History of Constitution of India in Hindi- Bharatiya Samvidhan का इतिहास

Sansar LochanIndian Constitution, Polity Notes

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भारतीय संविधान का इतिहास (History of Constitution/Samvidhan of India) जानने से पहले मैं संविधान क्या है और आखिर इसकी उपयोगिता क्या है, इसका जिक्र करना चाहूँगा. Also read>> संविधान के मूल ढाँचे या आधारभूत सिद्धांतों की धारणा

भारतीय संविधान (samvidhan) प्रशासनिक प्रावधानों का एक दस्तावेज है (Constitution or samvidhan is a document of administrative provisions). इस दस्तावेज में लिखा हर एक शब्द हमारी सरकार की मूल सरंचना को निर्धारित करता है. प्रत्येक सरकार संविधान के अनुसार काम करती है…सरकार के अधिकार, गतिविधि, उसकी कार्यशैली, उसकी बनावट, सरकार को क्या करना है, क्या नहीं करना है….सब संविधान में परिभाषित है.

संक्षेप में भारतीय संविधान एक नियमों से भरी किताब है. ये नियम सरकार के मुख्य अंग- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की बनावट और कार्यप्रणाली को निर्धारित करते हैं.

इंटरव्यू (Interview) में यदि आपसे पूछा जाए कि भारतीय संविधान (bhartiya samvidhan) के बारे में आपका क्या विचार है तो बड़ी-बड़ी बातें (संविधान गीता है, संविधान बाइबिल है, धर्म ग्रन्थ है इत्यादि) करने से अच्छा है कि संक्षेप में बोर्ड मेम्बरों के सामने अपनी बात रखिये जैसे मैंने अभी-अभी रखा है.

भूमिका

भारत का सांवैधानिक विकास वास्तव में अंग्रेजी राज्य की स्थापना से प्रारंभ होता है. बंगाल में अंग्रेजी राज्य की स्थापना को ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्मचारियों ने किया था. ईस्ट इंडिया कंपनी का उद्देश्य भारत और अन्य पूर्वी देशों के व्यापार से लाभ उठाना था, पर भारत की राजनीतिक दुर्दशा का लाभ उठाकर कम्पनी के कर्मचारियों ने राजकीय मामलों में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया. 1707 ई. में औरंगजेब की मृत्यु के बाद भारत की एकता छिन्न-भिन्न हो गई और इसका लाभ कम्पनी ने पूर्ण रूप से उठाया. अंग्रेजों ने भारत में 1947 ई. तक राज किया और उनके शासन काल में समय-समय पर भारतीय शासन-व्यवस्था में अनेक परिवर्तन किये गए. 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ और उसके बाद भारतीय गणतंत्र के संविधान (samvidhan) का निर्माण हुआ जो 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ.

अध्ययन की सुविधा के लिए भारतीय संविधान के विकास को 6 चरणों में विभाजित किया जाता है: –

  1. प्रथम चरण (1773-1857 ई. तक)
  2. द्वितीय चरण (1858-1909 ई. तक)
  3. तृतीय चरण (1910-1939 ई. तक)
  4. चतुर्थ चरण (1940-1947 ई. तक)
  5. पंचम् चरण (1947-1950 ई. तक)
  6. षष्ठम् चरण (1950 ई. से आज तक)

Table of Contents

History of Constitution of India- Bhartiya Samvidhan (भारतीय संविधान) Ka Itihas

रेगुलेटिंग एक्ट (1773) Regulating Act

अंग्रेज रेगुलेटिंग एक्ट 1773 में लाए. भारत के संविधान (samvidhan) की नींव रेगुलेटिंग एक्ट के द्वारा ही रखी गयी. इसके अंतर्गत  बंगाल में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के शासन के लिए एक परिषद् की स्थापना की गयी. परिषद् में चार सदस्य और एक गवर्नर जनरल था.

सबसे पहला गवर्नर जनरल बना – –  वारेन हेस्टिंग्स. उसके पास अब बंगाल के फोर्ट विलियम के सैनिक और असैनिक प्रशासन के अधिकार थे.

इसी एक्ट के जरिये कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना 1774 में हुई. सर अजीला इम्पे प्रथम मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए.

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संशोधित अधिनियम (1781) Amended Act of 1781

कालान्तर में रेगुलेटिंग एक्ट में कुछ सुधार या संशोधन की आवश्यकता पड़ी. रेगुलेटिंग एक्ट के अनुसार यह निर्धारित किया गया था कि कम्पनी के अधिकारी के शासकीय कार्यों के मामले नए-नए बने सर्वोच्च न्यायालय में जाते थे. पर संशोधन अधिनियम 1781 के द्वारा अधिकारियों के शासकीय कार्यों के मामलों को सर्वोच्च न्यायालय के परिधि से बाहर कर दिया गया. सर्वोच्च न्यायालय के कार्यक्षेत्र को स्पष्ट किया गया.

पिट का इंडिया एक्ट (1784) Pitt’s India Act

पिट नामक इंसान 1784 में इंग्लैंड का नया प्रधानमंत्री बना. ब्रिटिश सरकार ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) को स्वतंत्र नहीं छोड़ना चाहती थी. उसकी पूरी कोशिश रहती थी की कम्पनी की हर गतिविधि का उन्हें पता रहे और उसकी लगाम सरकार के पास रहे. इसीलिए पिट के इस एक्ट के द्वारा कम्पनी के मामलों पर ब्रिटिश सरकार के नियंत्रण को बढ़ाया गया. एक चांसलर, राज्य सचिव, चार अन्य सदस्य प्रतिनिधि के रूप में ब्रिटिश सरकार के द्वारा जबरदस्ती ठूंसे गए. गुप्त समिति बनायी गयी और मद्रास तथा बम्बई प्रेसिडेन्सियों को भी गवर्नर जनरल तथा उसकी परिषद् के अधीन कर दिया गया.

1786 का अधिनियम Act of 1786

पिट ने लॉर्ड कार्नवालिस को गवर्नल जनरल के रूप में लांच किया. कार्नवालिस ने जिद की कि वह तभी ये पद संभालेगा जब उसे गवर्नल जनरल के साथ-साथ मुख्य सेनापति भी बनाया जाए और 1786 के अधिनियम के तहत यह भी प्रावधान जोड़ा जाए कि मैं (यानी कार्नवालिस Cornwallis) विशेष परिस्थितियों में अपनी कौंसिल को रद्द कर सकूं.

चार्टर एक्ट (1793) Charter Act of 1793

इस एक्ट के तहत उसके व्यापारिक अधिकार को भारत में २० वर्ष और बढ़ा दिया गया. अपने कौंसिलों के निर्णय को रद्द करने का अधिकार (जो 1786 के अधिनियम में सिर्फ गवर्नर जनरल कार्नवालिस के पास था) गवर्नल जनरल के साथ-साथ अन्य गवर्नरों को भी दिया गया.

चार्टर एक्ट (1813) Charter Act of 1813

1. इस एक्ट के द्वारा कम्पनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया.
2. चीन के साथ चाय के व्यापार का एकाधिकार अब भी कम्पनी के पास था
3. ईसाई धर्म प्रचारकों को भारतीय क्षेत्र में बसने की अनुमति दी गयी
4. कम्पनी का भारतीय प्रदेशों और राजस्व पर 20 वर्षों तक का नियन्त्रण स्वीकार किया गया

 

चार्टर एक्ट (1833) Charter Act of 1833

फिर से 20 वर्ष के लिए कम्पनी का भारतीय प्रदेशों और राजस्व पर नियंत्रण स्वीकार किया गया. कम्पनी के चीन के साथ चाय व्यापार के एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया. एक बड़ा परिवर्तन यह हुआ कि बंगाल के गवर्नर जनरल को पूरे भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया. अभी तक गवर्नल जनरल के कार्यकारिणी में तीन सदस्य होते थे. अब चौथा सदस्य भी आ टपका. वह था लॉर्ड मकौले. उसे विधि सदस्य बनाया गया. दास प्रथा को ख़त्म करने का प्रावधान इसी चार्टर एक्ट में किया गया.

चार्टर एक्ट (1853) Charter Act of 1853

फिर 20 साल बाद चार्टर एक्ट आया. इसी एक्ट के द्वारा शासकीय सेवा के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं का प्रावधान किया गया.

भारत सरकार अधिनियम (1858)  Government of India Act 1858

1857 के सैनिक विद्रोह के बाद महारानी जी ने कम्पनी के एकच्छत्र राज को ख़त्म कर दिया और भारत को सम्पूर्ण तौर पर ब्रिटिश सरकार के अधीन कर दिया. इस एक्ट का एक और नाम भी है –  एक्ट ऑफ़ बेटर गवर्नमेंट इन इंडिया Act of Better Government in India

1857 के जन-विद्रोह के कारण ब्रिटिश सरकार को लगने लगा कि भारत ऐसा भरा-पूरा देश कंपनी की लापरवाही से कहीं हाथ से निकल न जाए. इसीलिए उसने भारत की कमान पूरी तरह अपने हाथ में ले ली और इस एक्ट के जरिये कम्पनी के प्रशासन को ख़त्म कर दिया गया.

पहले संचालक मंडल और नियंत्रक मंडल होता था, अब उसके बदले भारत सचिव की नियुक्ति हुई. उसकी सहायता के लिए 15 सदस्यीय इंडिया काउंसिल (India Council) बनायी गयी.

अब गवर्नर जनरल (Governor General) को वायसराय (Viceroy) कहा जाने लगा.

भारत परिषद् अधिनियम (1861) India Council Act of 1861

इस अधिनयम के जरिये वायसराय को अध्यादेश जारी करने के विशेषाधिकार दिए गए. यह भी कहा गया कि ब्रिटिश सम्राट भारत सचिव का सहयोग या राय लेकर किसी भी एक्ट को रद्द कर सकता है.

भारत परिषद् अधिनियम (1892) India Council Act of 1892

इस अधिनियम के जरिये पहली बार निर्वाचन प्रणाली को लाया गया. अब राज्यों के विधान मंडल के सदस्य केन्द्रीय विधान मंडल के 5 सदस्यों का निर्वाचन कर सकते थे. राज्यों के विधान मंडल के सदस्य अब केन्द्रीय बजट पर बहस भी कर सकते थे. हांलाकि अब भी उनके पास बजट पर मत देने का अधिकार नहीं था.

भारत परिषद् अधिनियम (1909) India Council Act of 1909

इस अधिनियम को मार्ले-मिन्टो सुधार (Morley-Minto Reform 1909) भी कहते हैं. भारत सचिव मार्ले और वायसराय मिन्टो के के नाम से ही यह अधिनियम जाना गया. इस अधिनियम के माध्यम से केन्द्रीय विधान मंडल के सदस्यों की संख्या 16 से 60 तक बढ़ाई गयी. पहली बार केन्द्रीय विधान परिषद् में निर्वाचित सदस्यों के निर्वाचन के लिए साम्प्रदायिक निर्वाचन प्रणाली का concept आया. विधान परिषद् के सदस्यों को बहुत सारे हक मिले — अब वे बजट पर नया प्रस्ताव रख सकते थे, पूरक प्रश्न पूछ सकते थे. एस.पी. सिन्हा पहले भारतीय सदस्य थे जिनको कार्यकारिणी परिषद् में जगह मिली.

भारत सरकार अधिनियम (1919) Govt. of India Act 1919

इस अधिनियम को मौन्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार Montagu–Chelmsford Reforms के नाम से भी जाना जाता है.  इसी अधिनियम के माध्यम से केंद्र में द्विसदनात्मक व्यवस्था (bicameral system)  का निर्माण हुआ जो आज लोक सभा और राज्य सभा के रूप में है. उस समय लोक सभा को केन्द्रीय विधान सभा और राज्य सभा को राज्य परिषद् करके संबोधित किया जाता था. केन्द्रीय विधान सभा में 140 सदस्य (140 members) थे जिसमें 57 निर्वाचित सदस्य (57 elected members) थे. राज्य परिषद् में 60 सदस्य थे जिसमें 33 निर्वाचित थे. प्रांतीय बजट (provincial budget) को केन्द्रीय बजट (central budget) से अलग इसी अधिनियम के माध्यम से किया गया.

भारत सरकार अधिनियम (1935) Govt. of India Act 1935

तीन गोलमेज सम्मेलनों के बाद आए इस अधिनियम में 321 अनुच्छेद (321 articles) थे. यह अधिनियम सबसे अधिक विस्तृत था. इसके द्वारा भारत परिषद् India Council को समाप्त कर दिया गया. प्रांतीय विधानमंडलों की संख्या में वृद्धि की गयी. बर्मा के प्रशासन भारत के प्रशासन से अलग किया गया.

संविधान सभा (1946) Constitutional Assembly

संविधान (samvidhan) बनाने के लिए संविधान सभा का गठन किया गया. संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों के सदनों के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने जाने वाले थे और यह चुनाव 9 जुलाई, 1946 को हुआ। संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर, 1946 को हुई. जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। बाद में यही संविधान (samvidhan) सभा दो हिस्सों में बंट गयी जब पाकिस्तान अलग राष्ट्र बन गया…. भारतीय संविधान सभा और पाकिस्तान की संविधान सभा.

भारत में संविधान सभा के गठन और दिशानिर्देश के लिए ब्रिटेन ने 3 मंत्रियों को भारत भेजा…स्टैफोर्ड क्रिप्स, पैथिक लौरेंस और ए.वी. एलेग्जेंडर. इन्हीं मंत्रियों के दल को कैबिनेट मिशन Cabinet Mission के नाम से जाना जाता है.

संविधान सभा से सम्बंधित कुछ महत्त्वपूर्ण कालक्रम (Datelines of Constitutional Assembly)

माउंटबेटन योजना nehru_mount_wifeवेवेल के स्थान पर माउन्टबेटन भारत के नए वायसराय के रूप में नियुक्त किये गए. मुस्लिम लीग अलग देश चाहता था. माउन्टबेटन, गाँधी जी और अन्य लोग की मीटिंग हुई. भारतीय समस्या को देखते हुए माउन्टबेटन ने 3 जून की योजना June 3 Plan घोषित की . इस योजना में प्रावधान था कि भारत को दो टुकड़े होंगे. दूसरा टुकड़ा पाकिस्तान होगा. पंजाब और बंगाल के विभाजन के लिए जनमत संग्रह कराया जायेगा. और जो रियासत हैं…वे अपने इच्छानुसार भारत या पाकिस्तान में शामिल हो जाएँ. भारत और पाकिस्तान को राष्ट्रमंडल की सदस्यता के त्याग का अधिकार होगा.यह योजना कांग्रेस और मुस्लिम लीग ने स्वीकार कर ली. फिर भारतीय स्वंत्रता अधिनियम पारित हुआ.

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 (Indian Independence Act 1947)

ब्रिटिश संसद में 4 जुलाई 1947 को एक विधेयक पेश किया गया. यह विधेयक भारतीय स्वतंत्रता अधिनयम के रूप में 18 जुलाई, 1947 को पारित हुआ.   इसमें प्रमुख बातें शामिल थीं…1.15 अगस्त 1947  को भारत तथा पाकिस्तान की स्थापना की जायेगी
2. नया संविधान (samvidhan) जब तक बन न जाए, तब तक 1935 अधिनियम Government of India Act 1935 के माध्यम से ही सरकार अपना कार्य करेगी.
3. ब्रिटिश क्राउन British Crown का भारतीय रियासितों पर प्रभुत्व खत्म हो जाएगा
4. भारत सचिव का पद ख़त्म कर दिया जायेगा.
15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्रता अधिनियम लागू होते ही भारत आजाद मुल्क हो गया. वर्षों से गुलाम रहा भारत अब संप्रभुता सम्पन्न हो गया. उधर, मुस्लिम लीग ने लियाकत अली को प्रधानमंत्री और जिन्ना को गवर्नर जनरल बनाया. इधर, भारत में कांग्रेस ने नेहरु को प्रधानमन्त्री और माउंटबेटन को गवर्नर जनरल बनाया.nehru_edwinaअब आप ही सोचिये….पाकिस्तान में तो लियाक़त अली और जिन्ना ने अपना सिक्का जमा लिया मगर हम हिन्दुस्तानी अब भी माउंटबेटन को ढो रहे थे. उसकी जगह हम किसी भी भारतीय नेता को गवर्नर जनरल बना सकते थे, मगर ऐसा कहा जाता है कि नेहरु के कुछ निजी स्वार्थ थे जिसके कारण पूरा भारत स्वतंत्रता के बाद भी एक अँगरेज़ के निगरानी में रहने को मजबूर था.

भारतीय सविंधान में कहाँ से क्या लिया गया? Parts of Indian Constitution taken from other countries

भारत संविधान (Samvidhan) की उद्देशिका

हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य  बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को:
सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता, प्राप्त कराने के लिए,
तथा उन सबमें,
व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित कराने वाली, बंधुता बढ़ाने के लिए,
दृढ़ संकल्प होकर अपनी संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर 1949 ईस्वी (मिति माघशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत दो हजार छह विक्रमी) को एतद् द्वारा इस संविधान (samvidhan) को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।

Bharat Samvidhan (भारतीय संविधान) PDF link of NCERT Book in HINDI:–Bharat ka Samvidhan Sidhant aur Vyavhar (भारत का संविधान सिद्धांत और व्‍यवहार) (Direct Download)

Quiz on Constitution

1. Bhartiya Samvidhan Ki Atmaa kahan nivaas karti hai?

a) Bharat ki Janta men

b) Anuchhed 20 men

c) Prastavana men

d) Sarvochch Nyayalay men

Sanvidhan Nirmaatri Sabha ke asthaayi adhyaksh kaun the?

a) Jawahar

b) Gandhi

c) Sachchidanand Sinha

d) Rajendra Prasad

Jis tithi ko bharat ka samvidhan lagoo hua, us samay bharat ke raashtrpati kaun banaye gaye?

a) Jawahar

b) Rajendra Prasad

c) B.N. Rao

d) Bheemrao Ambedkar

Samvidhan Nirmatri Sabha men uddeshy prastaav kisne aur kab prastut kiya?

a) Nehru, 13 December, 1946

b) Rajendra, 12 November, 1946

c) Ambedkar, 26 January, 1946

d) SN Sinha, 12 January, 1946

Summary of the article in English

Our whole article is related to the constitutional history of India in Hindi language. We started from the Regulating Act of 1773 and then we explained some of important features of various Charter Acts and Government of India Acts. After the Sepoy Mutiny of 1857, the British Raj or the rule of Great Britain came in existence in Indian subcontinent in 1858 and continued till 1947. The system of governance was instituted on June 28, 1858, when the rule of the British East India Company was transferred to the Crown in the person of Queen Victoria. We have discussed how the Britishers introduced the constitutional reforms in India and on the basis of those reforms, we made finally our own constitution with the help of Indian intelligentsia . Constitution of India is based on the Government of India Act 1935. The Constitution, in its current form (September 2012), consists of a preamble, 25 parts containing 448 articles, 12 schedules, 5 appendices and 99 amendments, the latest of which came into force on 13 April 2015. We also quoted the preamble of Indian Constitution in Hindi.Preamble of Indian Constitution (भारतीय संविधान)

WE, THE PEOPLE OF INDIA, having solemnly resolved to constitute India into a SOVEREIGN SOCIALIST SECULAR DEMOCRATIC REPUBLIC and to secure to all its citizens:

JUSTICE, social, economic and political;

LIBERTY of thought, expression, belief, faith and worship;

EQUALITY of status and of opportunity;

and to promote among them all

FRATERNITY assuring the dignity of the individual and the unity and integrity of the Nation;

IN OUR CONSTITUENT ASSEMBLY this twenty-sixth day of November, 1949, do HEREBY ADOPT, ENACT AND GIVE TO OURSELVES THIS CONSTITUTION.

Then, we discussed about Prominent committees of Constitutional Assembly. Later, we listed Datelines or timelines of the Constitutional Assembly. We also discussed Parts of Indian constitution taken from other countries that means the Indian constitution is the mixture of the constitutions of other countries. Our country has adopted many things from other countries’ constitutions. Then we tried to solve some previously asked questions on constitutions asked in various UPSC or Civil Services exams. Questions were in quiz format.You can download NIOS notes of Indian Constitution in PDF format from the links below:-Aspects of the Constitution of India

  • Lesson 5 – Preamble and the Salient Features of the Constitution of India (147 KB)
  • Lesson 6 – Fundamental Rights (93 KB)
  • Lesson 7 – Directive Principles of State Policy and Fundamental Duties (97 KB)
  • Lesson 8 – Indian Federal System (78 KB)
  • Lesson 9 – Emergency Provisions (76 KB)

संविधान सभा के प्रमुख सदस्य (Prominent members of Constitutional Assembly)

कांग्रेसी सदस्यग़ैर कांग्रेसी सदस्यमहिला सदस्यसदस्यता अस्वीकार करने वाले व्यक्ति
पं जवाहर लाल नेहरूडॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णनसरोजिनी नायडूजयप्रकाश नारायण
सरदार वल्लभ भाई पटेलडॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जीश्रीमती हंसा मेहतातेजबहादुर सप्रू
डॉ. राजेंद्र प्रसादएन. गोपालास्वामी आयंगर
मौलाना अबुल कलाम आज़ादपं. हृदयनाथ कुंजरू
चक्रवर्ती राजगोपालाचारीसर अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर
आचार्य जे.बी. कृपलानीटेकचंद बख्शी
पं. गोविंद बल्लभ पंतप्रो. के. टी. शाह
राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डनडॉ. भीमराव अम्बेडकर
बालगोविंद खेरडॉ. जयकर
के. एम. मुंशी
टी. टी. कृष्णामाचारी

Table source: Bharat Discovery and wiki (Wikipedia)

संविधान सभा की प्रमुख समितियाँ (PROMINENT COMMITTEES OF CONSTITUTIONAL ASSEMBLY)

समितिअध्यक्ष
सर्वोच्च न्यायालय समिति  Committee on Supreme Courtएस. वारदाचारियार
सदन समिति  House Committeeपट्टाभि सीतारमैया
संचालन समिति  Steering Committeeडॉ. राजेंद्र प्रसाद
संघ संविधान समितिपं जवाहर लाल नेहरू
संघ शक्ति समितिपं जवाहर लाल नेहरू
राज्य समिति  States Committeeपं जवाहर लाल नेहरू
मूल अधिकार उपसमिति  Fundamental Rights Sub-Committeeजे. बी. कृपलानी
प्रारूप समिति  Drafting Committeeडॉ. भीमराव अम्बेडकर
प्रांतीय संविधान समितिसरदार वल्लभ भाई पटेल
परामर्श समिति  Advisory Committee on Fundamental Rights, Minorities and Tribal and Excluded Areasसरदार वल्लभ भाई पटेल
नियम समिति  Committee on Rules of Procedureडॉ. राजेंद्र प्रसाद
अल्पसंख्यक उपसमिति  Minorities Sub-Committeeएच. सी. मुखर्जी

कालक्रम

11 दिसम्बर, 1946डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्थायी अध्यक्ष निर्वाचित
13 दिसम्बर, 1946जवाहर लाल नेहरु द्वारा उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत
22 जनवरी, 1947संविधान सभा द्वारा उद्देश्य प्रस्ताब स्वीकृत
22 जुलाई, 1947राष्ट्रीय ध्वज अपनाया गया
24 जनवरी, 1950राष्ट्रगान को अपनाया गया
26 नवम्बर, 1947संविधान सभा द्वारा संविधान को अंगीकृत किया गया
29 अगस्त, 1947प्रारूप समिति का गठन, डॉ.बी.आर.अम्बेडकर प्रारूप समिति के अध्यक्ष निर्वाचित
9 दिसम्बर, 1946संविधान सभा की पहली बैठक, सच्चिदानंद सिन्हा को इस सभा का अस्थायी सदस्य बनाया गया

किस देश से क्या लिया गया?

अमेरिका का संविधानसंघात्मक शासन प्रणाली, मौलिक अधिकारों की सूची, न्यायिक पुनरवलोकन की शक्ति, न्यायपालिका की स्वतंत्रता और उपराष्ट्रपति का पद
आयरलैंड का संविधानराज्य के नीति निर्देशक तत्व, राष्ट्रपति निर्वाचन की पद्धति और राज्य सभा में कुछ सदस्यों का मनोनयन
ऑस्ट्रेलिया का संविधानसमवर्ती सूची तथा व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता
कनाडा का संविधानएक अर्ध-संघात्मक सरकार का स्वरूप, अवशिष्ट शक्तियों का सिद्धांत
जर्मनी का संविधानआपात-उपबन्ध और आपात काल में मूल अधिकारों का निलम्बन
जापान का संविधानक़ानून द्वारा स्थापित शब्दावली
दक्षिण अफ्रीका का संविधानसंविधान संशोधन की प्रक्रिया
फ्रांस का संविधानस्वतंत्रता, समानता तथा बंधुत्व का सिद्धांत और गणतंत्रात्मक शासन व्यवस्था
ब्रिटिश संविधानसर्वाधिक मत के आधार पर चुनाव में जीत का फैसला, सरकार का संसदीय स्वरूप, क़ानून निर्माण की विधि, संसद की प्रक्रिया, विधायिका में अध्यक्ष का पद और उसकी भूमिका.
सोवियत संघ का संविधानमूल कर्तव्य
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