्ताव कर सकता है, जिसका क्षेत्रफल 1000 एकड़ से कम नहीं है, या पहाड़ी राज्यों के मामले में 700 एकड़ से कम नहीं है।
- ड्रग पार्क में सक्रिय दवा सामग्री (Active Pharmaceutical Ingredient – APIs) के विनिर्माण की सुविधाएँ विकसित की जाएँगी।
- इसका उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा समर्थित विश्व स्तरीय सामान्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करके बल्क ड्रग के विनिर्माण की लागत को कम करना है और इसके माध्यम से घरेलू थोक दवा उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता में बढ़ोतरी करना है।
- ड्रग पार्क योजना दवाओं की निरंतर आपूर्ति प्रदान करने और नागरिकों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने में भी सहायता करेगी।
भारतीय औषध उद्योग की स्थिति
- भारतीय औषध उद्योग आकार के आधार पर विश्व में तीसरा सबसे बड़ा उद्योग है।
- भारत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1,75,040 करोड़ रुपये के दवाओं का निर्यात किया, जिसमें बल्क ड्रग्स/ड्रग इंटरमीडिएट शामिल हैं।
- इसके अतिरिक्त भारत विश्व में सक्रिय औषधीय घटकों (एपीआई) या थोक दवाओं के प्रमुख उत्पादकों में से एक है।
- भारत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 33,320 करोड़ रुपये मूल्य की बल्क ड्रग्स/ड्रग इंटरमीडिएट्स का निर्यात किया। हालांकि, भारत में कई देशों से दवाओं के विनिर्माण के लिए विभिन्न बल्क ड्रग/एपीआई का भी आयात किया जाता है।
- देश में बल्क ड्रग/एपीआई का अधिकांश आयात आर्थिक कारणों से किया जा रहा है। सरकार, आयात पर देश की निर्भरता को कम करने और स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।
- औषध विभाग, देश को एपीआई और ड्रग इंटरमीडिएट्स में आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहा है। इसके तहत प्रमुख पहलों में से एक बल्क ड्रग पार्क की योजना भी है।
Bulk Drug या सक्रिय औषधि सामग्री (Active Pharmaceutical Ingredient – API) क्या है?
- Bulk Drug, एक सक्रिय दवा सामग्री (API) होती है। जैसे- पैरसिटामोल एक दर्द निवारक Bulk Drug है, इसे अन्य कारकों के साथ मिश्रित कर विभिन्न फार्मा उत्पाद बनाये जाते हैं।
- सक्रिय औषधि सामग्री (API) का प्रयोग टेबलेट, कैप्सूल और सिरप बनाने के के लिए “कच्चे माल” की तरह किया जाता है. किसी भी दवाई के बनने में API की मुख्य भूमिका होती है और इसी API के लिए भारतीय कंपनियाँ बहुत हद तक चीन पर निर्भर हैं.
- सक्रिय औषधि सामग्री (API) किसी दवा का वह भाग है जो रोग को ठीक करने की क्षमता रखता है. आपने कई बार दवाइयाँ खरीदते समय किसी टैबलेट पर लिखा देखा होगा – Dolo 650 (Paracetamol). इसका अर्थ यह होता है कि इस टैबलेट में 650mg सक्रिय औषधि सामग्री है जो आपके ज्वर को ठीक करने में सहायता पहुंचाएगी. दवाई बनाने वाली कंपनियों में भी दो तरह की कंपनियाँ होती है. अधिकांश कंपनियां सक्रिय औषधि सामग्री बनाती हैं और इन दवाइयों को लेकर दूसरी कंपनियाँ इनका फार्मूलेशन तैयार करने का काम करती हैं.
अधिक जानकारी के लिए पढ़ें सक्रिय औषधि सामग्री
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