NASA ने अपने आर्टेमिस 1 मिशन को 3 सितम्बर को लॉन्च करने जा रहा था. यह नासा का दूसरा प्रयास था. लॉन्च के पहले ही फ्यूल लीक होने से इस अभियान को रद्द करना पड़ा और इस प्रकार यह मिशन एक बार फिर से विफल हो गया.
Moon Mission of NASA – Artemis I
UPSC Syllabus
यह टॉपिक सामान्य अध्ययन पेपर 3 – प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान के अंतर्गत आयेगा.आर्टेमिस 1 मिशन की विशेषताएँ
- आर्टेमिस मानव रहित मिशन है।
- इसमें स्पेस लांच सिस्टम (Space Launch System – SLS) राकेट को कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से लांच किया जाना था.
- इसके साथ ओरियन क्रू मोड्यूल जुड़ा होगा।
- चन्द्रमा तक अपनी यात्रा के दौरान मिशन के द्वारा 10 छोटे रिसर्च सेटेलाइट (क्यूबसेट्स) पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किये जायेंगे।
- ओरियन चंद्रमा की कक्षा में सतह से लगभग 43,000 miles (70,000 किलोमीटर) की ऊँचाई पर चक्कर लगाएगा और वापसी में इसे प्रशांत महासागर में पैराशूट की सहायता से गिराया जायेगा।
आर्टेमिस अभियान (Artemis Mission)
- 2024 में मानव को भेजने का लक्ष्य है. पहली बार महिला को भेजा जाएगा.
- यह मिशन चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव एवं अन्य सुदूर क्षेत्रों में मानव मिशन भेजने का लक्ष्य रखता है।
- इसकी अनुमानित लागत 35 बिलियन डॉलर की है।
- आर्टेमिस मिशन के माध्यम से NASA ने नई प्रौद्योगिकियों, क्षमताओं और व्यापार दृष्टिकोण का प्रदर्शन कर लेना चाहता है जो भविष्य में मंगल मिशन के लिए आवश्यक होंगे।
- ग्रीक मान्यता के अनुसार “आर्टेमिस” जंगली जानवरों, शिकार की देवी थी, जो अपोलो की जुड़वाँ बहन थी (अपोलो, मिशन सीरीज के तहत ही NASA द्वारा 1969 से 1972 के बीच चंद्रमा पर 6 एस्ट्रोनोटों को भेजा गया था)
NASA की प्रस्तावित योजना में 4 अन्तरिक्ष यात्रियों को ओरियन स्पेसक्राफ्ट (Orion spacecraft) में स्पेस लांच सिस्टम (SLS) रॉकेट के माध्यम से चन्द्रमा की कक्षा में भेजा जायेगा। वहाँ से 2 अन्तरिक्ष यात्रियों को Space X के ह्यूमन लैंडिंग सिस्टम (HLS) स्टारशिप के माध्यम से चन्द्रमा की सतह पर उतारा जायेगा। करीब एक हफ्ते तक चन्द्रमा की सतह का परीक्षण करने के बाद दोनों अन्तरिक्ष यात्री लैंडर में बैठकर वापस चन्द्रमा की कक्षा में स्थित ओरियन स्पेसक्राफ्ट में आ जायेंगे, जहाँ से वे वापस पृथ्वी पर लौट आयेंगे।
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