व्यापक-आधारभूत व्यापार एवं निवेश समझौता (BTIA) क्या है? – India EU BTIA

Sansar LochanFiscal Policy and Taxation

India-EU Broad Based Trade and Investment Agreement (BTIA)

यूरोपीय संघ ने भारत के साथ द्विपक्षीय निवेश संरक्षण समझौता (Bilateral Investment Protection Agreement – BIPA) करने में अपनी रूचि दिखलाई है. यह समझौता प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (FTA) से अलग होगा. विदित हो कि FTA के लिए बातचीत तो हो रही है, परन्तु मामला आगे बढ़ता नहीं दिखाई दे रहा है. FTA का औपचारिक नाम व्यापक-आधारभूत व्यापार एवं निवेश समझौता (the Broad-based Trade and Investment Agreement – BTIA) है.

निहितार्थ

BTIA से अलग एक भिन्न निवेश संरक्षण समझौते पर यदि आगे कार्रवाई होती है तो यह संभव हो सकता है कि BTIA से पहले ही BIPA पर कोई सहमति बन जाए.

व्यापक-आधारभूत व्यापार एवं निवेश समझौता (BTIA) क्या है?

यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच का एक व्यापारिक समझौता प्रस्ताव है जिसमें प्रारम्भिक वार्ता बेल्जियम के ब्रुसेल्स में 28 जून, 2007 को शुरू हुई थी. इस प्रकार के व्यापाक आधारभूत व्यापार एवं निवेश समझौते के लिए 13 अक्टूबर, 2006 में हेलसिंकी में आयोजित सातवें भारत यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में उपस्थित राजनेताओं ने प्रतिबद्धता दिखाई थी.

इसके पूर्व इस विषय में भारत और यूरोपीय संघ के एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समूह ने एक प्रतिवेदन दिया था जो इस प्रकार के समझौता का मूल आधार होने वाला था.

माहात्म्य

वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार तथा अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में निवेश की अड़चनें दूर कर भारत और यूरोपीय संघ द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना चाहते हैं. दोनों को विश्वास है कि विश्व व्यापार संगठन के नियमों और सिद्धांतों के अनुरूप एक व्यापक समझौता करने से दोनों पक्षों के व्यवसाय को फैलने का अवसर मिलेगा.

वार्ता के अन्दर चर्चित विषय

BTIA वार्ता में इन वस्तुओं और सेवाओं पर चर्चा हो रही है – वस्तु व्यापार, सेवा व्यापार, निवेश, स्वच्छता एवं फाइटोसैनिट्री उपाय, व्यापार में आने वाली तकनीकी बाधाएँ, व्यापार उपचार, उत्पत्ति के नियम, सीमा शुल्क और व्यापार सुविधा, प्रतिस्पर्धा, व्यापार रक्षा, सरकारी खरीद, विवाद निपटान, बौद्धिक संपदा अधिकार और भौगोलिक संकेत, सतत विकास.

वार्ता में अवरोध क्यों हो रहा है?

2013 से ही व्यापक आधारभूत व्यापार एवं निवेश समझौता (BTIA) के अंतर्गत वार्ताएं ठंडी पड़ी हुई हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि यूरोपीय संघ ने कुछ ऐसी माँगें रख दी हैं कि जिसपर सहमति नहीं बन पा रही है. ये माँगें हैं – स्वचालित वाहन, मदिरा एवं स्प्रिट के लिए बड़ा बाजार तथा बैंकिंग बीमा और ई-कॉमर्स जैसी वित्तीय सेवाओं को और भी अधिक सुलभ बनाना.

यूरोपीय संघ यह भी चाहता था कि वार्ता में श्रम, पर्यावरण और सरकारी खरीद को भी शामिल किया जाए. दूसरी ओर, भारत की माँग थी कि कामगार वीजा और अध्ययन वीजा के मानक सरल बनाए जाएँ और डाटा सुरक्षा इस प्रकार की हो जिससे कि यूरोपीय कम्पनियाँ भारत में अपना व्यवसाय आउटसोर्स कर सकें. परन्तु इसके प्रति यूरोपीय संघ के देशों ने उत्साह नहीं दिखाया.

Tags : India-EU Broad Based Trade and Investment Agreement (BTIA) in Hindi. ब्रॉड बेस्ड ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट अग्रीमेंट .

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