केरल में दो महिलाओं की बलि देने की घटना के बाद राज्य में अंधविश्वास विरोधी कानून की माँग की जा रही है।
भारत में अंधविधासी प्रथाओं में होने वाली हत्याओं की स्थिति
- राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 6 लोगों की मृत्यु का कारण मानव बलि और 68 लोगों की मृत्यु का कारण जादू-टोना (Witchcraft) था।
- राज्यों में सबसे अधिक मामले छत्तीसगढ़ (20), उसके बाद मध्य प्रदेश (18) और तेलंगाना (11) में दर्ज किये गए.
संबंधित कानून
- देश में अंधविश्वास से संबंधित अपराधों से निपटने के लिये कोई केंद्रीय कानून नहीं है। हालाँकि बिहार, महाराष्ट्र, सहित 8 राज्यों में इस सम्बन्ध में कानून बनाये गये हैं।
- भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या का मामला) के तहत मानव बलि को शामिल किया गया है, लेकिन हत्या होने के बाद ही।
- IPC की धारा 295A (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण किया गया कार्य, जिसका उद्देश्य किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं, उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करना हो) भी ऐसी प्रथाओं को हतोत्साहित करती है।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51A के तहत भारतीय नागरिकों के लिये वैज्ञानिक सोच, मानवतावाद और सुधार की भावना को विकसित करना एक मौलिक कर्तव्य बताया गया है।
- ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज़ (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 उन दवाओं और उपचारों के विज्ञापनों पर रोक लगाता है, जो जादुई गुण (Magical Properties) होने का दावा करते हैं, और ऐसा करने को संज्ञेय अपराध घोषित करते हैं।
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