बौद्ध धर्म के विषय में स्मरणीय तथ्य : Part 3

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आशा है आप बौद्ध धर्म के विषय में स्मरणीय तथ्य Part 1 और पार्ट 2 वाला पोस्ट पढ़ लिया होगा, यदि नहीं पढ़ा तो इस पोस्ट के नीचे उसका लिंक दे दिया गया है. Exams में कई सवाल बौद्ध और जैन धर्म से पूछ लिए जाते हैं. मैं UPSC, UPPSC, MPSC, JPSC, BPSC, RPSC इन 6 राज्यों के previous year questions को देखा और भगवान् बुद्ध और बौद्ध धर्म पर पूछे गए सवालों का लिस्ट बनाया. उन सवालों का सही और सटीक उत्तर देकर आपके सामने यह महत्त्वपूर्ण study-material रख रहा हूँ. यह बौद्ध धर्म से पूछे जा सकने वाले most possible topics हैं जो आपकी परीक्षा के लिए शायद काफी होंगे.

बौद्ध धर्म के विषय में स्मरणीय तथ्य : Part 3

1. आजीवक – इस मत के अनुयायी नंगे रहा करते थे और आहार वृत्ति के सम्बन्ध में अत्यंत कठोर नियमों का पालन करते थे.

2. निगंठ (निर्ग्रन्थ बंधनरहित)- यह जैनों की संज्ञा थी जो केवल कौपीन धारण करते थे.

3. मुंउ सादक – मुंडिक साधुओं के शिष्य, बुद्ध घोष के अनुसार निगन्ठो के समान.

4. जटिलक – जो केशों को जटा-रूप में बांधते थे. गौतम ने जटिल संज्ञा वैखानस के लिए प्रयोग की थी. जटिल ब्राह्मणों का केंद्र उरुवेला में था, जो राजगृह के पास एक छावनी या सेना-ग्राम था, जहाँ कस्सप गोत्र के उरुवेला कस्सप, नदी कस्सप और गया कस्सप नामक तीन आचार्यों के साथ वे 1000 की संख्या में रहते थे. वे अग्नि की परिचर्या करते थे और बुद्ध ने उन्हें परिवास या परीक्षाकाल की शर्त से मुक्त कर दिया था क्योंकि एक तो वे सहयोगी भिक्षु सम्प्रदाय से सदस्य थे और दूसरे उनका दार्शनिक मत समुनत था.

5. परिव्राजक – ब्राह्मण धर्म के अनुसार विचरण करने वाले संन्यासियों की सामान्य संज्ञा.

6. मगन्डिक – अज्ञात

7. तेदंडिक – त्रिदंड धारण करने वाले जिनका उल्लेख मनुस्मृति में किया गया है. ब्राह्मण-भिक्षुओं के लिए बौद्धों ने यह नाम रखा था.

8. अविरुद्धक – जिनका मत विरुद्ध नहीं था अर्थात् मित्र.

9. गौतमक – गौतम के अनुयायी जो बौद्ध-धर्म के संस्थापक गौतम से भिन्न कोई आचार्य थे.

10. देवधम्मिका – जो देवों के धर्म का पालन करते हैं. इस सम्प्रदाय का उल्लेख अन्यत्र किसी ग्रन्थ में नहीं है.

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Part 1

Part 2

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