लोग समय काटने के लिए गाना सुनते हैं, यूट्यूब देखते हैं और पता नहीं क्या-क्या करते हैं. पर हमारे पास तो टाइम-पास भी पढ़ना-लिखना ही है. इसलिए आपको दे रहा हूँ ऐसे 50 सवाल जो आपके जनरल नॉलेज का टेस्ट लेंगे. जरा संभल कर…सवाल इतने आसान नहीं जितने दिख रहे हैं.
यदि आप UPPSC, MPPSC, BPSC, JPSC, RPSC आदि PCS परीक्षाओं के लिए तैयारी कर रहे हैं और 2022 में परीक्षा में बैठने वाले हैं, तो ये सवाल आने की पूरी संभावना है. फॉर्मेट थोड़ा हार्ड है (UPSC लेवल) पर टफ सॉल्व कीजियेगा तब ही जाकर PCS के सवाल आपको आसान लगेंगे.
50 सवाल - जनरल नॉलेज टेस्ट 2021 के PCS परीक्षाओं के लिए
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Preliminary Exam 2021 – PCS Level Questions for UPPSC, MPPSC, BPSC, JPSC, RPSC etc.
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Question 1 of 50
1. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा भारत के संविधान में प्रदत्त ‘समानता के अधिकार’ का एक निहितार्थ है?
Correct
समानता के अधिकार के कुछ निहितार्थों को व्यक्त करते हुए समानता के अधिकार के संदर्भ में आधारभूत दृष्टिकोण को संविधान में और अधिक स्पष्ट किया गया है। संविधान में उल्लिखित है कि सरकार केवल धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं करेगी। इसलिए, विकल्प (a) सही नहीं है। सरकारी नौकरियों के लिए भी यही सिद्धांत लागू होता है। सभी नागरिकों को सरकार में किसी भी पद पर नियुक्ति से संबंधित मामलों में अवसर की समानता प्राप्त है। किसी भी नागरिक के साथ, उपर्युक्त उल्लिखित आधारों पर भेदभाव नहीं किया जाएगा या रोजगार के लिए अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा।
भारत सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों को आरक्षण प्रदान किया है। विभिन्न सरकारों ने कुछ निश्चित प्रकार की नौकरियों में महिलाओं, निर्धनों या शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को वरीयता देने के लिए विभिन्न योजनाएँ संचालित की हैं। इसलिए, विकल्प (b) एवं (c) सही नहीं हैं। ये आरक्षण समानता के अधिकार के विरुद्ध नहीं हैं क्योंकि समानता का अर्थ लोगों की आवश्यकताओं की उपेक्षा कर सभी से एक जैसा व्यवहार करना नहीं है। समानता का अर्थ प्रत्येक व्यक्ति को अपनी योग्यता के अनुसार उपलब्धि प्राप्त करने के लिए समान अवसर प्रदान करना है। कभी-कभी समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए किसी से विशेष व्यवहार करना आवश्यक होता है। इसका अर्थ सकारात्मक कार्यवाही या सकारात्मक भेदभाव होता है। संविधान के अनुसार इस प्रकार के आरक्षण का उद्देश्य समानता के अधिकार का उल्लंघन नहीं हैं अपितु प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार उपलब्धि प्राप्त करने का समान अवसर प्रदान करना है। इसलिए, केवल विकल्प (d) सही है।
Incorrect
समानता के अधिकार के कुछ निहितार्थों को व्यक्त करते हुए समानता के अधिकार के संदर्भ में आधारभूत दृष्टिकोण को संविधान में और अधिक स्पष्ट किया गया है। संविधान में उल्लिखित है कि सरकार केवल धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं करेगी। इसलिए, विकल्प (a) सही नहीं है। सरकारी नौकरियों के लिए भी यही सिद्धांत लागू होता है। सभी नागरिकों को सरकार में किसी भी पद पर नियुक्ति से संबंधित मामलों में अवसर की समानता प्राप्त है। किसी भी नागरिक के साथ, उपर्युक्त उल्लिखित आधारों पर भेदभाव नहीं किया जाएगा या रोजगार के लिए अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा।
भारत सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों को आरक्षण प्रदान किया है। विभिन्न सरकारों ने कुछ निश्चित प्रकार की नौकरियों में महिलाओं, निर्धनों या शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को वरीयता देने के लिए विभिन्न योजनाएँ संचालित की हैं। इसलिए, विकल्प (b) एवं (c) सही नहीं हैं। ये आरक्षण समानता के अधिकार के विरुद्ध नहीं हैं क्योंकि समानता का अर्थ लोगों की आवश्यकताओं की उपेक्षा कर सभी से एक जैसा व्यवहार करना नहीं है। समानता का अर्थ प्रत्येक व्यक्ति को अपनी योग्यता के अनुसार उपलब्धि प्राप्त करने के लिए समान अवसर प्रदान करना है। कभी-कभी समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए किसी से विशेष व्यवहार करना आवश्यक होता है। इसका अर्थ सकारात्मक कार्यवाही या सकारात्मक भेदभाव होता है। संविधान के अनुसार इस प्रकार के आरक्षण का उद्देश्य समानता के अधिकार का उल्लंघन नहीं हैं अपितु प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार उपलब्धि प्राप्त करने का समान अवसर प्रदान करना है। इसलिए, केवल विकल्प (d) सही है।
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Question 2 of 50
2. Question
1 points‘ग्रीन क्लाइमेट फंड’ के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह UNEP और UNFCCC की पहल है।
- इसका उद्देश्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में विकासशील देशों की सहायता करना है।
- यह जलवायु-संवेदी निवेश (climate-sensitive investments) के लिए सार्वजनिक के साथ साथ निजी क्षेत्र की सहायता करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
वर्ष 2010 में ग्रीन क्लाइमेट फंड को यूनाइटेड नेशंस फ़्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) के 194 भागीदार देशों द्वारा, कन्वेंशन के वित्तीय तंत्र के एक भाग के रूप में स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य शमन और अनुकूलन दोनों के संदर्भ में समान मात्रा में वित्तपोषण प्रदान करना है। ये निधियाँ मुख्य रूप से विकसित देशों से, परन्तु साथ ही कुछ विकासशील देशों, क्षेत्रों और एक शहर (पेरिस) से आती हैं। इस निधि का उद्देश्य शमन और अनुकूलन निवेशों के बीच समय के साथ 50:50 का संतुलन बनाना है। ग्रीन क्लाइमेट फंड (GCF) की सभी गतिविधियों का उद्देश्य, विकासशील देशों को अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को सीमित करने या कम करने में सहायता करना तथा उनको जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति अनुकूलित करना है। यह फंड अपनी इस क्षमता में विशिष्ट है कि यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्रकों, दोनों के साथ परिवर्तनकारी जलवायु-संवेदी निवेशों में प्रत्यक्ष रूप से सहभागिता स्थापित करता है। GCF अपनी प्राइवेट सेक्टर फैसिलिटी (PSF) के माध्यम से निजी क्षेत्रक के साथ सीधे संलग्न होता है। इसलिए, कथन 2 और 3 सही हैं एवं 1 सही नहीं है।
UNFCCC के तहत, ग्रीन क्लाइमेट फंड (GCF) के लिए डायरेक्ट एक्सेस एंटिटी (DAE) ‘नाबार्ड (NABARD)’ है। GCF की डायरेक्ट एक्सेस एंटिटी होने के कारण नाबार्ड ने GCF बोर्ड की 16वीं बैठक में “ओड़िशा के सुभेद्य जनजातीय क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और लचीलापन बढ़ाने हेतु भूजल पुनर्भरण और सौर आधारित सूक्ष्म सिंचाई” के लिए एक परियोजना का अनुमोदन प्राप्त कर उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है।
Incorrect
वर्ष 2010 में ग्रीन क्लाइमेट फंड को यूनाइटेड नेशंस फ़्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) के 194 भागीदार देशों द्वारा, कन्वेंशन के वित्तीय तंत्र के एक भाग के रूप में स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य शमन और अनुकूलन दोनों के संदर्भ में समान मात्रा में वित्तपोषण प्रदान करना है। ये निधियाँ मुख्य रूप से विकसित देशों से, परन्तु साथ ही कुछ विकासशील देशों, क्षेत्रों और एक शहर (पेरिस) से आती हैं। इस निधि का उद्देश्य शमन और अनुकूलन निवेशों के बीच समय के साथ 50:50 का संतुलन बनाना है। ग्रीन क्लाइमेट फंड (GCF) की सभी गतिविधियों का उद्देश्य, विकासशील देशों को अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को सीमित करने या कम करने में सहायता करना तथा उनको जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति अनुकूलित करना है। यह फंड अपनी इस क्षमता में विशिष्ट है कि यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्रकों, दोनों के साथ परिवर्तनकारी जलवायु-संवेदी निवेशों में प्रत्यक्ष रूप से सहभागिता स्थापित करता है। GCF अपनी प्राइवेट सेक्टर फैसिलिटी (PSF) के माध्यम से निजी क्षेत्रक के साथ सीधे संलग्न होता है। इसलिए, कथन 2 और 3 सही हैं एवं 1 सही नहीं है।
UNFCCC के तहत, ग्रीन क्लाइमेट फंड (GCF) के लिए डायरेक्ट एक्सेस एंटिटी (DAE) ‘नाबार्ड (NABARD)’ है। GCF की डायरेक्ट एक्सेस एंटिटी होने के कारण नाबार्ड ने GCF बोर्ड की 16वीं बैठक में “ओड़िशा के सुभेद्य जनजातीय क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और लचीलापन बढ़ाने हेतु भूजल पुनर्भरण और सौर आधारित सूक्ष्म सिंचाई” के लिए एक परियोजना का अनुमोदन प्राप्त कर उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है।
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Question 3 of 50
3. Question
1 pointsबोधिसत्व वज्रपाणि का चित्र सर्वाधिक प्रसिद्ध और प्राय:चित्रित चित्रकारी है, जो
Correct
बोधिसत्व के सुप्रसिद्ध पद्मपाणि और वज्रपाणि चित्र अजंता की गुफाओं में मिलते हैं। अजंता के चित्रों में कुछ प्रारूपात्मक (typological) एवं शैलीगत (stylistic) भिन्नताएं देखी जा सकती हैं जो यह संकेत करती हैं कि अजंता में गुफा चित्रकारी भिन्न-भिन्न श्रेणियों (guilds) के शिल्पकारों द्वारा कई शताब्दियों में पूर्ण की गयी है। पद्मपाणि बोधिसत्व के चित्र के दूसरी ओर वज्रपाणि बोधिसत्व की छवि चित्रित की गई है। उनके दाहिने हाथ में वज्र और सिर पर मुकुट है। इस चित्र में पद्मपाणि के चित्रमय गुण भी मिलते हैं। गुफा नं 1 में बौद्ध विषयों जैसे कि महाजनक जातक, उमग जातक आदि पर कई रोचक चित्रकारियाँ हैं। महाजनक जातक सम्पूर्ण दीवार पर चित्रित है जो सबसे बड़ी कथा चित्रकारी है। यह भी दृष्टव्य है कि पद्मपाणि, वज्रपाणि और बोधिसत्व के चित्रों को मंदिरों के संरक्षक के रूप में चित्रित किया गया है।
अजंता की अन्य गुफाओं में भी लगभग इसी प्रकार की चित्रात्मक-व्यवस्था (iconographic arrangement) देखने को मिलती है। हालाँकि गुफा नंबर 1 के पद्मपाणि तथा वज्रपाणि चित्र, अजंता के शेष बचे सर्वश्रेष्ठ चित्रों में शामिल हैं।
Incorrect
बोधिसत्व के सुप्रसिद्ध पद्मपाणि और वज्रपाणि चित्र अजंता की गुफाओं में मिलते हैं। अजंता के चित्रों में कुछ प्रारूपात्मक (typological) एवं शैलीगत (stylistic) भिन्नताएं देखी जा सकती हैं जो यह संकेत करती हैं कि अजंता में गुफा चित्रकारी भिन्न-भिन्न श्रेणियों (guilds) के शिल्पकारों द्वारा कई शताब्दियों में पूर्ण की गयी है। पद्मपाणि बोधिसत्व के चित्र के दूसरी ओर वज्रपाणि बोधिसत्व की छवि चित्रित की गई है। उनके दाहिने हाथ में वज्र और सिर पर मुकुट है। इस चित्र में पद्मपाणि के चित्रमय गुण भी मिलते हैं। गुफा नं 1 में बौद्ध विषयों जैसे कि महाजनक जातक, उमग जातक आदि पर कई रोचक चित्रकारियाँ हैं। महाजनक जातक सम्पूर्ण दीवार पर चित्रित है जो सबसे बड़ी कथा चित्रकारी है। यह भी दृष्टव्य है कि पद्मपाणि, वज्रपाणि और बोधिसत्व के चित्रों को मंदिरों के संरक्षक के रूप में चित्रित किया गया है।
अजंता की अन्य गुफाओं में भी लगभग इसी प्रकार की चित्रात्मक-व्यवस्था (iconographic arrangement) देखने को मिलती है। हालाँकि गुफा नंबर 1 के पद्मपाणि तथा वज्रपाणि चित्र, अजंता के शेष बचे सर्वश्रेष्ठ चित्रों में शामिल हैं।
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Question 4 of 50
4. Question
1 points‘भारत के इस राज्य की तटरेखा सबसे छोटी है तथा पांच भारतीय राज्यों की सीमा को स्पर्श करती है। इस राज्य के उत्तरी भाग में वर्ष में किसी भी समय कभी भी सूर्य की किरणें ऊर्ध्वाधर नहीं होती हैं।’ यह राज्य निम्नलिखित में से कौन-सा हो सकता है?
Correct
दिए गए सभी तटीय राज्यों में सबसे छोटी तटरेखा पश्चिम बंगाल (157.5 किमी) की है। इसकी सीमा पांच राज्यों, अर्थात्, उड़ीसा, झारखंड, बिहार, सिक्किम और असम को स्पर्श करती है। चूँकि कर्क रेखा इस राज्य से होकर गुजरती है और राज्य का उत्तरी भाग इसके ऊपर स्थित है, अत: यहाँ वर्ष के किसी भी समय सूर्य की किरणें सीधी नहीं पड़ती हैं।
Incorrect
दिए गए सभी तटीय राज्यों में सबसे छोटी तटरेखा पश्चिम बंगाल (157.5 किमी) की है। इसकी सीमा पांच राज्यों, अर्थात्, उड़ीसा, झारखंड, बिहार, सिक्किम और असम को स्पर्श करती है। चूँकि कर्क रेखा इस राज्य से होकर गुजरती है और राज्य का उत्तरी भाग इसके ऊपर स्थित है, अत: यहाँ वर्ष के किसी भी समय सूर्य की किरणें सीधी नहीं पड़ती हैं।
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Question 5 of 50
5. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा उच्चतर आविष्कार अभियान का उद्देश्य है?
Correct
वैश्विक बाजार में भारतीय उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने के लिए उद्योग-विशिष्ट आवश्यकता-आधारित शोध को बढ़ावा देने हेतु यह योजना आरंभ की गयी थी। सभी IITs को नवाचार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान कर उद्योगों के साथ कार्य करने और ऐसे समाधानों के साथ आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया गया है जिन्हें वाणिज्यिक स्तर पर लाया जा सकता है। UAY के अंतर्गत, IIT द्वारा प्रस्तावित, परियोजनाओं पर प्रति वर्ष 250 करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव है, बशर्ते कि उद्योग परियोजना लागत का 25% योगदान करें। वर्ष 2016-17 के लिए, 285.15 करोड़ रुपये की (92) परियोजनाओं को कार्यान्वयन के लिए स्वीकृत किया गया है।
Incorrect
वैश्विक बाजार में भारतीय उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने के लिए उद्योग-विशिष्ट आवश्यकता-आधारित शोध को बढ़ावा देने हेतु यह योजना आरंभ की गयी थी। सभी IITs को नवाचार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान कर उद्योगों के साथ कार्य करने और ऐसे समाधानों के साथ आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया गया है जिन्हें वाणिज्यिक स्तर पर लाया जा सकता है। UAY के अंतर्गत, IIT द्वारा प्रस्तावित, परियोजनाओं पर प्रति वर्ष 250 करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव है, बशर्ते कि उद्योग परियोजना लागत का 25% योगदान करें। वर्ष 2016-17 के लिए, 285.15 करोड़ रुपये की (92) परियोजनाओं को कार्यान्वयन के लिए स्वीकृत किया गया है।
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Question 6 of 50
6. Question
1 pointsमध्ययुगीन भारत में महिला शासकों के संदर्भ में, निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
महिला शासक क्षेत्र 1. रजिया सुल्तान : दिल्ली 2. रुद्रमादेवी : कश्मीर 3. दिद्दा : दक्कन उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?
Correct
रजिया सुल्तान: मामलुक वंश की सदस्या रजिया सुल्तान को दिल्ली की सल्तनत पर शासन करने वाली एकमात्र महिला के रूप में जाना जाता है। वह इल्तुतमिश की पुत्री थी तथा अपने भाइयों से अधिक सक्षम एवं योग्य थी। यद्यपि सन् 1240 में उसे सिंहासन से हटा दिया गया था।
रानी रुद्रमा देवीः रानी रुद्रमा देवी दक्कन पठार में सन् 1263 से अपनी मृत्यु तक शासन करने वाली काकतीय वंश की एक रानी थीं। इन्होने अपने शिलालेखों पर अपना नाम परिवर्तित कर स्वयं को एक पुरुष के रूप में प्रस्तुत किया।
दिद्दाः रानी दिद्दा ने सन् 958 से सन् 1003 तक कश्मीर पर शासन किया। उसने पहले अपने पुत्र और पौत्रों के लिए एक राज्य-संरक्षक या प्रतिशासिका के रूप में शासन किया तत्पश्चात सन् 980 से पूर्ण शासिका या रानी के रूप में कार्य किया। रानी दिद्दा से संबंधित अधिकांश जानकारी राजतरंगिणी से प्राप्त होती हैं जिसकी रचना 12वीं शताब्दी में कल्हण द्वारा की गयी थी।
Incorrect
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Question 7 of 50
7. Question
1 pointsकभी-कभी सुर्ख़ियों में रहने वाले, अग्रिम मूल्यनिर्धारण समझौते (advance pricing agreements) का उद्देश्य है:
Correct
अग्रिम मूल्यनिर्धारण समझौता (APA), कर दाता और कर प्राधिकरण के मध्य भविष्य के लिए करदाताओं के अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के मूल्यनिर्धारण हेतु ट्रांसफर प्राइसिंग (मूल्य स्थानांतरण ) कार्य-प्रणाली निर्धारित करने वाला समझौता है। इस कार्य-प्रणाली को कुछ नियमों एवं शर्तों के साथ निश्चित समयावधि के लिए लागू किया जाना है। अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौते के प्रावधानों को 2012 में आयकर अधिनियम में सम्मिलित किया गया था। जटिल ट्रांसफर प्राइसिंग मुद्दों का निष्पक्ष और पारदर्शी रूप से समाधान करने एवं गैर विरोधी कर व्यवस्था को बढ़ावा देने में सक्षम बनाने हेतु भारतीय अग्रिम मूल्यनिर्धारण समझौता (APA) कार्यक्रम की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गई है।
Incorrect
-
Question 8 of 50
8. Question
1 pointsनिम्नलिखित अफ्रीकी देशों में से कौन हिन्द महासागर की सीमा पर स्थित हैं?
- सोमालिया
- इथोपिया
- दक्षिण सूडान
- केन्या
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
अफ्रीका के जिन देशों एवं क्षेत्रों की तटीय सीमा हिंद महासागर से लगती है, वे हैं: दक्षिण अफ्रीका, मोजाम्बिक, मेडागास्कर, फ्रेंच सदर्न एंड अंटार्कटिक लैंड (FRA), फ्रांस (मैयट और रियूनियन), मॉरीशस, कोमोरोस, तंजानिया, सेशेल्स, केन्या और सोमालिया।
Incorrect
-
Question 9 of 50
9. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा/से जन्तु प्रजातियां भारत के पश्चिमी घाट में स्थानिक है/हैं?
- मार्बल्ड कैट
- गोल्डन लंगूर
- लायन टेल्ड मकाक
- नारकोण्डम हॉर्नबिल
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
लॉयन टेल्ड मकाक दक्षिण पश्चिमी भारत में, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु राज्यों में कलाक्कड़ु पहाड़ियों से लेकर अंशी घाट तक विस्तृत पश्चिमी घाट की पहाड़ियों के लिए स्थानिक है। यह प्रजाति भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1, भाग 1 के रूप में सूचीबद्ध है। इसे IUCN की रेड लिस्ट में ‘इन्डैन्जर्ड’ श्रेणी में रखा गया है।
गोल्डन लंगूर इन्डैन्जर्ड प्रजाति है और केवल भूटान और उत्तर-पूर्वी भारत (असम) में पाया जाता है। यह भारत-भूटान सीमा पर पूर्व में मानस नदी, पश्चिम में संकोष और दक्षिण में ब्रह्मपुत्र नदी के बीच पश्चिमी असम में एक वन पेटी तक ही सीमित है। प्राकृतिक आवास के विनाश के कारण, इस प्रजाति की आबादी, विशेष रूप से भारत में, विखंडित वन खंडों तक सीमित है। यह भी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972) में अनुसूची 1 प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध है।
नारकोण्डम हॉर्नबिल IUCN की रेड लिस्ट में इन्डैन्जर्ड के रूप में सूचीबद्ध है। यह भारत में अंडमान द्वीप समूह के पूर्व में एक छोटे (6.82 वर्ग कि.मी.) द्वीप नारकोन्डम की एक स्थानिक प्रजाति है।
मार्बल्ड कैट पूर्व में नेपाल में हिमालय की तलहटी से लेकर दक्षिण-पश्चिम चीन, दक्षिण की ओर पूरे दक्षिण पूर्व एशिया में और बोर्नियो और सुमात्रा के द्वीपों पर पायी जाती है। यह IUCN की रेड लिस्ट में नियर थ्रेटेंड प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध है।
इसलिए, विकल्प (d) सही है।
Incorrect
लॉयन टेल्ड मकाक दक्षिण पश्चिमी भारत में, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु राज्यों में कलाक्कड़ु पहाड़ियों से लेकर अंशी घाट तक विस्तृत पश्चिमी घाट की पहाड़ियों के लिए स्थानिक है। यह प्रजाति भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1, भाग 1 के रूप में सूचीबद्ध है। इसे IUCN की रेड लिस्ट में ‘इन्डैन्जर्ड’ श्रेणी में रखा गया है।
गोल्डन लंगूर इन्डैन्जर्ड प्रजाति है और केवल भूटान और उत्तर-पूर्वी भारत (असम) में पाया जाता है। यह भारत-भूटान सीमा पर पूर्व में मानस नदी, पश्चिम में संकोष और दक्षिण में ब्रह्मपुत्र नदी के बीच पश्चिमी असम में एक वन पेटी तक ही सीमित है। प्राकृतिक आवास के विनाश के कारण, इस प्रजाति की आबादी, विशेष रूप से भारत में, विखंडित वन खंडों तक सीमित है। यह भी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972) में अनुसूची 1 प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध है।
नारकोण्डम हॉर्नबिल IUCN की रेड लिस्ट में इन्डैन्जर्ड के रूप में सूचीबद्ध है। यह भारत में अंडमान द्वीप समूह के पूर्व में एक छोटे (6.82 वर्ग कि.मी.) द्वीप नारकोन्डम की एक स्थानिक प्रजाति है।
मार्बल्ड कैट पूर्व में नेपाल में हिमालय की तलहटी से लेकर दक्षिण-पश्चिम चीन, दक्षिण की ओर पूरे दक्षिण पूर्व एशिया में और बोर्नियो और सुमात्रा के द्वीपों पर पायी जाती है। यह IUCN की रेड लिस्ट में नियर थ्रेटेंड प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध है।
इसलिए, विकल्प (d) सही है।
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Question 10 of 50
10. Question
1 pointsसरकार की सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) का प्रयोजन है:
Correct
सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) को पूर्व में सेंट्रल प्लान स्कीम मोनिटरिंग सिस्टम (CPSMS) के नाम में जाना जाता था। यह महालेखा नियंत्रक (CGA) कार्यालय द्वारा विकसित एवं कार्यान्वित वेब आधारित ऑनलाइन सॉफ्टवेयर है। सरकार के द्वारा हाल ही में केंद्रीय क्षेत्र की सभी योजनाओं के लिए सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) के प्रयोग को अनिवार्य बना दिया गया है।
सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) के मैंडेट में निम्नलिखित सम्मिलित हैं:
- सभी सरकारी योजनाओं हेतु एक वित्तीय प्रबंधन प्लेटफार्म प्रदान करना, सभी प्राप्तकर्ता एजेंसियों का एक डाटाबेस निर्मित करना, योजना निधियों के प्रबन्धन करने वाले बैंकों का कोर बैंकिंग के साथ समेकन, योजना का राज्य निधि के साथ समेकन एवं सरकार की कार्य योजना के कार्यान्वयन के दौरान निम्नतम स्तर तक निधियों के प्रवाह की कुशल और प्रभावी निगरानी।
- देश में चल रही सभी सरकारी योजनाओं/कार्यान्वयन एजेंसियों को निधि के उपयोग संबंधी जानकारी प्रदान करना ताकि सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में सार्वजनिक जवाबदेही बढ़ाने के लिए बेहतर निगरानी, समीक्षा एवं निर्णय समर्थन प्रणाली (DSS) संभव हो सके।
- सार्वजनिक व्यय में सरकारी पारदर्शिता के लिए नकदी के बेहतर प्रबंधन एवं विभिन्न योजनाओं में संसाधनों की उपलब्धता एवं उपयोग पर रियल टाइम जानकारी के माध्यम से, सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में प्रभावशीलता एवं मितव्ययिता बढ़ाना। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रशासन और प्रबंधन में सुधार, व्यवस्था में विचलन को कम करना, लाभार्थियों को सीधे भुगतान एवं लोक-निधि के उपयोग में अधिकाधिक पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करना भी है। प्रस्तावित प्रणाली शासन में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण होगी।
Incorrect
सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) को पूर्व में सेंट्रल प्लान स्कीम मोनिटरिंग सिस्टम (CPSMS) के नाम में जाना जाता था। यह महालेखा नियंत्रक (CGA) कार्यालय द्वारा विकसित एवं कार्यान्वित वेब आधारित ऑनलाइन सॉफ्टवेयर है। सरकार के द्वारा हाल ही में केंद्रीय क्षेत्र की सभी योजनाओं के लिए सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) के प्रयोग को अनिवार्य बना दिया गया है।
सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) के मैंडेट में निम्नलिखित सम्मिलित हैं:
- सभी सरकारी योजनाओं हेतु एक वित्तीय प्रबंधन प्लेटफार्म प्रदान करना, सभी प्राप्तकर्ता एजेंसियों का एक डाटाबेस निर्मित करना, योजना निधियों के प्रबन्धन करने वाले बैंकों का कोर बैंकिंग के साथ समेकन, योजना का राज्य निधि के साथ समेकन एवं सरकार की कार्य योजना के कार्यान्वयन के दौरान निम्नतम स्तर तक निधियों के प्रवाह की कुशल और प्रभावी निगरानी।
- देश में चल रही सभी सरकारी योजनाओं/कार्यान्वयन एजेंसियों को निधि के उपयोग संबंधी जानकारी प्रदान करना ताकि सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में सार्वजनिक जवाबदेही बढ़ाने के लिए बेहतर निगरानी, समीक्षा एवं निर्णय समर्थन प्रणाली (DSS) संभव हो सके।
- सार्वजनिक व्यय में सरकारी पारदर्शिता के लिए नकदी के बेहतर प्रबंधन एवं विभिन्न योजनाओं में संसाधनों की उपलब्धता एवं उपयोग पर रियल टाइम जानकारी के माध्यम से, सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में प्रभावशीलता एवं मितव्ययिता बढ़ाना। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रशासन और प्रबंधन में सुधार, व्यवस्था में विचलन को कम करना, लाभार्थियों को सीधे भुगतान एवं लोक-निधि के उपयोग में अधिकाधिक पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करना भी है। प्रस्तावित प्रणाली शासन में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण होगी।
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Question 11 of 50
11. Question
1 pointsयूरोपीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (EBRD) के संबंध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- इसकी स्थापना शीतयुद्धोत्तर कालीन मध्य और पूर्वी यूरोप में व्याप्त चुनौती का सामना करने के उद्देश्य से की गई थी।
- EBRD की स्थापना के समय से ही भारत इसका सदस्य रहा है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
कथन 2 सही नहीं है: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में द यूरोपियन बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (EBRD) में भारत की सदस्यता का अनुमोदन किया है।
भारत की सदस्यता का प्रभाव:
- EBRD की सदस्यता भारत की अंतर्राष्ट्रीय साख में वृद्धि करेगी एवं इसके आर्थिक हितों को बढ़ावा देगी। इससे भारत की पहुँच उन देशों एवं क्षेत्रकों से सम्बंधित जानकारी तक बनेगी जिनमें EBRD कार्य कर रहा है।
- भारत के निवेश जुटाने के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।
- यह विनिर्माण, सेवाओं, सूचना प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के क्षेत्र में सह-वित्तपोषण (co-financing) के अवसरों के माध्यम से भारत और EBRD के बीच सहयोग की संभावनाओं में विस्तार करेगा।
- EBRD का मुख्य कार्य उन देशों में निजी क्षेत्रक के विकास से संबंधित है जिन देशों में यह अपने कार्यों का संचालन करता है। इसकी सदस्यता से भारत को निजी क्षेत्रक के विकास हेतु बैंक की तकनीकी सहायता और क्षेत्रक सम्बन्धी ज्ञान का उपयोग करने में सहायता मिल सकेगी।
- इससे देश में निवेश के लिए बेहतर परिवेश का निर्माण होगा।
- EBRD की सदस्यता भारतीय फर्मों की प्रतिस्पर्धी क्षमता को संवर्द्धित करेगी। इसके साथ ही यह व्यापार के अवसरों, खरीद गतिविधियों, कंसल्टेंसी असाइनमेंट आदि के मामलों में अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की उपलब्धता में भी वृद्धि करेगी।
- इससे एक ओर भारतीय पेशेवरों के लिए नई संभावनाएँ उत्पन्न होंगी और दूसरी ओर यह भारतीय निर्यातों को भी प्रोत्साहित करेगी।
- आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि से रोजगार सृजन की संभावनाएँ उत्पन्न होंगी।
- इससे भारतीय नागरिकों को भी इस बैंक में रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।
Incorrect
कथन 2 सही नहीं है: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में द यूरोपियन बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (EBRD) में भारत की सदस्यता का अनुमोदन किया है।
भारत की सदस्यता का प्रभाव:
- EBRD की सदस्यता भारत की अंतर्राष्ट्रीय साख में वृद्धि करेगी एवं इसके आर्थिक हितों को बढ़ावा देगी। इससे भारत की पहुँच उन देशों एवं क्षेत्रकों से सम्बंधित जानकारी तक बनेगी जिनमें EBRD कार्य कर रहा है।
- भारत के निवेश जुटाने के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।
- यह विनिर्माण, सेवाओं, सूचना प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के क्षेत्र में सह-वित्तपोषण (co-financing) के अवसरों के माध्यम से भारत और EBRD के बीच सहयोग की संभावनाओं में विस्तार करेगा।
- EBRD का मुख्य कार्य उन देशों में निजी क्षेत्रक के विकास से संबंधित है जिन देशों में यह अपने कार्यों का संचालन करता है। इसकी सदस्यता से भारत को निजी क्षेत्रक के विकास हेतु बैंक की तकनीकी सहायता और क्षेत्रक सम्बन्धी ज्ञान का उपयोग करने में सहायता मिल सकेगी।
- इससे देश में निवेश के लिए बेहतर परिवेश का निर्माण होगा।
- EBRD की सदस्यता भारतीय फर्मों की प्रतिस्पर्धी क्षमता को संवर्द्धित करेगी। इसके साथ ही यह व्यापार के अवसरों, खरीद गतिविधियों, कंसल्टेंसी असाइनमेंट आदि के मामलों में अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की उपलब्धता में भी वृद्धि करेगी।
- इससे एक ओर भारतीय पेशेवरों के लिए नई संभावनाएँ उत्पन्न होंगी और दूसरी ओर यह भारतीय निर्यातों को भी प्रोत्साहित करेगी।
- आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि से रोजगार सृजन की संभावनाएँ उत्पन्न होंगी।
- इससे भारतीय नागरिकों को भी इस बैंक में रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।
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Question 12 of 50
12. Question
1 pointsभारत के संविधान की छठी अनुसूची के संबंध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- सभी उत्तर-पूर्वी राज्यों के जनजातीय क्षेत्रों को छठी अनुसूची के प्रावधानों के अंतर्गत प्रशासित किया जाता है।
- संसदीय अधिनियम, राज्यपाल या राष्ट्रपति की सहमति के बिना इन क्षेत्रों पर लागू नहीं होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
- कथन 1 सही नहीं है: संविधान में छठी अनुसूची के अंतर्गत उत्तर-पूर्व के चार राज्यों, असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के लिए विशेष प्रावधान हैं।
- कथन 2 सही है: संसद या राज्य विधानमंडल के अधिनियम स्वायत्त जिलों और स्वायत्त क्षेत्रों पर लागू नहीं होते या निर्दिष्ट संशोधनों और अपवादों के साथ लागू होते हैं। इस संबंध में विवेकाधिकार या तो राष्ट्रपति या राज्यपाल में निहित होता है। अतः असम के मामले में संसद या राज्य विधानमंडल, दोनों के अधिनियमों के संबंध में यह राज्यपाल में निहित होता है। मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के मामले में, संसद के अधिनियमों के संबंध में यह राष्ट्रपति में और राज्य विधानमंडल अधिनियमों के संबंध में यह राज्यपाल में निहित होता है।
Incorrect
- कथन 1 सही नहीं है: संविधान में छठी अनुसूची के अंतर्गत उत्तर-पूर्व के चार राज्यों, असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के लिए विशेष प्रावधान हैं।
- कथन 2 सही है: संसद या राज्य विधानमंडल के अधिनियम स्वायत्त जिलों और स्वायत्त क्षेत्रों पर लागू नहीं होते या निर्दिष्ट संशोधनों और अपवादों के साथ लागू होते हैं। इस संबंध में विवेकाधिकार या तो राष्ट्रपति या राज्यपाल में निहित होता है। अतः असम के मामले में संसद या राज्य विधानमंडल, दोनों के अधिनियमों के संबंध में यह राज्यपाल में निहित होता है। मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के मामले में, संसद के अधिनियमों के संबंध में यह राष्ट्रपति में और राज्य विधानमंडल अधिनियमों के संबंध में यह राज्यपाल में निहित होता है।
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Question 13 of 50
13. Question
1 pointsNALSA (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) की स्थापना भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से किन भागों में अन्तर्निहित उद्देश्य की पूर्ति करती है?
- उद्देशिका
- मूल अधिकार
- राज्य के नीति के निदेशक तत्व
- मूल कर्तव्य
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
समान अवसर के आधार पर समाज के कमजोर वर्गों को निःशुल्क विधिक सेवाएँ उपलब्ध कराने हेतु, NALSA निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करता है:
- सभी नागरिकों के लिए न्याय सुनिश्चित करने हेतु प्रस्तावना।
- भारतीय संविधान में उल्लिखित राज्य के नीति निदेशक तत्वों से संबंधित अनुच्छेद 39A जो समान अवसर के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने हेतु समाज के गरीब एवं कमजोर वर्गों को नि:शुल्क विधिक सेवाएं प्रदान करने का प्रावधान करता है।
- संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 22(1) के अंतर्गत मूल अधिकार जो राज्य के लिए कानून के समक्ष समानता सुनिश्चित करने को अनिवार्य बनाते हैं।
वर्ष 1987 में संसद द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम अधिनियमित किया गया था।समान अवसर के आधार पर समाज के कमजोर वर्गों को नि:शुल्क और उचित विधिक सेवाएं प्रदान करने हेतु राष्ट्रव्यापी एकीकृत नेटवर्क की स्थापना के लिए 1995 में लागू किया गया था।
Incorrect
समान अवसर के आधार पर समाज के कमजोर वर्गों को निःशुल्क विधिक सेवाएँ उपलब्ध कराने हेतु, NALSA निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करता है:
- सभी नागरिकों के लिए न्याय सुनिश्चित करने हेतु प्रस्तावना।
- भारतीय संविधान में उल्लिखित राज्य के नीति निदेशक तत्वों से संबंधित अनुच्छेद 39A जो समान अवसर के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने हेतु समाज के गरीब एवं कमजोर वर्गों को नि:शुल्क विधिक सेवाएं प्रदान करने का प्रावधान करता है।
- संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 22(1) के अंतर्गत मूल अधिकार जो राज्य के लिए कानून के समक्ष समानता सुनिश्चित करने को अनिवार्य बनाते हैं।
वर्ष 1987 में संसद द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम अधिनियमित किया गया था।समान अवसर के आधार पर समाज के कमजोर वर्गों को नि:शुल्क और उचित विधिक सेवाएं प्रदान करने हेतु राष्ट्रव्यापी एकीकृत नेटवर्क की स्थापना के लिए 1995 में लागू किया गया था।
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Question 14 of 50
14. Question
1 pointsसतलज नदी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- भारत में प्रवेश से पहले यह सिंधु नदी के लगभग समानांतर प्रवाहित होती है।
- ब्यास नदी पंजाब से निकलती है और यह सतलज की एक सहायक नदी है।
- सतलज नदी पाकिस्तान में झेलम नदी से मिलती है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
सतलज नदी का उद्गम भारतीय सीमाओं से परे कैलाश पर्वत के दक्षिणी ढलानों में मानसरोवर झील के निकट राकस झील से, लोगचेन खम्बाव नदी (तिब्बत में) के रूप में होता है। यह हिमाचल प्रदेश की पाँच नदियों में से सबसे बड़ी है। यह भारत में प्रवेश करने से पहले लगभग 400 किमी तक सिंधु नदी के लगभग समानांतर प्रवाहित होती है, और रोपड़ में एक गॉर्ज से निकलकर बाहर आती है। यह शिपकी-ला (ऊँचाई = 6,608 मीटर) पर हिमाचल में प्रविष्ट होती है एवं किन्नौर, शिमला, कुल्लू, सोलन, मंडी और बिलासपुर जिलों से होते हुए दक्षिण-पश्चिम दिशा में प्रवाहित होती है। इसलिए, कथन 1 सही है।
ब्यास नदी का उद्गम मध्य हिमाचल प्रदेश में हिमालय से होता है और यह लगभग 470 किलोमीटर (290 मील) तक प्रवाहित होकर भारत के पंजाब राज्य में सतलज नदी तक आती है। इसलिए, कथन 2 सही नहीं है।
सतलज नदी में ब्यास नदी मिल जाती है और यह पाकिस्तान में प्रवेश करने से पूर्व 65 मील (105 किमी) तक लम्बी भारत-पाकिस्तान सीमा के रूप में प्रवाहित होती है। इसके बाद पाकिस्तान में अगले 220 मील (350 किमी) की दूरी तय कर बहावलपुर के पश्चिम मे चिनाब नदी से मिलती है। इसलिए, कथन 3 सही नहीं है।
Incorrect
सतलज नदी का उद्गम भारतीय सीमाओं से परे कैलाश पर्वत के दक्षिणी ढलानों में मानसरोवर झील के निकट राकस झील से, लोगचेन खम्बाव नदी (तिब्बत में) के रूप में होता है। यह हिमाचल प्रदेश की पाँच नदियों में से सबसे बड़ी है। यह भारत में प्रवेश करने से पहले लगभग 400 किमी तक सिंधु नदी के लगभग समानांतर प्रवाहित होती है, और रोपड़ में एक गॉर्ज से निकलकर बाहर आती है। यह शिपकी-ला (ऊँचाई = 6,608 मीटर) पर हिमाचल में प्रविष्ट होती है एवं किन्नौर, शिमला, कुल्लू, सोलन, मंडी और बिलासपुर जिलों से होते हुए दक्षिण-पश्चिम दिशा में प्रवाहित होती है। इसलिए, कथन 1 सही है।
ब्यास नदी का उद्गम मध्य हिमाचल प्रदेश में हिमालय से होता है और यह लगभग 470 किलोमीटर (290 मील) तक प्रवाहित होकर भारत के पंजाब राज्य में सतलज नदी तक आती है। इसलिए, कथन 2 सही नहीं है।
सतलज नदी में ब्यास नदी मिल जाती है और यह पाकिस्तान में प्रवेश करने से पूर्व 65 मील (105 किमी) तक लम्बी भारत-पाकिस्तान सीमा के रूप में प्रवाहित होती है। इसके बाद पाकिस्तान में अगले 220 मील (350 किमी) की दूरी तय कर बहावलपुर के पश्चिम मे चिनाब नदी से मिलती है। इसलिए, कथन 3 सही नहीं है।
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Question 15 of 50
15. Question
1 pointsISRO के आदित्य-L1 मिशन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- इसका उद्देश्य सौर कोरोना एवं सौर पवन का प्रेक्षण करना है।
- इसे भू-स्थिर कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
आदित्य-L1, सूर्य व पृथ्वी के लेग्रान्जी बिन्दु (Lagrangian point) L1 पर स्थापित किया जाने वाला एक भारतीय सौर प्रेक्षण उपग्रह है। मिशन का प्रमुख वैज्ञानिक उद्देश्य उन भौतिक प्रक्रियाओं की मूल समझ प्राप्त करना है जो सौर किरीट (solar corona) को गर्म करने, सौर पवनों की गति तीव्र करने एवं कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejections: CMEs) के लिए उत्तरदायी हैं।
आदित्य-1 मिशन की परिकल्पना एक ऐसे मिशन के रूप में की गयी थी जिसमें 400 किग्रा श्रेणी के उपग्रह से विज़िबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफी (VELC) नामक एक पेलोड ले जाया जाना था। इसे 800 किमी दूरी पर स्थित निम्न-भू-कक्षा (low earth orbit) में लांच करने की योजना बनायी गयी थी।
हालाँकि, अब इसे हैलो ऑर्बिट (Halo orbit) में लेग्रान्जी बिन्दु L1 पर स्थापित किया जाएगा। इस उपग्रह को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लेग्रान्जी बिन्दु 1 (L1) पर हैलो ऑर्बिट में स्थापित किए जाने से प्रमुख लाभ यह है कि यहाँ से बिना किसी अवरोध/ग्रहण के सूर्य का निरंतर प्रेक्षण कर सकता है। इसलिए, आदित्य-1 मिशन को अब संशोधित कर “आदित्य- L1 मिशन” कर दिया गया है। इसे L1 के परितः उपस्थित हैलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा जो पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस उपग्रह में उन्नत वैज्ञानिक संभावनाओं एवं उद्देश्यों के लिए छ: अतिरिक्त पेलोड भी होंगे।
Incorrect
आदित्य-L1, सूर्य व पृथ्वी के लेग्रान्जी बिन्दु (Lagrangian point) L1 पर स्थापित किया जाने वाला एक भारतीय सौर प्रेक्षण उपग्रह है। मिशन का प्रमुख वैज्ञानिक उद्देश्य उन भौतिक प्रक्रियाओं की मूल समझ प्राप्त करना है जो सौर किरीट (solar corona) को गर्म करने, सौर पवनों की गति तीव्र करने एवं कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejections: CMEs) के लिए उत्तरदायी हैं।
आदित्य-1 मिशन की परिकल्पना एक ऐसे मिशन के रूप में की गयी थी जिसमें 400 किग्रा श्रेणी के उपग्रह से विज़िबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफी (VELC) नामक एक पेलोड ले जाया जाना था। इसे 800 किमी दूरी पर स्थित निम्न-भू-कक्षा (low earth orbit) में लांच करने की योजना बनायी गयी थी।
हालाँकि, अब इसे हैलो ऑर्बिट (Halo orbit) में लेग्रान्जी बिन्दु L1 पर स्थापित किया जाएगा। इस उपग्रह को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लेग्रान्जी बिन्दु 1 (L1) पर हैलो ऑर्बिट में स्थापित किए जाने से प्रमुख लाभ यह है कि यहाँ से बिना किसी अवरोध/ग्रहण के सूर्य का निरंतर प्रेक्षण कर सकता है। इसलिए, आदित्य-1 मिशन को अब संशोधित कर “आदित्य- L1 मिशन” कर दिया गया है। इसे L1 के परितः उपस्थित हैलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा जो पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस उपग्रह में उन्नत वैज्ञानिक संभावनाओं एवं उद्देश्यों के लिए छ: अतिरिक्त पेलोड भी होंगे।
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Question 16 of 50
16. Question
1 pointsगंगा ग्राम परियोजना के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- इस परियोजना का उद्देश्य गंगा नदी के तट पर स्थित सभी गाँवों का समग्र विकास करना है।
- पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय (MDWS) ने, नई दिल्ली में आयोजित एक बहु-हितधारक सम्मेलन में, गंगा नदी के तट पर स्थित सभी 4470 गांवों के स्वच्छता आधारित एकीकृत विकास के लिए ‘गंगा ग्राम’ नामक परियोजना का शुभारम्भ किया गया। MDWS के सचिव द्वारा ‘गंगा ग्राम’ विज़न को रेखांकित करते हुए इसे ग्रामीणों के सक्रिय सहयोग से गंगा नदी के तट पर स्थित गाँवों के विकास के लिए एकीकृत दृष्टिकोण के रूप में प्रस्तुत किया गया। MDWS गंगा ग्राम परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी है। इसलिए, दोनों कथन सही हैं।
Incorrect
पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय (MDWS) ने, नई दिल्ली में आयोजित एक बहु-हितधारक सम्मेलन में, गंगा नदी के तट पर स्थित सभी 4470 गांवों के स्वच्छता आधारित एकीकृत विकास के लिए ‘गंगा ग्राम’ नामक परियोजना का शुभारम्भ किया गया। MDWS के सचिव द्वारा ‘गंगा ग्राम’ विज़न को रेखांकित करते हुए इसे ग्रामीणों के सक्रिय सहयोग से गंगा नदी के तट पर स्थित गाँवों के विकास के लिए एकीकृत दृष्टिकोण के रूप में प्रस्तुत किया गया। MDWS गंगा ग्राम परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी है। इसलिए, दोनों कथन सही हैं।
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Question 17 of 50
17. Question
1 pointsनाग मिसाइल के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- यह DRDO द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित की गयी है।
- इसकी अनुमानित मारक क्षमता 1000 किलोमीटर से अधिक है।
- यह एक ‘दागो और भूल जाओ’ एंटी-टैंक मिसाइल है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
पिछले साल भारत की स्वदेशी रूप से विकसित तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) ‘नाग’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। इसलिए, कथन 1 सही है।
नाग ‘दागो और भूल जाओ’ प्रकार की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) है। यह 4 किलोमीटर की अनुमानित दूरी तक प्रहार कर सकती है। DRDO ‘हवा से हवा में’ प्रहार करने वाले नाग के उन्नत संस्करण, हेलिना ATGM पर भी काम कर रहा है। यह उन्नत संस्करण 7 किलोमीटर की अधिकतम दूरी तक प्रहार करने में सक्षम होगा। इसलिए, कथन 2 सही नहीं है और कथन 3 सही है।
Incorrect
पिछले साल भारत की स्वदेशी रूप से विकसित तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) ‘नाग’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। इसलिए, कथन 1 सही है।
नाग ‘दागो और भूल जाओ’ प्रकार की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) है। यह 4 किलोमीटर की अनुमानित दूरी तक प्रहार कर सकती है। DRDO ‘हवा से हवा में’ प्रहार करने वाले नाग के उन्नत संस्करण, हेलिना ATGM पर भी काम कर रहा है। यह उन्नत संस्करण 7 किलोमीटर की अधिकतम दूरी तक प्रहार करने में सक्षम होगा। इसलिए, कथन 2 सही नहीं है और कथन 3 सही है।
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Question 18 of 50
18. Question
1 pointsशीत निष्क्रियता के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- केवल असमतापी (कोल्ड ब्लडेड) जन्तु शीतकाल में शीत निष्क्रियता प्रदर्शित करते हैं।
- शीत निष्क्रियता के दौरान जन्तुओं के शरीर के तापमान में वृद्धि हो जाती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
कथन 1 सही नहीं है: असमतापी (कोल्ड ब्लडेड) जंतुओं में शीत निष्क्रियता सामान्य बात है किन्तु यह क्रिया गर्म रक्त वाले जंतुओं में भी होती है जो अत्यधिक ठंडे क्षेत्रों से पलायन नहीं करते हैं। मेंढक एक एक्टोथर्मल (ectothermal) प्राणी है अर्थात ऐसा प्राणी जिसके शरीर का तापमान बाह्य कारकों द्वारा विनियमित होता है। यह शीत निष्क्रियता और एस्टीवेशन (ग्रीष्म कालीन नींद) दोनों का व्यवहार प्रदर्शित करता है।
कथन 2 सही नहीं है: वास्तविक शीत निष्क्रियता के दौरान जंतुओं के शरीर का तापमान गिर जाता है, किन्तु फिर भी यह बाह्य वातावरण से अधिक बना रहता है और श्वसन की दर और हृदयगति धीमी हो जाती है।
Incorrect
कथन 1 सही नहीं है: असमतापी (कोल्ड ब्लडेड) जंतुओं में शीत निष्क्रियता सामान्य बात है किन्तु यह क्रिया गर्म रक्त वाले जंतुओं में भी होती है जो अत्यधिक ठंडे क्षेत्रों से पलायन नहीं करते हैं। मेंढक एक एक्टोथर्मल (ectothermal) प्राणी है अर्थात ऐसा प्राणी जिसके शरीर का तापमान बाह्य कारकों द्वारा विनियमित होता है। यह शीत निष्क्रियता और एस्टीवेशन (ग्रीष्म कालीन नींद) दोनों का व्यवहार प्रदर्शित करता है।
कथन 2 सही नहीं है: वास्तविक शीत निष्क्रियता के दौरान जंतुओं के शरीर का तापमान गिर जाता है, किन्तु फिर भी यह बाह्य वातावरण से अधिक बना रहता है और श्वसन की दर और हृदयगति धीमी हो जाती है।
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Question 19 of 50
19. Question
1 pointsनिम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
व्यक्तित्व संस्थापित संस्था 1. राधाकांत देव : विधवा पुनर्विवाह एसोसिएशन 2. केशव चंद्र सेन : टेबरनेकल ऑफ न्यू डिस्पेंसेशन 3. एनी बेसेंट : थियोसॉफिकल सोसाइटी उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं
Correct
महादेव गोविन्द रानाडे (1842-1901) ने अपना सम्पूर्ण जीवन प्रार्थना समाज के लिए समर्पित कर दिया था। वे विधवा पुनर्विवाह संघ (1861) एवं दक्कन शिक्षा सभा के संस्थापक थे। इसलिए, युग्म 1 सही सुमेलित नहीं है।
केशबचंद्र सेन ने एक नए उपासना केंद्र टैबर्नैकल ऑफ न्यू डिस्पन्सेशन की नींव रखी और इस नव-निर्मित केंद्र से उपदेश देने की परंपरा 1869 से शुरू हुई। उन्होंने इस केंद्र में संतों की तीर्थयात्रा, झंडा समारोह, आरती, सावित्री व्रत एवं अन्य नवीन पद्धतियों का आरम्भ किया। उन्होंने उल्लेख किया कि यह नवीन केंद्र ‘…भारत को भेजा गया दैवीय संदेश…’ है…यह विध्वंस करने नहीं अपितु विधि एवं ईश्वरीय दूत के कार्य को पूरा करने के लिए अस्तित्व में आया है। इसलिए, इसलिए, युग्म 2 सही प्रकार से सुमेलित है।
1875 में एक रूसी आध्यात्मवादी महिला H.P. ब्लावटस्की एवं अमेरिकी कर्नल H.S. ओलकॉट द्वारा थियोसोफिकल सोसाइटी की स्थापना संयुक्त राज्य अमेरिका में की गयी थी। भारत में इसका प्रभाव 1893 में एनी बेसेंट के नेतृत्व में बढ़ने लगा, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसलिए, युग्म 3 सही प्रकार से सुमेलित नहीं है।
Incorrect
महादेव गोविन्द रानाडे (1842-1901) ने अपना सम्पूर्ण जीवन प्रार्थना समाज के लिए समर्पित कर दिया था। वे विधवा पुनर्विवाह संघ (1861) एवं दक्कन शिक्षा सभा के संस्थापक थे। इसलिए, युग्म 1 सही सुमेलित नहीं है।
केशबचंद्र सेन ने एक नए उपासना केंद्र टैबर्नैकल ऑफ न्यू डिस्पन्सेशन की नींव रखी और इस नव-निर्मित केंद्र से उपदेश देने की परंपरा 1869 से शुरू हुई। उन्होंने इस केंद्र में संतों की तीर्थयात्रा, झंडा समारोह, आरती, सावित्री व्रत एवं अन्य नवीन पद्धतियों का आरम्भ किया। उन्होंने उल्लेख किया कि यह नवीन केंद्र ‘…भारत को भेजा गया दैवीय संदेश…’ है…यह विध्वंस करने नहीं अपितु विधि एवं ईश्वरीय दूत के कार्य को पूरा करने के लिए अस्तित्व में आया है। इसलिए, इसलिए, युग्म 2 सही प्रकार से सुमेलित है।
1875 में एक रूसी आध्यात्मवादी महिला H.P. ब्लावटस्की एवं अमेरिकी कर्नल H.S. ओलकॉट द्वारा थियोसोफिकल सोसाइटी की स्थापना संयुक्त राज्य अमेरिका में की गयी थी। भारत में इसका प्रभाव 1893 में एनी बेसेंट के नेतृत्व में बढ़ने लगा, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसलिए, युग्म 3 सही प्रकार से सुमेलित नहीं है।
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Question 20 of 50
20. Question
1 pointsकटक से कन्याकुमारी तक सबसे छोटे सड़क मार्ग से यात्रा करने के दौरान मार्ग में पड़ने वाली नदियों का सही अनुक्रम निम्नलिखित में से क्या होगा ?
Correct
यदि कोई व्यक्ति महानदी के किनारे स्थित कटक से कन्याकुमारी तक की यात्रा करेगा, तो महानदी, गोदावरी, कृष्णा, पन्नेरू, पलार, कावेरी, वैगई जैसी प्रमुख नदियाँ उसके मार्ग में आएंगी।
इसलिए, विकल्प (c) सही है
Incorrect
यदि कोई व्यक्ति महानदी के किनारे स्थित कटक से कन्याकुमारी तक की यात्रा करेगा, तो महानदी, गोदावरी, कृष्णा, पन्नेरू, पलार, कावेरी, वैगई जैसी प्रमुख नदियाँ उसके मार्ग में आएंगी।
इसलिए, विकल्प (c) सही है
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Question 21 of 50
21. Question
1 pointsकभी-कभी सुर्खियों में रहने वाला साम्बा महसूरी हैः
Correct
साम्बा महसूरी चावल की एक किस्म है जो अधिक पैदावार तथा गुणवत्तापूर्ण स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। पिछले दशक में यह किस्म जीवाणु जनित ब्लाइट रोग की चपेट में आ गयी थी, जिससे पैदावार को 10-50 प्रतिशत तक नुकसान पहुँचा।
इससे बचाव हेतु तीन जीनों (genes) को सम्मिलित कर साम्बा महसूरी चावल की एक नई किस्म विकसित की गयी है। जीन फॉर्टफिकेशन के कारण इसे घातक जीवाणु जनित ब्लाइट रोग से बचने में सहायता मिली। सम्पूर्ण देश में कई लाख हेक्टेयर में साम्बा मसूरी की कृषि की जा रही है। इसकी खेती किसानों के लिए अत्यधिक लाभदायक सिद्ध हो रही है।
साम्बा महसूरी देश में जैव प्रौद्योगिकी के प्रयोग से विकसित की गयी चावल की पहली किस्म है। इसे 2016 का जैव प्रौद्योगिकी उत्पाद एवं प्रक्रिया विकास तथा वाणिज्यीकरण पुरस्कार प्रदान किया गया ।
Incorrect
साम्बा महसूरी चावल की एक किस्म है जो अधिक पैदावार तथा गुणवत्तापूर्ण स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। पिछले दशक में यह किस्म जीवाणु जनित ब्लाइट रोग की चपेट में आ गयी थी, जिससे पैदावार को 10-50 प्रतिशत तक नुकसान पहुँचा।
इससे बचाव हेतु तीन जीनों (genes) को सम्मिलित कर साम्बा महसूरी चावल की एक नई किस्म विकसित की गयी है। जीन फॉर्टफिकेशन के कारण इसे घातक जीवाणु जनित ब्लाइट रोग से बचने में सहायता मिली। सम्पूर्ण देश में कई लाख हेक्टेयर में साम्बा मसूरी की कृषि की जा रही है। इसकी खेती किसानों के लिए अत्यधिक लाभदायक सिद्ध हो रही है।
साम्बा महसूरी देश में जैव प्रौद्योगिकी के प्रयोग से विकसित की गयी चावल की पहली किस्म है। इसे 2016 का जैव प्रौद्योगिकी उत्पाद एवं प्रक्रिया विकास तथा वाणिज्यीकरण पुरस्कार प्रदान किया गया ।
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Question 22 of 50
22. Question
1 pointsअनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- जनजातीय कार्य मंत्रालय इस अधिनियम के कार्यान्वयन हेतु नोडल एजेंसी है।
- इस अधिनियम के तहत केंद्र सरकार वन भूमि को केवल जनोपयोगी उद्देश्यों हेतु ग्राम सभाओं की अनुशंसा के बिना परिवर्तित कर सकती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
कथन 1 सही है: इस अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय को नोडल एजेंसी है।
कथन 2 सही नहीं है: यह अधिनियम ग्राम सभा की अनुशंसा पर सरकार द्वारा प्रबंधित जनोपयोगी सुविधाओं जैसे-विद्यालयों, दवाखानों, उचित मूल्य की दुकानों, बिजली और दूरसंचार लाइनों, पानी की टंकियों आदि जैसे सुविधाओं के लिए वन भूमि के प्रयोग का प्रावधान करता है।
Incorrect
कथन 1 सही है: इस अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय को नोडल एजेंसी है।
कथन 2 सही नहीं है: यह अधिनियम ग्राम सभा की अनुशंसा पर सरकार द्वारा प्रबंधित जनोपयोगी सुविधाओं जैसे-विद्यालयों, दवाखानों, उचित मूल्य की दुकानों, बिजली और दूरसंचार लाइनों, पानी की टंकियों आदि जैसे सुविधाओं के लिए वन भूमि के प्रयोग का प्रावधान करता है।
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Question 23 of 50
23. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-से मूल अधिकार हैं?
- निजता का अधिकार
- राजनीतिक दल बनाने का अधिकार
- संपत्ति का अधिकार
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
निजता के अधिकार पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रदत्त निर्णय (न्यायमूर्ति के.एस. पुत्तास्वामी बनाम भारत संघ) में, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड ने कहा कि ‘गोपनीयता का अधिकार अनुच्छेद 21 के अंतर्गत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्भूत भाग के रूप में और संविधान के भाग III द्वारा प्रत्याभूत स्वतंत्रताओं के भाग के रूप में संरक्षित है।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19(1)(c) अपने सभी नागरिकों को ‘सभा या संघ या सहकारी समितियां गठित करने के अधिकार’ की गारंटी देता है। ‘सभा गठित करने के अधिकार में कंपनियां, सोसायटी, साझेदारी, व्यापार संघ और राजनीतिक दल गठित करने का अधिकार सम्मिलित है। प्रत्याभूत अधिकार के अंतर्गत न केवल सभा निर्मित करने का अधिकार अपितु सभा के साथ बने रहने का अधिकार भी सम्मिलित है। सभा गठित करने की स्वतंत्रता का तात्पर्य सभा या संघ गठित करने या न करने, सभा या संघ में सम्मिलित होने या न होने की स्वतंत्रता भी निहित है। हालांकि, अनुच्छेद 19 के खंड (4) के अंतर्गत, राज्य कानून द्वारा सार्वजनिक व्यवस्था या नैतिकता अथवा भारत की संप्रभुता और अखंडता के हित में इस अधिकार पर युक्तियुक्त निर्बंधन आरोपित किये जा सकते हैं।
1978 के 44वें संशोधन अधिनियम द्वारा भाग III से अनुच्छेद 19 (1 (f) और अनुच्छेद 31 को निरस्त कर संपत्ति के अधिकार को मूल अधिकारों की श्रेणी से बाहर कर दिया गया। इसके साथ ही इस संशोधन के तहत ‘संपत्ति का अधिकार’ शीर्षक के अंतर्गत एक नया अनुच्छेद 300A अंतर्विष्ट किया गया। वर्तमान में, यह एक विधिक अधिकार है।
अनुच्छेद 32 के अंतर्गत प्रदान किया गया संवैधानिक उपचारों का अधिकार, पीड़ित नागरिक के मूल अधिकारों के प्रवर्तन के लिए उपचारों का अधिकार प्रदान करता है। दूसरे शब्दों में, मूल अधिकारों के संरक्षण का अधिकार स्वयं में ही एक मूल अधिकार है। यह मूल अधिकारों को वास्तविक बनाता है। यही कारण है कि डॉ. अंबेडकर ने अनुच्छेद 32 को संविधान का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अनुच्छेद कहा। डॉ. अंबेडकर के शब्दों में – “यह वह अनुच्छेद है, जिसके बिना यह संविधान निरर्थक होगा। यह संविधान की आत्मा और इसका हृदय है।” सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया है कि अनुच्छेद 32 संविधान के मूल ढाँचे का भाग है। अतः संविधान के संशोधन के माध्यम से इसे कम या समाप्त नहीं किया जा सकता है।
इसलिए, विकल्प (c) सही है।
Incorrect
निजता के अधिकार पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रदत्त निर्णय (न्यायमूर्ति के.एस. पुत्तास्वामी बनाम भारत संघ) में, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड ने कहा कि ‘गोपनीयता का अधिकार अनुच्छेद 21 के अंतर्गत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्भूत भाग के रूप में और संविधान के भाग III द्वारा प्रत्याभूत स्वतंत्रताओं के भाग के रूप में संरक्षित है।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19(1)(c) अपने सभी नागरिकों को ‘सभा या संघ या सहकारी समितियां गठित करने के अधिकार’ की गारंटी देता है। ‘सभा गठित करने के अधिकार में कंपनियां, सोसायटी, साझेदारी, व्यापार संघ और राजनीतिक दल गठित करने का अधिकार सम्मिलित है। प्रत्याभूत अधिकार के अंतर्गत न केवल सभा निर्मित करने का अधिकार अपितु सभा के साथ बने रहने का अधिकार भी सम्मिलित है। सभा गठित करने की स्वतंत्रता का तात्पर्य सभा या संघ गठित करने या न करने, सभा या संघ में सम्मिलित होने या न होने की स्वतंत्रता भी निहित है। हालांकि, अनुच्छेद 19 के खंड (4) के अंतर्गत, राज्य कानून द्वारा सार्वजनिक व्यवस्था या नैतिकता अथवा भारत की संप्रभुता और अखंडता के हित में इस अधिकार पर युक्तियुक्त निर्बंधन आरोपित किये जा सकते हैं।
1978 के 44वें संशोधन अधिनियम द्वारा भाग III से अनुच्छेद 19 (1 (f) और अनुच्छेद 31 को निरस्त कर संपत्ति के अधिकार को मूल अधिकारों की श्रेणी से बाहर कर दिया गया। इसके साथ ही इस संशोधन के तहत ‘संपत्ति का अधिकार’ शीर्षक के अंतर्गत एक नया अनुच्छेद 300A अंतर्विष्ट किया गया। वर्तमान में, यह एक विधिक अधिकार है।
अनुच्छेद 32 के अंतर्गत प्रदान किया गया संवैधानिक उपचारों का अधिकार, पीड़ित नागरिक के मूल अधिकारों के प्रवर्तन के लिए उपचारों का अधिकार प्रदान करता है। दूसरे शब्दों में, मूल अधिकारों के संरक्षण का अधिकार स्वयं में ही एक मूल अधिकार है। यह मूल अधिकारों को वास्तविक बनाता है। यही कारण है कि डॉ. अंबेडकर ने अनुच्छेद 32 को संविधान का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अनुच्छेद कहा। डॉ. अंबेडकर के शब्दों में – “यह वह अनुच्छेद है, जिसके बिना यह संविधान निरर्थक होगा। यह संविधान की आत्मा और इसका हृदय है।” सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया है कि अनुच्छेद 32 संविधान के मूल ढाँचे का भाग है। अतः संविधान के संशोधन के माध्यम से इसे कम या समाप्त नहीं किया जा सकता है।
इसलिए, विकल्प (c) सही है।
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Question 24 of 50
24. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किस राजनीतिक संस्था ने भारतीय सिविल सेवा हेतु अधिकतम आयु में कटौती के विरूद्ध अखिल भारतीय आंदोलन चलाया था ?
Correct
1876 में सुरेंद्र नाथ बनर्जी और आनंद मोहन बोस ने कलकत्ता में इंडियन एसोसिएशन की स्थापना की। इस संगठन की स्थापना राजनीतिक प्रश्नों पर भारत में जनता की राय को उत्प्रेरित करने और साझा राजनीतिक कार्यक्रम हेतु भारतीयों को एकजुट करने के उद्देश्य से की गयी थी। इंडियन एसोसिएशन ने भारतीय सिविल सेवा में बैठने की अधिकतम आयु में कटौती का विरोध किया। एसोसिएशन ने आयु में कटौती के प्रश्न को उठाया और इसके विरूद्ध अखिल भारतीय आंदोलन का आयोजन किया, जिसे भारतीय सिविल सेवा आंदोलन कहा जाता है।
Incorrect
1876 में सुरेंद्र नाथ बनर्जी और आनंद मोहन बोस ने कलकत्ता में इंडियन एसोसिएशन की स्थापना की। इस संगठन की स्थापना राजनीतिक प्रश्नों पर भारत में जनता की राय को उत्प्रेरित करने और साझा राजनीतिक कार्यक्रम हेतु भारतीयों को एकजुट करने के उद्देश्य से की गयी थी। इंडियन एसोसिएशन ने भारतीय सिविल सेवा में बैठने की अधिकतम आयु में कटौती का विरोध किया। एसोसिएशन ने आयु में कटौती के प्रश्न को उठाया और इसके विरूद्ध अखिल भारतीय आंदोलन का आयोजन किया, जिसे भारतीय सिविल सेवा आंदोलन कहा जाता है।
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Question 25 of 50
25. Question
1 pointsउचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह वह न्यूनतम कीमत है जिसका भुगतान सरकार द्वारा अनाज एवं दालों की खरीद हेतु किसानों को करना पड़ता है।
- इसका निर्धारण कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
कथन 1 सही नहीं है: उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP) वह न्यूनतम मूल्य है जिसका भुगतान चीनी मिलों द्वारा किसानों को किया जाता है। FRP प्रणाली के अंतर्गत, किसानों को मौसम के अंत तक अथवा चीनी मिलों या सरकार द्वारा लाभ की किसी भी घोषणा तक प्रतीक्षा नहीं करनी होती है। नई प्रणाली चीनी मिलों के लाभ अर्जित करने या न करने से निरपेक्ष होकर किसानों के लिए, उनको होने वाले लाभ और जोखिम के आधार पर, उन्हें आर्थिक लाभ प्रदान करने का आश्वासन प्रदान करती है। यह किसी भी एकल चीनी मिल के प्रदर्शन पर निर्भर नहीं होती है।
कथन 2 सही है: गन्ने की FRP कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की अनुशंसाओं के आधार पर तथा राज्य सरकारों एवं अन्य हितधारकों से परामर्श करने के उपरांत निर्धारित की जाती है।
Incorrect
कथन 1 सही नहीं है: उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP) वह न्यूनतम मूल्य है जिसका भुगतान चीनी मिलों द्वारा किसानों को किया जाता है। FRP प्रणाली के अंतर्गत, किसानों को मौसम के अंत तक अथवा चीनी मिलों या सरकार द्वारा लाभ की किसी भी घोषणा तक प्रतीक्षा नहीं करनी होती है। नई प्रणाली चीनी मिलों के लाभ अर्जित करने या न करने से निरपेक्ष होकर किसानों के लिए, उनको होने वाले लाभ और जोखिम के आधार पर, उन्हें आर्थिक लाभ प्रदान करने का आश्वासन प्रदान करती है। यह किसी भी एकल चीनी मिल के प्रदर्शन पर निर्भर नहीं होती है।
कथन 2 सही है: गन्ने की FRP कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की अनुशंसाओं के आधार पर तथा राज्य सरकारों एवं अन्य हितधारकों से परामर्श करने के उपरांत निर्धारित की जाती है।
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Question 26 of 50
26. Question
1 pointsअंतर्राज्यीय परिषदों के गठन को निम्नलिखित में से किस गतिविधि के रूप में सर्वश्रेष्ठ रूप से वर्णित किया जा सकता है
Correct
अनुच्छेद 263 का उद्देश्य विभिन्न राज्यों के मध्य तथा केंद्र और राज्यों के मध्य समन्वय हेतु, अर्थात, सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने के लिए अंतरराज्यीय परिषद की स्थापना करना है। 1990 में अंतरराज्यीय परिषद की स्थापना की गयी थी।
अनुच्छेद 263 कुछ कार्यों को निर्दिष्ट करता है जिन्हें निम्नलिखित तरीके से इस परिषद् को सौंपा जा सकता है:
(a) राज्यों के मध्य उठने वाले विवादों की जांच करना तथा उन पर सलाह देना;
(b) राज्यों या केंद्र और राज्यों के साझा हित वाले विषयों की जाँच करना एवं उस पर चर्चा करना; तथा
(c) ऐसे किसी विषय तथा, विशेषकर नीति एवं उस पर बेहतर कार्रवाई हेतु अनुशंसाएँ करना।
इसलिए, परिषद कोई भी प्रशासनिक या विधायी कार्य नहीं करती है।
Incorrect
अनुच्छेद 263 का उद्देश्य विभिन्न राज्यों के मध्य तथा केंद्र और राज्यों के मध्य समन्वय हेतु, अर्थात, सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने के लिए अंतरराज्यीय परिषद की स्थापना करना है। 1990 में अंतरराज्यीय परिषद की स्थापना की गयी थी।
अनुच्छेद 263 कुछ कार्यों को निर्दिष्ट करता है जिन्हें निम्नलिखित तरीके से इस परिषद् को सौंपा जा सकता है:
(a) राज्यों के मध्य उठने वाले विवादों की जांच करना तथा उन पर सलाह देना;
(b) राज्यों या केंद्र और राज्यों के साझा हित वाले विषयों की जाँच करना एवं उस पर चर्चा करना; तथा
(c) ऐसे किसी विषय तथा, विशेषकर नीति एवं उस पर बेहतर कार्रवाई हेतु अनुशंसाएँ करना।
इसलिए, परिषद कोई भी प्रशासनिक या विधायी कार्य नहीं करती है।
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Question 27 of 50
27. Question
1 pointsकिसानों को जारी किए गए मृदा स्वास्थ्य कार्ड (SHC) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- यह किसानों को मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता को सुधारने हेतु पोषक तत्वों की उचित मात्रा के संबंध में जानकारी देता है।
- SHC योजना के अंतर्गत, GPS आधारित मृदा नमूना संग्रहण अनिवार्य है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
कथन 1 सही है: SHC मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता में सुधार लाने के लिए पोषक तत्वों की उचित मात्रा के संबंध में जानकारी के साथ मृदा के पोषक तत्वों की स्थिति के संबंध में किसानों को सूचित करता है। किसान को प्रत्येक 2 वर्ष में एक बार मृदा कार्ड मिलता है ताकि पोषक तत्वों की कमी को नियमित रूप से जाँच की जा सके और उनमें सुधार किया जा सके।
कथन 2 सही है: मृदा स्वास्थ्य कार्ड की प्रमुख विशेषताओं में नमूने संग्रह और प्रयोगशाला में उनका परीक्षण करने के लिए एक समान दृष्टिकोण, देश की सम्पूर्ण भूमि को कवर करना और प्रत्येक दो वर्ष में SHC का नवीनीकरण करना सम्मिलित है। यह योजना राज्य सरकारों के सहयोग से लागू की जा रही है। मृदा में होने वाले परिवर्तनों की निगरानी और पिछले वर्षों से उनकी तुलना करने के लिए, व्यवस्थित डेटाबेस तैयार करने हेतु GPS आधारित मृदा नमूना संग्रह अनिवार्य बनाया गया है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड 14 स्थानीय भाषाओं में तैयार किए गए हैं और किसानों में वितरित किये गए हैं। अब कुमाऊँनी, गढ़वाली, खासी और गारो जैसी स्थानीय बोलियों में भी SHC तैयार किए जा सकते हैं।
Incorrect
कथन 1 सही है: SHC मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता में सुधार लाने के लिए पोषक तत्वों की उचित मात्रा के संबंध में जानकारी के साथ मृदा के पोषक तत्वों की स्थिति के संबंध में किसानों को सूचित करता है। किसान को प्रत्येक 2 वर्ष में एक बार मृदा कार्ड मिलता है ताकि पोषक तत्वों की कमी को नियमित रूप से जाँच की जा सके और उनमें सुधार किया जा सके।
कथन 2 सही है: मृदा स्वास्थ्य कार्ड की प्रमुख विशेषताओं में नमूने संग्रह और प्रयोगशाला में उनका परीक्षण करने के लिए एक समान दृष्टिकोण, देश की सम्पूर्ण भूमि को कवर करना और प्रत्येक दो वर्ष में SHC का नवीनीकरण करना सम्मिलित है। यह योजना राज्य सरकारों के सहयोग से लागू की जा रही है। मृदा में होने वाले परिवर्तनों की निगरानी और पिछले वर्षों से उनकी तुलना करने के लिए, व्यवस्थित डेटाबेस तैयार करने हेतु GPS आधारित मृदा नमूना संग्रह अनिवार्य बनाया गया है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड 14 स्थानीय भाषाओं में तैयार किए गए हैं और किसानों में वितरित किये गए हैं। अब कुमाऊँनी, गढ़वाली, खासी और गारो जैसी स्थानीय बोलियों में भी SHC तैयार किए जा सकते हैं।
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Question 28 of 50
28. Question
1 pointsभारत-संयुक्त राष्ट्र विकास भागीदारी फंड के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- यह समस्त विकासशील देशों में सतत विकास परियोजनाओं को सहायता प्रदान करता है।
- यह यूनाइटेड नेशंस फण्ड फॉर साउथ-साउथ कोऑपरेशन के अंतर्गत एक समर्पित सुविधा (डेडिकेटेड फैसिलिटी) है।
- यह विशेष रूप से छोटे द्वीपीय विकासशील राष्ट्रों पर केंद्रित है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
2017 में स्थापित भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास भागीदारी फंड यूनाइटेड नेशंस फण्ड फॉर साउथ-साउथ को-ऑपरेशन के तहत एक समर्पित सुविधा है। भारत सरकार द्वारा इसका समर्थन और नेतृत्व किया जा रहा है। इसका प्रबंधन यूनाइटेड नेशंस ऑफिस फॉर साउथ-साउथ को-ऑपरेशन द्वारा एवं कार्यान्वन संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के सहयोग से किया जाता है।
भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास भागीदारी फंड अल्पविकसित देशों और छोटे द्वीपीय विकासशील राष्ट्रों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ समस्त विकासशील विश्व में दक्षिणी स्वामित्व और नेतृत्व वाले, माँग-चालित और परिवर्तनकारी सतत विकास परियोजनाओं की सहायता करता है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां भागीदार सरकारों के साथ निकट सहयोग करते हुए फंड की परियोजनाएँ कार्यान्वित करती हैं।
इसलिए, सभी कथन सही हैं।
Incorrect
2017 में स्थापित भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास भागीदारी फंड यूनाइटेड नेशंस फण्ड फॉर साउथ-साउथ को-ऑपरेशन के तहत एक समर्पित सुविधा है। भारत सरकार द्वारा इसका समर्थन और नेतृत्व किया जा रहा है। इसका प्रबंधन यूनाइटेड नेशंस ऑफिस फॉर साउथ-साउथ को-ऑपरेशन द्वारा एवं कार्यान्वन संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के सहयोग से किया जाता है।
भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास भागीदारी फंड अल्पविकसित देशों और छोटे द्वीपीय विकासशील राष्ट्रों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ समस्त विकासशील विश्व में दक्षिणी स्वामित्व और नेतृत्व वाले, माँग-चालित और परिवर्तनकारी सतत विकास परियोजनाओं की सहायता करता है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां भागीदार सरकारों के साथ निकट सहयोग करते हुए फंड की परियोजनाएँ कार्यान्वित करती हैं।
इसलिए, सभी कथन सही हैं।
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Question 29 of 50
29. Question
1 pointsयदि सरकार द्वारा ‘कृषि अनुसंधान एवं किसान प्रशिक्षण कार्यक्रमों’ पर सब्सिडी प्रदान की जाए तो ऐसी सब्सिडी को WTO सब्सिडी की निम्नलिखित में से किस श्रेणी के अंतर्गत रखा जाएगा ?
Correct
WTO की शब्दावली में, सामान्यत: ‘बॉक्स’ द्वारा सब्सिडी को दर्शाया जाता है, जिसे ट्रैफिक लाइट के रंगों के रूप में दिखाया जाता है: हरा (अनुमत), अम्बर (धीमा किया जाए – अर्थात कम किया जाए), लाल (निषिद्ध)। ‘ग्रीन बॉक्स’ के लिए पात्र होने के लिए, सब्सिडी को व्यापार विरूपित नहीं करना चाहिए, या अधिक से अधिक न्यूनतम विरूपण करना चाहिए। सब्सिडी सरकारी वित्त पोषित होनी चाहिए (न कि उपभोक्ताओं से अधिक कीमतें वसूलकर) और इसमें मूल्य समर्थन सम्मिलित नहीं होना चाहिए। ये ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए जो किसी विशेष उत्पाद की ओर निर्दिष्ट न हों, तथा इसमें किसानों के लिए प्रत्यक्ष आय सहायता सम्मिलित होनी चाहिए जो वर्तमान उत्पादन स्तर या कीमतों से संबंधित न हो। ‘ग्रीन बॉक्स’ सब्सिडी की सीमारहित अनुमति दी जाती है, बशर्ते कि वे प्रासंगिक मानदंडों का पालन करें। इनमें पर्यावरण संरक्षण और क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम भी सम्मिलित हैं। इसलिए, कृषि अनुसंधान एवं किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम पर सरकार का व्यय ग्रीन बॉक्स सब्सिडी के अंतर्गत आता है।
Incorrect
WTO की शब्दावली में, सामान्यत: ‘बॉक्स’ द्वारा सब्सिडी को दर्शाया जाता है, जिसे ट्रैफिक लाइट के रंगों के रूप में दिखाया जाता है: हरा (अनुमत), अम्बर (धीमा किया जाए – अर्थात कम किया जाए), लाल (निषिद्ध)। ‘ग्रीन बॉक्स’ के लिए पात्र होने के लिए, सब्सिडी को व्यापार विरूपित नहीं करना चाहिए, या अधिक से अधिक न्यूनतम विरूपण करना चाहिए। सब्सिडी सरकारी वित्त पोषित होनी चाहिए (न कि उपभोक्ताओं से अधिक कीमतें वसूलकर) और इसमें मूल्य समर्थन सम्मिलित नहीं होना चाहिए। ये ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए जो किसी विशेष उत्पाद की ओर निर्दिष्ट न हों, तथा इसमें किसानों के लिए प्रत्यक्ष आय सहायता सम्मिलित होनी चाहिए जो वर्तमान उत्पादन स्तर या कीमतों से संबंधित न हो। ‘ग्रीन बॉक्स’ सब्सिडी की सीमारहित अनुमति दी जाती है, बशर्ते कि वे प्रासंगिक मानदंडों का पालन करें। इनमें पर्यावरण संरक्षण और क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम भी सम्मिलित हैं। इसलिए, कृषि अनुसंधान एवं किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम पर सरकार का व्यय ग्रीन बॉक्स सब्सिडी के अंतर्गत आता है।
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Question 30 of 50
30. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा/से “प्रधान मंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY)” के उद्देश्य है/हैं?
- नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के उधारकर्ता को बैंक ऋण की सुविधा प्रदान करना।
- नियोक्ताओं को नवीन रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित करना।
- बड़ी संख्या में भारतीय युवाओं को उद्योग-संबंधी कौशल प्रशिक्षण के लिए सक्षम बनाना और पूर्व प्रशिक्षण को मान्यता प्रदान करना।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
केवल कथन 2 सही है। प्रधान मंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY) नए रोजगार के सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने हेतु अभिकल्पित की गयी है, जिसके अंतर्गत भारत सरकार द्वारा रोजगार अवधि के पहले तीन वर्षों में वेतन का 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना में भुगतान किया जाएगा। यह भुगतान नियोक्ता द्वारा किया जाएगा। इस योजना के दोहरे लाभ हैं। जहां एक ओर प्रतिष्ठान में श्रमिकों के रोजगार आधार में वृद्धि हेतु नियोक्ता को प्रोत्साहित किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर इस प्रकार के प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों की विशाल संख्या को रोजगार प्राप्त होगा। इसका प्रत्यक्ष लाभ यह है कि इन कर्मचारियों को संगठित क्षेत्र के सामाजिक सुरक्षा लाभों की प्राप्ति होगी। यह कार्यक्रम श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
Incorrect
केवल कथन 2 सही है। प्रधान मंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY) नए रोजगार के सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने हेतु अभिकल्पित की गयी है, जिसके अंतर्गत भारत सरकार द्वारा रोजगार अवधि के पहले तीन वर्षों में वेतन का 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना में भुगतान किया जाएगा। यह भुगतान नियोक्ता द्वारा किया जाएगा। इस योजना के दोहरे लाभ हैं। जहां एक ओर प्रतिष्ठान में श्रमिकों के रोजगार आधार में वृद्धि हेतु नियोक्ता को प्रोत्साहित किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर इस प्रकार के प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों की विशाल संख्या को रोजगार प्राप्त होगा। इसका प्रत्यक्ष लाभ यह है कि इन कर्मचारियों को संगठित क्षेत्र के सामाजिक सुरक्षा लाभों की प्राप्ति होगी। यह कार्यक्रम श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
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Question 31 of 50
31. Question
1 pointsराजा राम मोहन रॉय के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- उन्होंने सिविल सेवाओं में अधिकाधिक भारतीयों को सम्मिलित करते हुए उच्चतर सेवाओं के भारतीयकरण का सुझाव दिया।
- उन्होंने एकेश्वरवाद के विचार का समर्थन किया।
- उन्होंने हिन्दू धर्म में सुधार के लिए आवाज उठायी और ईसाई धर्म के द्वारा इसके अधिक्रमण का विरोध किया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
राज राम मोहन रॉय इस्लामिक एकेश्वरवाद की ओर आकर्षित हुए और उन्हें विश्वास था कि एकेश्वरवाद वेदांत का भी मूलभूत संदेश है। चूँकि भारतीय समाज धार्मिक सांप्रदायिकता से दूषित था इसलिए एकेश्वरवाद का उनका सिद्धांत समाज के सांप्रदायिक मतभेदों में सामंजस्य स्थापित करने का एक विचार था। उनका मानना था कि एकेश्वरवाद मानवता के लिए एक सार्वभौमिक व्यवस्था का समर्थन करता है, जबकि बहुदेववाद सांप्रदायिक नैतिकताओं को उचित ठहराता है। इसलिए, कथन 2 सही है।
राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में राजा राम मोहन रॉय ने बंगाली जमींदारों के दमनकारी व्यवहार की निंदा की और अधिकतम लगान निश्चित करने की माँग की। उन्होंने इसके उन्मूलन की माँग नहीं की। उनकी अन्य माँगें थीं: कर मुक्त भूमि पर करों का उन्मूलन; विदेशों में भारतीय वस्तुओं पर निर्यात शुल्क में कमी; ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक अधिकारों का उन्मूलन; उच्चतर सेवाओं का भारतीयकरण; न्यायपालिका से कार्यपालिका का पृथक्करण; भारतीय और यूरोपीय लोगों के बीच न्यायिक समानता और मुकदमे को ज्यूरी द्वारा सुना जाना। इसलिए, कथन 1 सही है।
जहां तक उनका संबंध था, उन्हें भारत के अतीत पर कोई अंध विश्वास या पश्चिम का मोह नहीं था। उन्होंने इस विचार को आगे बढ़ाया कि नए भारत को, विवेकपूर्ण (तार्किक) दृष्टिकोण के माध्यम से, पूर्व और पश्चिम में जो कुछ सबसे अच्छा है उसे प्राप्त कर संचित करना चाहिए। इस प्रकार वह चाहते थे कि भारत पश्चिम से सीखे; लेकिन यह सीखना बौद्धिक और रचनात्मक प्रक्रिया द्वारा होनी चाहिए जिसके माध्यम से भारतीय संस्कृति और विचारों का नवीकरण किया जाए; भारत पर पश्चिमी संस्कृति का आरोपण नहीं होना चाहिए – इसलिए उन्होंने हिंदू धर्म में सुधार के लिए आवाज उठाई और ईसाई धर्म द्वारा इसके अधिक्रमण (supersession) का विरोध किया। इसलिए, कथन 3 सही है।
Incorrect
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Question 32 of 50
32. Question
1 pointsचैंबर ऑफ प्रिंसेस के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- मोंटफोर्ड सुधारों की अनुशंसाओं के आधार पर इसकी स्थापना की गई थी।
- इसकी स्थापना रियासतों के वर्तमान अधिकारों एवं स्वतंत्रताओं से संबंधित मामलों पर चर्चा करने हेतु एक सलाहकारी निकाय के रूप में की गई थी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
मान्टफोर्ड सुधारों (1921) की अनुशंसाओं के अनुसार, चैंबर ऑफ प्रिंसेस (नरेंदर मंडल या नरेन्द्र मंडल) की स्थापना राजा-सम्राट जॉर्ज पंचम की शाही घोषणा द्वारा की गयी थी। इसकी स्थापना एक ऐसे मंच प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी जहाँ भारतीय रियासतों के शासक ब्रिटिश भारत की औपनिवेशिक सरकार से अपनी आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को लेकर आवाज उठा सके। इसलिए, कथन 1 सही है।
इसकी स्थापना परामर्शदात्री और सलाहकारी निकाय के रूप में की गयी थी, जिसका रियासतों के आंतरिक मामलों से कोई मतलब नहीं था। इसके पास रियासतों में विद्यमान अधिकारों और स्वतंत्रताओं से संबंधित मामलों पर चर्चा करने की कोई शक्ति नहीं थी। इसलिए, कथन 2 सही नहीं है।
Incorrect
मान्टफोर्ड सुधारों (1921) की अनुशंसाओं के अनुसार, चैंबर ऑफ प्रिंसेस (नरेंदर मंडल या नरेन्द्र मंडल) की स्थापना राजा-सम्राट जॉर्ज पंचम की शाही घोषणा द्वारा की गयी थी। इसकी स्थापना एक ऐसे मंच प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी जहाँ भारतीय रियासतों के शासक ब्रिटिश भारत की औपनिवेशिक सरकार से अपनी आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को लेकर आवाज उठा सके। इसलिए, कथन 1 सही है।
इसकी स्थापना परामर्शदात्री और सलाहकारी निकाय के रूप में की गयी थी, जिसका रियासतों के आंतरिक मामलों से कोई मतलब नहीं था। इसके पास रियासतों में विद्यमान अधिकारों और स्वतंत्रताओं से संबंधित मामलों पर चर्चा करने की कोई शक्ति नहीं थी। इसलिए, कथन 2 सही नहीं है।
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Question 33 of 50
33. Question
1 pointsभारत के धार्मिक इतिहास के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-से बौद्ध धर्म के संप्रदाय हैं?
- स्थविरवाद
- महासांघिक
- सम्मितियाँ
- सौत्रान्तिक
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
- वैशाली में आयोजित द्वितीय बौद्ध संगीति पश्चात्, दो संप्रदाय ‘स्थविरवाद’ (हीनयान) और ‘महासांघिक’ अस्तित्व में आए। अशोक के समय तक, अठारह विभिन्न संप्रदाय थे। अशोक ने इस बढ़ते विभाजन को रोकने के लिए तृतीय बौद्ध संगीति का आयोजन किया। महासांघिक ने प्रथम सदी ईस्वी में ‘महायान’ (बृहत्तर वाहन) के उद्भव का मार्ग प्रशस्त किया। महायानवादियों ने बोधिसत्व सिद्धांत पर बल दिया, जिससे ‘योगकर’ नामक एक और संप्रदाय का उद्भव हुआ। इस संप्रदाय में, न केवल काल्पनिक प्राणियों बल्कि विभिन्न पंथों के प्रतिपादकों या गुरुओं को भी बोधिसत्व के रूप में परिभाषित किया गया। बौद्ध और ब्राह्मणवादी कल्पनाओं के सम्मिश्रण से योगकर संप्रदाय ने ‘वज्रयान’ या तांत्रिक बौद्ध धर्म का मार्ग प्रशस्त किया। वर्तमान में बौद्ध धर्म के तीन प्रमुख प्रकार हैं; थेरवाद, महायान और वज्रयान।
- स्थविरवादी या हीनयान का दूसरा संप्रदाय सर्वास्तिवादी हैं (वे जो ‘सभी हैं’), जिनका सिद्धांत संस्कृत में था, और जो अपने इस विचार में स्थविरवादियों से भिन्न थे कि परिघटना (धर्मों) के घटक तत्व पूरी तरह क्षणिक नहीं होते हैं, बल्कि सदैव अव्यक्त रूप में अस्तित्व में रहते हैं।
- एक अन्य महत्वपूर्ण संप्रदाय सौत्रान्तिकों का था, जिन्होंने आग्रह किया कि बाह्य जगत का हमारा ज्ञान केवल व्यावहारिक अनुमान है, और वे महायान के कुछ संप्रदायों के आदर्शवाद के मार्ग पर थे।
- बौद्ध धर्मं के एक अन्य संप्रदाय सम्मितियाँ ने अनात्मवाद के सिद्धांत को अस्वीकार कर दिया और पुदगल या व्यक्ति में एक प्रकार की आत्मा के अस्तित्व को स्वीकार किया, जो एक जन्म से दूसरे जन्म तक स्थानांतरित होती रहती है। बौद्ध धर्म के इन प्रारंभिक संप्रदायों ने संभवतः रहस्यवादी अनुमानों से पृथक, एक सुस्पष्ट भारतीय दर्शन के विकास को अत्यधिक प्रोत्साहन प्रदान किया।
Incorrect
- वैशाली में आयोजित द्वितीय बौद्ध संगीति पश्चात्, दो संप्रदाय ‘स्थविरवाद’ (हीनयान) और ‘महासांघिक’ अस्तित्व में आए। अशोक के समय तक, अठारह विभिन्न संप्रदाय थे। अशोक ने इस बढ़ते विभाजन को रोकने के लिए तृतीय बौद्ध संगीति का आयोजन किया। महासांघिक ने प्रथम सदी ईस्वी में ‘महायान’ (बृहत्तर वाहन) के उद्भव का मार्ग प्रशस्त किया। महायानवादियों ने बोधिसत्व सिद्धांत पर बल दिया, जिससे ‘योगकर’ नामक एक और संप्रदाय का उद्भव हुआ। इस संप्रदाय में, न केवल काल्पनिक प्राणियों बल्कि विभिन्न पंथों के प्रतिपादकों या गुरुओं को भी बोधिसत्व के रूप में परिभाषित किया गया। बौद्ध और ब्राह्मणवादी कल्पनाओं के सम्मिश्रण से योगकर संप्रदाय ने ‘वज्रयान’ या तांत्रिक बौद्ध धर्म का मार्ग प्रशस्त किया। वर्तमान में बौद्ध धर्म के तीन प्रमुख प्रकार हैं; थेरवाद, महायान और वज्रयान।
- स्थविरवादी या हीनयान का दूसरा संप्रदाय सर्वास्तिवादी हैं (वे जो ‘सभी हैं’), जिनका सिद्धांत संस्कृत में था, और जो अपने इस विचार में स्थविरवादियों से भिन्न थे कि परिघटना (धर्मों) के घटक तत्व पूरी तरह क्षणिक नहीं होते हैं, बल्कि सदैव अव्यक्त रूप में अस्तित्व में रहते हैं।
- एक अन्य महत्वपूर्ण संप्रदाय सौत्रान्तिकों का था, जिन्होंने आग्रह किया कि बाह्य जगत का हमारा ज्ञान केवल व्यावहारिक अनुमान है, और वे महायान के कुछ संप्रदायों के आदर्शवाद के मार्ग पर थे।
- बौद्ध धर्मं के एक अन्य संप्रदाय सम्मितियाँ ने अनात्मवाद के सिद्धांत को अस्वीकार कर दिया और पुदगल या व्यक्ति में एक प्रकार की आत्मा के अस्तित्व को स्वीकार किया, जो एक जन्म से दूसरे जन्म तक स्थानांतरित होती रहती है। बौद्ध धर्म के इन प्रारंभिक संप्रदायों ने संभवतः रहस्यवादी अनुमानों से पृथक, एक सुस्पष्ट भारतीय दर्शन के विकास को अत्यधिक प्रोत्साहन प्रदान किया।
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Question 34 of 50
34. Question
1 pointsहाल ही में ‘राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण’ निम्नलिखित में से किन उद्देश्यों हेतु आयोजित किया गया था?
Correct
राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) देश में अब तक का सबसे बड़ा राष्ट्रीय आकलन सर्वेक्षण है। सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा 3, 5 और 8 के लिए यह सर्वेक्षण किया गया था। सर्वेक्षण में कक्षा तीन और पाँच के विद्यार्थियों के लिए भाषा व गणित से संबंधित 45 प्रश्नों और कक्षा आठ में गणित, भाषा, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान से संबंधित 60 प्रश्नों वाली एकाधिक परीक्षण पुस्तिकाओं का उपयोग किया गया था। NCERT द्वारा विकसित दक्षता आधारित परीक्षण प्रश्नों ने लर्निंग आउटकम को प्रतिबिंबित किया, जिसे हाल ही में भारत सरकार द्वारा शिक्षा के अधिकार कानून (RTE) में सम्मिलित किया गया है। परीक्षण सामग्रियों के साथ, छात्रों, शिक्षकों और स्कूलों से संबंधित प्रश्नावलियों का भी उपयोग किया गया। इसलिए, विकल्प (a) सही है।
Incorrect
राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) देश में अब तक का सबसे बड़ा राष्ट्रीय आकलन सर्वेक्षण है। सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा 3, 5 और 8 के लिए यह सर्वेक्षण किया गया था। सर्वेक्षण में कक्षा तीन और पाँच के विद्यार्थियों के लिए भाषा व गणित से संबंधित 45 प्रश्नों और कक्षा आठ में गणित, भाषा, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान से संबंधित 60 प्रश्नों वाली एकाधिक परीक्षण पुस्तिकाओं का उपयोग किया गया था। NCERT द्वारा विकसित दक्षता आधारित परीक्षण प्रश्नों ने लर्निंग आउटकम को प्रतिबिंबित किया, जिसे हाल ही में भारत सरकार द्वारा शिक्षा के अधिकार कानून (RTE) में सम्मिलित किया गया है। परीक्षण सामग्रियों के साथ, छात्रों, शिक्षकों और स्कूलों से संबंधित प्रश्नावलियों का भी उपयोग किया गया। इसलिए, विकल्प (a) सही है।
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Question 35 of 50
35. Question
1 pointsहाल ही में आरंभ की गई स्वच्छ प्रतिष्ठित स्थल पहल (Swachh Iconic Places Initiative) के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- यह भारत में धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व वाले प्रतिष्ठित स्थलों की स्वच्छता पर केंद्रित है।
- यह संस्कृति मंत्रालय के साथ पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की एक पहल है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
- स्वच्छ प्रतिष्ठित स्थल पहल (Swachh Iconic Places initiative): पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने यह पहल संपूर्ण भारत में अपनी विरासत एवं धार्मिक और/या सांस्कृतिक महत्व के कारण “प्रतिष्ठित” 100 स्थानों को स्वच्छ बनाने पर केन्द्रित की है। यह एक बहु-हितधारक (multi-stakeholder) पहल है।
- इस पहल का लक्ष्य इन स्थानों पर स्वच्छता की स्थिति को सुस्पष्ट रूप से उच्चतर स्तर तक सुधारना है।
- यह पहल शहरी विकास मंत्रालय तथा पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की सहभागिता से प्रारम्भ की गयी है जिसमें पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय नोडल एजेंसी है।
- सभी प्रतिष्ठित (iconic) स्थानों की वित्तीय और तकनीकी सहायता के लिए किसी PSU को नामित किया गया है।
इसलिए, दोनों ही कथन सही हैं।
Incorrect
- स्वच्छ प्रतिष्ठित स्थल पहल (Swachh Iconic Places initiative): पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने यह पहल संपूर्ण भारत में अपनी विरासत एवं धार्मिक और/या सांस्कृतिक महत्व के कारण “प्रतिष्ठित” 100 स्थानों को स्वच्छ बनाने पर केन्द्रित की है। यह एक बहु-हितधारक (multi-stakeholder) पहल है।
- इस पहल का लक्ष्य इन स्थानों पर स्वच्छता की स्थिति को सुस्पष्ट रूप से उच्चतर स्तर तक सुधारना है।
- यह पहल शहरी विकास मंत्रालय तथा पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की सहभागिता से प्रारम्भ की गयी है जिसमें पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय नोडल एजेंसी है।
- सभी प्रतिष्ठित (iconic) स्थानों की वित्तीय और तकनीकी सहायता के लिए किसी PSU को नामित किया गया है।
इसलिए, दोनों ही कथन सही हैं।
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Question 36 of 50
36. Question
1 points‘कॉम्पैक्ट विथ अफ्रीका (Compact with Africa)’ पहल, निम्नलिखित में से किस समूह के देशों से सम्बंधित है:
Correct
जी-20, विकासशील देशों विशेष रूप से अफ्रीका में, अपनी संलग्नता जारी रखने को अत्यधिक महत्त्व दे रहा है। जी-20 ने अफ्रीका पहल के साथ साझेदारी का आरम्भ किया है।अफ्रीका में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए, भागीदारी के मुख्य तत्वों में से एक ‘कॉम्पैक्ट विद अफ्रीका” (CwA) भी है | यह जी-20 फाइनेंस ट्रैक के तहत है। साझेदारी के प्रमुख तत्वों में से एक “जी-20 फाइनेंस ट्रैक के अंतर्गत, “कॉम्पैक्ट विद अफ्रीका” (CwA) ,अफ्रीका में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए है। यह पहल, अफ्रीका में रोजगार में वृद्धि और सतत विकास को बढ़ावा देने हेतु बुनियादी ढांचे सहित निजी निवेश में वृद्धि करने के लिए अन्य पहलों के साथ सुसंगत और पूरक होगी।
Incorrect
जी-20, विकासशील देशों विशेष रूप से अफ्रीका में, अपनी संलग्नता जारी रखने को अत्यधिक महत्त्व दे रहा है। जी-20 ने अफ्रीका पहल के साथ साझेदारी का आरम्भ किया है।अफ्रीका में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए, भागीदारी के मुख्य तत्वों में से एक ‘कॉम्पैक्ट विद अफ्रीका” (CwA) भी है | यह जी-20 फाइनेंस ट्रैक के तहत है। साझेदारी के प्रमुख तत्वों में से एक “जी-20 फाइनेंस ट्रैक के अंतर्गत, “कॉम्पैक्ट विद अफ्रीका” (CwA) ,अफ्रीका में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए है। यह पहल, अफ्रीका में रोजगार में वृद्धि और सतत विकास को बढ़ावा देने हेतु बुनियादी ढांचे सहित निजी निवेश में वृद्धि करने के लिए अन्य पहलों के साथ सुसंगत और पूरक होगी।
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Question 37 of 50
37. Question
1 pointsकभी-कभी सुर्खियों में रहने वाला ‘कोरिया प्लस’ हैः
Correct
“कोरिया प्लस”, भारत और कोरियाई गणराज्य सरकार के मध्य एक सामरिक पहल है। इसे भारत में कोरियाई निवेशकों के लिए पहला सन्दर्भ बिंदु के रूप में परिकल्पित किया गया है। कोरिया प्लस को भारत में कोरियाई निवेश को बढ़ावा देने, उसे सुविधाजनक बनाने तथा उस निवेश को बनाए रखने का अधिदेश प्रदान किया गया है। यह कोरियाई कम्पनियों के निवेश के संपूर्ण चक्र के दौरान उनके भागीदार के रूप में कार्य करता है।
Incorrect
“कोरिया प्लस”, भारत और कोरियाई गणराज्य सरकार के मध्य एक सामरिक पहल है। इसे भारत में कोरियाई निवेशकों के लिए पहला सन्दर्भ बिंदु के रूप में परिकल्पित किया गया है। कोरिया प्लस को भारत में कोरियाई निवेश को बढ़ावा देने, उसे सुविधाजनक बनाने तथा उस निवेश को बनाए रखने का अधिदेश प्रदान किया गया है। यह कोरियाई कम्पनियों के निवेश के संपूर्ण चक्र के दौरान उनके भागीदार के रूप में कार्य करता है।
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Question 38 of 50
38. Question
1 pointsवास्तविक प्रभावी विनिमय दर (REER) के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
- यह मुद्रास्फीति के प्रभावों हेतु समायोजित अन्य प्रमुख मुद्राओं के सापेक्ष, देश की मुद्रा के मूल्य का भारित औसत है।
- किसी देश के REER में वृद्धि यह इंगित करती है कि निर्यात कम प्रतिस्पर्धी हो गए हैं।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए.
Correct
वास्तविक प्रभावी विनिमय दर (REER), मुद्रास्फीति के प्रभावों से समायोजित किये जाने के बाद, किसी राष्ट्र की मुद्रा का अन्य प्रमुख मुद्राओं के बास्केट या सूचकांक के सापेक्ष भारित औसत है। REER में वृद्धि का अर्थ निर्यात महँगा और आयात सस्ता होना होता है; अतः इसकी वृद्धि से व्यापार प्रतिस्पर्धा में कमी का संकेत मिलता है। इसलिए, दोनों ही कथन सही हैं।
Incorrect
वास्तविक प्रभावी विनिमय दर (REER), मुद्रास्फीति के प्रभावों से समायोजित किये जाने के बाद, किसी राष्ट्र की मुद्रा का अन्य प्रमुख मुद्राओं के बास्केट या सूचकांक के सापेक्ष भारित औसत है। REER में वृद्धि का अर्थ निर्यात महँगा और आयात सस्ता होना होता है; अतः इसकी वृद्धि से व्यापार प्रतिस्पर्धा में कमी का संकेत मिलता है। इसलिए, दोनों ही कथन सही हैं।
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Question 39 of 50
39. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सी परिस्थितियाँ उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के निर्माण में सहायक है/हैं?
- उष्ण महासागरीय जल
- तडि़त झंझाओं का समूह
- विभिन्न अक्षांशों पर पृथ्वी की घूर्णन गति में अंतर।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात को दो मुख्य अवयवों की आवश्यकता होती है: एक तड़ितझंझा संकुल (cluster of thunderstorms) और एक उष्ण जल निकाय (कम से कम 27ºC) है।जहाँ से तूफ़ान अपनी ऊर्जा प्राप्त करता है। एक विकासशील तूफान (झंझावात) के नीचे स्थित उष्णकटिबंधीय समुद्र में वाष्पीकरण होता रहता है; यह वाष्प संघनित होकर बादलों का निर्माण करते हैं और संपूर्ण प्रक्रिया में ऊष्मा मुक्त होती रहती है। इन चक्रवातों को चक्रण के दौरान संवेग प्राप्त करने हेतु विभिन्न अक्षांशों पर पृथ्वी के घूर्णन की गति में अंतर की आवश्यकता पड़ती है। इसके साथ ही वे भूमध्य रेखा के दोनों ओर निर्मित हो सकते हैं। इन चक्रवातों को अटलांटिक और पूर्वी प्रशांत महासागर में हरिकेन, दक्षिण पूर्व एशिया में टाइफून, हिन्द महासागर में चक्रवात तथा ऑस्ट्रेलिया के आसपास विली-विली के रूप में जाना जाता है।
Incorrect
एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात को दो मुख्य अवयवों की आवश्यकता होती है: एक तड़ितझंझा संकुल (cluster of thunderstorms) और एक उष्ण जल निकाय (कम से कम 27ºC) है।जहाँ से तूफ़ान अपनी ऊर्जा प्राप्त करता है। एक विकासशील तूफान (झंझावात) के नीचे स्थित उष्णकटिबंधीय समुद्र में वाष्पीकरण होता रहता है; यह वाष्प संघनित होकर बादलों का निर्माण करते हैं और संपूर्ण प्रक्रिया में ऊष्मा मुक्त होती रहती है। इन चक्रवातों को चक्रण के दौरान संवेग प्राप्त करने हेतु विभिन्न अक्षांशों पर पृथ्वी के घूर्णन की गति में अंतर की आवश्यकता पड़ती है। इसके साथ ही वे भूमध्य रेखा के दोनों ओर निर्मित हो सकते हैं। इन चक्रवातों को अटलांटिक और पूर्वी प्रशांत महासागर में हरिकेन, दक्षिण पूर्व एशिया में टाइफून, हिन्द महासागर में चक्रवात तथा ऑस्ट्रेलिया के आसपास विली-विली के रूप में जाना जाता है।
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Question 40 of 50
40. Question
1 pointsपूर्वी तट आर्थिक गलियारा के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं?
- इसका विस्तार कोलकाता से कन्याकुमारी तक होगा।
- यह भारतीय अर्थव्यवस्था को दक्षिण-पूर्व और पूर्वी एशिया की वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत करने में सहयोग करेगा।
- यह भारत का पहला तटीय गलियारा है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
‘ईस्ट कोस्ट इकनॉमिक कॉरिडोर (ECEC)’ या ‘पूर्वी तट आर्थिक गलियारा’, सम्पूर्ण पूर्वी तट पर कोलकता से कन्याकुमारी तक विस्तृत है। यह एक मल्टीमोडल, क्षेत्रीय समुद्री गलियारा है जो विशाल घरेलू बाजार के एकीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। साथ ही साथ यह भारतीय अर्थव्यवस्था को दक्षिण-पूर्व और पूर्वी एशिया की गतिशील वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (global value chains) से भी एकीकृत कर सकता है।
यह भारत का पहला तटीय गलियारा है। एक महत्वाकांक्षी अवसंरचना कार्यक्रम के अतिरिक्त, ECEC में कौशल विकास, एक आकर्षक विनियामक वातावरण का निर्माण, नये निवेश को आकर्षित करना, वर्तमान व्यवसायों के विकास व नवोन्मेष हेतु उचित परिवेश उपलब्ध कराना एवं अत्यावश्यक रोजगार का सृजन करना भी सम्मलित है।
Incorrect
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Question 41 of 50
41. Question
1 pointsसरकार द्वारा हाल ही में आरंभ किए गए, ‘समावेशी और सुगम्यता सूचकांक’ का लक्ष्य है:
Correct
‘समावेशी और सुगम्यता सूचकांक (Inclusiveness and Accessibility Index)’ सरकार द्वारा सुगम्य भारत अभियान (Accessible India Campaign: AIC) के एक अंग के रूप में प्रारम्भ किया गया है। इसके माध्यम से उद्योग और कॉरपोरेट स्वेच्छा से कार्यस्थल को दिव्यांग लोगों के लिए सुगम्य बनाने के लिए अपनी तैयारियों का मूल्यांकन करते हैं। इस प्रकार यह सूचकांक उन्हें सुगम्य भारत अभियान में सहभागी बनने में सहायता करता है। यह सूचकांक देश में इस प्रकार की पहली पहल है और यह PwDs के मुख्यधारा में एकीकरण, समाँगीकरण और समावेशन (integration, assimilation and inclusion) का एक आदर्श साधन है। यह सूचकांक संगठनों को आत्म मूल्यांकन हेतु सक्षम बनाता है ताकि वे जान सकें कि PwDs की सहायता हेतु उनकी नीतियाँ एवं कार्य-वातावरण कितना समावेशी है, वे ऐसे कार्यबल को कितना रोजगार देते हैं तथा PwDs को सहायता पहुँचाने हेतु उन्होंने कितना अनुकूलन स्थापित किया है।
Incorrect
‘समावेशी और सुगम्यता सूचकांक (Inclusiveness and Accessibility Index)’ सरकार द्वारा सुगम्य भारत अभियान (Accessible India Campaign: AIC) के एक अंग के रूप में प्रारम्भ किया गया है। इसके माध्यम से उद्योग और कॉरपोरेट स्वेच्छा से कार्यस्थल को दिव्यांग लोगों के लिए सुगम्य बनाने के लिए अपनी तैयारियों का मूल्यांकन करते हैं। इस प्रकार यह सूचकांक उन्हें सुगम्य भारत अभियान में सहभागी बनने में सहायता करता है। यह सूचकांक देश में इस प्रकार की पहली पहल है और यह PwDs के मुख्यधारा में एकीकरण, समाँगीकरण और समावेशन (integration, assimilation and inclusion) का एक आदर्श साधन है। यह सूचकांक संगठनों को आत्म मूल्यांकन हेतु सक्षम बनाता है ताकि वे जान सकें कि PwDs की सहायता हेतु उनकी नीतियाँ एवं कार्य-वातावरण कितना समावेशी है, वे ऐसे कार्यबल को कितना रोजगार देते हैं तथा PwDs को सहायता पहुँचाने हेतु उन्होंने कितना अनुकूलन स्थापित किया है।
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Question 42 of 50
42. Question
1 points‘मूल रूप से सूखा प्रवण क्षेत्र होते हुए भी, यहाँ एक महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि है: छड़ी-धंद (Chari-Dhand)। यहाँ पायी जाने वाली वनस्पतियों में अधिकांशत: लवणमृदोद्भिद पौधों की प्रधानता है, यह क्षेत्र यहाँ पाए जाने वाले पक्षियों के लिए भी प्रसिद्ध है। अँधेरी रातों में यहाँ ‘चीड़ बत्ती’ के रूप में प्रसिद्ध क्षणिक आग या रात्रि प्रकाश दिखायी देता है।’
उपर्युक्त परिच्छेद द्वारा निम्नलिखित पारिस्थितिकीय तंत्रों में से किसका सर्वोत्तम वर्णन किया गया है?
Correct
यद्यपि बन्नी अनिवार्य रूप से एक सूखा प्रवण क्षेत्र है, लेकिन इसमें एक महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि भी है: छड़ी-धंड (Chari-Dhand)। यह इस क्षेत्र का सबसे बड़ा जल निकाय है तथा मानव एवं पशुधन के लिए एक जीवन रेखा है। यह सारस और फ्लेमिंगो के देश में सबसे बड़े समूहों का आवास है। बन्नी अपनी समृद्ध पक्षी विविधता के लिए विख्यात है। यह स्थानीय और प्रवासी दोनों ही प्रकार की कई महत्वपूर्ण पक्षी प्रजातियों का आश्रय स्थल है। वाइट ईयर्ड बुलबुल, टेम्मिक स्टिंट, मार्शल्स आयोरा, यूरेशियन स्टोन-कर्ल्यू, रेड टेल्ड श्राइक आदि कुछ ऐसे पक्षी हैं जिन्हें यहाँ देखा जा सकता है।
बन्नी में दृष्टिगोचर एंडैंजर्ड पक्षियों में डाल्मेशियन पेलिकन, ओरियन्टल डार्टर, ब्लैक नेक्ड स्टॉर्क, मार्बल्ड डक, इंडियन स्किमर, सिनेरस वल्चर, लेसर फ्लोरिकन, हुबारा बस्टर्ड और वाइट विंग ब्लैक टिट (White-winged black tit) सम्मिलित हैं। चिंकारा, गोल्डेन जैकाल, भारतीय खरगोश, भारतीय भेड़िया, एशियाई जंगली बिल्ली (Asiatic wildcat) और रेगिस्तानी लोमड़ी जैसे वन्यजीवों को भी यहाँ देखा जा सकता है।
माना जाता है कि ‘चीड़ बत्ती’ का कारण फॉस्फीन, डिफॉसफीन और मीथेन गैसों का ऑक्सीकरण है। ये गैसें यहाँ मिट्टी के नीचे दबे प्रागैतिहासिक वनस्पतियों के कार्बनिक क्षय के कारण उत्पन्न होती हैं। वायु में ऑक्सीजन के सम्पर्क में आते ही ये गैसें प्रज्वलित हो उठती हैं और इनसे कुछ देर के लिए आग जल जाती है।
Incorrect
यद्यपि बन्नी अनिवार्य रूप से एक सूखा प्रवण क्षेत्र है, लेकिन इसमें एक महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि भी है: छड़ी-धंड (Chari-Dhand)। यह इस क्षेत्र का सबसे बड़ा जल निकाय है तथा मानव एवं पशुधन के लिए एक जीवन रेखा है। यह सारस और फ्लेमिंगो के देश में सबसे बड़े समूहों का आवास है। बन्नी अपनी समृद्ध पक्षी विविधता के लिए विख्यात है। यह स्थानीय और प्रवासी दोनों ही प्रकार की कई महत्वपूर्ण पक्षी प्रजातियों का आश्रय स्थल है। वाइट ईयर्ड बुलबुल, टेम्मिक स्टिंट, मार्शल्स आयोरा, यूरेशियन स्टोन-कर्ल्यू, रेड टेल्ड श्राइक आदि कुछ ऐसे पक्षी हैं जिन्हें यहाँ देखा जा सकता है।
बन्नी में दृष्टिगोचर एंडैंजर्ड पक्षियों में डाल्मेशियन पेलिकन, ओरियन्टल डार्टर, ब्लैक नेक्ड स्टॉर्क, मार्बल्ड डक, इंडियन स्किमर, सिनेरस वल्चर, लेसर फ्लोरिकन, हुबारा बस्टर्ड और वाइट विंग ब्लैक टिट (White-winged black tit) सम्मिलित हैं। चिंकारा, गोल्डेन जैकाल, भारतीय खरगोश, भारतीय भेड़िया, एशियाई जंगली बिल्ली (Asiatic wildcat) और रेगिस्तानी लोमड़ी जैसे वन्यजीवों को भी यहाँ देखा जा सकता है।
माना जाता है कि ‘चीड़ बत्ती’ का कारण फॉस्फीन, डिफॉसफीन और मीथेन गैसों का ऑक्सीकरण है। ये गैसें यहाँ मिट्टी के नीचे दबे प्रागैतिहासिक वनस्पतियों के कार्बनिक क्षय के कारण उत्पन्न होती हैं। वायु में ऑक्सीजन के सम्पर्क में आते ही ये गैसें प्रज्वलित हो उठती हैं और इनसे कुछ देर के लिए आग जल जाती है।
-
Question 43 of 50
43. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा कथन मूल अधिकारों और राज्य के नीति निदेशक तत्वों (DPSP) के संदर्भ में सही नहीं है?
Correct
- मिनर्वा मिल वाद (1980) में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि ‘भारतीय संविधान की स्थापना मूल अधिकारों और नीति निदेशक तत्वों के मध्य संतुलन के आधार पर हुई है। वे सम्मिलित रूप से सामाजिक क्रांति की प्रतिबद्धता के मूल का निर्माण करते हैं। वे दोनों ही एक रथ के पहियों के समान हैं, कोई भी दूसरे की तुलना में कम नहीं है। इनमें से एक को दूसरे के ऊपर पूर्ण प्राथमिकता देना संविधान की मूल भावना के साथ छेड़खानी होगी। दोनों के बीच सामंजस्य और संतुलन संविधान के मूल ढ़ांचे की अनिवार्य विशेषता है। अतः निदेशक तत्वों द्वारा निर्धारित साध्यों को मौलिक अधिकारों द्वारा प्रदान किये गये साधनों की अवहेलना किये बिना प्राप्त किया जाना चाहिए।
- इसलिए, वर्तमान स्थिति यह है कि मूल अधिकारों को नीति निदेशक तत्वों पर वरीयता प्राप्त है। फिर भी इसका अर्थ यह कदापि नहीं है कि नीति निदेशक तत्व लागू ही नहीं किये जा सकते। नीति निदेशक तत्वों को कार्यान्वित करने हेतु संसद संविधान में संशोधन कर सकती है, बशर्ते यह संशोधन, संविधान के मूल ढाँचे को क्षति पहुँचाता हो या नष्ट न करता हो।
- न्यायालय किसी भी उस कानून को असंवैधानिक और अमान्य घोषित करने के लिए बाध्य हैं, जो किसी भी मूल अधिकार का उल्लंघन करता हो; किन्तु न्यायालय ऐसे किसी कानून को असंवैधानिक और अमान्य घोषित नहीं कर सकते हैं, जिनसे किसी निदेशक तत्व का उल्लंघन होता हो। हालांकि वे इस आधार पर कानून की वैधता को मान्य कर सकते हैं कि यह एक निदेशक सिद्धांत को प्रभावित करने के लिए अधिनियमित किया गया था।
Incorrect
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Question 44 of 50
44. Question
1 pointsभारत निर्वाचन आयोग के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह एक संवैधानिक निकाय है।
- इसके सदस्यों के वेतन एवं भत्ते भारत की संचित निधि पर भारित होते हैं।
- चुनाव के दौरान भ्रष्ट गतिविधियों में संलिप्त व्यक्तियों की अयोग्यता के प्रकरणों में इसका मत राष्ट्रपति पर बाध्यकारी होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
Correct
कथन 1 सही है: चुनाव आयोग एक स्थायी और स्वतंत्र निकाय है। इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत स्थापित किया गया है ताकि देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किये जा सकें। संविधान में प्रावधान किया गया है कि संसद, राज्य विधान सभाओं, भारत के राष्ट्रपति और भारत के उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के अधीक्षण, निर्देशन और नियन्त्रण की शक्तियाँ चुनाव आयोग में निहित होंगी।
कथन 2 सही नहीं है: चुनाव आयोग के सदस्यों के वेतन और उसका व्यय भारत की संचित निधि पर भारित नहीं होते हैं। आयोग के सचिवालय का एक स्वतंत्र बजट होता है, जिसे आयोग और केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के बीच प्रत्यक्ष मन्त्रणा के पश्चात् अंतिम रूप प्रदान किया जाता है। वित्त मंत्रालय प्राय: आयोग की संस्तुतियों को इसके बजट के लिए स्वीकार कर लेता है।
कथन 3 सही है: संविधान के अंतर्गत, चुनाव आयोग को चुनाव के पश्चात् संसद और राज्य विधान सभाओं के वर्तमान सदस्यों को अयोग्य घोषित करने के मामलों में परामर्शी क्षेत्राधिकार प्राप्त है। इसके अतिरिक्त, ऐसे मामलों को भी चुनाव आयोग के विचार के लिए भेजा जाता है जिनमें उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के समक्ष कोई व्यक्ति चुनावों में भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया गया हो। आयोग से इस बात पर सलाह माँगी जाती है कि व्यक्ति को अयोग्य घोषित किया जाए अथवा नहीं; तथा यदि किया जाए, तो कितनी अवधि के लिए किया जाए। ऐसे सभी मामलों में आयोग की राय मामलों के अनुसार राष्ट्रपति या राज्यपाल, जिसे भी यह राय प्रस्तुत की गयी हो, उस पर बाध्यकारी होती है।
Incorrect
कथन 1 सही है: चुनाव आयोग एक स्थायी और स्वतंत्र निकाय है। इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत स्थापित किया गया है ताकि देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किये जा सकें। संविधान में प्रावधान किया गया है कि संसद, राज्य विधान सभाओं, भारत के राष्ट्रपति और भारत के उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के अधीक्षण, निर्देशन और नियन्त्रण की शक्तियाँ चुनाव आयोग में निहित होंगी।
कथन 2 सही नहीं है: चुनाव आयोग के सदस्यों के वेतन और उसका व्यय भारत की संचित निधि पर भारित नहीं होते हैं। आयोग के सचिवालय का एक स्वतंत्र बजट होता है, जिसे आयोग और केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के बीच प्रत्यक्ष मन्त्रणा के पश्चात् अंतिम रूप प्रदान किया जाता है। वित्त मंत्रालय प्राय: आयोग की संस्तुतियों को इसके बजट के लिए स्वीकार कर लेता है।
कथन 3 सही है: संविधान के अंतर्गत, चुनाव आयोग को चुनाव के पश्चात् संसद और राज्य विधान सभाओं के वर्तमान सदस्यों को अयोग्य घोषित करने के मामलों में परामर्शी क्षेत्राधिकार प्राप्त है। इसके अतिरिक्त, ऐसे मामलों को भी चुनाव आयोग के विचार के लिए भेजा जाता है जिनमें उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के समक्ष कोई व्यक्ति चुनावों में भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया गया हो। आयोग से इस बात पर सलाह माँगी जाती है कि व्यक्ति को अयोग्य घोषित किया जाए अथवा नहीं; तथा यदि किया जाए, तो कितनी अवधि के लिए किया जाए। ऐसे सभी मामलों में आयोग की राय मामलों के अनुसार राष्ट्रपति या राज्यपाल, जिसे भी यह राय प्रस्तुत की गयी हो, उस पर बाध्यकारी होती है।
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Question 45 of 50
45. Question
1 pointsकभी-कभी सुर्खियों में रहने वाला ‘इकनोमिक एंड टेक्नोलॉजिकल कोऑपरेशन एग्रीमेंट (ETCA)’ भारत एवं किस अन्य देश के मध्य वार्ता के संदर्भ में है:
Correct
वर्तमान में भारत और श्रीलंका के मध्य एक मुक्त व्यापार समझौता है, जिसमें वस्तुओं में व्यापार सम्मिलित है। इस पर 1998 में हस्ताक्षर किया गया था और यह मार्च 2000 में लागू किया गया था। दिसंबर 2015 में, भारत और श्रीलंका ने ‘इकनोमिक एंड टेक्नोलॉजिकल कोऑपरेशन एग्रीमेंट (ETCA)‘ शीर्षक से एक नए व्यापक समझौते के लिए वार्तालाप आरंभ करने पर सहमति व्यक्त की।
इस समझौते के दायरे में वस्तुओं में व्यापार के अतिरिक्त सेवाओं में व्यापार, निवेश के मुद्दे और प्रौद्योगिकी, सीमा-शुल्क, मानदंड आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग सम्मिलित हैं। नई दिल्ली में 24-26 अप्रैल, 2017 को आयोजित नवीनतम दौरे की वार्ता के साथ अभी तक चार दौरे की वार्ताएं आयोजित की जा चुकी हैं।
Incorrect
वर्तमान में भारत और श्रीलंका के मध्य एक मुक्त व्यापार समझौता है, जिसमें वस्तुओं में व्यापार सम्मिलित है। इस पर 1998 में हस्ताक्षर किया गया था और यह मार्च 2000 में लागू किया गया था। दिसंबर 2015 में, भारत और श्रीलंका ने ‘इकनोमिक एंड टेक्नोलॉजिकल कोऑपरेशन एग्रीमेंट (ETCA)‘ शीर्षक से एक नए व्यापक समझौते के लिए वार्तालाप आरंभ करने पर सहमति व्यक्त की।
इस समझौते के दायरे में वस्तुओं में व्यापार के अतिरिक्त सेवाओं में व्यापार, निवेश के मुद्दे और प्रौद्योगिकी, सीमा-शुल्क, मानदंड आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग सम्मिलित हैं। नई दिल्ली में 24-26 अप्रैल, 2017 को आयोजित नवीनतम दौरे की वार्ता के साथ अभी तक चार दौरे की वार्ताएं आयोजित की जा चुकी हैं।
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Question 46 of 50
46. Question
1 pointsभारत के प्राचीन इतिहास के संदर्भ में निरुक्त, ज्योतिष और कल्प शब्द किससे संबंधित हैं:
Correct
वैदिक संस्कृति में वेदांग छः सहायक विषय हैं। इनका विकास प्राचीन काल में हुआ था और ये वेदों के अध्ययन से जुड़े हैं। वेदों के अध्ययन, बोध और यज्ञ सम्बन्धी तत्वों को उचित प्रकार से समझने के लिए, वेदांगों के अध्ययन को आवश्यक माना गया था। छः वेदांग इस प्रकार हैं:
- शिक्षा: संस्कृत वर्णमाला, उच्चारण, मात्रा आदि पर केन्द्रित है।
- छंद: काव्यात्मक छंद संरचना पर केन्द्रित है।
- व्याकरण: व्याकरण और भाषावैज्ञानिक विश्लेषण के नियमों पर केन्द्रित है।
- निरुक्त: शब्दों का उचित अर्थ स्थापित करने में सहायता के लिए भाषाई विश्लेषण और व्युत्पत्ति पर केन्द्रित है।
- कल्प: वैदिक अनुष्ठानों के लिए मानकीकरण की प्रक्रियाओं पर केन्द्रित है।
- ज्योतिष: धार्मिक अनुष्ठानों, ज्योतिष के लिए शुभ समय पर केन्द्रित है।
- खगोल शास्त्र: यह काल सम्बन्धी गणना पर केन्द्रित है।
प्रथम दो का अध्ययन आवश्यक माना जाता है, अगले दो को बोध के लिए और अंतिम दो को वेदों के अनुसार यज्ञ के लिए आवश्यक माना जाता है।
वेदों को अपौरुषेय माना जाता है, अर्थात उनकी रचना मनुष्यों द्वारा नहीं की गयी है। वेदों की रचना ऋषियों द्वारा भी नहीं किया माना जाता है अपितु इन मन्त्रों को सर्वोच्च सृजनकर्ता द्वारा प्रकट किया गया था।
वेदांगों को इस श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है क्योंकि इनके लेखकों के रूप में मनुष्यों का उल्लेख किया गया है।
Incorrect
वैदिक संस्कृति में वेदांग छः सहायक विषय हैं। इनका विकास प्राचीन काल में हुआ था और ये वेदों के अध्ययन से जुड़े हैं। वेदों के अध्ययन, बोध और यज्ञ सम्बन्धी तत्वों को उचित प्रकार से समझने के लिए, वेदांगों के अध्ययन को आवश्यक माना गया था। छः वेदांग इस प्रकार हैं:
- शिक्षा: संस्कृत वर्णमाला, उच्चारण, मात्रा आदि पर केन्द्रित है।
- छंद: काव्यात्मक छंद संरचना पर केन्द्रित है।
- व्याकरण: व्याकरण और भाषावैज्ञानिक विश्लेषण के नियमों पर केन्द्रित है।
- निरुक्त: शब्दों का उचित अर्थ स्थापित करने में सहायता के लिए भाषाई विश्लेषण और व्युत्पत्ति पर केन्द्रित है।
- कल्प: वैदिक अनुष्ठानों के लिए मानकीकरण की प्रक्रियाओं पर केन्द्रित है।
- ज्योतिष: धार्मिक अनुष्ठानों, ज्योतिष के लिए शुभ समय पर केन्द्रित है।
- खगोल शास्त्र: यह काल सम्बन्धी गणना पर केन्द्रित है।
प्रथम दो का अध्ययन आवश्यक माना जाता है, अगले दो को बोध के लिए और अंतिम दो को वेदों के अनुसार यज्ञ के लिए आवश्यक माना जाता है।
वेदों को अपौरुषेय माना जाता है, अर्थात उनकी रचना मनुष्यों द्वारा नहीं की गयी है। वेदों की रचना ऋषियों द्वारा भी नहीं किया माना जाता है अपितु इन मन्त्रों को सर्वोच्च सृजनकर्ता द्वारा प्रकट किया गया था।
वेदांगों को इस श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है क्योंकि इनके लेखकों के रूप में मनुष्यों का उल्लेख किया गया है।
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Question 47 of 50
47. Question
1 pointsकिसी व्यक्ति को भारत का राष्ट्रपति बनने के लिए:
Correct
अनुच्छेद 58 के अंतर्गत, राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने हेतु एक प्रत्याशी को निम्नलिखित अर्हताओं को धारण करना चाहिए:
1. उसे भारत का नागरिक होना चाहिए,
2. 35 वर्ष की आयु पूरी होनी चाहिए,
3. लोकसभा का सदस्य होने के लिए अर्ह होना चाहिए,
4. भारत सरकार या किसी भी राज्य सरकार अथवा इन सरकारों के नियंत्रण वाले किसी भी स्थानीय या अन्य प्राधिकरण के अधीन किसी भी लाभ के पद पर आसीन नहीं होना चाहिए।
हालाँकि, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, किसी राज्य के राज्यपाल या संघ अथवा किसी राज्य के मंत्री पद पर आसीन व्यक्ति, चुनाव में प्रत्याशी होने का पात्र होता है।
Incorrect
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Question 48 of 50
48. Question
1 pointsसंविधानवाद की अवधारणा आधारित है
- लोगों की संप्रभुता पर
- विधि के शासन पर
- शक्तियों के केंद्रीकरण पर
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
संविधानवाद का अर्थ सीमित सरकार या सरकार पर अंकुश से है। संविधानवाद, शक्ति संपन्न सरकार की आवश्यकता को स्वीकार करता है परन्तु उसके साथ ही यह उन शक्तियों पर अंकुश लगाने पर भी बल देता है। तानाशाही और निरंकुश शक्तियाँ संविधानवाद के विपरीत हैं। जो सरकार अपनी सीमा का उल्लंघन करती है, वह अपने अधिकार और वैधता खो देती है। इसलिए, व्यक्ति की मूल स्वतन्त्रता को सरंक्षित करने हेतु और उसकी गरिमा व व्यक्तित्व को बनाये रखने के लिए संविधान में ‘संविधानवाद’ व्याप्त होना चाहिए। इसके साथ ही संविधानवाद, संविधान में सरकारी संस्थाओं को प्रदत्त शक्तियों पर कुछ अंतर्निहित प्रतिबन्ध आरोपित करता है। इसलिए, कथन 3 सही नहीं है।
संविधानवाद मुख्य रूप से जनता की सम्प्रभुता की धारणा पर आधारित है। इसका उपयोग, सीमित रूप में, किसी प्रतिनिधिमूलक सरकार द्वारा किया जाता है। वर्तमान में केवल लोकतान्त्रिक सरकार ही सहमति आधारित और प्रतिनिधिमूलक होती है। इस प्रकार, लोकतंत्र और संविधानवाद के मध्य एक अति महत्त्वपूर्ण एवं आधारभूत सम्बन्ध विद्यमान है। वास्तविक लोकतंत्र जनता की सम्प्रभुता पर आधारित होते हैं, शासकों पर नहीं। निर्वाचित प्रतिनिधि जनता की इच्छा के आधार पर अपनी शक्तियों का उपयोग करते हैं। वास्तविक लोकतंत्र के बिना संविधानवाद का अस्तित्व नहीं हो सकता है। इसलिए, कथन 1 सही है।
विधि (कानून) का शासन विधि की सर्वोच्चता को संदर्भित करता है। इसका अर्थ है कि समाज कानून द्वारा शासित है और कानून, सरकार और सरकारी अधिकारियों सहित, सभी व्यक्तियों पर समान रूप से लागू होता है। संविधानवाद के मूल सिद्धांतों का पालन करते हुए, कानून के शासन को बनाये रखने के लिए उपयोग में लाये जाने वाले सामान्य संस्थागत प्रावधानों में शक्ति-पृथक्करण, न्यायिक समीक्षा, पूर्वव्यापी प्रभाव से कानून अधिनियमन पर निषेध और बंदी प्रत्यक्षीकरण सम्मिलित हैं। संविधानवाद को विधि के शासन द्वारा सरंक्षित किया जाता है। जब विधि के शासन की सर्वोच्चता की स्थापना की जाती है, केवल तभी संविधान की सर्वोच्चता का अस्तित्व हो सकता है। इसके अतिरिक्त, संविधानवाद के ढाँचे को स्वरुप प्रदान करने के लिए प्रभावी कानूनों और उनके प्रवर्तन की भी आवश्यकता होती है। इसलिए, कथन 2 सही है।
Incorrect
संविधानवाद का अर्थ सीमित सरकार या सरकार पर अंकुश से है। संविधानवाद, शक्ति संपन्न सरकार की आवश्यकता को स्वीकार करता है परन्तु उसके साथ ही यह उन शक्तियों पर अंकुश लगाने पर भी बल देता है। तानाशाही और निरंकुश शक्तियाँ संविधानवाद के विपरीत हैं। जो सरकार अपनी सीमा का उल्लंघन करती है, वह अपने अधिकार और वैधता खो देती है। इसलिए, व्यक्ति की मूल स्वतन्त्रता को सरंक्षित करने हेतु और उसकी गरिमा व व्यक्तित्व को बनाये रखने के लिए संविधान में ‘संविधानवाद’ व्याप्त होना चाहिए। इसके साथ ही संविधानवाद, संविधान में सरकारी संस्थाओं को प्रदत्त शक्तियों पर कुछ अंतर्निहित प्रतिबन्ध आरोपित करता है। इसलिए, कथन 3 सही नहीं है।
संविधानवाद मुख्य रूप से जनता की सम्प्रभुता की धारणा पर आधारित है। इसका उपयोग, सीमित रूप में, किसी प्रतिनिधिमूलक सरकार द्वारा किया जाता है। वर्तमान में केवल लोकतान्त्रिक सरकार ही सहमति आधारित और प्रतिनिधिमूलक होती है। इस प्रकार, लोकतंत्र और संविधानवाद के मध्य एक अति महत्त्वपूर्ण एवं आधारभूत सम्बन्ध विद्यमान है। वास्तविक लोकतंत्र जनता की सम्प्रभुता पर आधारित होते हैं, शासकों पर नहीं। निर्वाचित प्रतिनिधि जनता की इच्छा के आधार पर अपनी शक्तियों का उपयोग करते हैं। वास्तविक लोकतंत्र के बिना संविधानवाद का अस्तित्व नहीं हो सकता है। इसलिए, कथन 1 सही है।
विधि (कानून) का शासन विधि की सर्वोच्चता को संदर्भित करता है। इसका अर्थ है कि समाज कानून द्वारा शासित है और कानून, सरकार और सरकारी अधिकारियों सहित, सभी व्यक्तियों पर समान रूप से लागू होता है। संविधानवाद के मूल सिद्धांतों का पालन करते हुए, कानून के शासन को बनाये रखने के लिए उपयोग में लाये जाने वाले सामान्य संस्थागत प्रावधानों में शक्ति-पृथक्करण, न्यायिक समीक्षा, पूर्वव्यापी प्रभाव से कानून अधिनियमन पर निषेध और बंदी प्रत्यक्षीकरण सम्मिलित हैं। संविधानवाद को विधि के शासन द्वारा सरंक्षित किया जाता है। जब विधि के शासन की सर्वोच्चता की स्थापना की जाती है, केवल तभी संविधान की सर्वोच्चता का अस्तित्व हो सकता है। इसके अतिरिक्त, संविधानवाद के ढाँचे को स्वरुप प्रदान करने के लिए प्रभावी कानूनों और उनके प्रवर्तन की भी आवश्यकता होती है। इसलिए, कथन 2 सही है।
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Question 49 of 50
49. Question
1 pointsफॉरेस्ट कॉर्बन पार्टनरशिप फैसिलिटी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- इसका उद्देश्य निर्वनीकरण और वन निम्नीकरण से होने वाले उत्सर्जन को कम करना है।
- इस भागीदारी में केवल विकासशील देशों की सरकारें सम्मिलित हैं।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
कथन 2 सही नहीं है। द फॉरेस्ट कॉर्बन पार्टनरशिप फैसिलिटी सरकारों, व्यवसायों, नागरिक समाज और मूल निवासियों (Indigenous Peoples) की वैश्विक साझेदारी है। यह वनों की कटाई और वनों के ह्रास के कारण बढ़ रहे कार्बन उत्सर्जन के न्यूनीकरण, वन कार्बन स्टॉक के सरंक्षण, वनों के संधारणीय प्रबंधन और विकासशील देशों के वन कार्बन स्टॉकों के संवर्द्धन के लिए समर्पित है (इन गतिविधियों को प्राय REDD+ के रूप में संदर्भित किया जाता है)। इसलिए, कथन 1 सही है।
Incorrect
कथन 2 सही नहीं है। द फॉरेस्ट कॉर्बन पार्टनरशिप फैसिलिटी सरकारों, व्यवसायों, नागरिक समाज और मूल निवासियों (Indigenous Peoples) की वैश्विक साझेदारी है। यह वनों की कटाई और वनों के ह्रास के कारण बढ़ रहे कार्बन उत्सर्जन के न्यूनीकरण, वन कार्बन स्टॉक के सरंक्षण, वनों के संधारणीय प्रबंधन और विकासशील देशों के वन कार्बन स्टॉकों के संवर्द्धन के लिए समर्पित है (इन गतिविधियों को प्राय REDD+ के रूप में संदर्भित किया जाता है)। इसलिए, कथन 1 सही है।
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Question 50 of 50
50. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सी घटनाएँ ब्रिटिश भारत के वायसराय के रूप में लॉर्ड रिपन के कार्यकाल से संबंधित हैं?
- शिक्षा पर हंटर आयोग की नियुक्ति।
- प्रथम कारखाना अधिनियम का पारित होना।
- शहरी क्षेत्रों में नगरपालिकाओं की स्थापना।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए।
Correct
स्थानीय स्वशासन का विचार कोई नया विचार नहीं है। ब्रिटिश भारत में सबसे पहले नगरपालिका की स्थापना 1688 में मद्रास और तत्पश्चात 1762 में बॉम्बे और कलकत्ता में हुई थी।
1870 के लॉर्ड मेयो के प्रस्ताव ने नगर निकाय संस्थानों को सुदृधिकरण और इन निकायों में भारतीयों की भागीदारी को बढ़ाने की व्यवस्था की। तथापि यह लॉर्ड रिपन का 18 मई, 1882 का प्रस्ताव था जिसे ‘सरकार के मैग्नाकार्टा’ कहा गया और इसी कारण लॉर्ड रिपन को ‘भारत में स्थानीय स्वशासन के जनक’ के रूप में जाना जाता है। रिपन ने स्थानीय निकायों को जीवंत बनाने के लिए सुधारों का सुझाव दिया और स्थानीय शासकीय निकायों के एक नेटवर्क की स्थापना, वित्तीय विकेंद्रीकरण, स्थानीय निकायों के गठन के लिए चुनावों का आयोजन और कुल सदस्यों में सरकारी सदस्यों की संख्या को एक तिहाई से अधिक न रखने का समर्थन किया। इसलिए, कथन 3 सही नहीं है।
लॉर्ड रिपन ने 1854 के वूड्स डिस्पैच के पश्चात भारत में हुई शिक्षा की प्रगति की समीक्षा हेतु, 1882 में सर विलियम हंटर की अध्यक्षता में एक शिक्षा आयोग की स्थापना की। आयोग ने प्राथमिक शिक्षा में सुधार और विस्तार के लिए राज्य की विशेष जिम्मेदारी पर बल दिया। इसलिए, कथन 1 सही है।
नगरों में कारखानों के श्रमिकों की स्थिति में सुधार हेतु रिपन ने 1881 में प्रथम कारखाना अधिनियम पारित किया। इस अधिनियम में सात वर्ष से कम आयु के बच्चों के रोजगार को प्रतिबंधित किया गया, बारह वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए काम के घंटों को सीमित किया गया और खतरनाक मशीनरी के लिए उचित रूप से बाड़ लगाए जाने का प्रावधान किया गया। इसलिए, कथन 2 सही है।
Incorrect
स्थानीय स्वशासन का विचार कोई नया विचार नहीं है। ब्रिटिश भारत में सबसे पहले नगरपालिका की स्थापना 1688 में मद्रास और तत्पश्चात 1762 में बॉम्बे और कलकत्ता में हुई थी।
1870 के लॉर्ड मेयो के प्रस्ताव ने नगर निकाय संस्थानों को सुदृधिकरण और इन निकायों में भारतीयों की भागीदारी को बढ़ाने की व्यवस्था की। तथापि यह लॉर्ड रिपन का 18 मई, 1882 का प्रस्ताव था जिसे ‘सरकार के मैग्नाकार्टा’ कहा गया और इसी कारण लॉर्ड रिपन को ‘भारत में स्थानीय स्वशासन के जनक’ के रूप में जाना जाता है। रिपन ने स्थानीय निकायों को जीवंत बनाने के लिए सुधारों का सुझाव दिया और स्थानीय शासकीय निकायों के एक नेटवर्क की स्थापना, वित्तीय विकेंद्रीकरण, स्थानीय निकायों के गठन के लिए चुनावों का आयोजन और कुल सदस्यों में सरकारी सदस्यों की संख्या को एक तिहाई से अधिक न रखने का समर्थन किया। इसलिए, कथन 3 सही नहीं है।
लॉर्ड रिपन ने 1854 के वूड्स डिस्पैच के पश्चात भारत में हुई शिक्षा की प्रगति की समीक्षा हेतु, 1882 में सर विलियम हंटर की अध्यक्षता में एक शिक्षा आयोग की स्थापना की। आयोग ने प्राथमिक शिक्षा में सुधार और विस्तार के लिए राज्य की विशेष जिम्मेदारी पर बल दिया। इसलिए, कथन 1 सही है।
नगरों में कारखानों के श्रमिकों की स्थिति में सुधार हेतु रिपन ने 1881 में प्रथम कारखाना अधिनियम पारित किया। इस अधिनियम में सात वर्ष से कम आयु के बच्चों के रोजगार को प्रतिबंधित किया गया, बारह वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए काम के घंटों को सीमित किया गया और खतरनाक मशीनरी के लिए उचित रूप से बाड़ लगाए जाने का प्रावधान किया गया। इसलिए, कथन 2 सही है।
आपके लिए और भी बहुत-सारे सवाल हैं, जिन्हें आप खाली समय में सॉल्व कर सकते हो, यह रही लिंक > GK Quiz in Hindi
8 Comments on “50 सवाल – जनरल नॉलेज टेस्ट 2022 के PCS परीक्षाओं के लिए”
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Aapko god bahut lambi umra de sir
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