उदय योजना से सम्बंधित जानकारियाँ – UDAY Scheme in Hindi

RuchiraGovt. Schemes (Hindi)

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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में Ujwal DISCOM आश्वासन योजना (Ujwal DISCOM Assurance Yojana) या उदय  (UDAY) को  5 नवम्बर, 2015 को ऊर्जा मंत्रालय द्वारा मंजूरी दी गयी थी. उदय योजना के द्वारा बिजली वितरण के सन्दर्भ में वित्तीय बदलाव लाया जायेगा और बिजली वितरण कंपनियों का पुनरुद्धार  किया जायेगा.

DISCOM क्या है?

1. DISCOMs बिजली वितरण करने वाली कम्पनियाँ हैं.

2. इसका फुल फॉर्म हुआ— Distribution Companies

भारत के पूरे इलेक्ट्रिक सिस्टम को तीन श्रेणियों में बाँटा गया है-

a-बिजली उत्पादन- Power generation

b-बिजली संचरण- Power transmission

c-बिजली वितरण- Power distribution

कुछ निजी क्षेत्र (private sector) की DISCOM हैं->>>Tata power, BSES Yamuna, BSES Rajdhani, Reliance Infrastructure etc.

उज्ज्वल डिस्‍कॉम एश्‍योरेंस योजना के द्वारा राज्यों में सस्ती और सुलभ 24×7 बिजली उपलब्ध कराने में DISCOM कम्पनियों को वित्तीय सहायता करने का ध्येय है.

देश के DISCOMs  लगभग 3.8 लाख करोड़ के घाटे से गुजर रहे हैं और उनपर लगभग 4.3 लाख करोड़ का बकाया ऋण है. आर्थिक रूप से कमजोर DISCOMs सस्ती दरों पर पर्याप्त बिजली आपूर्ति करने में सक्षम नहीं हैं. पहले से चलीआ रही समस्याओं के कारण DISCOMs कर्जे के दुष्चक्र में फँसे हुए हैं.

  • UDAY scheme को कोई राज्य सरकार अपनाएगी या नहीं, यह उसके विवेक पर निर्भर करता है.
  • अभी तक 11 राज्य UDAY scheme से जुड़े हैं– Gujarat, Chhattisgarh, Andhra Pradesh, Rajasthan, Jharkhand, Punjab, Haryana, Jammu & Kashmir, Himachal Pradesh, Madhya Pradesh और Uttarakhand.
  • झारखण्ड पहला राज्य है जिसने UDAY scheme को join किया.

UDAY scheme के आ जाने से DISCOMs को इस दुष्चक्र से निकाला जा सकता है और 2-3 सालों में DISCOMs को घाटे से उबारने का लक्ष्य है. परन्तु UDAY scheme यह सब कैसे संभव बनाएगी, आइए जानते हैं:–

  1. DISCOMs की परिचालन कौशल (operational efficiency) में सुधार
  2. बिजली की लागत में कमी (reduction of cost of power)
  3. DISCOMs की ब्याज लागत में कमी (reduction in interest cost)
  4. राज्य के साथ तालमेल बैठा कर DISCOMs में वित्तीय अनुशासन लागू

Salient Features of UDAY Scheme/ उदय योजना के प्रमुख बिंदु

1. इस योजना के अनुसार राज्य सरकारों को DISCOMs के पुराने कर्जे को अपने ऊपर लेना है. इसका मतलब यह हुआ कि इस स्कीम के तहत DISCOMs के घाटे को राज्य सरकार ही वहन करेगी.

2. सम्बंधित राज्य के वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 के अंतर्गत होने वाले राजकोषीय घाटे (fiscal deficit) के आकलन में भारत सरकार DISCOMs के उस पुराने ऋण को शामिल नहीं करेगी जिसे राज्य सरकार द्वारा योजना अनुसार वहन किया जाना है.

3. इस कर्जे के निपटारे के लिए राज्य सरकार non-SLR और SDL बाजार में या कर्जदार बैंकों के लिए बांड निकालेगी. बैंकों के पास कर्ज का बकाया जमा हो गया क्योंकि DISCOMs ने उनसे लोन लिया था पर घाटे के कारण बैंक को पैसा वापस नहीं दे पाए. पर अब UDAY scheme के आ जाने से अब राज्य सरकार द्वारा ही DISCOMs के लोन का वहन करना है. पर कैश दे कर नहीं….बांड जारी कर के. यदि आपको बांड के बारे में confusion है…तो इस आर्टिकल को पढ़ें.

राज्यों को DISCOMs में भविष्य में होने वाले घाटे को निम्नलिखित रूप से वहन करना पड़ेगा:—>>

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