पानीपत और घाघरा की लड़ाई में विजय प्राप्तकर बाबर ने न केवल एक नए राजवंश की स्थापना की बल्कि अफगान शक्ति किक रीढ़ तोड़ डाली थी. दो बार की पराजय के फलस्वरूप अफगान शक्ति की रीढ़ तोड़ डाली थी. दो बार की पराजय के फलस्वरूप अफगान शक्ति बिखर चुकी थी. अफगान जातिगत स्वभाव के कारण क्रूर था. बचे-खुचे अफगान हताश … Read More
हुमायूँ का प्रारंभिक जीवन और राज्यारोहण
आपका History Revision में स्वागत है. इस लेख के नीचे Revision Series का लिंक दिया है, आप वहाँ जाकर सारे आर्टिकल्स पढ़ सकते हैं. बाबर द्वारा नवनिर्मित मुग़ल साम्राज्य अस्थिर और संकटपूर्ण था. सैनिक शक्ति के बल पर नए साम्राज्य की आधारशिला राखी गई थी. मुग़ल साम्राज्य की जड़ कमजोर थी. विरासत के रूप में हुमायूँ को जो साम्राज्य प्राप्त … Read More
भारत में मुगल सत्ता की स्थापना : बाबर के युद्ध
जैसा कि आप जानते होंगे कि आगामी Civil Services परीक्षा 2018 के लिए हम history revision series चला रहे हैं. कल हमलोगों ने संक्षेप में बाबर के आक्रमण के पूर्व भारत की स्थिति कैसी थी, वह पढ़ा (Click here to read). आज हम बाबर के प्रारम्भिक जीवन, उसके आक्रमण, काबुल-विजय, पानीपत का प्रथम युद्ध, उसकी सफलता आदि कई पहलुओं पर … Read More
बाबर के आक्रमण के पूर्व का भारत – India Before Babar’s Invasion
परीक्षा की तिथि निकट आ रही है. इसलिए सोच रहा हूँ कि History Notes का revision करना जरुरी है. आज हम बाबर के आक्रमण के पूर्व का भारत (India Before Babar’s Invasion) के विषय में पढेंगे. भारत में जब-जब केन्द्रीय शक्ति का ह्रास हुआ और नए-नए स्वतंत्र राज्यों की स्थापना की गई तब-तब विदेशी आक्रमणकारियों ने विभाजित परिस्थिति का लाभ … Read More
मार्शल लॉ – अंग्रेजों की क्रूरता की हद!
जालियाँवाला बाग़ के हत्याकांड ने पंजाब सरकार की उग्रता को शांत न करके और अधिक प्रज्वलित कर दिया. 13 अप्रैल के हत्याकांड ने न केवल अमृतसर में बल्कि पंजाब के अन्य नगरों में भी भयानक आतंक फैला दिया था. फिर भी पंजाब लैफ्टिनेंट गवर्नर ने आवश्यक समझा कि अमृतसर में और अन्य कुछ स्थानों पर मार्शल लॉ अथवा सैनिक कानून लगा दिया जाए. … Read More
शाहजहाँ का शासनकाल : मुग़ल साम्राज्य का स्वर्णयुग?
शाहजहाँ का शासनकाल 1628 ई. से 1658 ई. (according to wikipedia) तक था. ऐसा कहा जाता है कि उसके तीस वर्ष के शासन में भारत की समृद्धि में काफी बढ़ोतरी हुई थी. प्रारम्भ में विद्रोह, सुदूर सीमावर्ती एवं मध्य एशिया पर आक्रमण तथा दक्षिण राज्यों के विरुद्ध सैनिक अभियान के फलस्वरूप राजस्व के बहुत बड़े भाग का अपव्यय हुआ था … Read More
बौद्ध संगीतियाँ (प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ)
आज हम बौद्ध प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ बौद्ध संगीतियों के विषय में पढेंगे और ये जानेंगे कि उन संगीतियों (Buddhist Councils) के समय तत्कालीन शासक, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष कौन थे? ये भी जानेंगे कि ये संगीतियाँ (councils) कहाँ और कब (date) हुईं? [table id=37 /] बौद्ध संगीतियों के प्रमुख कार्य प्रथम संगीति बुद्ध की शिक्षाओं को संकलित कर उन्हें … Read More
बौद्ध धर्म के विषय में स्मरणीय तथ्य : Part 3
आशा है आप बौद्ध धर्म के विषय में स्मरणीय तथ्य Part 1 और पार्ट 2 वाला पोस्ट पढ़ लिया होगा, यदि नहीं पढ़ा तो इस पोस्ट के नीचे उसका लिंक दे दिया गया है. Exams में कई सवाल बौद्ध और जैन धर्म से पूछ लिए जाते हैं. मैं UPSC, UPPSC, MPSC, JPSC, BPSC, RPSC इन 6 राज्यों के previous year … Read More
चोल साम्राज्य और इस वंश के शासक – The Chola Empire
आज हम चोल साम्राज्य के विषय में पढेंगे. जानेंगे इस वंश का उदय और पतन कैसे हुआ, इस वंश के राजा कौन थे. इस पोस्ट को आगे भी update किया जाएगा जिसमें हम Chola’s government (केन्द्रीय शासन), न्याय प्रणाली, आय-व्यय के साधन, कला और संस्कृति के विषय में भी जानेंगे. चलिए जानते हैं Chola Empire के सभी details in Hindi. … Read More
बौद्ध साहित्य – जातक, पिटक, निकाय आदि शब्दावली
प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत के रूप में बौद्ध साहित्य का विशेष महत्त्व है. इसमें जातक, पिटक और निकाय आदि आते हैं. चलिए जानते हैं बौद्ध साहित्य से सम्बंधित कुछ ऐसी ही शब्दावली के विषय में जो परीक्षा में अक्सर पूछे जाते हैं. जातक बौद्ध साहित्य का सबसे प्राचीन अंग कथाएँ हैं. जातकों की संख्या 547 है. जातक में भगवान् … Read More