सामान्य अध्ययन पेपर – 1 चैत्यगृहों के उद्भव और विकास पर प्रकाश डालिए. साथ ही चैत्य और विहार में क्या अंतर है, यह भी चर्चा करें. (250 words) यह सवाल क्यों? यह सवाल UPSC GS Paper 1 के सिलेबस से प्रत्यक्ष रूप से लिया गया है – “भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, … Read More
गदर पार्टी के बारे में जानें – Gadar Party 1913 in Hindi
विदेशों में क्रांतिकारी गतिविधियों में गदर पार्टी विशेष रूप से उल्लेखनीय है. इसकी स्थापना लाला हरदयाल ने की थी. 1911 ई. में वह कैलिफ़ोर्निया पहुँचे. 1912 ई. में उन्होंने एक परचा निकाला जिसमें हार्डिंग पर हमले को उचित ठहराया गया था. उन्होंने 10 मई, 1913 ई. को भारतीयों की सभा की जिसमें भारत में गदर (क्रांति) कराने के लिए गदर … Read More
हड़प्पा सभ्यता : एक संक्षिप्त अवलोकन – Harappa Civilization
हड़प्पा लिपि अभी तक पढ़ी नहीं जा सकी है. इसलिए मात्र पुरातात्त्विक अवशेषों के आधार पर ही हड़प्पा सभ्यता की विशेषताओं का ज्ञान होता है. लिखित साक्ष्य के अभाव में अवशेषों से सटीक निष्कर्ष निकालना भी कठिन है. अतः हड़प्पा सभ्यता (Harappa Civilization) के बारे में हमारे सभी अनुमान विवाद का विषय हो जाते हैं. हड़प्पा सभ्यता का नामकरण प्रारम्भिक … Read More
अकबर की Rajput Policy और उसकी समीक्षा
आज के इस पोस्ट में हम अकबर की राजपूत नीति (Rajput Policy/niti) की चर्चा और समीक्षा करेंगे. भूमिका भारतीय समाज और इतिहास के निर्माण में राजपूतों का योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण था. राजपूत वीरता, साहस, स्वाभिमान, स्वतंत्रता में अद्वितीय माने जाते थे. स्वाभिमान और स्वतंत्रता की रक्षा के नाम पर वे कटने-मरने के लिए तैयार रहते थे. पूर्व के तुर्क सुल्तानों … Read More
हरिहर और बुक्का के बारे में जानें, संगम राजवंश
हरिहर ने अपने भाई बुक्का के साथ विजयनगर राज्य की नींव डालने के बाद सबसे पहले गुट्टी तथा उसके आसपास के क्षेत्रों को अपनी सत्ता स्वीकार करने के लिए विवश किया. उन्होंने तुंगभद्र नदी के दक्षिणी तट पर स्थित अणेगोंडी के आमने-सामने दो नगर बसाए – विजयनगर और विद्यानगर. हरिहर प्रथम (1336-1353) हरिहर ने 18 अप्रैल, 1336 ई. को हिंदू … Read More
धोलावीरा – सिन्धु सभ्यता का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थल
सिन्धु घाटी सभ्यता के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्थल धोलावीरा (dholavira) से अब तक उम्मीद से अधिक संख्या में अवशेष मिले हैं. यह स्थल गुजरात के कच्छ जिले के मचाऊ तालुका में मासर एवं मानहर नदियों के मध्य अवस्थित है. यह सिन्धु सभ्यता का एक प्राचीन और विशाल नगर था, जिसके दीर्घकाल तक स्थायित्व के प्रमाण मिले हैं. आइए जानते हैं धोलावीरा से … Read More
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान समाचार पत्र तथा पत्रिकाएँ व उनके संस्थापक
आज हम आपको भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान (freedom struggle era) समाचार पत्र तथा पत्रिकाएँ (newspapers and magazines) व उनके संस्थापक/सम्पादक (writers/founders/editors) के नाम बताने वाले हैं. इस list को हमारे experts के द्वारा तैयार किया गया है, अगर फिर भी कोई mistake है तो कृपया कमेंट में लिखें. Writers/Founders of Newspapers and Magazines During Freedom Struggle in Indian History … Read More
चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य – सैनिक उपलब्धियाँ तथा तत्कालीन भारत
आज हम चन्द्रगुप्त द्वितीय यानी विक्रमादित्य (375-415 ई.) के विषय में पढेंगे. विक्रमादित्य के परिवार, उसके सिहांसन पर बैठने के समय साम्राज्य की अवस्था, उसका वैवाहिक जीवन, शक विजय, शक विजय के परिणाम, शासन प्रबंध, सिक्के, धार्मिक दशा, सामाजिक अवस्था, शासन-प्रबंध आदि के विषय में पढेंगे. नाम और परिवार चंद्रगुप्त द्वितीय को उसके अभिलेखों में भिन्न नामों से पुकारा गया … Read More
शुंग वंश के बारे में जानें – 185 ई.पू. से 75 ई.पू.
अंतिम मौर्य राजा बृहद्रथ को उसी के ब्राहमण सेनापति पुष्यमित्र ने मारकर शुंग वंश (Shunga / Sunga Dynasty) की स्थापना की. बाण ने “हर्ष-चरित” में लिखा है कि अंतिम मौर्य सम्राट् बृहद्रथ के सेनापति पुष्यमित्र ने सेना के एक प्रदर्शन का आयोजन किया और राजा को इस पर्दर्शन को देखने के लिए आमंत्रित किया. उस समय उपयुक्त अवसर समझ कर … Read More
मुगल साम्राज्य के पतन के कारण – Causes of the Decline of Mughal Empire
बाबर द्वारा स्थापित मुग़ल साम्राज्य अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब के शासनकाल में मध्याह्न सूर्य की तरह अपनी प्रखर किरणों से भारतीय इतिहास को चकाचौंध कर डाला. परन्तु औरंगजेब की मृत्यु के बाद मुग़ल साम्राज्य रूपी सूर्य धीरे-धीरे अस्ताचल की ओर बढ़ने लगा. विशाल मुग़ल साम्राज्य पहले की तुलना में केवल छायामात्र रह गया. मुग़ल साम्राज्य रूपी वृक्ष की शाखाएँ … Read More