भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने हाल ही में पुरुष एवं महिला खिलाड़ियों को समान मैच फ़ीस देने की घोषणा की है। भारत ऐसा करने वाला न्यूज़ीलैंड के बाद विश्व का दूसरा देश बन गया है।
पुरुष एवं महिला खिलाडियों को मैच फ़ीस के तौर पर टेस्ट मैच में 15 लाख रुपये, वनडे मैच में 6 लाख रुपये और टी20 मैच में 3 लाख रुपये दिए जायेंगे।
मुख्य तथ्य
- ज्ञातव्य है कि ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2022 के अनुसार भारत 146 देशों में से 135 स्थान पर है।
- भारत में श्रम आय का 82% हिस्सा पुरुषों को मिलता है जबकि महिलाओं को केवल 18% वेतन प्राप्त होता है।
- भारत में महिलाओं की अनुमानित आय पुरुषों की तुलना में 1/5 है, इस दृष्टि से भारत विश्व के 10 सबसे खराब देशों में आता है।
समान वेतन हेतु किये गये प्रयास
- न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948, समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976 एवं श्रमिक संहिता 2019 लागू की गई हैं।
- मातृत्व लाभ अधिनियम 2017 के माध्यम से वेतन सुरक्षा के साथ मातृत्व अवकाश प्रदान किया गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा समान पारिश्रमिक कन्वेंशन लागू किया गया है।
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