हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nations Environment Programme – UNEP) ने अनुकूलन अंतराल रिपोर्ट, 2022 (Adaptation Gap Report, 2022) जारी की है। इसमें अनुकूलन कार्यों के लिए योजना निर्माण तथा उनके वित्तपोषण और कार्यान्वयन में प्रगति का मूल्यांकन किया जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार अभी तक UNFCCC के 84% पक्षकारों ने ही अनुकूलन योजनाएँ, रणनीतियाँ बनाई हैं। इसके साथ ही अनुकूलन के वित्तपोषण आवश्यकता से 5-10% कम है।
अनुकूलन के बारे में
ज्ञातव्य है कि पहले से ही अपरिहार्य जलवायु परिवर्तन प्रभावों से सुरक्षा की दिशा में उठाये गये कदमों को “अनुकूलन” कहते हैं। “अनुकूलन” जलवायु कारवाई के तीन प्रमुख स्तम्भों शमन, नुकसान एवं क्षति तथा अनुकूलन में से एक है।
अनुकूलन अंतराल (Adaptation Gap) वास्तव में समाज द्वारा निर्धारित लक्ष्य और वास्तविक रूप से क्रियान्वित अनुकूलन के बीच का अंतर है। लक्ष्यों का निर्धारण मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से जुड़ी प्राथमिकताओं के आधार पर किया जाता है।
UNEP क्या है?
- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है जो पर्यावरण से सम्बंधित गतिविधियों का समन्वय करती है. यह पर्यावरण की दृष्टि से उचित नीतियों एवं पद्धतियों का कार्यान्वयन करने में विकासशील देशों को सहायता प्रदान करती है.
- UNEP पर संयुक्त राष्ट्र विभिन्न एजेंसीयों की पर्यावरण विषयक समस्याओं को देखने का दायित्व है. जहाँ तक वैश्विक तापवृद्धि (global warming) की समस्या पर चर्चा का प्रश्न है, इसको देखने का काम जर्मनी के Bonn में स्थित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मलेन (United Nations Framework Convention on Climate Change) का है.
- UNEP जिन समस्याओं को देखता है उनमें प्रमुख हैं– वायुमंडल, समुद्री एवं धरातलीय पारिस्थितिकी तंत्र, पर्यावरणिक प्रशासन एवं हरित अर्थव्यवस्था.
- UNEP पर्यावरण से सम्बंधित विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन एवं उन्हें धन देने का काम भी करता है.
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